वेलकम तो मी फॅमिली सेक्स स्टोरी. लेट’स स्टार्ट-
मों और दीदी की छूट छोड़-छोड़ कर खूब मज़े ले रहा था. रात को दोनो छूट मेरे साथ ही सोती थी. कभी मों तो कभी दीदी दोनो बारी-बारी से छूट छुड़वा रही थी. शाम को दादा जी भी आ गये.
मोनिका: यार दादा जी आ गये, लगता है रात को मों को पेलेंगे.
अमित: कोई बात नही, मैं तुमको छोड़ लूँगा दीदी.
मोनिका: मों ने हमारा बता दिया तो?
अमित: कोई बात नही. मैं और दादा जी मों को एक साथ पेलेंगे.
मोनिका: ऑश वाउ. मतलब आयेज-पीछे से?
अमित: आज मों चूड़ने जाएगी तो हम दोनो भी जाएँगे. अंदर मों चूड़ेगी दादा जी से, और बाहर मैं तुझे छोड़ूँगा.
मोनिका: यार दादा जी कही मुझे ना छोड़ने लग जाए. मुझे तो बस तेरे साथ ही करना है.
अमित: कोई बात नही, वैसे मैं तुम को किसी और से छुड़वाना पसंद नही करता.
मोनिका: थॅंक्स छ्होटे. तेरे साथ मज़ा आता है बहुत.
तभी मों भी रूम में आ गयी. उसने रेड कलर का सूट पहन रखा था. उसमे गोरे-गोरे बूब्स बाहर निकलना चाहते थे.
अमित: वाउ यार मों, क्या लग रही हो.
मों: अर्रे तेरे दादा जी के लिए पहना है. काई दिन बाद आए है, तो आज बुला रहे है.
मोनिका: फिर तो खूब मज़ा लेंगे मों के. दादा जी ने बुलाया है क्या?
मों: ह्म मुझे देखते ही खड़ा हो जाता है उनका. आज पहले उनको खुश करना होगा, टाइम से छ्चोढ़ दिया तो यहाँ आ जौंगी.
अमित: ऑश लगता है आज तो सारी रात छोड़ा-छोड़ी चलेगी. इतनी मस्त माल को कौन छ्चोढेगा?
मों: वो तो देख लेना. तुम आओगे क्या? तुम चाहो तो तू और ससुर जी दोनो एक साथ कर सकते हो. मज़ा भी आएगा.
अमित: हम तो बाहर से देखेंगे.
मोनिका: ह्म यार मेरा मत बता देना. मुझे नही चुड़वणी अभी.
अमित: यार दो मर्द औरत को एक साथ छोड़ते है, तो बहुत मज़ा आता होगा.
मों: आता ही होगा. एक औरत को दो मर्द आचे से संभाल सकते है.
मोनिका: एक छोड़ेगा और दूसरा बूब्स चूसेगा, या फिर मूह में डाल कर चुस्वाएगा. बारी-बारी से करेंगे तो मज़ा तो बहुत आएगा.
मों: मैं अब जेया रही हू. मैं बस बताने आई थी. ससुर जी बुला रहे है.
मों स्माइल देती हुई चली गयी.
अमित: दीदी यार मों कितनी मस्त लग रही है. मों के बूब्स देख कर तो छोड़ने का मॅन होता है. कितने मस्त बूब है साली के. लोड्ा तंन जाता है. मों को जब छोड़ता हू तो छूट भी बहुत मस्त है. मों पर चढ़ने का मज़ा आ जाता है.
मोनिका: ह्म मों के बूब बहुत मस्त है. बूब की दरार देख कर किसी का मान भी दोल सकता है. मों हेरोयिन जैसी लगती है.
अमित: ह्म.
मोनिका: यार दादा जी ने बहुत मज़े लिए है मों के. इतने साल से छोड़ रहे है, और अभी भी बुला-बुला कर छोड़ते है.
