दीदी की चूत चोदने के बाद गांड भी मारी

मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस गया था। कुछ ही देर में उन्हें भी मज़ा आने लगा था।
वो कह रही थीं- आराम-आराम से चोदो..

मैंने आराम-आराम से पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया.. और धक्के मारने लगा। अब हम दोनों चुदाई का पूरा आनन्द लेने लगे।

दीदी अकड़ते हुए झड़ गईं और उनके कुछ बाद मैं भी उनके पेट पर झड़ गया।

अब मैंने टाइम देखा तो रात के 12:45 हो रहे थे।
थोड़ी देर में दीदी फ्रेश होने बाथरूम चली गईं, मैं भी उनके पीछे-पीछे बाथरूम चला गया।

उधर दीदी की गांड देख़कर मुझे जोश चढ़ने लगा। मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मैंने दीदी को पीछे से हग किया और कहा- दीदी मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ।
दीदी- नहीं गांड मारने में बहुत दर्द होता है।
मैंने कहा- दीदी मैं बड़े आराम से करूँगा और अगर फिर भी दर्द होता है तो हम नहीं करेंगे।

वो राजी हो गईं। मैंने उन्हें उठाया और बिस्तर पर लाकर उल्टा लिटा दिया, उनके पेट के नीचे एक तकिया भी रख दिया।
मैं बाथरूम में जाकर साबुन ले आया और साबुन को उनकी गांड पर लगाने लगा।

थोड़ा साबुन मैंने अपने लंड पर भी लगा लिया, इससे उनकी गांड और मेरा लंड एकदम चिकने हो गए थे।

मैंने अपना लंड उनकी गांड पर टिकाया और धक्का मारा, मेरा लंड उनकी गांड में चला गया.. वो चिल्ला पड़ीं- आराम से..

मैं उनके मम्मों को दबाने लगा, जब वो नॉर्मल हुईं तो मैं धक्के मारने लगा।
अब मैंने पूरा लंड उनकी गांड में डाल दिया, उन्हें भी मज़ा आने लगा।
थोड़ी देर में ही मैं उनकी गांड में झड़ गया।

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अब हम दोनों नंगे ही सोने लगे।
दीदी ने कहा- आई लव यू भाई.. तूने मुझे जन्नत की सैर कराई है।
मैं- आई लव यू टू दीदी।

हम रात को 2 बजे तक बात करने के बाद सो गए।

सुबह दीदी से ठीक से चला नहीं जा रहा था।

उसके बाद मैंने कई बार दीदी की चुदाई की.. अब उसकी शादी हो चुकी है। फिर भी मौका मिलते ही मैं उनकी चुदाई कर लेता हूँ।

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