दोस्त के साथ मिल कर उसकी मा चोदी

तो अब तक आपने पढ़ा की निखिल के मा पापा के बीच किसी बात को ले कर झगड़ा होता है और फिर मई नीलम को ले कर रूम में आता हू. जहा मैने उनको किस करना स्टार्ट किया और उनके बूब्स को सहला रहा था.

अब आयेज…

मैने एक बूब्स को पकड़ा और उसे निघट्य के उपर से दबाने लगा. ये देख कर निखिल से नही रहा गया और उसने अपना हाथ नीलम के दूसरे बूब्स पर रख दिया और उसे दबाने लगा. उसी बीच मैने अपने दूसरे हाथ से उनकी निघट्य को कंधे से नीचे करने लगा.

तब उन्होने मेरा हाथ टच किया और फिर अपना हाथ उस बूब्स पर ले गयी और फिर वाहा से निखिल तक पहुच गयी. वो इससे बेख़बर अपनी आँखे बंद कर के अपनी मा के बूब्स दबाने में लगा था. नीलम ने मेरी तरफ देखा. मैने उसे हन के लिए इशारा किया और फिर उन्होने तुरंत निखिल के होंठो को चूस लिया.

अब निखिल ने भी अपनी आँखे खोल ली और इस बार उसने अपनी मा के होंठो को चूसा. मैने तब तक नीलम की निघट्य को उसके कंधे से नीचे कर के उसके बूब्स तक कर दिया था. नीलम लेते हुए ही अपने हांतो से हम दोनो के लंड को सहला रही थी और मई उसके बूब्स को दबा रहा था.

नीलम ने ब्रा नही पहना था और फिर मई अपना हाथ उसके झांग पर ले गया. और फिर उसके पैरों के अंदर डाल दिया. जैसा की मैने सोचा था आज उसने पनटी भी नही पहनी हुई थी.

मैने नीलम को छोरा और तुरंत लाइट ओं कर दिया. अब वो तोड़ा शर्मा रही थी और उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी. पर निखिल अब भी उसके होंठो को चूस रहा था, मैने उसे भी हटा दिया.

नीलम किसी बिना पानी के मछली की तरह तड़पने लगी और फिर हुँने अपने कपड़े निकल दिए. वो अभी भी निघट्य में थी और हुँने उसका शर्म निकलना था.

नीलम – कहा गये दोनो?

मे – पहले आँखे खोलो अपनी तब.

नीलम – नही पहले लाइट ऑफ करो.

मे – तब हम दोनो में से कोई नही आ रहा तुम्हारे पास.

नीलम – ठीक है मत आओ.

इतना बोल कर वो अपना हाथ अपने छूट की तरफ ले जाने लगी. तो हुँने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और उससे थोड़ी दूर पर हो गये की वो ह्यूम टच ना कर सके. आख़िरकार नीलम ने अपनी आँखे खोली और तब हम दोनो उसके सामने अपना लंड पकड़े खड़े थे.

मे – कोई एक के लिए तरसता है और तुम्हे 2 मिल रहे तो नखरे कर रही.

मैने नीलम को खड़ा किया और फिर उसकी निघट्य निकल दिया. वो वापस से बेड पर बैठ गयी और हम उसके गोद में अपने लेग रहे कर लेट गये. वो अब हुमारे खड़े लंड पर अपना हाथ घुमा रही थी और हम उसके गांद और पीठ को मसल रहे थे.

कुछ देर जब नीलम ने लंड पर हाथ फेर लिया तो मैने उसको लिटा दिया और फिर निखिल उनके बूब्स चूसने लगा. मई उनकी छूट की तरफ गया और वो अपने बेटे का लंड मसल रही थी.

मैने नीलम के पैरों को फैलाया तो उनकी ब्राउन छूट मेरे सामने आ गयी. नीलम की छूट मेरी मा से थोड़ी ज़्यादा ओपन थी थोड़ी फूली हुई थी. मैने उनके छूट के जस्ट उपर एक किस किया तो उनकी नज़र मेरी तरफ गयी. इस बार मैने उनकी छूट के बाहरी लेयर को अपने जीभ से चटा तो उन्होने अपने बेटे का लंड चोर कर मेरा सिर पकड़ लिया.

निखिल ने अपनी मा यानी नीलम का दूसरा हाथ अपने लंड पर रखा और खुद उनके दूसरे निपल को काटने लगा और एक को मसलने लगा.

इसी बीच नीलम ने पहली आआहह भारी पर वो कोई तेज आवाज़ नही निकल रही थी. उसे एक्सपीरियेन्स था ऐसी कम आवाज़ें निकलना. वही मेरी मा के थोड़े भी बूब्स दबाने पर ऐसे मोन करती है की दूसरे रूम में सोया बंदा भी जाग जाए.