अमित: यार मों मस्त माल है. बूब्स मस्त है, उतनी ही गांद मस्त है. जब चलती है तो कितनी मस्त लगती है.
मोनिका: मों का फिगर भी अछा है.
अमित: मों को पीछे से पकड़ता हू तो मुझे भी मज़ा आता है. गांद से लोड्ा लगता है तो मज़ा आता है.
मोनिका: ह्म मों जब घोड़ी बनी होती है तब बहुत मस्त लगती है. मों के बूब्स हिलते है तो और भी मस्त लगती है.
अमित: चल यार मों अब दादा जी के पास पहुँच गयी है. फटाफट कपड़े खोल दे, नंगे ही चलेंगे.
मोनिका: ह्म मों को देख देख कर छोड़ोगे क्या?
अमित: ह्म मों और बेटी दोनो चूड़ोगी.
दीदी को मैने नंगी कर दी. मैं खुद भी तैयार हो गया. दीदी मेरे लोड को देख रही थी, और स्माइल भी दे रही थी. मैने उसको अपनी और खींचा और लिप्स चूज़. दीदी मानो तैयार ही बैठी थी. वो भी पूरा साथ दे रही थी.
मोनिका: चल यार मों की चुदाई देखनी है.
दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा, और हम बाहर आ गया. बाहर अंधेरा था. मैने दीदी की कमर पर हाथ रख लिया, और हम दादा जी के रूम पर आ गये. अंदर देखा तो दादा जी मों के बूब चूस रहे थे.
मों: ऑश ससुर जी ऑश आराम से चूस लो आअहह आहह आराम से चूस लो. इतनी जल्दी क्या है ससुर जी ऑश.
दादा जी: बहू चूसने दे ऑश क्या मुममे पाल रखे है तूने बहू. ऑश साली कितनी मस्त बहू है तू, तुझे नही पता. ऑश मुममे चूस लेने दे एक बार.
मों: आपने ही चूस-चूस कर इतने बड़े कर दिए. मुममे बहुत चूस्टे हो आप.
दादा जी: ह्म मेरी बहू है तो मैं ही चूसूंगा तेरे मुममे. बड़ा मज़ा दे रही हो बहू. ओह आअहह साली दोनो बूब्स मस्त है तेरे.
मों: ऑश ससुर जी चुचि खाओगे क्या?
मोनिका: ऑश वाउ, मज़ा ले रहे है मों के दादा जी.
अमित: ह्म बहू को कैसे छोड़ रहा है दादा. दादा जी ने तो मों को बहुत छोड़ी है.
तभी दादा जी ने मों के बूब्स चूसने बंद कर दिए, और लिप्स चूसने शुरू कर दिए. दादा जी ने एक हाथ पीठ पर और दूसरा हाथ मों के सिर के पीछे लगा कर अपनी और खींच लिया. वो मों को चूस रहे थे.
मों के बूब्स दादा जी के सीने से लगे हुए थे. मों की निपल्स दादा जी के सीने से लगे हुए थे. ये देखते ही दीदी झट से अपने होंठ मेरे होंठो पर रख कर चूसने लगी. मैं भी दीदी का साथ देने लगा. दीदी काफ़ी आचे से चूस रही थी.
अमित: ऑश दीदी अया मस्त चूस्टी हो.
दीदी ने काफ़ी देर तक चूसा, और फिर हम दोनो मों की चुदाई देखने लगे. मों की आ आ सुन कर लग रहा था की दादा जी आचे से मों के मज़े ले रहे थे.
दादा जी: श बहू तेरे मुममे ऑश बहुत मस्त है. ऑश चुचि मेरे सीने से लगने दे.
मों: ससुर जी आप तो मेरे मुम्मो के भी मज़े ले रहे हो. अब सीने से लग कर दबा रहे हो.
दादा जी मों के मुममे अपने सीने से लगा कर मों की पीठ दबा रहे थे. मों की चुचियाँ रग़ाद खा रही थी.
मों: ऑश अब लंड चूसने दो. चुचि बहुत दबा ली.
