ही गाइस, मैं आज एक न्यू स्टोरी के साथ हाज़िर हुआ हू. इसमे आप को बतौँगा कैसे एक बुड्ढे जड्ज ने मेरी दीदी को छोड़ा.
मैं कोर्ट में एक जड्ज के साथ काम करता हू. मेरे जड्ज का नामे असलम है. जड्ज साब की आगे 55 साल है. उनका रंग एक दूं काला है. जड्ज काफ़ी मोटा है, और काफ़ी बदसूरत है.
मेरी दीदी का नामे अदिति है. अदिति दीदी की आगे 36 यियर्ज़ है. अदिति दीदी का 2 साल पहले डाइवोर्स हुआ था. दीदी का फिगर 36-30-36 है. अदिति दीदी का रंग एक-दूं सफेद है अदिति दीदी दिखने में काफ़ी खूबसूरत है. डाइवोर्स के बाद अदिति दीदी काफ़ी अपसेट रहती थी. एक दिन मैने दीदी से बोला-
विकी: दीदी आप दोबारा से कोर्ट जाय्न कर लो.
दीदी: अब मुझे केस कों देगा?
विकी: दीदी आप तैयार हो जाओ, मैं अपने जड्ज साब से बात करूँगा.
दीदी: ठीक है.
अगले दिन मैने अपने जड्ज साब से बात की तो वो बोले-
जड्ज साब: तेरी दीदी को किसी लॉयर के साथ रखवा देता हू. उसके साथ काम कर लेगी.
विकी: नही जड्ज साब, लॉयर के साथ दीदी काम नही करना चाहती.
जड्ज साब: फिर तू बता मैं और क्या करू तेरी दीदी के लिए?
विकी: दीदी किसी लेयर के साथ कोर्ट रूम में नही आ सकती. वो ज़रा घबराती है. कोई ऑफीस वर्क हो तो किसी लॉयर से बात कर ले.
जड्ज साब: मुझको जड्ज्मेंट लिखने में काफ़ी मुश्किल होती है. तू शाम में दीदी को मेरे घर भेज दे. उधर मैने ऑफीस बनाया हुआ है. उधर मैं तेरी दीदी को जड्ज्मेंट लिखवा दिया करूँगा.
विकी: ठीक है.
शाम में मैने दीदी को सारी बात बताई. पहले दीदी तोड़ा सा घबराई, लेकिन बाद में मान गयी. अगले दिन ऑफीस से आने के बाद मैं दीदी को लेकर जड्ज साब के घर चला गया. जड्ज साब के घर में सिर्फ़ जड्ज साब और उनका एक नौकर विक्रम रहते थे.
उस दिन दीदी ने वाइट कलर का टाइट सूट पहना हुआ था, और दीदी काफ़ी हॉट दिख रही थी. जब जड्ज साब ने दीदी को देखा, तो जड्ज साब की आँखें चमक गयी. जड्ज साब काफ़ी अची तरह से हमसे मिले, और फिर मैं दीदी को उधर छ्चोढ़ कर आ गया.
जड्ज साब और दीदी काफ़ी देर तक बातें करते रहे. फिर जड्ज साब ने दीदी को अपना लॅपटॉप दिया. दीदी लॅपटॉप पर टाइप करने लगी. जड्ज साब दीदी के पास बैठे हुए थे, और दीदी को लिखवा रहे थे. ऐसे ही 2 घंटे गुज़र गये, तो विक्रम ने खाना लगा दिया.
दीदी माना भी कर रही थी, लेकिन जड्ज साब ने दीदी को अपने साथ खाना खिलाया. उसके बाद दीदी वापस घर आ गयी. जब दीदी घर आई, तो मैने पूछा-
मैं: आपको जड्ज साब कैसे लगे?
तो दीदी बोली: जड्ज साब काफ़ी आचे आदमी है. उनके साथ काम करके मज़ा आएगा.
अगले दिन शाम में दीदी ने एक ब्लॅक लेगैंग्स पहनी, और साथ ब्लॅक शर्ट पहन कर जड्ज साब के घर चली गयी. रात को मैने एक न्यू सिम ली, और अपने मोबाइल में वाय्स चेंजर करके दीदी को उनकी फ्रिनेड अंजलि बन कर मेसेज किया.
अंजलि और दीदी कॉलेज में अची दोस्त थी. फिर अंजलि आउट ऑफ कंट्री चली गयी, तो दोनो में राबता ख़तम हो गया. दीदी ने फोन पिक किया और बोली-
दीदी: जी कों?
