फ्रेंड्स, अपनी फॅमिली सेक्स स्टोरी का अगला भाग शुरू कर रही हू-
मैं मोहित के शॉर्ट्स में हाथ डाल के उसके लंड के साथ खेलने लगी. उसका लंड तो अब भी पूरा तन्ना हुआ था. शायद वियाग्रा का असर अभी भी तोड़ा था. जब कोई औरत कड़क लंड को छ्छू लेती है, वो बिना चुड़े नही रह पाती. और ऐसा मेरे साथ भी हो रहा था.
मेरी छूट और गांद में बहुत दर्द था. पर मेरी छूट लंड माँग रही थी. मैने मोहित का शॉर्ट्स नीचे कर दिया. वो अपना शॉर्ट्स निकाल कर नंगा हो गया. मैं घुटनो पर बैठ गयी, और उसके लंड को चूसने लगी. विजय भी मोहित के साथ खड़ा हो गया. मैं उसका भी लंड चूसने लगी. शालिनी विजय और मोहित को किस कर रही थी.
उसके बाद विजय ने मुझे खड़ा किया, और मेरा शॉर्ट्स निकाल दिया. मैं अब पूरी नंगी थी. मोहित ने शालिनी को नंगा कर दिया. अब विजय ने मुझे गोद में उठा लिया, और सोफा पर बिता दिया. फिर मेरे पैरों में आ कर मेरी छूट को देखने लगा.
विजय: क्या बहुत दर्द हो रहा है?
मैं: बहुत नही पर तोड़ा दर्द हो रहा है. मेरी रफ चुदाई मत करना प्लीज़.
विजय (मेरी छूट पर किस करके): आज इसको बड़े प्यार से मज़ा दूँगा.
अब विजय मेरी छूट चाटने लगा, और मोहित शालिनी की छूट चाटने लगा. जब विजय मेरी छूट चाट रहा था तब मुझे बहुत राहत मिल रही थी. चुदाई की आग में मुझे छूट के दर्द का पता ही नही चल रहा था. मेरी सिसकारी निकल रही थी. मेरी सिसकारी सुन कर सब को जोश आ रहा था.
शालिनी: ह्म… मोहित और आचे से छातो ब्रो. तुम बहुत मस्त कर रहे हो. ऐसा मज़ा देते रहना अपनी इस चुड़क्कड़ बेहन को.
विजय: दीदी यूके जेया कर आपकी रसीली छूट को बहुत मिस करूँगा. मुझे आपका टेस्ट बहुत पसंद है.
मोहित: हा शीला दी की छूट की तो बात ही कुछ अलग है. जितनी बार छोड़ो, हर बार टाइट ही लगती है.
अब दोनो ने कुछ 10 मिनिट तक छूट छाती, उसके बाद मेरा शरीर झटके मारने लगा, और मैं झाड़ गयी. मेरा सारा रस्स विजय ने चाट लिया. उसके बाद उसने अपने लंड पर क्रीम लगाई, और आचे से लूब्रिकॅंट कर दिया.
अब उसने जैसे मेरी छूट पर लंड रखा, मुझे तो इतना दर्र लग रहा था की अगर ये छूट में गया तो मेरा क्या होगा. क्यूंकी पिछली रात की चुदाई से मुझे सेक्स से दर्र लगने लगा था. पर विजय का लंड बहुत ही आसानी से छूट में उतार गया. विजय ने धीरे-धीरे धक्के मारना चालू किया. उसके हर झटके के साथ मेरी आ निकल रही थी. क्यूंकी मुझे अभी भी तोड़ा दर्द हो रहा था. दर्द इतना भी नही था की मेरी जान निकल जाए.
विजय: दीदी आपको दर्द हो रहा है ना?
मैं: हा तोड़ा-तोड़ा हो रहा है. प्लीज़ तुम आज धीरे से करना.
शालिनी: एक ही रात में हमारी छूट ना फाड़ते तो कितने आचे से हम दोनो तुम्हे एंजाय करवा रही थी.
पर आप दोनो को तो ऐसा था की ये दोनो फिर मिले ना मिले.
मोहित: हा बात तो सही है आपकी. अब क्या पता कब ऐसा मौका मिले ना मिले. चलो ना दी आप भी रेडी रहो, मैं आपकी चुदाई करता हू.
