असंतुष्ट भाभी के देवर से चूड़ने की कहानी

मेरा नाम संजय है. मेरी उमर 25 साल है. दिखने में बहुत अछा हू मैं. आवरेज हाइट, गोरा रंग, मस्क्युलर बॉडी, और 8.5 इंच बड़ा लंड, जो 3 इंच मोटा भी. रोज़ाना जिम जाता हू, और आते ही नहाने चले जाता हू.

ऐसे ही आज भी रोज़ की तरह मैं जिम से पसीने से लथपथ होके घर आया, और सीधे कमरे में चला गया. अपना टवल उतार बातरूम में चला गया. लेकिन इस बार मैने बातरूम का दरवाज़ा खुला रख दिया.

एक हफ़्ता हो गया था मैने मास्टरबेट नही किया था, इसलिए सुबा से ही मैं हॉर्नी था. बातरूम में जाते ही मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और शवर के नीचे नंगा खड़ा हो गया. शवर का पानी मेरे बदन पर कोने-कोने में जाने लगा.

तभी भाभी मेरी लिए जूस लेके कमरे में आ गयी. मैं मैं डोर बंद करना भूल गया था, इसलिए भाभी सीधा अंदर आ गयी, और भाभी ने मुझे पीछे से नंगा देख लिया. मेरी गोरी-गोरी गांद और मसल्स वाला शरीर उनके सामने खुला नंगा खड़ा था.

मुझे ये नही पता था. फिर मैने नहाना शुरू किया. नहाने के बाद मैं बाहर आने लगा. तो भाभी बाहर चली गयी, और मुझे पता ही नही चला.

उसी आधी रात भाभी के कमरे से आवाज़ आने लगी थी. मैने झाँक कर देखा तो भैया और भाभी नंगे थे. ये देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. भैया भाभी के साथ ज़बरदस्ती कर रहे थे, और बिना कुछ किए ही बाहर चले गये.

मैने वही च्छूप कर सब देखने लगा. भैया के जाते ही मैं भाभी के कमरे में चला गया. भाभी ने अब तक सारी पहन ली थी. मैने भाभी से सीधा पूछा-

मैं: क्या बात है? मैने सब देख लिया है.

भाभी ने कहा: तुम्हारे भैया हर रोज़ मेरे साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश करते है.

नैने उनसे पूछा: आपकी शादी हुई है, तो क्या आप सेक्स नही करते? जो ज़बरदस्ती करनी पड़ती है भैया को?

भाभी ने कहा की भैया उन्हे सॅटिस्फाइ नही कर पा रहे थे. वो उन्हे हमेशा गरम करके छ्चोढ़ देते थे. और सेक्स में 5 मिनिट में ही झाड़ जाते थे.

ये सुन कर मैं डांग रह गया. उसी रात भाभी और मैं छत पर बातें कर रहे थे. भाभी ने मुझे बताया की कैसे उन्होने मुझे नहाते वक़्त देख लिया. ये सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, और मेरे लंड को भाभी ने देख लिया था. मैने अपने हाथ से उसको दबाया.

भाभी ने कहा: च्छुपाओ मत. तुम्हारा सब कुछ तुम्हारे भैया से अछा है.

मैने कुछ बोल नही पाया, पर सुन के अछा लगा.

भाभी ने कहा: आज रात तुम्हारे भैया नही आने वाले है, और तुम चाहो तो आज रात मेरे साथ सोने आ सकते हो. जो भैया नही कर पाए, तुम कर दो.

ये कह कर भाभी रूम में चली गयी. भाभी की बात सुन कर मैं पहले डांग रह गया. पर मॅन में लड्डू फूट गये. क्यूंकी भाभी सिर्फ़ 23 साल की नयी- नयी जवान हुई लड़की ही थी. उनका शरीर गोरा और साइज़ 38-24-38 था.

मेरे अंदर की हवस उन्हे दबोचने को कह रही थी. पहले मैं हिचकिचाया, पर बाद में मैं कमरे में चला गया. मेरा लंड पहले से ही ये सोच-सोच के खड़ा हो गया था. मेरे अंदर आते ही भाभी ने मुझे गले लगा लिया. उनके बूब्स मेरे छाती से डब गये.

भाभी ने मुझे बेड पर लिटा दिया, और खुद मेरे उपर चढ़ कर लेट गयी. मैं अब अपने आप रोक नही पाया. मैने उनका चेहरा गालों से पकड़ा, और एक ज़बरदस्त चुम्मा दे डाला. हमारे होत मिल गये, और एक-एक करके मैने भाभी के होंठो का रस्स पी लिया.

हम दोनो हवस से भरे हुए थे. मैने झट से भाभी की सारी उतार दी, और ब्लाउस के हुक निकाल कर उनके उपर से ही चूचिया दबाने और चूसने लगा. भाभी भी सिसकारियाँ लेने लगी. मैने उनका ब्लाउस उतार फेंका, और उनका पेटिकोट भी उतरा.

अब भाभी सिर्फ़ पनटी और ब्रा में थी. भाभी ने मेरी त-शर्ट ुअतरी, और जीन्स का बटन और चैन खोली. मैने अपनी जीन्स उतरी, और सिर्फ़ अंडरवेर में उनके सामने घुटनो पर खड़ा हो गया.

भाभी ने एक झटके में मेरी चड्डी मेरी गांद पर से नीचे खिसकाई, और मेरा बड़ा सा लंड देख कर भाभी दर्र गयी. जब मैने भाभी से पूछा “क्या हुआ?”