अंजलि (विकी): मैं तेरी फ्रेंड अंजलि.
दीदी: सच में? तेरी आवाज़ को किया हुआ हुआ?
अंजलि (विकी): बस टाइम के साथ आवाज़ चेंज हो ही जाती है.
फिर दीदी मुझे अंजलि समझ कर काफ़ी बातें करती रही. 5 मिनिट के बाद मैं अपनी बात पर आया.
अंजलि (विकी): फिर अदिति, डाइवोर्स के बाद कोई और इंसान तेरी ज़िंदगी मैं नही आया?
दीदी: इंसान तो काफ़ी आए है. लेकिन कोई अछा इंसान नही आया.
अंजलि (विकी): आज कल तो होगा कोई जिससे तू रोज़ मिलती होगी.
दीदी: हा एक जड्ज साब है. उनके पास जाती हू.
अंजलि (विकी): फिर तो मसला ही हाल हो गया. उस जड्ज से रिश्ता बना, तुझको बड़ा मज़ा आएगा.
दीदी: वो मुझसे आगे में 20 साल बड़ा है.
अंजलि (विकी): तू जानती नही आज कल के बुद्धो को, वो जवानो से भी ज़्यादा मज़े देते है.
दीदी: वो शरीफ है, और मैं भी शरीफ हू.
अंजलि (विकी): तू सोच तेरी जैसी खूबसूरत औरत उस बुड्ढे के बिस्तर पर हो, तो कैसा सीन होगा. और उस बुड्ढे के तो मज़े हो जाएँगे.
दीदी: हाहहहाहा, वो बुद्धा शरीफ है. क्यूँ तू उसको खराब करवाएगी?
अंजलि (विकी): कोई शरीफ नही होता. जब वो तुझको छोड़ेगा तो तुजको पता चल जाएगा.
दीदी: चल कुछ सोचती हो उस बुड्ढे का.
फिर फोन कट हो गया तो मैंने उसी नंबर से जड्ज साब को कॉल मिलाई.
जड्ज साब: जी कों?
लड़की (विकी): ये अंजलि का नंबर नही?
जड्ज साब: नही, इधर कोई अंजलि नही.
लड़की (विकी): मैं तो अपनी दोस्त से बात करना चाह रही थी.
जड्ज साब: अब आप की दोस्त का तो पता नही, मैं क्या कर सकता हू?
लड़की (विकी): चलिए आप ही कर ले बात मेरे दोस्त बन कर.
जड्ज साब: अछा, इतनी जल्दी दोस्त बना लिया आपने.
फिर जड्ज साब और विकी में काफ़ी देर तक बातें होती रही. जड्ज साब विकी को लड़की समझ कर काफ़ी देर तक उससे बातें करते रहे. थोड़ी देर के बाद विकी ने जड्ज साब से पूछा-
लड़की (विकी): तो आपकी पत्नी के बाद कोई लड़की आपको पसंद नही आई?
जड्ज साब: एक लड़की है जो मुझको काफ़ी अची लगती है. पर मेरी और उसकी आगे में काफ़ी डिफरेन्स है, और वो है भी बहुत खूबसूरत.
लड़की (विकी): ऐसी कों सी लड़की है जो आप को इतनी अची लगती है?
जड्ज साब: आज कल शाम में आती है मेरे पास. वो काफ़ी खूबसूरत है.
लड़की (विकी): तो उसको पकड़ लो किसी दिन.
जड्ज साब: मार पद्वाएगी तू उससे. वो काफ़ी खूबसूरत है, और मैं उसके सामने बदसूरत.
लड़की (विकी): अछा बताओ अगर वो मिल जाए तो क्या करोगे उसके साथ? तुम तो बुड्ढे हो गये हो.
जड्ज साब: अगर वो एक दफ़ा मुझको मिल जाए, तो मैं ऐसा उसको छोड़ूँगा के उसकी चीखें पुर कमरे में घूंजेगी.
लड़की (विकी): तुम तो बहुत ज़ालिम हो.
जड्ज साब: ज़ुल्म नही प्यार करूँगा उसको.
लड़की (विकी): फिर तुम मेरी बातों पर अमल करो. वो खुद तुमको देगी.
जड्ज साब: अछा जी.
लड़की (विकी): हा, कल जब वो आए तो मुझको बताना.
जड्ज साब: ओक.