शालिनी: सॉरी ब्रो, मैं चुदाई करवाने की हालत में नही हू. तुम कहो तो मैं ब्लोवजोब से तुम्हे डिसचार्ज कर सकती हू.
उसके बाद मोहित मेरे बाजू में बैठ गया, और शालिनी उसका लंड चूसने लगी. यहा मोहित मेरे लिप्स पर लिप्स रख कर किस कर रहा था. मैं अब नॉर्मल हो रही थी, तो विजय ने स्पीड बढ़ा दिया. मुझे ज़्यादा दर्द होने लगा था, पर मोहित ने लिप्स को जाकड़ रखा था, तो मैं चीख भी नही पा रही थी.
विजय: दीदी आपकी छूट छोड़ने में बहुत मज़ा आता है.
मैं: एस ब्रो. मुझे भी तेरे बड़े लंड से चूड़ने में बहुत मज़ा आता है (मैं अब झाड़ रही थी, तो मुझे दर्द कम होने लगा).
मोहित मेरे बूब्स चूस रहा था. मेरी सेक्सी आवाज़ निकल रही थी. मेरी आवाज़ सुन कर विजय की छोड़ने की रफ़्तार धीरे-धीरे बढ़ रही थी. पर अब मुझे दर्द नही पर मज़ा आ रहा था.
शालिनी: वाह मेरी चुड़क्कड़ बेहन. अभी तो तेरी छूट में दर्द था. अब मज़े से छुड़वा रही है.
मैं: शालिनी तुम नही समझोगी. मेरे भाई की खुशी के लिए मैं कोई भी दर्द से सकती हू. ये दोनो नही होते तो मुझे चुदाई की सॅकी परिभाषा समझ नही आती. मैं अपने दोनो भाई से बहुत प्यार करती हू.
शालिनी: विजय शीला तुमसे कितना प्यार करती है. अब तुम भी अपनी सिस्टर को बहुत प्यार देना. मोहित ब्रो तुम भी मुझे ऐसा प्यार करते हो ना?
मोहित: शालिनी दीदी सही कह रही हो. मैं तो आप दोनो से बहुत प्यार करता हू. वैसे भी देखा जाए तो आप दोनो ने ही मुझे लाइफ का असली सुख दिया है. आप दोनो हुस्न की पारी हो. मैं लकी हू की मुझे आप जैसी सेक्सी बॉम्ब के साथ सेक्स करने को मिल रहा है.
विजय (मेरी छूट से लंड निकाल कर): मोहित नाउ युवर तुर्न.
मैं: लेकिन तुम अभी डिसचार्ज नही हुए हो. मुझे पता है तुम्हारी स्ट्रेंत. तुम मुझे जब तक आचे से नही छोड़ोगे, तुम्हारा निकालने वाला नही है. मेरी चिंता मत करो. तुम चाहो इतनी स्पीड से चुदाई करो.
सच काहु तो मुझे विजय से चूड़ने में बहुत मज़ा आ रहा था. और मैं मेरे भाई से डोर होना से नही पा रही थी. मुझे अब ऐसा होने लगा था की मैं अपने भाई को बहुत सारी खुशी डू. उसके बिना कैसे रहूंगी ये सोच कर ही दर्र लग रहा था.
विजय (खुश हो कर): ओक दी.
मैने खड़ी हो कर विजय को सोफा पर बिता दिया, और उसके लंड पर चढ़ कर उछाल-उछाल कर चूड़ने लगी. मैं इस ट्रिप में इतना खुल गयी थी, की मुझे कोई फराक नही पद रहा था की मेरे दो और कज़िन मुझे ऐसे देख रहे थे. विजय से चुड़वते हुए मैं उसको किस कर रही थी.
मैं छूट में लंड लेकर ट्विस्ट कर रही थी. मेरी रफ़्तार और पॅशन्स के आयेज विजय 10 मिनिट भी टिक नही पाया, और मेरी छूट में झाड़ गया. मैं फिर भी उसकी गोदी में बैठी रही और उसको लगातार 5 मिनिट तक किस करती रही. विजय के मूह में जीभ डाल कर उसको डीप किस कर रही थी. विजय को तो सास लेने का भी मैं मौका नही दे रही थी. जब हमारी किस टूटी, तब विजय ने गहरी साँस ली.
विजय: दीदी क्या था ये? ऐसा किस तो मैने लाइफ में नही किया.
