दादी-पोते की देसी चुदाई की कहानी

आप सब लोग स्टोरी को बहुत पसंद कर रहे हो. बहुत सारी मोम्स ने भी मैल किया है. वो भी स्टोरी पढ़ कर खूब मज़े ले रही है. बहुत सारी लड़कियाँ, भाभियाँ, और मोम्स घर में ही मज़े ले रही है.

मोनिका को मैने बोल दिया की आज दादी को छोड़ना है. वो शाम को मेरे पास आ गयी.

मोनिका: तोड़ा अंधेरा हो गया है. दादी जी ने खाना खा लिया है. अब वो फ्री है.

अमित: मैं पीछे रूम में जाता हू. तू दादी जी को बोल की पीछे नौकर राम कुमार बुला रहा है, कोई काम है. पूछे तो बोल देना की मुझे अमित भाई ने कहा था.

मोनिका: फिर?

अमित: वो रूम में आएँगी तो मैं पकड़ लूँगा.

मोनिका: यार चुदाई तो मुझे भी देखनी है.

अमित: तू आ जाना.

मोनिका को मैने समझा दिया. वो दादी जी के पास गयी.

मोनिका: वो राम कुमार बुला रहा है दादी जी आपको.

दादी जी: अर्रे वो कल तो आया था! आज फिर उसको काम है. अछा मैं आती हू.

दादी जी चुप-छाप कमरे में आ गयी. रूम में अंधेरा था. मैने आते ही पीछे से पकड़ लिया.

दादी जी: अर्रे तू कल भी आया था. आज फिर तेरा मूड बन गया क्या?

मैने उसको झट से झुका लिया, और अपना लंड छूट पर रखा, और शॉट मारने लगा.

दादी की छूट ठीक थी.

दादी जी: अर्रे क्या खा कर आया है तू? ऑश लोड्‍ा तो पूरा तन्ना हुआ है. ऑश ओह अछा लग रहा है.

मैने थोड़ी देर शॉट मारे तो दादी जी आ आ करने लगी.

दादी जी: अर्रे वाह आहह क्या खा कर छोड़ रहा है? लंड तो खूब तन्ना हुआ है. तू बोल क्यूँ नही रहा है?

अमित: अर्रे दादी जी मैं हू आपका पोटा.

ये सुनते ही दादी चौंक गयी. वो हड़बड़ा गयी.

दादी जी: अर्रे मितू तू क्या कर रहा है? अर्रे छ्चोढ़ मुझे, कोई देख लेगा. तू यहा कैसे आया?

अमित: अर्रे दादी जी अभी तो मेरे लंड से बहुत मज़ा आ रहा था. अब क्या हुआ? मैने आपको रामू से चुड़वते काई बार देख लिया है. अब मैं छोड़ूँगा तुझे.

दादी जी: श तूने सब देख लिया. तू तो काम का है. तेरा लंड तन्ना हुआ है. छूट को पता चल गया. मज़ा भी बहुत आ रहा है.

मैने झट से दादी जी को सीधा किया, और उसके लिप्स चूज़. दादी आ आ करने लगी.

अमित: चल मेरे रूम में उपर, तुझे ढंग से छोड़ूँगा.

दादी जी: आहह बेटा तू तो बहुत अछा चूस्टा है. कोई देख ना ले. तेरे रूम में कोई आ गया तो? यही ठीक है. रामू यही छोड़ता है.

अमित: उपर चल रूम लॉक करके छोड़ूँगा. चल ना मेरी जान.

दादी जी को पीछे से पकड़ा, और रूम में ले आया.

दादी जी: तू उपर चल, मैं अभी आती हू. बहू और मोनिका से बच कर चलना.

अमित: दर्र मत यार, तू चल उपर. मैं सब को देख कर आया हू.

दादी उपर आ गयी थी. मोनिका मेरे पास आ गयी. मैने मोनिका को बोल दिया की तू बाहर से सब देख लेना. मों तो उपर आएँगी नही.

दादी रूम में खड़ी थी. मैं रूम में गया और एसी ओं कर दी. मैं खुद नंगा हो गया. मेरा लंड तन्ना हुआ था. दादी जी ने तनने हुए लोड को गौर से देख लिया. वो चौंक गयी थी.

