दोस्त की बहन को प्यार करने वाले एक लड़के की कहानी

मेरा आप सभी चूतधारियों और लंडधारियों को सादर नमस्कार। आशा है कि आप अपने लंड और चूत की मुठ मारने पर मजबूर हो जाएंगे।

इस कहानी का नायक मैं और नायिका मेरे दोस्त की बहन काजल है, जो 23 साल की एक जवान लड़की है। जिसे देख कर अच्छे-अच्छे अपना लंड हिला दे कुछ ऐसी बला है वो। कमसिन कली कच्ची और कुंवारी, वो भी इस उम्र में शायद ही कोई बच पाता है। पर शायद उनकी चुदाई मेरे संग लिखी थी, तो उन्हें कोई लड़का पसन्द भी नहीं आया।

मैं ज्यादा देर ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूं। आपको बता दूं कि मेरा नाम सूरज है, और मेरी उम्र 21 वर्ष है। मेरी हाईट 6 फिट 2 इंच है, शरीर बलिष्ठ है। चूंकि मैं और शिवम 3rd ईयर में ही जिम ज्वाइन कर लिए थे, तो बाडी सालिड बन गई थी, और सिक्स पैक भी आ गए थे। कुल मिला कर मैं गबरू जवान हैंडसम दिखता हूं, और अगर कोई लड़की मेरी बाडी देख ले, तो मुझ पर फिदा हो जाए। पर अभी तक मैंने कोई भी लड़की नहीं पटाई थी। मेरा मानना था कि कोई लड़की मुझे पटाए।

शिवम भी शरीर बना लिया था। वो मुझसे थोड़ा ज्यादा हैंडसम था, तो लड़कियां उस पर ज्यादा मरती थी। पर इसमें मुझे किसी भी बात का बुरा नहीं लगता था। शिवम की एक गर्लफ्रेन्ड थी, जिसका नाम माया था। और शिवम अपनी माया के माया जाल में ही फंसा रहता था। पर अभी तक वो शिवम से चुदी नहीं थी, क्योंकि लड़की चालाक थी।

मैं और मेरा बेस्ट फ्रेन्ड शिवम दोनों अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई का लुत्फ उठा रहे थे। उस वक्त हम दोनों फाईनल ईयर में थे, तो हम दोनों ने घूमने का प्लान बनाया कि चलो आगरा का ताजमहल घूम कर आते हैं। तो शिवम बोला कि माया को भी लेकर चलते हैं। हम दोनों को घर से कुछ पैसे चाहिए थे, तो घर वालों को हमने बताया तो मुझे तो परमिशन मिल गया, पर मेरे दोस्त के घर वाले सख्त थे।

वो कानपुर का रहने वाला है, तो थोड़ा घर वाले घबराते हैं कि बच्चा इतनी दूर है वगैरह-वगैरह। उसके पापा ने बोला तू अकेले कहीं नहीं जाएगा। तो उसका मूड आफ हो गया। फिर कुछ देर बाद उसके घर से फोन आया कि ठीक है चला जा और तेरी काजल दीदी भी आ रही तेरे पास तो उसे भी घुमा देना। तो वो मान गया।

दूसरे दिन शिवम की दीदी को हम दोनों रिसीव करने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन गए। मैंने तो शिवम की दीदी काजल को कभी देखा नहीं था, तो पता नहीं था कि कैसी दिखती थी। मैं तो इधर-उधर लड़कियां देख रहा था कि कौन थी, और तभी गाड़ी का एनाउंसमेंट हुआ और फिर काजल दीदी 3rd AC के डिब्बे में से बाहर निकली।

वो ब्लैक कुर्ती और ब्लू जींस पहनी थी। आंखो पर काला चश्मा था,‌ और एक-दम कहर ढा रही थी। उनकी हाईट 5 फिट 9 इंच थी, और अगर साईज की बात करूं तो 32-28-34 रहा होगा। पहली बार इतनी खूबसूरत बला का मैंने दर्शन किया था।

शिवम उनके पास गया और फिर उसने मुझसे अपनी दीदी का परिचय कराया, और मैं तो बस उन्हें ही ऊपर से नीचे देख रहा था। क्या कयामत लग रही थी। मैंने इतने ही देर में उनके फिगर का साईज अपने मन में सोच लिया। मैं तो तारीफ के पुल बांधना चाहता था, पर शिवम सामने था, तो मैं कुछ बोल नहीं पाया।

तभी उसकी दीदी बोली, “शिवम एक बैग छूट गया गाड़ी में। मां ने तुम्हारे लिए अचार और मिठाई बना कर भेजी है”। उधर शिवम गाड़ी की तरफ जाने लगा। मैंने सोचा तारीफ कर देनी चाहिए।

मैंने बोला, “और दीदी कैसी हो आप?”