मैं: मज़ा आया ना ब्रो?
विजय: एस दीदी. योउ अरे आसम.
मैं अब उसको देख कर मुस्कुराइ, और उसके गाल पर किस किया, और खड़ी हो गयी. मैने मोहित का हाथ पकड़ कर खड़ा किया, और उसके आयेज घोड़ी बन गयी.
मैं: मोहित प्लीज़ मुझे छोड़ो. मैं अभी भी बहुत प्यासी हू.
मोहित: दीदी अरे योउ शुवर? आप एक साथ दोनो भाइयों से?
मैं: कल रात आप दोनो ने यही तो किया था. उस टाइम पर सोचा नही, तो अब क्यूँ सोच रहे हो? (पता नही पर मैं ऐसा दोनो को क्यूँ कह रही थी. शायद अब मुझे हार्डकोर चुदाई की आदत पद गयी थी).
मोहित: ई आम सॉरी दीदी. हमे बहुत पछतावा है कल रात की हरकत से. आप हमे जो चाहे सज़ा दे सकती है.
मैं: अर्रे पागल, मैं तुम दोनो को क्या सज़ा दूँगी? मैं तुम्हे सच कह रही हू. प्लीज़ तुम मुझे आचे से छोड़ो. तुम तो कह रहे थे की पता नही ये मौका मिले ना मिले. तो डियर आज का दिन हमारा आखरी है. पता नही इसके बाद आप दोनो कब मुझे एक साथ छोड़ोगे? प्लीज़ मुझे इतना छोड़ो की मेरी चीखें निकल जाए.
शालिनी: तुम पागल हो गयी हो क्या? मॅर जाएगी तू.
विजय: हा दीदी 2-4 दिन रहने देते है ना. उसके बाद फिर से करते है.
मैं: 2-4 दिन में तो तू लंडन चला जाएगा. उसके बाद तू मुझे कहा मिलने आएगा? और मोहित तुम मेरी चिंता नही करो. मैं बिल्कुल ठीक हू.
अब मैं मोहित से सामने फिर से घोड़ी बन गयी. शालिनी ने मोहित के लंड के उपर ढेर सारा थूक लगाया और उसको मसल कर खड़ा कर दिया. मोहित ने लंड जैसे अंदर डाला, मेरी चीख निकल गयी.
मोहित: अरे योउ ओक दी?
मैं: हा मैं ठीक हू. अब चुप रहो, और मेरी चुदाई करो.
मोहित अब मेरी कमर पकड़ कर मुझे हल्का-हल्का छोड़ रहा था. स्लोली चुदाई में मुझे लंड पूरा फील हो रहा था. मैं मस्ती में मोन कर रही थी. पुर हॉल में पाक-पाक साउंड बाज रहा था. मेरे से अब रहा नही जेया रहा था. मेरी छूट फिर से चूड़ने के लिए रेडी हो गयी थी.
मैं: मोहित प्लीज़ ज़ोर से छोड़ ना. खाना नही खाया तो ताक़त नही है क्या?
मेरे इतना कहते ही मोहित ने मेरे बाल पकड़ लिए, और शालिनी और विजय के सामने मुझे कुटिया बना कर छोड़ रहा था. विजय का फेस देख कर मुझे हस्सी आ रही थी. वो मेरी लिव चुदाई देख कर शायद एंजाय कर रहा था. शालिनी और विजय मेरी चुदाई देख कर हॉर्नी हो गये.
शालिनी और विजय अब स्मूच कर रहे थे, और दोनो एक-दूसरे की बॉडी की चुसाई और चटाई करने लगे. यहा मोहित ने लगातार मेरी 20 मिनिट तक डिफरेंट पोज़िशन में चुदाई करी, और वो भी मेरी छूट में झाड़ गया. अब विजय का लंड फिर से खड़ा हो गया था.
मैं: वाउ विजय, तेरा तो फिर से खड़ा हो गया. आज एक और रौंद चुदाई करते है.
विजय: दीदी अरे योउ शुवर? मुझे नही लगता आप अब चूड़ने की हालत में हो (मैं वैसे भी 4-5 बार झाड़ चुकी थी. मेरे बाल बिखर गये थे).
मैं: ई आम आब्सोल्यूट्ली फाइन ब्रो. लेट’स दो इट लास्ट टाइम. और तुम ये समझ लो की ये हमारे बीच आखरी बार हो रहा है. शायद आयेज चल कल मौका मिलेगा ऐसा लगता नही है.
