देल्ही में नौकर ने मालकिन को चोदा

मेरा नाम सिया है, और मैं देल्ही की रहने वाली हू. मेरी उमर 29 साल है, और मैं शादी-शुदा हू. मेरी एक बेटी भी है, जो 3 साल की है. हाइट मेरी 5’6″ है, और रंग गोरा है. फिगर मेरा 36-29-36 है, और मैं बहुत सेक्सी हू.

मेरे हज़्बेंड एक इट इंजिनियर है, और एक मंक में जॉब करते है. हमारे घर में हम दोनो और मेरी बेटी के अलावा मेरे सास और ससुर भी है. मेरे ससुर जी एक कॉंट्रॅक्टर है, और सास एक सोशियल वर्कर है. मैं खुद भी गवर्नमेंट जॉब करती हू, और टीचिंग लाइन में हू.

क्यूंकी हमारे घर में सब सारा-सारा दिन अपने काम से घर से बाहर ही रहते है, तो घर का काम करने के लिए हमने एक नौकर रखा हुआ है. वो एक 50 साल का बुद्धा आदमी है, और काफ़ी सालों से हमारे घर में काम कर रहा है.

वो मेरे आने से पहले हमारे घर में है. किसी ज़माने में मेरे ससुर ने उसको रखा था, तब से वो हमारे घर में ही है. हम उसको बाबा कह कर बुलाते है, वैसे उसका नाम हरीश है. अब मैं अपनी कहानी पर आती हू.

मेरे हज़्बेंड की और मेरी शुरू से काफ़ी अची बनती है. वो सेन्सिबल है, और खुले विचारों वाले इंसान है. लेकिन पहले दिन से हमारी सेक्स लाइफ अची नही है. हमारी सुहग्रात वाले दिन उन्होने मुझे 3 बार छोड़ा, लेकिन एक बार भी वो 2-3 मिनिट से ज़्यादा नही टीके.

उसके बाद जितनी बार भी हमारी चुदाई हुई 3-4 मिनिट से ज़्यादा वो मेरे उपर नही टिक सके. पहले-पहले तो मुझे इतनी दिक्कत नही हुई, लेकिन अधूरी चुदाई से धीरे-धीरे मेरी प्यास बहुत बढ़ने लगी, और मैं इरिटेट होने लगी. मेरे हज़्बेंड एक आचे इंसान है, लेकिन सेक्षुयल सॅटिस्फॅक्षन भी तो ज़रूरी है.

फिर एक दिन मैं ऐसे ही फ़ेसबुक चला रही थी. मुझे सोनू की रिक्वेस्ट आई हुई थी. सोनू कॉलेज के दीनो में मेरा क्लासमेट था, और मेरे पीछे पड़ा हुआ था फ्रेंडशिप के लिए. लेकिन मैने उसको घास नही डाली, क्यूंकी मैं एक शरीफ लड़की थी.

उसकी रिक्वेस्ट देख कर मैने आक्सेप्ट कर ली. रिक्वेस्ट आक्सेप्ट करते ही उसने मुझे मेसेज भेजा, और हमारी चाटिंग शुरू हो गयी. उससे बात करके पता चला की वो अभी भी सिंगल था. धीरे-धीरे वो मुझसे फ्लर्ट करने लगा. मुझे भी उसका फ्लर्ट करना अछा लग रहा था. मैं ये फील कर रही थी की क्यूँ ना मैं उससे चुड जौ.

ये मैं इसलिए सोच रही थी, क्यूंकी कॉलेज डेज़ में मैने सुन रखा था की वो सेक्स का बहुत भूखा था. उसकी बहुत सारी गर्लफ्रेंड्स रह चुकी थी, और कुछ ने तो उसको इसलिए छ्चोढ़ दिया, क्यूंकी वो सेक्स बहुत तगड़ा करता था.

अपनी सेक्स लाइफ से परेशन, एक दिन मैने सोनू को सब बता ही दिया. वो भी मान गया मुझे छोड़ने के लिए. उसने कहा-

सोनू: यार मैं तो कब से तुम्हे छोड़ना चाहता हू. तुम टेन्षन मत लो, ये बात किसी को पता नही चलेगी, और ना ही मुझे कोई रिलेशन्षिप चाहिए. हमारे बीच सिर्फ़ चुदाई तक का रिश्ता रहेगा.