अगले दिन दीदी ने फिर एक जीन्स और येल्लो कमीज़ पहनी, और जड्ज साब के घर चली गयी. जब दीदी जड्ज साब के पास बैठी हुई थी, तो मैने जड्ज साब को लड़की बन कर कॉल की.
लड़की (विकी): आ गयी तुम्हारी आइटम?
जड्ज साब: हा, आज तो येल्लो कमीज़ में काफ़ी हॉट लग रही है.
लड़की (विकी): आज उसके जाने से 10 मिनिट पहले मुझे फोन करना, और अपने कान में ब्लूटूवाय्त लगा लेना, और उसको च्छूपा लेना.
जड्ज साब: ठीक है.
फिर दीदी और जड्ज साब काम में मशरूफ हो गये. दीदी के जाने का वक़्त होने लगा तो जड्ज साब ने मुझे कॉल मिलाई.
जड्ज साब: हा, अब बोलो क्या करू?
लड़की (विकी): क्या कर रही है वो?
जड्ज साब: मेरे सामने बैठी लॅपटॉप पर काम कर रही है.
लड़की (विकी): उठो, और बिल्कुल अदिति के पीछे खड़े हो जाओ, और अपना मूह उसके कंधे पर रखो. फिर उसके हाथो को अपने हाथ में लेकर लॅपटॉप चलाओ.
जड्ज साब उठे, और दीदी के बिल्कुल पीछे खड़े हो गये. दीदी का दिल तेज़ी से धड़क रहा था. जड्ज साब ने अपना एक हाथ दीदी के कंधे पर रखा, और दूसरे हाथ को दीदी के हाथ पर रख कर दीदी का लॅपटॉप चलने लगे.
दीदी के जिस्म में करेंट सा लग गया था. जड्ज साब के मूह की गरम हवा दीदी को अपनी गर्दन पर महसूस हो रही थी. 1 मिनिट के बाद जड्ज साब दीदी से डोर हुए, तो दीदी ने सुख का साँस लिया. दीदी को बड़ी शरम आ रही थी. दीदी ने जल्दी से अपना काम ख़तम किया और जड्ज साब से इजाज़त लेकर घर आ गयी. जड्ज साब ने लड़की को कॉल मिलाई और बोले-
जड्ज साब: तेरी वजह से वो नाराज़ हो गयी.
लड़की(विकी): कैसे?
जड्ज साब: तेरे बोलने पर मैं उसके पास गया, तो वो दर्र गयी और जल्दी चली गयी.
लड़की(विकी): नाराज़ नही हुई, बस शर्मा गयी होगी. बहुत जल्दी तुम्हारे नेआचे होगी.
जड्ज साब: ओक.
फिर रात को 11 बजे मैने दीदी की दोस्त वाले नंबर से दीदी को मेसेज किया-
अंजलि (विकी): कैसा गुज़रा आज का दिन?
दीदी: काफ़ी अछा.
अंजलि (विकी): जड्ज साब को कैसे तंग किया तूने?
दीदी: आज तो जड्ज साब बहुत फ्री हो रहे थे?
अंजलि (विकी): कैसे?
फिर दीदी ने सारी बात बताई.
अंजलि (विकी): तू भी मौके का फ़ायदा उठा कर जड्ज साब की गोद में बैठ जाती.
दीदी: मैं इतनी बेशर्म नही.
अंजलि (विकी): कुछ दीनो की बात है, तू खुद नंगी हो कर बैठेगी उस बुड्ढे की गोद में.
दीदी: मैं इतनी बेशर्म नही हू.
अंजलि (विकी): चल अब कल कुछ हॉट सी ड्रेस पहन कर जाना जड्ज साब के घर, और जब वो कुछ करेगा, तो उसका साथ देना. माना ना करना.
दीदी: ओक.
नेक्स्ट दे शाम में दीदी एक वाइट कलर की लेगैंग्स और वाइट कमीज़ पहन कर जड्ज साब के घर जाने के लिए निकली. तो रास्ते में बारिश में भीग गयी. जब दीदी जड्ज साब के घर पहुँची, तो दीदी पूरी भीगी हुई थी. और उनकी रेड ब्रा कमीज़ में से सॉफ नज़र आ रही थी. दीदी बहुत हॉट लग रही थे.
तो बे कंटिन्यूड. आपको मेरी स्टोर कैसी लगी फीडबॅक लाज़मी देना कलVइकि1999@गमाल.कॉम पर.