दो बहनो ने एक के पति के साथ किया थ्रीसम

मेरा नाम संगीता है. मैने अपनी पिछली कहानी में बताया था की मेरी शादी तय हो चुकी थी, और कैसे मैने अपने होने वाले पति से शादी से पहले ही चुदाई के मज़े ले लिए. फिर ये बात मैने अपनी बड़ी बेहन को बताई. उनके पति डोर रहते थे, और महीनो काम से बाहर रहते थे. तो दीदी पति से चुदाई नही कर पाती थी, और तड़पति रहती थी.

दीदी ने एक बार मुझे कहा की शादी से पहले तुम दोनो सुहग्रात माना ही चुके हो, तो वो सारे एक्सपीरियेन्सस भी लेलो जो बाद में नही ले पाओगे. मैने पूछा ऐसे कों से एक्सपीरियेन्स की बात कर रही हो?

दीदी ने कहा: एक साथ दो लड़कों के साथ सेक्स का मज़ा लेले अभी. शादी के बाद नही ले पाएगी.

ये सुन कर मॅन में लड्डू ज़रूर फूटा, पर ये पासिबल नही था. तो दीदी ने आइडिया दिया की दीदी, मैं, और प्रट्यूश जी एक साथ थ्रीसम करे. यदि प्रट्यूश इसके लिए मान गये तो बाद में मेरी दो लड़कों के साथ चुदाई के लिए मान जाएँगे. आख़िर वो भी दो लड़कियों को छोड़ चुके रहेंगे.

आइडिया तो रोचक था. मैने प्रट्यूश जी से बात की, की दीदी हमारे साथ थ्रीसम करना चाहती थी. पहले तो उन्होने सॉफ माना कर दिया. पर बाद में मैने और दीदी ने ज़ोर लगाया तो प्रट्यूश जी का ईमान डगमगा गया. एक रात प्रट्यूश जी के घर कोई नही था, तो हम दोनो बहने वाहा चली गयी.

रात को पार्टी वग़ैरा करके प्रट्यूश जी ने मुझे बाहों में ले लिया. वो मुझे किस करने लगे. उन्होने मेरी दीदी जिसका नाम पुष्पा था, और उमर 25 साल की ही थी, और उनका बदन मुझसे सुंदर था. उनका फिगर 34-28-34 का था. प्रट्यूश जी ने पुष्पा दीदी को बाहों में जकड़ा और किस करने लगे.

जीजा की बाहों में ये साली पूरी तरह से माधमस्त होने लगी थी. प्रट्यूश ने दोनो को एक साथ पकड़ा, और बेड पर पटका. कभी साली तो कभी बीवी. एक-एक करके दोनो को किस करते चले गये. दोनो के बूब्स एक साथ दबाने लगे. हम दोनो को कुछ ही पलों में ब्रा और पनटी पर आधा नंगा कर दिया.

हम दोनो ने भी एक साथ उनको उपर से नीचे तक चूमा और छाता. प्रट्यूश जी हमारे आयेज खड़े हुए, और बड़े ताव से उन्होने अपने कपड़े उतारे. सिर्फ़ चड्डी में खड़े हो कर हम दोनो के बीच बेड पर आके बैठे. फिर मेरा और दीदी का सर पकड़ कर अपने लंड के पास ले गये.

हम दोनो ने उनका लंड पकड़ा, और उसे चूमने और चाटने लगी. और यहा प्रट्यूश जी आ आ आ की आवाज़ निकालने लगे. उनकी आवाज़े सुन कर हम और उत्तेजित हो गये. कभी मैं उनका लंड मूह में लेती तो कभी दीदी. कभी मैं उनके गोतों को चूस्टी तो कभी दीदी. प्रट्यूश जी के तो आज मज़े ही मज़े थे. बीवी और साली दोनो उनके लंड के दीवाने थे.

कुछ वक़्त बाद प्रट्यूश जी ने दोनो की छूट चाटनी शुरू की. हम दोनो ने बारी-बारी अपने पैर फैलाए, और अपनी-अपनी छूट चटवा रहे थे. फिर प्रट्यूश जी ने दोनो को डॉगी बनाया, और दोनो की नंगी गांद पर तबला बजाने लगे.

आख़िर एक मर्द के आयेज दो-दो लड़कियाँ नंगी थी, कैसे आज उनके हाथ कंट्रोल में रहते. फिर पहले उन्होने मेरी छूट में लंड डाल के मेरी चुदाई शुरू की. कुछ वक़्त बाद दीदी की चुदाई की. ऐसे ही दोनो डॉगी बन कर अपनी बारी आने का वेट करते, और अपनी चुदाई होते वक़्त उसके मज़े लेते. करीब 40-45 मिनिट ये खेल चला.