दीदी बोली, “मैं ठीक हूं, आप कैसे हो?”

मैंने बोला, “आपके सामने ही हूं, देख लीजिए, जैसा भी हूं।”

तो दीदी बोली, “ओहो, क्या बात है! घुमा कर बातें करते हो। तभी मैं सोचूं कि कौन है सूरज, जिसकी तारीफ करते हुए शिवम नहीं थकता।”

तो मैंने बोला, “क्या दीदी आप भी मजे लेने लगी। कहां तारीफ करने लायक हूं। तारीफ तो आप करने लायक हैं।”

तो दीदी बोली, “अच्छा जी, कैसी तारीफ? और वो भी मेरी? जरा हमें भी तो बताओ।”

तो मैंने बढ़ा-चढ़ा कर बोला कि, “दीदी आपके जितनी सुन्दर लड़की मैंने कभी नहीं देखी।”

तो दीदी भी बोली, “तो तुम भी तो हाॅट दिख रहे हो।”

फिर मैंने बोला, “दीदी एक बात बोलूं, बुरा तो नहीं मानोगी?

दीदी बोली, “बोलो।”

तो मैंने बोला, “दीदी आप इस ड्रेस में कयामत लग रही हो। एक-दम से रापचिक कुड़ी लग रही हो।”

तो दीदी बोली, “अच्छा-अच्छा, चलो अब ज्यादा मत तारीफ करो। नहीं तो मेरा भाव ही नहीं मिलेगा।”

मैंने डबल मीनिंग बोला, “दीदी आपका हाव-भाव सब मिलेगा, बस इन्तजार करिए।”

तो दीदी बोली, “क्या मतलब?”

मैंने हंसते हुए बात टाल दी कि, “अरे दीदी, हाव-भाव मतलब आपको हमारी जरूरत पड़ेगी। क्योंकि आप शहर में नई हो।” तो दीदी बोली, “हां बात तो सही है।” फिर शिवम सामान लेकर आ गया, तो हम तीनों टैक्सी करके फ्लैट पर आ गए, जो कि 2BHK फ्लैट था। जहां पर मैं और शिवम दोनों रहते थे, और कभी-कभी शिवम माया को लेकर आता था। पर वो दोनों चुदाई नहीं किए अभी तक।

मैंने काजल दीदी को बोला, “दीदी फ्रेश हो लीजिए, फिर खाना खाते हैं।” तो दीदी फ्रेश होने चली गयी। फिर फ्रेश होने के बाद वो नहाने के लिए शिवम के बाथरूम में गयी, तो उसका बाथरूम गंदा था। फिर वो मेरा बाथरूम यूज की, और जब नहा कर वो बाहर आई, तो व्हाइट कलर का टाप और नीचे ब्लैक कलर की कैप्री पहन कर निकली।

मैं उन्हें टाप और कैप्री में देख कर अचंभित हो गया, क्योंकि वो बहुत ज्यादा गोरी थी। मैं उनके हाथ और पैरों को देख कर ये अंदाजा लगाना शुरू किया, कि जब हाथ पैर इतने गोरे थे, तो अन्दर का नज़ारा कैसा होगा। ये सोच कर मैं बहुत खुश हुआ, और उनके निकलते ही मैं बाथरूम में जाकर उनके नाम की मुठ मारने लगा।

करीब 5 मिनट तक मेरा स्पर्म नहीं निकला, और मैं उनकी चूचियों और चूत को सोच कर कि चूत गुलाबी होगी और चूचियां भी गोरी-गोरी होंगी, और मैं कल्पनाओं में ही उन्हें चोदने लगा। मेरा स्पर्म निकलने ही वाला था कि काजल दीदी मुझे बुलाई कि, “आओ खाना खा लेते हैं, क्या करने लग गए तुम?” तो मैंने बोला, “बस दीदी आ गया, हो गया है, बस आ गया।” और फिर मुठ मार कर बाहर आ गया।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी का मज़ा आया हो तो फीडबैक जरूर दे।

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