दादी जी: ऑश तेरा तो बहुत लंबा है. ऑश तू तो सच में जवान हो गया है. तेरे दादा जी जैसा है तेरा लंड तो.

अमित: चल तू भी नंगी हो जा. दादा जी को बहुत छूट दी है, अब पोते को भी दे दो.

दादी जी: अर्रे बहुत बोल रहा है तू. अमित कहा से सीखा ये तूने?

मैने दादी जी को झट से नंगी कर दिया. दादी जी काफ़ी मस्त माल लग रही थी. मैने उसको पकड़ कर अपनी बाहों में भर लिया.

दादी जी: ऑश लाइट तो बंद कर दे. कोई देख लेगा.

अमित: लाइट में ही चुदाई होगी मेरी जान. तेरी छूट बूब सब दिखेंगे तभी तो मज़ा आएगा.

मैने झट से दादी जी के लिप्स पर लिप्स रख दिए और चूसने लगा.

दादी जी: ऊओ मितू आअहह बहुत आचे. उन्न्ह उउम्माहह आहह हाअ.

अमित: ऑश साली बहुत मस्त माल है तू. ऑश आअहह मुझे भी खुश कर दे. ऑश क्या गाल है तेरे.

दादी जी: ऑश वाह तेरे जैसा जवान ही मेरी आग बुझाएगा. ऑश घर में जवान लंड के होते मुझे नौकर से चुड़वणी पद रही है. आहह मितू चूस, चूस मेरे बूब्स भी चूस. ऑश बहुत अची चूस्टा है तू. शाबाश बेटा वाह.

मैने दादी जी के बूब्स चूसने भी शुरू कर दिए. गोरे-गोरे बूब्स चूस कर मज़ा आ रहा था.

अमित: ऑश गोरे-गोरे बूब्स मस्त है. ऑश मज़ा आ रहा है.

दादी जी: ऑश आअहह मितू बेटा आअहह चूस, चूस आअहह. बहुत टाइम बाद किसी ने ढंग से मुममे चूज़ है मेरे आअहह वाह.

अमित: ऑश यार आअहह वाह मेरी छूट.

मैने काफ़ी देर तक बूब चूस कर दादी को गरम कर लिया था. बाहर मोनिका दीदी सब देख रही थी. मैने दादी को चारपाई पर लिटा लिया और उपर चढ़ कर छोड़नी शुरू कर दी. दादी जी पूरी मस्त हो गयी थी. वो हस्स-हस्स कर बात कर रही थी.

दादी जी: वाह मेरे शेर आअहह तेरा लंड बहुत टाइट है. आअहह छूट की प्यास तेरे लंड से ही बुझानी है. ऑश इस आगे में लोड्‍ा इतना बड़ा है. लगता है तेरे दादा जी से भी लंबा लोड्‍ा होगा.

अमित: ऑश साली कुटिया आअहह चुप-छाप छूट देती रहो. आहह मज़ा आ रहा है.

मैं बीच-बीच में दादी जी के बूब्स भी चूस रहा था. वो काफ़ी खुश थी.

अमित: ऑश छूट तो मस्त है तेरी. अभी भी छोड़ने में मज़ा आ रहा है.

दादी जी: ऑश वाह तेरे लंड के क्या कहने. ऑश वाह मान गयी तुझे. ऑश बहुत टाइम बाद किसी डुमदार लंड से चुड रही हू.

अमित: रामू का लंड कैसा है?

दादी जी: तेरे जैसा नही है, बस काम चलौ है.

अमित: तू तो एक-दूं मस्त माल है. गोरी भी बहुत है. बूब भी बढ़िया है. छोड़ कर मज़ा आअएगा मेरी जान.

दादी जी: तेरा मॅन करे उतनी छोड़ ले मुझे. पर किसी को बता मत देना की तू मुझे छोड़ता है.

अमित: ऑश मुममे चूसने दे यार. श क्या बूब पाल रखे है. ऑश चुचि चूसने दे. ऑश तेरी गोरी छूट छोड़ूँगा तब मज़ा आएगा.