फिर प्रट्यूश जी ने दीदी के मूह में लंड दिया और चुस्वाया. दीदी तो थी ही एक्सपीरियेन्स. तो उन्होने चूस्टे-चूस्टे पूरा पानी निकाला और पी भी लिया. ये देख प्रट्यूश जी खुश तो हो गये और कहने लगे-

प्रट्यूश: देखा संगीता. ऐसे ही तुम्हे रोज़-रोज़ मेरा लंड चूसने की और मेरा कम पीने की प्रॅक्टीस हो जाएगी.

ये कह के दोनो हासणे लगे. कुछ देर बाद प्रट्यूश जी का फिर खड़ा हुआ तो उन्होने दीदी को अपने लंड पर बिताया, और दीदी भी उछाल-उछाल कर उनके लंड से अपने आप को छुड़वा रही थी. और यहा प्रट्यूश जी के इशारे पर मैं जाके उनके चेहरे पर बैठ गयी. प्रट्यूश जी अब मेरी छूट चाट रहे थे, और वाहा नीचे दीदी की चुदाई भी कर रहे थे.

कुछ वक़्त बाद मुझे उल्टा करके प्रट्यूश जी ने मेरी छूट में लंड डाला, और मेरी चुदाई शुरू हुई. उनका लंड किसी गरम लोहे जैसे मेरी छूट को चियर रहा था, और दीदी आयेज से उनके मूह में अपने दोनो बूब्स डाल कर चुस्वा रही थी. ये बूब्स, छूट, और लंड का खेल 30-35 मिनिट चला.

आख़िर प्रट्यूश जी के लंड से पानी निकालने के पहले उन्होने मुझे सीधा करके मेरे मूह में लंड घुसेध दिया. कुछ देर मूह चुदाई करते-करते सारा माल मेरे गले में ही उतार दिया. उनके जंबो लंड ने मेरे मूह को ब्लॉक कर दिया था, इसलिए सारा कम सीधे गले से होते हुए अंदर निकल गया. फिर मुझे प्रट्यूश जी ने कहा की इसे चाट-चाट कर सॉफ कर दो, जो मैने किया.

रात भर हम तीनो नंगे ही थे. कभी प्रट्यूश जी मेरे और दीदी के बूब्स दबाते, या मूह में लेते. या कभी दोनो की छूट चाट-ते. कभी हमारी गांद को स्पॅंकिंग करते. पूरी रात प्रट्यूश जी ने हमे बहुत तंग किया.

दीदी ने कहा: संगीता तू तो बहुत लकी है, तुझे ऐसा पति मिला जो रात भर तुझे सोने ना दे.

मैं: हा दीदी, सच में प्रट्यूश जी में तो बहुत स्टॅमिना है.

प्रट्यूश जी: अभी तो बस शुरुआत है. शादी को तो वक़्त है. अब तो मेरी ज़िम्मेदारी बढ़ गयी है. बीवी के साथ-साथ साली साहेबा को भी तो चुदाई करके खुश रखना पड़ेगा.

ये कह के हम हस्स दिए. फिर दीदी ने इच्छा ज़ाहिर की-

दीदी: कोई आपकी पहचान में हो तो देखिए ना. आख़िर हम भी तो दो-दो लंड का स्वाद लेना चाहती है.

प्रट्यूश जी ने तोड़ा सोचा और कहा की वो कुछ करेंगे. ये सुन कर हम दोनो खुश हो गये. उस रात के कुछ दीनो बाद प्रट्यूश जी का फोन आया. उन्होने अपने छ्होटे भाई यानी की मेरे देवर जी को सेक्स के लिए माना लिया था. तो आज चुदाई करनी थी. पर दीदी बाहर शहर में थी, और उस रात देर से आने वाली थी. तो प्रट्यूश जी ने कहा की सब अड्जस्ट कर लेंगे.

आपको ये कहानी कैसी लगी, ये जवानिकजोश@आउटलुक.कॉम पर ज़रूर बताइए. आपकी ईद सेफ रहेगी, और आयेज जानिए की कैसे पहले देवर जी ने मेरी गांद चुदाई की, और फिर पति ने मेरी बंद बजाई. दीदी के आते ही फोरसम का मज़ा लिया, और रात भर चुदाई की महफ़िल जमी.

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