दिल्ली के पार्क में माशूका से प्यार

मैंने उसके मम्मों को करीब 5 मिनट तक चूसा और दोनों मम्मों को चूस-चूस कर लाल कर दिया था।
वो गर्म होकर कह रही थी- आह्ह.. ओर चूसो.. बहुत अच्छा लग रहा है।

चूत में उंगली

तभी मेरा हाथ उसकी कोमल चूत पर गया, मैं पैन्ट के ऊपर से सहलाने लगा..
साथ में पीछे से हाथ ले जा कर एक मम्मों को दबाने लगा, साथ ही उसके होंठों को भी चूसने लगा।
अब मैं एक साथ 3 काम कर रहा था और वो पागल हुए जा रही थी।

फिर मैंने उसके होंठों को आज़ाद कर दिया, मैंने देखा कि वो सिसकारियां भर रही है।

उसकी चूत भी बहुत ज्यादा गर्म और गीली हो रही थी। चूत इतनी गीली हो उठी थी कि पैन्टी और जीन्स के ऊपर मेरी उंगलियों को उसका पानी महसूस हो रहा था।

मैं फिर उसके लेफ्ट मम्मे को चूसने लगा और राइट को हाथ पीछे ले जा कर मसलने लगा। कुछ ही पलों में मैंने अपने लेफ्ट हाथ से इस बार उसकी पैन्ट की चैन खोल कर उसकी पैन्टी में हाथ डालते हुए उसकी चूत में उंगली डाल दी।

वो कहने लगी- जान क्या कर रहे हो..
मैंने कहा- प्यार..

मैंने फिर पूछा- कैसा लग रहा है.. मेरा प्यार?
तो कहने लगी- बहुत अच्छा..
मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है?
वो कहने लगी- जान बहुत मज़ा आ रहा है.. अब मुझे प्यार बस करते रहो।

मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा और मम्मों को पीते हुए एक चूचे को दबाने लगा।
निशा तो बस पागल ही हो चुकी थी।

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फिर अचानक निशा एकदम से अकड़ गई और तभी मेरा हाथ गीला हो गया। उसकी चूत के पानी से मुझे पता लग गया कि निशा झड़ गई है।

दोस्तो कसम से.. मुझे इतना तो पता लग गया था कि लड़कियों की बॉडी में चूत से ज़्यादा सॉफ्ट जगह और कोई नहीं होती है। उसकी चूत बहुत ही ज्यादा सॉफ़्ट थी। फिर निशा ने मेरी तरफ देखा और ‘आई लव यू रोहित’ कहा और एक बहुत लम्बा किस किया।

बाद में फिर ऐसे ही कुछ दिन बीतते गए। अब क्लास में हम दोनों साथ बैठते और खाना भी साथ खाते थे। कई बार वो मेरे लिए अपने हाथ से खाना बना कर लाती और मुझे अपने हाथ से ही खिलाती थी।

कुछ दिन बाद मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें खुल कर प्यार करना चाहता हूँ। तुम्हें हर जगह किस करना चाहता हूँ।

शायद वो भी यही चाहती थी पर लड़कियां थोड़ी शर्मीली होती हैं तो साफ-साफ नहीं कह पाती हैं लेकिन उनके दिल में भी ‘चुल्ल’ तो होती ही है।

उसने पहले हमेशा की तरह ना-नुकर किया.. लेकिन उसने भी बाद में सच बोल दिया।

‘मैं भी तुम्हें बहुत प्यार देना चाहती हूँ.. हर तरह का प्यार.. जैसा तुम चाहो।’
तब मैंने कहा- ठीक है.. हम एक दिन की छुट्टी करेंगे और मेरे फ्लैट पर चलेंगे.. तो वो मान गई।

फिर हमने छुट्टी की और चुदाई की खूब मज़े से मैंने उसकी गांड और चूत भी दोनों मारी। साथ ही उसकी चूत में लंड डाल कर किस करते हुए उसके मम्मों को भी दबाया और उसने मेरा लंड भी चूसा।

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मैंने चुदाई को बहुत अधिक डिटेल में नहीं लिखा है ये सब तो आप अन्तर्वासना की अन्य कहानियों में पढ़ ही लेते हैं।

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