दोस्त के दोस्त की मों के करीब आने की कहानी

ही दोस्तों, मेरा नाम साहिल है. मैं आज मेरी पहली सेक्स स्टोरी को आपके साथ शेर करने जेया रहा हू. ये कहानी मेरी और मेरे दोस्त की मा मधु के बीच की है, जो आज से कुछ साल पहले घाटी थी. मेरे दोस्त का नाम शेकर था. मैं और वो दोनो बंगलोरे में एक रूम में रहते थे.

मैं एक रिप्यूटेड कंपनी में मेडिकल रेप्रेज़ेंटेटिव था, और शेकर किसी फाइनान्स कंपनी में अकाउंट था.

हुआ ऐसे की शेकर की बेहन की शादी फिक्स हो गयी थी, तो वो 1 महीने पहले ही अपने गाओं चला गया था. और मुझे 10 डेज़ पहले ही आने के लिए कहा था.

मगर मेरा कुछ काम की वजह से 5 डेज़ पहले जाना हुआ. मैं जैसे ही गाओं पहुँचा, तो वाहा पर एक लड़के ने मुझे पिक कर लिया, जिसको शेकर ने भेजा था.

जैसे ही मैं घर पहुँचा मैने देखा की वाहा पर शादी की तायारी बहुत ज़ोरो से चल रही थी. शेकर ने मुझे गले लगाया, और अपने फॅमिली मेंबर्ज़ से मिलवाया.

उसकी फॅमिली में उसकी मा मधु 52 यियर्ज़, बेहन शालिनी 23 यियर्ज़, और उसका छ्होटा भाई किरण 26 यियर्ज़ के थे. उसकी मा को देख कर तो मैं डांग रह गया, और अपना दिल दे बैठा. लग रहा था, जैसे वो 30 यियर्ज़ की हो. उनका घर बहुत बड़ा था.

आंटी ने कहा: साहिल बेटा, जाके नहा लो.

तो मैं बातरूम में गया और देखा, वाहा पर किसी की पनटी और ब्रा पड़ी थी. मैं पनटी को हाथ में लेके सूंघने लगा. वाह क्या मादक स्मेल थी. मैं तो मदहोश हो गया, और पनटी को लेके मूठ मारने लगा.

बाद में मैने नहा लिया, और रेडी होके आँगन में आ गया, जहा पर सब बैठे थे. और फिर हमने खाना खाया, और जाके सो गये. अगले दिन सुबा जब मैं उठा, तो अपने आप को अकेला पाया. नीचे आ कर देखा तो आंटी ने कहा-

आंटी: सभी लोग गाओं के मंदिर गये है, और शाम को आएँगे.

तो मैने आंटी से कहा: आप क्यूँ नही गये?

आंटी ने कहा: मुझे खेत में जाना है पानी छ्चोढने के लिए. साहिल तुम रेस्ट करो, मैं जल्दी आ जौंगी.

तो मैने कहा: मैं अकेले क्या करू आंटी? मैं भी आपके साथ अवँगा

आंटी मान गयी, और मैं जल्दी से रेडी होके उनके साथ चल पड़ा. उनका खेत काफ़ी बड़ा था. और गाओं में सभी लोग मंदिर गये थे. कुछ फंक्षन था तो गाओं में कोई नही था. जैसे ही हम खेत पहुँचे, तो आंटी ने कहा-

आंटी: साहिल तुम रेस्ट कर लो, मैं जाके पानी छोढ़ के आती हू.

मैने कहा: ठीक है.

ये कह कर खेत के एक रूम में बैठ गया. थोड़ी देर बाद आंटी की आवाज़ आई, तो मैं जल्दी से पंप के पास गया. मैं आंटी को देख कर शॉक रह गया. आंटी की सारी का पल्लू नीचे गिर गया था, और पंप का नाल टूट गया था. जिसकी वजह से पानी लीक हो रहा था.