तो उन्होने कहा: तुम्हारे भैया का तो बहुत छ्होटा सा है. ठीक से हाथ में भी नही आता.

मैने कहा: तो आज इसको भरपूर प्यार कीजिए, और जब मर्ज़ी मुझे बुला लीजिए.

भाभी ने डन दोनो हाथो से मेरे लंड को पकड़ा और हॅंजब देना शुरू किया. जब भाभी ने मुझे गरम किया, तो मैने भाभी का सिर पकड़ कर इशारा किया. भाभी समझ गयी. उन्होने मेरा लंड मूह में ले लिया और लॉलिपोप की तरफ चूसने लगी.

पहले लंड, और फिर मेरे टट्टो को भी भाभी ने नही छ्चोढा. मैने उनको बेड पर लिटाया, और उनकी ब्रा को अपने दांतो में दबा कर उतार फेंका. मैने उनके बूब्स को दबाया, और मस्त चूसा शुरू किया.

जब उनके बूब्स से मॅन भर गया, तो नीचे उनकी छूट चड्डी के उपर से चाटने लगा. फिर उनकी चड्डी उतार के उनको मेरे सामने नंगा कर दिया. मैं तो पहले ही नंगा हो चुका था. मैने अपनी जीभ से भाभी की छूट चाट डाली.

भाभी अब गरम हो गयी थी. अब भाभी मेरे लंड को तरस गयी थी.

उसने कहा: अब मत तड़पाव देवर जी. आपके भैया तो मेरी आग शांत नही कर पाए. आप मेरे अंदर डाल दीजिए, और छोड़ दीजिए मुझे.

मैने अपना लंड भाभी की छूट पर सेट किया, और दो टीन झटकों में मेरा लंड पूरी तरह से अंदर जेया चुका था. भाभी को पहले दर्द हुआ, पर बाद में उन्हे मज़ा आया. 20-25 मिनिट तक भाभी की जाम कर मिशनरी में चुदाई की, और मेरा सारा माल उनके पेट पर निकाला.

फिर कुछ देर बाद भाभी ने मुझ कहा: सही माइने में आज मैं चूड़ी हू.

मैने कहा: अभी तो और चुदाई बाकी है.

ये सुनते ही भाभी के चेहरे पर खुशी और दर्द का दर्र सॉफ नज़र आ गया. हम नंगे लेते रहे, और आधे पौने घंटे बाद जब मेरा लंड खड़ा हो गया, तब मैने भाभी को डॉगी बनाया. मैने उनकी गांद कस्स कर पकड़ी, और उनकी छूट में एक झटके में ही पूरा लंड घुसेध दिया.

भाभी चिल्ला उठी. अब मैं कहा रुकने वाला था. जैने उनकी गांद पकड़ी, दो-चार छानते उनकी गांद पर मार दिए. मेरे हाथ के निशान उनकी गांद पर आ गे. मैने कस कर उनकी गांद पकड़ी, और चुदाई शुरू की.

भाभी अब मुझसे चुड रही थी. इस बार 30-35 मिनिट तक चुदाई चली. फिर मैने अपना कम उनकी गांद पर निकाल दिया. हम सॉफ करके नंगे ही सो गये. सुबा जब मैं उठा, तो भाभी नहा रही थी. मैने भाभी को बातरूम का दरवाज़ा खोलने को कहा.

फिर मैने अंदर चला गया. मैने फिर एक बार सुबा-सुबा भाभी को पीछे से शवर के नीचे ज़बरदस्त छोड़ा. और मेरा माल वही उनके उपर निकल दिया. हमने साथ में नाहया. फिर मैं अपने कमरे में चला गया. आज भाभी ठीक से चल नही पा रही थी.

भैया बाहर से आ चुके थे, और आते ही सो गये. मैं लिविंग रूम में बैठा भाभी को काम करता देख रहा था और भाभी को लड़खड़ते हुए देख कर मॅन ही मॅन मुस्कुरा रहा था, की कैसे मैने भाभी को पेला.

भाभी भी आज बहुत आचे मूड में थी. उसी रात को भैया और भाभी फिरसे आपने कमरे में नंगे थे. मुझे पता था की भाभी मेरे पास ज़रूर आएगी, उनके साथ सेक्स के बाद. भाभी आधी रात को मेरे कमरे में आई. और आज भी भाभी को मैने कल की ही तरह खूब पेला.

भाभी और मैं नंगे चुदाई कर रहे थे, और तभी भैया ने हमे देख लिया. मेरी नज़र भैया पर पड़ी. हमारी चुदाई शुरू थी. मेरा लंड भाभी की छूट में था. मैने झट से उसे निकाला और भैया की तरफ गया.

पहले तो भैया ने मुझे पुर घर में नंगा भगाया. फिर भाभी ने मुझे नचाया. भैया, भाभी और मैं तीनो एक कमरे में नंगे ही थे. भैया को समझाया की वो भाभी को संतुष्ट नही कर पा रहे थे. तब भैया ने हमे माफ़ किया.

फिर उस रात भैया और मैने दोनो ने भाभी की चुदाई की. उस दिन के बाद भाभी हम दोनो को मज़ा करवाती और जब भी वक़्त मिलता मैं भाभी को दबोच लेता. ऐसी ही कहानी पढ़ने के लिए लीके और कॉमेंट करके ज़रूर बताए, ताकि आयेज का पार्ट मैं लेके अओ. धन्यवाद.

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