दादी जी: ऑश मुममे चुस्वा कर अछा लग रहा है. तू तो बहुत तेज़ निकला! मैने तो सोचा भी नही था की तू मुझे छोड़ने के लिए तैयार हो जाएगा. आह ये बूब भी चूस. कैसी लगती हू मैं तुमको?

अमित: ऑश बहुत मस्त माल है तू. ऑश तेरे मुममे देख कर तो लोड्‍ा खड़ा हो जाता है. ऑश दादी जी आराम से छूट छुड़वा ले.

दादी जी: तेरे दादा जी बहुत छोड़ा करते थे. तू भी उनके जैसे ही चुम्मा-छाती कर रहा है.

अमित: मैं भी उनका ही खून हू ना.

दादी जी: एक बात बताओ क्या? किसी को मत बताना. तू सच में तेरे दादा जी का ही खून है.

अमित: मतलब?

दादी जी: अर्रे तेरी मों को तेरा पापा ढंग से छोड़ नही पाता था. तेरी मों को तेरे दादा ने छोड़ना शुरू किया था. उसको बच्चा भी तेरे दादा जी से मिला था. मतलब वो तेरे दादा ना हो कर तेरे असली पापा है.

अमित: ऑश मों को अब भी छोड़ते है क्या?

दादी जी: बेटा मर्द को एक बार कोई छूट मिल जाए, तो उस छूट का चस्का पद जाता है. वो तो अब भी छोड़ते है.

अमित: मों को शरम नही आती की वो अपने ससुर के साथ सोती है?

दादी जी: अर्रे उसको तो बहुत मज़ा आता है. अगर तेरा पापा उसको ढंग से छोड़ता तो वो दादा जी से नही चुड़वति. मजबूरी भी कोई चीज़ होती है.

अमित: यार मेरे पापा का लोड्‍ा खड़ा क्यूँ नही होता?

दादी जी: वो सच में तेरे दादा की औलाद नही है. हमारे 2 नौकर थे. जब मैं बहू बन कर आई थी तो कुछ दिन बाद घर के पीछे गयी, तो उन दोनो मुझे पकड़ कर छोड़ा था. उनमे से एक नौकर का लोड्‍ा काम नही करता था.

दादी जी: पहले वाले ने मुझे छोड़ लिया था. मगर दूसरे वाला मेरी छूट में झाड़ गया था. मुझे यकीन है की वो बच्चा ही तेरा बाप है. अगले दिन दोनो नौकर गाओं छ्चोढ़ कर ही भाग गये.

अमित: ऑश कुछ भी हो आप मुममे तो अब भी बहुत आचे है.

मैं दादी के मुममे दबा-दबा कर चूस रहा था. रूम में एक-दूं गोरी दादी को चूड़ने वाला था. मैं दादी की छूट सहलानी शुरू कर दी. दादी गरम हो गयी.

अमित: ऑश चल यार उधर चारपाई पर लेट जेया.

दादी जी लेट गयी. मैने उनकी छूट पर लंड रखा, और दादी पर झुक कर शॉट मारने लगा. लंड छूट में घुस गया.

दादी जी: ऑश आअहह वाह बेटे वाह, कमाल का लंड है. ऑश इतनी उमर में कितना टाइट और लंबा लोड्‍ा है तेरा.

अमित: ऑश क्या छूट है मेरी जान. ऑश मज़ा देगी तू.

तभी वाहा मोनिका आ गयी.

मोनिका: अर्रे दादी के साथ क्या कर रहे हो भाई?

दादी जी एक-दूं से चौंक गयी.

दादी जी: कुछ नही बेटा, कुछ नही. तू किसी को ब्टा मत देना. मितू मेरी हेल्प कर रहा है. मुझे खुजली हो रही थी, तो ये उसको सही कर रहा है.

मोनिका: ओह मेरे भी होती है यहा.

दादी जी: अमित तेरी बेहन भी तैयार है. इसको भी सही कर दे. तुम गाते बंद कर दो सब बात बताती हू.

दीदी ने स्माइल देते हुए गाते बंद कर दिया.

मोनिका: ऑश मेरे भी हो रहा है कुछ-कुछ.

अमित: दादी तुम कहो तो इसको भी आपकी तरह छोड़ लू?