मैने उसकी छूट में अपनी जीभ घुशायी और उसे चाटने लगा. कुछ देर तो उन्होने किसी तरह से अपने जीभ को दबा कर अपनी आवाज़ दबाई रखी. पर जब मुझे 5 मिनिट्स से ज़्यादा हुए तो वो बोली आआआआअहह ओउुुुउउर्र्र्र्ररर चहााआटततटटटटटटतत्त आअक्ककककचीईई सस्स्स्स्स्सीईईई…

मई लगा रहा और अब निखिल ने बूब्स छोरा और उनके होंठो को चूसने लगा और उनके बूब्स को दबाने लगा. मैने करीब 20 मिनिट्स तक उनकी छूट छाती और आख़िरकार उनकी छूट ने पानी चोर दिया. और उन्होने अपने पैरों से मुझे झाकड़ लिया की मई उन्हे चोर ना साकु. अब मई हट गया.

नीलम – ये आज कल के लोग कहा से इतनी नयी नयी आदतें सीख रहे है.

मे – आज कल के लोग से मतलब?

नीलम(तोड़ा संभालते हुए) – मतलब तुम ज़्ब कहा से सीख रहे हो ये ज़्ब छूट चाटना और ज़्ब कुछ?

निखिल – तुम ज़्ब से क्या मतलब है कुटिया और कितनो से छुड़वा चुकी है?

नीलम – यही बात मुझे आक्ची नही लगती तुम मर्दो की. खुद तो अपनी मा छोड़ रहे पर मा और किसी का रेफरेन्स भी न्ही दे सकती. और मैने तो ये ज़्ब पॉर्न में देखा है. जब तेरे पापा मुझे सॅटिस्फाइ नही कर पाते थे तो उसी से काम चलना पड़ता था.

मे – कोई बात नही नीलम अब हम है ना सॅटिस्फाइ करने के लिए और निखिल तो रोज ही रहेगा, क्यू निखिल?

निखिल – हन बिल्कुल.

मा – चलो तब बढ़िया है वरना मुझे तो लगा की बाहर ही कही से काम चलना पड़ेगा.

निखिल – नही नीलम अब तू कही और नही जाएगी.

नीलम – वो तो बाद में देखेंगे पहले ये नीलम नीलम बोलना बंद करो, ऐसा लग रा जैसे अपनी बीवी को बुला रहे दोनो.

निखिल – तो बना लेंगे उसमें क्या है.

नीलम अब कुछ नही बोली.

मे – निखिल यहा नही कही खुले में चलते है.

निखिल अब भी अपनी मा को चूसने में लगा था तो मैने उसको अलग किया.

मे – मैने अभी कुछ बोला है और कितना चुसेगा अपनी मा को.

निखिल – क्या बोला तुमने?

मे – बाहर चलते है.

नीलम- क्यू यहा मज़ा नही आ रहा क्या?

वो अब बैठ गयी थी.

मे – मेरा मतलब कही ओपन स्पेस में चलते है.

निखिल – कहा चले?

मे – जो इसके उपर वाला तीन शेड है वाहा.

निखिल – नही वाहा पापा है.

नीलम – छत पर चलते है.

मे – हन ये ठीक रहेगा.

हुँने गद्दा लिया और उपर आ कर वही ज़मीन पर बिछा दिया. आते वक्त निखिल ने मुझसे बोला की रूल याद है ना तो मैने हन में सिर हिला दिया अब नीलम लेती हुई थी और मई उसके सिर के साइड होकर उसके गाल, होंठ को चूस रहा था. और निखिल अब अपनी मा की छूट चाटने में लगा हुआ था.

छूट चाटने के बाद उसने नीलम के पैरों को फैलाया और फिर एक ही झटके में अपना लंड अंदर कर दिया.

नीलम ने बस एक हल्की सी आ करी और ऐसा लगा जैसे उसने पूरा लंड एक ही झटके में अंदर ले लिया. मई अब उसके बूब्स को दबाने लगा और उसके होंठो को अपने मूह में ले कर उसके जीभ के साथ चूसने लगा. बीच – बीच में मई उसके बूब्स को भी चुसता रहता.

20 मिनिट्स बाद निखिल ने भी अब अपनी स्पीड बढ़ा थी. तो मैने अपने घुटने गद्दे पर रख कर अपना लंड नीलम के मूह में दे दिया. जिसे वो ऊऊओह उूुुुुुुुुउउ कर के चूसने लगी और थोड़ी ही देर में हम तीनो साथ ही झाड़ गये.