विजय मुझे गोदी में उठा कर बेडरूम में ले गया, और मुझे बेड पर सुला कर मुझे मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने लगा. उसके बाद उसने मेरी एक टाँग उठा कर कुछ 10 मिनिट चुदाई करी, और छूट में झाड़ गया. मेरी छूट फिर से मेरे भाई के स्पर्म से भर गयी. सच काहु दोस्तों, तो मेरी इतनी भी हालत नही थी की मैं बातरूम जेया कर फ्रेश हो साकु.
मैं तक कर वही बेड पर सो गयी. कुछ समय बाद मुझे कुछ हरकत दिखी. मैं इतनी तक गयी तो मेरी आँख भी नही खुल रही थी. मैने जैसे-तैसे अपनी थोड़ी आँख खोल कर देखा तो शालिनी मुझे ड्राइ क्लीन कर रही थी. और उसने शायद विजय की हेल्प लेकर मुझे त-शर्ट और शॉट्स पहना दिया.
मैं गहरी नींद में सो गयी. मैने जोश में आ कर चुदाई को करवा ली, पर उसका नतीजा भी भुगतना पड़ा. मुझे फीवर हो गया. शाम को मुझे इन सब लोगों ने दवाई खिलाई. मेरी इतनी भी हालत नही थी की मैं बेड से उठ साकु.
रात को मेरे से खाना खाया भी नही गया. मुझे हाइ फीवर हो गया था. शालिनी के ज़्यादा फोर्स देने पर मैं सिर्फ़ जूस पी कर सो गयी. 3-4 दिन से जो रफ चुदाई हुई थी, और मेरी नींद भी पूरी नही हो रही थी. उपर से दवाई का असर था उसकी वजह से मैं सुबह तक उठी नही.
नेक्स्ट मॉर्निंग मुझे एक-दूं फ्रेश फील हो रहा था. मैं अब बिल्कुल ठीक हो गयी थी. विजय ने मेरी पॅकिंग भी कर ली थी, और सब लोग रेडी हो गये. उसके बाद उन्होने मुझे जगाया.
शालिनी: हे बेबी? हाउ दो योउ फील नाउ?
मैं (वित आ बिग स्माइल): ई आम आब्सोल्यूट्ली फाइन डियर.
विजय: दीदी हम तो कल दर्र गये थे, की आपको क्या हो गया होगा?
मैं: मुझे कुछ नही हुआ है ब्रो. अब मैं ठीक हू. शालिनी तुम कैसी हो अब?
शालिनी: मैं भी अब बिल्कुल ठीक हू. बस गांद मरवाने के लायक नही हू (वो हासणे लगी). और ये दोनो ने अर्ली मॉर्निंग 1-1 रौंद मेरे साथ कर लिया है.
मैं: श नाइस.
उसके साथ हम सब हासणे लगे. मैं उठ कर बातरूम गयी, और मैने अपने आप को बिल्कुल ठीक पाया. उसके बाद मैं फटाफट रेडी हो गयी. मैने ब्लू जीन्स और रेड शर्ट पहना. उसके अंदर मैने ब्रा भी रेड कलर का पहना था. मुझे विजय और मोहित देखते ही रह गये. मैं जब कार में बैठी, तब मैने उपर के 2 बटन खोल दिए.
विजय (मेरे कान में): दीदी तुम आज बहुत सेक्सी लग रही हो. मॅन कर रहा है यही शुरू हो जौ.
मैं: अभी तोड़ा कंट्रोल करो. घर चल कर करेंगे रात को (मैने उसको नॉटी स्माइल पास की).
पुर रास्ते हम सब मस्ती मज़ाक करते गये. हम चारों में डिसाइड हुआ की ये ट्रिप की कोई भी बात बाहर नही आनी चाहिए. मोहित मुझे और विजय को हमारे घर ड्रॉप करके, शालिनी को उसके घर तक छ्चोढने चला गया.
दोस्तों यहा मेरी कहानी पूरी नही होती है. आपका ढेर सारा प्यार मिल रहा है, उसके लिए मैं आपकी बहुत आभारी हू. आपको मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी कैसी लग रही है वो मूडछंगेरबोय@गमाल.कॉम पर ज़रूर फीडबॅक करना.