दादा जी: ऑश बहू तेरे मुममे दबा कर मॅन ही नही भरता. ऑश लंड पकड़ेगी तभी मज़ा आएगा.
मों लंड को पकड़ कर आयेज-पीछे करने लगी. वो लंड चूस रही थी. दादा जी रिलॅक्स हो कर बैठ गये.
अमित: दीदी तू भी ऐसे ही चूसा कर मेरा लंड. मों देख कितना मज़ा दे रही है.
मोनिका: ह्म करूँगी यार. दादा जी मों को कब पेलेंगे?
मैने दीदी को किस किया, और उसके बूब्स दबाने लगा. मैने मेरा लंड दीदी के मूह की तरफ कर दिया, और दीदी का सिर पकड़ लिया. दीदी मेरे लोड को चूसने लगी. मुझे मज़ा आ रहा था. दीदी सच में बहुत मस्त चूसने लगी थी.
अमित: दीदी वाह, चूसो मेरा लोड्ा. ऑश आहह अछा लग रहा है. आअहह आअहह मज़ा आएगा.
दीदी ने कुछ देर तक लोड्ा चूसा और फिर अंदर देखने लगी. दादा जी ने मों को बेड पर लिटा लिया. फिर मों की टाँगें उपर की और मों की छूट पर अपना लंबा लंड रखा और शॉट मारने लगे.
मों: ऑश ससुर जी आअहह आपके लोड का जवाब नही आअहह बहू को जी भर कर छोड़ो.
दादा जी: बहू आहह तेरी छूट में जेया कर लंड निहाल हो गया. ऑश कितनी मस्त छूट है तेरी ऑश ऊओह बहू दिल खुश कर दिया.
मों: ससुर जी छोड़ लो बहू की छूट. आज छुड़वाने ही आई हू.
दादा जी: बहू आहह तेरी मक्खन छूट है, ऊवू बेटे के लिए लाया था. ऑश बहू मेरे लिए काम आ रही हो.
मों: ऊओ आहह आपका लोड्ा आअहह छूट फाड़ेगा मेरी. आ पूरा ही घुसेध दिया.
दादा जी: अब रहा नही जेया रहा है बहू. साली कुटिया आहह तेरी छूट छोड़ने दे.
दादा जी ने अब मों की टाँगों को पकड़ लिया था, और ज़ोर-ज़ोर से मों को छोड़ना शुरू कर दिया. मों की आवाज़ रूम में गूंजने लगी. दादा जी बहुत ज़ोर से मों की छूट मारने लगे.
दादा जी: बहू आहह मज़ा आ रहा है. हिल मत कुटिया छुड़वा ले ढंग से. हिल मत मेरी रंडी, बहू आज तेरी छूट मज़े से भरनी है.
मों: ऑश पापा जी आअहह आहह बहुत मज़ा आ रहा है. ऑश मेरी छूट ऊहह पापा आअहह.
दादा जी: बस ऐसे ही मरवती रहो कुटिया. ऑश तेरी छूट छोड़ कर मज़ा आ रहा है. तेरी छूट ऑश आअहह बहू रंडी साली आहह छोड़ने के लिए लाया हू. रंडी साली मेरी रखैल है तू.
मों: ऑश ससुर जी आअहह मज़ा आ रहा है बहुत. छोड़ सेयेल छोड़ मेरी छूट.
दीदी ये सब देख कर काफ़ी खुश हो गयी.
मोनिका: भाई दादा जी तो सच में मों की ले रहे है. देख कैसे टाँग पकड़ कर चुदाई कर रहे है. मों बेचारी ऐसे क्यूँ लेती हुई है?
अमित: मों को बहुत मज़ा आ रहा है. तभी तो मरवा रही है.
मोनिका: ऑश मों चिल्ला तो बहुत रही है.
मों: ऑश आआहह चुड रही हू.