आंटी ने मुझसे हेल्प माँगी तो मैं जल्दी से जाके पंप को रोकने लगा. पानी रुक नही रहा था. मैने अपनी त-शर्ट उतार कर पंप को बाँध दिया. लेकिन पानी का दबाव ज़्यादा था, तो पानी रुका नही. फिर आंटी ने अपनी सारी खोल कर मुझे डेडी बाँधने के लिए.

अब आंटी ब्लाउस और पेटिकोट में थी. मैं आंटी को डेक्ता ही रह गया. आंटी के बूब्स बहुत बड़े थे, और भीगने के वजह से आंटी के निपल्स दिख रहे थे.

फिर आंटी ने कहा: साहिल, क्या सोच रहे हो? जल्दी सारी से पंप को बाँध दो.

मैं होश संभालते हुए पंप को बाँधने लगा. आंटी और मैं एक-दूसरे से काफ़ी चिपके हुए थे. आंटी की बॉडी बहुत नरम थी. इससे मेरा लंड खड़ा हो गया और आंटी की गांद को टच हो रहा था. आंटी ने कोई रिक्षन नही दिया, और पंप को बाँधने में लगी रही.

बहुत मुस्किल से हमने पानी रोक लिया, और एक दूसरे को देख कर हासणे लगे. मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था. आंटी जान कर अंजान बन रही थी, और हम बाहर आ गये.

आंटी ने कहा: तुम बहुत भीग गये हो. रूम में चल के किरण के कुछ कपड़े है, पहन लो.

फिर हम जैसे ही खेत के रूम में पहुँचे, तो वाहा देखा की किरण की सिर्फ़ शर्ट ही थी, पंत नही थी.

तो आंटी ने कहा: कोई बात नही, तुम गीली पंत सूखने डाल दो. थोड़ी देर बाद पहन लेना.

मैने ठीक है कह कर पंत उतार दी. अब मैं सिर्फ़ चड्डी में था, जो की भीगी हुई थी. आंटी भी साइड में जाके अपने कपड़े बदलने लगी. वो जब आई, तो मैं डांग रह गया. आंटी सिर्फ़ सारी में थी.

उन्होने कहा: यहा पर सिर्फ़ सारी ही थी. यही पर रुक कर थोड़ी देर बाद अपने कपड़े बदल कर चलेंगे.

सिर्फ़ सारी में होने की वजह से उनकी पीठ और कमर सॉफ दिख रही थी. आंटी बहुत मोटी थी, तो आप लोग इमॅजिन कर लीजिए की कैसी दिख रही होंगी सिर्फ़ सारी में. अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था, तो मैने टवल लेके बाँध लिया.

लेकिन अब भी लंड का उभर सॉफ दिख रहा था. आंटी सब देख कर अंजान होने का नाटक कर रही थी. आंटी ने मेरे बारे में पूछा की पढ़ाई कैसे चल रही थी. और शेकर की पढ़ाई कैसे चल रही थी.

मैने भी कहा: सब ठीक चल रही है.

मैने आंटी से तोड़ा पानी माँगा तो आंटी मेरे लिए पानी लेकर आई. आंटी जैसे ही पानी देने नीचे झुकी, तो उनका पल्लू नीचे गिर गया, जिसकी वजह से उनके उपर का सारा बदन मेरी आँखों के सामने आ गया.

उनके कूल्हे तो जैसे की तरबूज़ की तरह लग रहे थे. मेरा तो हाल खराब हो गया. मेरा लंड सातवे आसमान पर था. आंटी ने जैसे-तैसे अपने आपको ठीक किया, और जाके बैठ गयी.

मैने सोचा की जैसे भी हो, आज मधु आंटी को पेल दूँगा वही पे. आंटी तो मेरे लंड को भाव ही नही दे रही थी. लेकिन लगता था, की किस्मत भी मेरे ही साथ थी. पता नही कहा से कॉकरोच आंटी के पास आ गया, और आंटी के पावं पे चढ़ गया, जिससे आंटी घबरा गयी, और उछालने और चिल्लाने लगी.