दादी जी: कर लेना, पर ध्यान से. कोई देख ना ले.

अमित: ऑश मज़ा आ रहा है. दीदी तू दादी जी के मुममे चूस.

मोनिका शुरू हो गयी. दादी जी काफ़ी खुश हो गयी. मैं ज़ोर-ज़ोर से दादी की छूट पेलने लगा.

दादी जी: ऑश आअहह बेटा तुम दोनो मेरी सच में छूट छोड़ दोगे. ऑश मोनिका को भी तैयार कर ले. घर की छूट को घर में ही छोड़ कर खुश रख. ऑश बहुत मज़ा आ रहा है.

अमित: ऑश मुझे भी मज़ा आ रहा है.

दादी जी: ऑश छोड़ मेरे बेटे, छोड़. ऑश मज़ा आने वाला है.

मैने कुछ देर दादी को छोड़ कर घोड़ी बना ली, और फिरसे दादी की छूट छोड़ने लगा. दादी की बॉडी अची ख़ासी जवान थी. उनको छोड़ कर मज़ा आ रहा था. दादी भी पूरा मज़ा ले रही थी.

दादी जी: ओह ऐसे तो बहुत मज़ा आ रहा है.

मोनिका: अर्रे दादी जी के मुममे बहुत हिल रहे है. बूब्स पकड़ कर शॉट मारो. तुम्हारा लंड बार-बार बाहर नही निकलेगा.

मैने वैसे ही किया. बूब्स पकड़ कर शॉट मारने लगा तो चुदाई काफ़ी ईज़ी हो गयी. बूब्स पकड़ कर मज़ा भी आ रहा था, और लंड भी सीधा छूट छोड़ रहा था.

दादी जी की छूट बहुत ज़्यादा टाइट नही थी. बुत मज़ा आ रहा था. दादी जैसी गोरी औरत घोड़ी बनी हुई हो तो छोड़ने का मज़ा अपने आप ही आने लगता है.

घर की छूट को छोड़ने का मज़ा अलग ही होता है. चोरी-च्छूपे घर की छूट छोड़ने का अलग ही मज़ा था. दादी जी को काफ़ी मज़ा आ रहा था. मैं भी दादी के बूब दबा-दबा कर छोड़ रहा था.

दादी जी: ऑश बेटा श तू तो बहुत आचे से छोड़ रहा है. ऑश मुममे पकड़ कर छोड़ने में मज़ा आता होगा तुमको? ऑश मुझे तो बहुत अछा लग रहा है.

अमित: ऑश बेहन की छूट ऑश बहुत मज़े दे रही हो. ऑश तुझे तो अब डेली छोड़नी है. ऑश दादा जी ने बहुत छोड़ ली, पोते को भी मज़ा देदे मेरी जान.

दादी जी: ऑश बेटा छोड़-छोड़ मेरी छूट ऑश छूट अब तेरी है. बस बताना मत किसी को छोड़ मेरी छूट.

मोनिका: आहह क्या सीन है भाई. दादी जी बहुत मस्त घोड़ी बनी हुई है. श देख बहुत अची लग रही है.

दादी जी चुड रही थी. लंड छूट से बार-बार अंदर-बाहर हो रहा था. कुछ देर बाद दादी खूब गरम हो गयी.

दादी जी: ऑश आअहह ज़ोर से छोड़. झड़ने वाली हू. ऑश मितू बेटा छोड़ मेरी छूट.

कुछ देर में दादी झाड़ गयी. मैं कुछ देर बाद दादी की छूट में झाड़ गया. मैने छोड़ने के बाद दादी के बूब्स दबाए और मुममे भी चूज़. दादी को नंगी देख कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उन जैसी गोरी औरत को छोड़ने में मज़ा भी बहुत आया था.

दादी जी: ऑश बहुत टाइम बाद इतनी मस्त छोड़ी है मुझे. ऑश ऑश ये राज़ बताना मत. तेरी दीदी को भी ऐसे ही छोड़ लिया करो. मुझे अब नीचे जाना है.

दादी जी ने कुछ देर बात की और फिर घग्रा कुर्ता पहन कर चली गयी. वो छुड़वा कर काफ़ी खुश थी. स्टोरी अची लगी तो बताना

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