दादा जी: छोड़ने के लिए ही तो रखा है तुझे घर में. बहू तेरी छूट लेकर मज़ा बहुत आता है. ऑश बहू तेरी जवान छूट छोड़ने का सुख मुझे बहुत मिला है. ऑश तू मेरी रंडी है.
मों: ऑश अब घोड़ी बना लो मुझे ससुर जी. पीछे से छोड़ लो.
मों झट से घोड़ी बन गयी. दादा जी ने मों की छूट पर लंड रखा, और मों की कमर पकड़ कर फिर शुरू हो गये.
दादा जी: बहू आहह ऐसे तो मज़ा बहुत आएगा. क्या छूट है तेरी ऑश. कैसे भी छोड़ लो बहू तुमको, मज़ा बहुत देती हो.
मों: ससुर जी आअहह अब छोड़ो आचे से. लंड को आचे से आने दो. ऑश आओउउन्ण उउऊईई माआ उउईई माआआअ.
मोनिका: ऑश वाउ भाई, मों को देख कितनी मस्त लग रही है. तू मों को छोड़ता है तो बिल्कुल ऐसे ही दिखती है.
अमित: बस एक बार मों को चुड जाने दे. फिर मैं छोड़ूँगा साली को. बहुत नखरे कर रही है. तेरी भी छूट मारूँगा. साली मों और तुझे दोनो को पेलुँगा.
मोनिका: छोड़ लेना, अभी तो मों को चुड जाने दे.
दादा जी: बहू आअहह मज़ा आ रहा है. ऑश पुर लंड को मज़े दे रही है तेरी छूट. ऑश साली तुझे छोड़े बिना तो लंड को भी नींद नही आती.
मों: ऑश छोड़ लो यार. मैं चूड़ने के लिए ही आई हू. और तुमने भी तो मुझे छोड़ने के लिए रखा है. ऑश आअहह पूरा लंड आअहह अंदर आ रहा है.
दादा जी: आहह बहू अया मेरी जान ऐसे चुड़वति हो तो मज़ा बहुत देती हो. ऊहह ऐसे ही चुड़वति रहो. मज़ा अपने आप आ जाएगा.
मों: ह्म आ रहा है मुझे तो बहुत. ऑश आओउू आाईईए आआऊहह ऊओ याअरररर ऊओहूओ या ऊओ य्ाआ.
दादा जी मों को घोड़ी बना कर पेल रहे थे. मों को काफ़ी ज़ोर ज़ोर से छोड़ रहे थे. दादा का पूरा लंड बाहर निकलता और फिर मों की छूट में चला जाता. सच में दादा जी मों को पेल रहे थे. मोनिका भी मों की चुदाई का मज़ा ले रही थी.
मोनिका: मों को कितनी ज़ोर से छोड़ रहे है. मों को मज़ा आ रहा है.
अमित: ह्म तभी तो बोल रही है की मुझे छोड़ो. दादा जी का लंड लंबा है तो मों को मज़ा आ रहा है.
मों: ऑश आअहह. ऊओ ससुर जी ऊओ चुड रही है आपकी बहू.
दादा जी: ऑश बहू ऑश तुझे छोड़ कर दिल खुश हो जाता है. ऑश बस थोड़ी देर और छुड़वा ले. ऑश बहुत अची घोड़ी हो तुम. लोड्ा भी पूरा ले रही हो. ऑश क्या गांद है तेरी बहू.
मों: ह्म छोड़ लो बहू को.
दादा जी: 5 दिन से नही चूड़ी है तू ऑश.
मों: अर्रे मैं बताना भूल गयी. मितू मुझे 5-6 दिन से छोड़ रहा है. बहुत आचे से छोड़ रहा है.
दादा जी: क्या? ऑश सच में चुड गयी तू?
मों: ह्म उसने पकड़ कर छोड़ ली.
दादा जी: वाउ आख़िर मेरा बेटा है. उसको भी बुला लेती आज. दोनो मिल कर छोड़ते तुझे.
मों: वो सो गया था. उसको मानना पड़ेगा साथ छोड़ने के लिए.