फिर एक दिन जब मैं घर पर अकेली थी, तो मैने उसको घर बुलाया. सब घर से जेया चुके थे. बाबा भी अपना काम ख़तम करके जेया चुके थे. फिर मैने सोनू को फोन किया, जो 10 मिनिट में मेरे घर आ गया. मैने उसको अंदर लिया, और अपने रूम में ले गयी.

उस दिन मैने लेगैंग्स और कुरती पहनी हुई थी. रूम में आते ही वो मेरे उपर भूखे भेड़िए की तरह टूट पड़ा. उसने मुझे नंगा किया, और मेरा पूरा जिस्म चूमने-चाटने लगा. फिर उसने अपने 7 इंच के लंड से मेरी ज़बरदस्त चुदाई की. आज मैं पहली बार संतुष्ट फील कर रही थी. फिर मैने उसको वापस भेज दिया. कुछ दिन बीट गये. अब मैं उसको दोबारा बुलाने का सोच रही थी. लेकिन तभी कुछ हुआ.

एक दिन बाबा मेरे पास आए, और मुझे अपना फोन देके बोले-

बाबा: बेटी ये देखना, इसमे ये वीडियो चल नही रही.

मैने उनका फोन लिया, और जब वीडियो प्ले करी, तो वो मेरी और सोनू की चुदाई की वीडियो थी. वीडियो देख कर मैं हक्की-बक्की रह गयी. घर पे सब लोग थे, जिससे मैं और घबरा रही थी. फिर बाबा बोले-

बाबा: बेटी मैं ये वीडियो सब को नही दिखा रहा. लेकिन इसके लिए मुझे कुछ चाहिए. मुझे रात को कॉल करना.

ये बोल कर वो चले गये. फिर मैने रात को कॉल की और कहा-

मैं: बाबा, कितने पैसे चाहिए आपको?

बाबा: मुझे पैसे नही चाहिए.

मैं: तो और क्या चाहिए?

बाबा: मुझे भी तुम्हे छोड़ना है बेटी.

मैं: आप क्या बकवास कर रहे हो, मैं आपकी बेटी जैसी हू.

बाबा: ठीक है फिर मैं वीडियो आपके ससुर को दे देता हू.

ये सुन कर मेरी गांद फटत गयी. फिर मैने सोचा बुद्धा बंदा है, क्या ही कर लेगा. तो मैने चुदाई के लिए हा बोल दी. अगले दिन सब के जाने के बाद बाबा मेरे पास आए. मैने लेगैंग्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. मैं उनके सामने लेट गयी.

पहले उन्होने मेरी लेगैंग्स उतरी, और मेरी जांघों को किस करने लगे. फिर मेरी पनटी निकली, और मेरी छूट चाटने लगे. इससे मैं गरम हो गयी, और आ आ करने लगी. वो मेरी क्लिट को मूह में डाल कर खींचने लगे, जिससे मुझे बहुत मज़ा आने लगा.

फिर मेरी कमर चूमते हुए वो उपर आए, और मेरी त-शर्ट और ब्रा उतार कर मेरे बूब्स चूसने लगे. अब मैं पूरी गरम थी, और चूड़ने के लिए तैयार थी. जब वो अपने कपड़े उतार रहे थे, तो मेरी सोच के बिल्कुल उल्टा उनका लंड 8 इंच का था.

उनका लंड देख कर मैं खुश हो गयी. फिर वो मेरी टाँगो के बीच आए, और लंड छूट पर रगड़ते हुए अंदर डालने लगे. 4 झटकों में उन्होने पूरा लंड अंदर डाल दिया, और मेरी चीखें निकलवा दी. फिर वो मुझे किस करते हुए लंड अंदर-बाहर करने लगे.

धीरे-धीरे मुझे बहुत मज़ा आने लगा, और मैं गांद उठा-उठा कर उनसे चूड़ने लगी. उन्होने मेरे बूब्स चूस-चूस कर लाल कर दिए, और मेरे होंठ काट कर खून निकाल दिया. ऐसा सुख तो मुझे सोनू ने भी नही दिया था. आधा घंटा उन्होने मुझे अलग-अलग पोज़िशन में छोड़ा, और फिर अपना माल मेरे मूह में निकाल दिया. चुदाई ख़तम होने के बाद मैने उनसे कहा-

मैं: बाबा आज से आप ही मेरी छूट ठंडी करोगे.

बाबा: मैं तो हमेशा आपकी सेवा में हाज़िर हू.

कहानी ख़तम. स्टोरी का मज़ा आया हो, तो फ्रेंड्स के साथ भी शेर करे.

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