निखिल साइड हो कर हट गया और फ्र अब मई नीलम को छोड़ने के लिए तैयार था. 5 मिनिट्स बाद वो जब दुबारा रेडी हुई तब-

मे – आंटी कोई छेड़ ऐसा है जिसमे लंड नही गया है अब तक?

नीलम – नही.

मे – ज़्ब कुछ मरवा चुकी हो क्या?

नीलम – हन.

मैने अब कुछ अलग करने का सोचा और नीलम की छूट चोर कर उसके नाभि को चाटने लगा. अभी तक वो नही समझ पाई थी की उसके साथ क्या होना है. इसीलिए वो मुझे अपनी छूट की तरफ धकेल रही थी. कुछ देर नीलम का नेवेल चाटने के बाद मैने उनको उसे टाइट पकड़ने को बोला.

नीलम – पागल है क्या जहा डालना चाहिए वाहा डाल ना.

मे – डालूँगा तो यही अब चाहे तुम पाकड़ो या तुम्हारा बेटा.

निखिल ये देख कर मेरे पास आ गया तब-

नीलम – ठीक है पकड़ती हू पर ज़्यादा देर नही.

मे – ओक

अब नीलम ने अपनी नाभि को दोनो साइड से पकड़ कर गोला बना दिया. नीलम की नाभि मेरी मा से तोड़ा ज़्यादा गहरी थी. फिर मैने उसमे अपने लंड का सूपड़ा रखा और हल्का सा प्रेस किया. तो दर्द के वजह से नीलम का हाथ ढीला पद गया. और मेरा लंड डाइरेक्ट जा कर उनकी नाभि के एंड से टकरा गया जिससे उन्हे काफ़ी दर्द हुआ.

मैने निखिल को ईशर किया तो इस बार निखिल ने फिर से नाभि का गोला बनाया और मैने फिर अपना सूपड़ा रखा और प्रेस किया.

इसबार निखिल की पकड़ टाइट थी इसलिए मज़ा भी आ रहा था. पर नीलम का दर्द के वजह से बुरा हाल हो रहा था. मुझे तो ऐसा लग रहा था की मई किसी वर्जिन लड़की की चूत को चोद रहा हू.

मे – आंटी ज़्यादा दर्द हो रहा था तो मई हट जौ?

नीलम कुछ नही बोली पर ना का इशारा किया और फिर मैने हल्का सा और प्रेशर दिया. तो इस बार मेरा लंड उनके नाभि के एंड से टकराया. अब मई अकचे से उनकी नाभि को छोड़ रहा था.

नीलम ने अब निखिल को हटा दिया और खुद अपनी नाभि को पकड़ लिया जिससे मई उसकी नाभि छोड़ साकु. अब निखिल ने अपना लंड नीलम के मूह में डाल दिया और फिर हम दोनो उसके 2 छेड़ को छोड़ने लगे.

फिर कुछ देर बाद हम दोनो साथ ही झाड़ गये. नीलम ने निखिल का रस तो पी लिया पर मेरा रस उसकी नाभि में भर गया था. तो मैने अपने हाथ में लगाया और नीलम को चटा दिया और कुछ वही जाम गया.

कुछ देर हुँने रेस्ट किया और अब मुझे उनकी छूट छोड़नी थी. तो मई उनके आयेज लेट गया और निखिल उनकी गांद मारने के लिए पीछे लेट गया.

हुँने उनका एक लेग उपर किया जिससे उनकी छूट और गांद की छेड़ दोनो खुल जाए. फिर एक साथ अंदर डाल दिया और उन्हे छोड़ने लगे. वो कभी मुझे किस करती तो कभी निखिल को और फिर हम उस रात इसी तरह उन्हे छोड़ा.

सुबा जब हुमारी नींद खुली तो नीलम वाहा नही थी. मैने निखिल को जगाया और हम नीचे गये जहा निखिल के पापा पेपर पढ़ रहे थे. नीलम किचन में थी, हम डाइरेक्ट वही गये.

नीलम – जो कल हुआ वो वापस नही होना चाहिए सुन लो दोनो.

मई जानता था ये होगा और फिर मुझे वापस आना था तब-

मे – निखिल मई जेया रहा हू, तू अपना संज़हाना.

निखिल – समझना क्या है एक बार किया है फिर करेंगे, बस तुम अपनी मा को ये मत बताना और ना मई बतौँगा.

मे – ओकक फिर मिलते है जल्द हम चारो लोग.

निखिल – पक्का.

मई वाहा से अपने घ्र के लिए निकल गया.

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