दादा जी: माना लो. मितू और मोनिका को भी. हम सब मिल कर चुदाई करेंगे.
ये बात सुन कर दीदी मेरी तरफ देखने लगी. वो शर्मा भी रही थी और स्माइल भी दे रही थी. मैने दीदी को किस कर लिया. वो मेरे आयेज बैठी थी. मेरे हाथ उसके बूब्स पर घूम रहे थे.
मों: ऑश आआहह बहुत मज़ा आ रहा है ससुर जी. ऊओ लंड में बहुत दूं है अभी.
दादा जी: ऑश बहू मुममे बहुत हिल रहे है तेरे क्या बात है?
मों: पकड़ कर छोड़ लो बहू के मुममे.
दादा जी ने मों के बूब पकड़ लिए और फिर से छोड़ने लगे. वो गोरी-गोरी मस्त मों को छोड़ रहे थे.
दादा जी: ऑश आअहह ऐसे बहुत मस्त लगती हो बहू. तेरे मुममे पकड़ कर छोड़ने में तो बड़ा मज़ा आता है. ओह क्या गांद है तेरी ऊऊहह लंड को बहुत मज़ा आ रहा है.
मों: ह्म्म्म्म. काफ़ी देर हो गयी घोड़ी बनी हुई.
दादा जी: बहू तेरे मुममे पकड़ कर छोड़ने में जो मज़ा है वो किसी और में नही. चल अब खड़े लंड पर कूदने के लिए तैयार हो जेया बहू.
दादा जी ने मों के बूब्स छ्चोढ़ दिए. मों खड़ी हुई तो छूट में से दादा जी का लंड बाहर निकल गया. दादा जी बेड पर लेट गये. लंड तन्ना हुआ था. मों झट से दादा जी के उपर चढ़ कर उपर-नीचे होने लगी.
दादा जी: ऑश बहू तेरी गोरी-गोरी टाँग भी दिखनी चाहिए. ऑश बहू तेरी जाँघ देख कर मज़ा आ रहा है.
मों: ऑश मज़ा आ रहा है. ऑश लंड पूरा घुस जाता है ऐसे. ऑश यार ऊहह कितना टाइट है अभी तक.
दादा जी: जब तेरे जैसी गोरी बहुत मुममे हिला-हिला कर छुड़वा रही हो, तो ससुर का लंड टाइट ही होगा.
मोनिका: ऑश भाई मों देख पोज़ बदल-बदल कर छुड़वा रही है. ऑश तू भी मों को ऐसे छोड़ा कर. मों की टाँग देख ऑश पीछे से मों कितनी मस्त है.
अमित: आयेज से दादा जी मों के बूब देख-देख कर मज़ा ले रहे है.
मोनिका: ह्म बूब तो हम को दिख नही रहे. दादा जी को ऐसी मस्त बहू मिली है, देख मों कैसे मज़े ले रही है.
मों: ऑश आअहह लंड मस्त है. आपके बेटे का भी बड़ा है. वो भी खूब मस्त छोड़ता है मुझे.
दादा जी: ह्म बस उसको तैयार रख. लड़के का जवान लोड्ा ही चाहिए बहू तुझे. बेटे से मरवा लिया कर. ससुर को मज़े दिए है अब बेटे को भी मज़े दे.
मों उपर-नीचे हो रही थी.
दादा जी: वाउ बहू आहह उछाल कूद कर ले. ऑश आहह बहुत अच्छे से छुड़वा रही हो.
मों: ऑश पापा जी आअहह मज़ा आ रहा है. लगता है आप मेरे मुममे देख कर मज़े ले रहे हो.
दादा जी: ह्म बहू तेरे मुममे है हो मस्त. ऑश उपर नीचे होती है तो मुममे मस्त हिलते है. ऑश अब घूम लंड पर आयेज-पीछे.
मों लंड पर बैठ कर शॉट मारने लगी. वो लंड पर ही आयेज-पीछे हो रही थी. कुछ देर तक मों लंड पर उपर-नीचे होती रही. फिर दादा जी ने झट से मों को नीचे किया और उपर लेट कर मों को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगे.