मैने जल्दी से जेया कर आंटी को पकड़ लिया, और शांत होने को कहा. मैने कॉकरोच को जाते हुए देख लिया था. लेकिन मैने कहा-

मैं: आंटी लगता है कॉकरोच आपकी सारी में घुस गया है.

तो आंटी ने घबरा कर कुछ ना सोचते हुए सारी खोल दी, और इसी चक्कर में पावं फिसल कर नीचे गिर गयी. इसकी वजह से उनकी कमर पर मोच आ गयी. अब मेरे सामने आंटी पूरी नंगी गिरी हुई थी. उसकी गांद मेरे लंड की तरफ थी. क्या गांद थी यारो, पता नही चल रहा था, की आंटी की गांद मारु या उनकी हेल्प करू.

जैसे-तैसे मैने अपने होश संभाले, और आंटी को उठाने लगा. आंटी उठ कर खड़ी हुई. अब आंटी के चूचे मेरे सामने थे. जो कह रहे थे, की “आओ हमे निचोढ़ दो” और इधर मेरा लंड आंटी के सामने तंबू बना हुआ था. आंटी से खड़ा नही जेया रहा था, तो मैने आंटी को लेटने को कहा. और आंटी पे शॉल डाल कर उनके पास बैठ गया.

आंटी को बहुत दर्द हो रहा था, तो मैने कहा: आंटी आप पीठ के बाल लेट जाओ. मैं आपकी कमर की मालिश कर दूँगा.

तो आंटी को ना चाहते हुए भी मालिश करवानी पड़ी. मैं तेल लेकर शॉल के अंदर से हाथ डाल कर कमर पर मालिश कर रहा था. आंटी को बहुत राहत मिल रही थी. लेकिन तेल शॉल को लग रहा था.

मैने आंटी से कहा: आंटी मैं शॉल हटा रहा हू, जिससे की आपकी आचे से मालिश हो.

तो आंटी ने कुछ नही कहा, और शॉल को अपने फेस पर ओढ़ लिया. अब मेरे सामने आंटी की बड़ी गांद थी. नीचे छूट के बाल दिख रहे थे. मैं मालिश कर रहा था. इडार मेरा खड़ा लंड आंटी को टच हो रहा था.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन आंटी के एक्सप्रेशन्स शॉल ओढ़ने की वजह से पता नही चल रहे थे. मैने आंटी को आवाज़ लगाई तो कुछ रिक्षन नही आया. अब मुझसे कंट्रोल नही हुआ, तो मैं आंटी के पैर फैला कर पैरों के बीच आ गया, और अपने लंड को आज़ाद करते हुए लंड को हल्के-हल्के गांद ओए फेरने लगा.

दोस्तों मैं अब जन्नत में था. मैं 20 मिनिट मालिश करता रहा. जब मुझसे रहा नही गया, तो मैने अपनी चड्डी निकली, और लंड को आज़ाद करके जैसे ही गांद के च्छेद पे टच किया. बाहर से ट्रॅक्टर आने की आवाज़ आ गयी.

इससे मैं और आंटी हड़बड़ा कर उठ गये. आंटी जल्दी से उठ कर मेरे लंड को नज़र अंदाज़ करके अपनी सारी लेके रूम के पीछे जाकर कपड़े पहनने लगी. मैने भी अपनी चड्डी और पंत पहन ली.

5 मिनिट बाद हम दोनो ठीक हो गये. इतने में आंटी का छ्होटा बेटा किरण आ गया. मेरा प्लान पूरा फैल हो गया. हम तीनो घर वापस आ गये. आंटी मेरी तरफ नही देख रही थी. मुझे तोड़ा गिल्टी फील हुआ.

आंटी को मैने कैसे पटाया इस स्टोरी को मैं पार्ट-2 में बतौँगा.

अगर मेरी स्टोरी अची लगी हो तो प्लीज़ मुझे मैल करिएगा [email protected] पर. गर्ल्स आंड आंटीस अरे मोस्ट वेलकम.

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