दीदी की चूत चोदने के बाद गांड भी मारी

मैं उसके सिर पर बाम लगाने लगा।
मुझे पीछे से उसके मम्मे नज़र आ रहे थे, वो गाउन के अन्दर ब्रा नहीं पहने थीं।
मेरा लंड खड़ा होने लगा।

‘यार थोड़ा पीठ पर भी लगा दे.. इससे थोड़ी राहत मिलेगी।’

मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई। दीदी उल्टी लेट गईं.. और मैंने उसके गाउन की चैन नीचे कर दी.. अब उनकी चिकनी पीठ मेरे सामने थी.. मैं बाम लगाने लगा।

दीदी- पूरी पीठ पर मल दे।
मैं पूरी पीठ पर बाम लगाने लगा।

मैंने कहा- दीदी मैं ठीक से लगा नहीं पा रहा हूँ.. क्या मैं आपकी जाँघों पर बैठ कर लगा दूँ?

उन्होंने एक मिनट सोचा और कहा- ओके।

अब मैं उनकी जाँघों पर बैठ कर बाम लगा रहा था। मेरा 6 इंच लंबा लंड दीदी की गांड को छूने लगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैंने दीदी से कहा- यू आर सो ब्यूटीफुल योर फिगर इज टू गुड..
दीदी शायद मेरे इरादे समझ गई थीं- चल बहुत लगा दी.. अब सो जाने दे।

लेकिन मुझे नींद कहाँ आने वाली थी। मेरा खड़ा लंड दीदी की गांड मारने को बेताब था।
मैंने अपना एक हाथ उसकी गर्दन के नीचे से उसके मम्मों पर रख दिया और दूसरे हाथ से उसका पेट सहलाने लगा।

मेरे ऐसा करने से दीदी पूरी गरम हो उठीं और अपने एक हाथ से चूत सहलाने लगीं।
ऐसा लगभग 5 मिनट तक चलता रहा।
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फिर मैंने दीदी का हाथ उनकी चूत से हटाया और और मैंने अपना हाथ रख दिया और अब मैं उनकी चूत को सहलाने लगा।

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अब तक मैंने अपना लंड भी बॉक्सर के बाहर निकाल लिया था।
अब दीदी से रहा नहीं गया और उन्होंने मेरी तरफ मुँह किया और मुझे किस करने लगीं।

मैंने दीदी को 5 मिनट तक किस किया और उनका गाउन उतार दिया, अब दीदी पूरी नंगी थीं, उनका गोरा बदन देखकर मुझे रहा नहीं जा रहा था।

अपने सारे कपड़े मैंने भी उतार दिए, अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे।
मैंने दीदी को बिस्तर पर लिटाया और उनकी चूत चाटने लगा और साथ ही मैं उनकी गांड से भी खेल रहा था।
दीदी की चूत पर एकदम बारीक-बारीक से बाल थे। मानो उन्होंने 8 दिन पहले शेव की हो।

मैंने उन्हें उल्टा किया और उनकी गांड चाटने लगा। दीदी ज़ोर-ज़ोर से कामुक सिसकारियां ले रही थीं। मैंने दरवाजे की तरफ देखा तो दरवाजा बंद नहीं था। मैं उठा और दरवाजे और खिडकियों को बंद कर दिया।

अब मैंने दीदी से कहा- दीदी मेरा लंड चूसो ना।

दीदी ने मना किया लेकिन मैं उनसे लौड़ा चूसने की रिक्वेस्ट करने लगा। फिर वो मान गईं.. और मेरा लंड चूसने लगीं। मेरा लंड का अगला सिरा उनकी गले तक जा रहा था।

फिर हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए। अब दीदी मेरा लंड चूस रही थीं और मैं उनकी छूट व गांड चूस रहा था। इस चुसाई से हम दोनों एक-एक बार झड़ चुके थे।

अब मैंने दीदी की टाँगें फैलाईं और मेरा लंड दीदी की चूत पर रगड़ने लगा। मैंने अपना टोपा दीदी की चूत में उतार दिया।
उन्होंने अपने होंठों को दाँतों से दबा लिया।
उनकी चूत टाइट थी, उन्होंने कहा- थोड़ा दर्द हो रहा है।

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मैंने लंड बाहर खींचा.. उस पर थूक लगाया और दोबारा से लंड को उनकी चूत में पेल दिया।

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