मों: ऊऊहह मार गयी यार आआहह. छोड़ लो आअहह, निकाल दो पानी छूट का. अब छोड़े बिना मत छ्चोढना बहू को ससुर जी.
दादा जी: ऑश आअहह अब छूट छोड़ कर ही हटूँगा बहू. आआहह आआहह मज़ा दे रही है तू बहुत. एक बार छुड़वा ले छूट ऑश मेरी बहू मेरी कुटिया.
मों: ऑश पापा आअहह पापा जी ज़ोर से छोड़ो बहू को, ऑश होने वाला है. पेल दो मेरी छूट.
मोनिका मेरी तरफ देख रही थी.
दादा जी: ऑश आअहह बहू मेरी बहू ऑश आअहह बस 2 मिनिट और मरवा ले बेटा. बहू रानी आअहह ऊहह होने वाला है आहह मेरी रंडी लोंड़िया आअहह मज़ा दे रही हो. श कुटिया आअहह.
मों: ऑश पापा जी ऊऊहह चूड़ने वाली है बहू आपकी. ऊओह मेरी इज़्ज़त आपके हाथो में है पापा जी.
दादा जी: तू बहू मेरी जान है आअहह बस रुक जेया.
मों: ऑश मी हब्बी फक मे यार ओह रंडी को छोड़ ले. छोड़ सेयेल बहू की छूट छोड़. बहू की इज़्ज़त लूट ले आहह. छोड़ अपनी बेटे की बहू को ऊहह.
दादा जी: बहू तेरी इज़्ज़त तो मैं रोज लूट-ता हू.
दादा जी ने मों को नीचे दबा कर छोड़ रहे थे. मों चुड गयी थी. मों चुप हो गयी. दादा जी थोड़ी देर छोड़ी तो दादा जी ने भी मों की छूट में माल छ्चोढ़ दिया. उन्होने मों को छोड़ लिया था. अब दादा जी मों पर लेते हुए थे. वो मों के गाल चूस रहे थे. मों के बूब्स उनके सीने से लग कर डब गये थे.
मों चुप-छाप गाल चुस्वा रही थी. काफ़ी देर बाद भी दादा जी मों पर से खड़े होने का नाम नही ले रहे थे. मुझे ये सब अजीब सा लग रहा था. मुझे अछा फील नही हो रहा था. मों शायद खड़ी होना चाहती थी, बुत दादा जी मों पर ही लेते हुए थे.
मोनिका: यार मों पर से खड़े क्यूँ नही हो रहे दादा जी? दादा जी कितने तगड़े है, मों इतना वेट कैसे झेल रही है?
अमित: यार मुझे भी पता नही. लगता है दादा जी ने मों को रग़ाद कर छोड़े है पूरी. अभी भी मों की छूट में लंड डाल रखा है.
मोनिका: मों के दोनो बूब भी दबे हुए है. दादा जी खड़ा ही नही हो रहा है.
अमित: ऑश ह्म वो मों के मज़े ले रहा है. मों कितनी गोरी और मस्त है, तो मों के बूब को जान-बूझ कर दबा रखा है. मों पर लेट कर सोने में मज़ा आता है. एस्पेशली मों की छूट में लंड डाल कर उपर लेता जाए. मों की जाँघ कितनी मस्त है.
मोनिका: मों की टाँग पर भी लेते हुए है दादा जी.
अमित: नीचे सोई हुई बहू की छूट में से लंड कौन बाहर निकलेगा? मों वैसे भी थोड़ी मोटी है, तो बूब्स दाब कर मज़ा आता होगा.
मोनिका: ह्म.
मों: पापा जी बहू की इज़्ज़त लूट ली. अब खड़े हो जाओ ना.
दादा जी: बहू तेरे पर लेटने में भी मज़ा आता है. इसी बहाने तेरे बूब मेरे सीने से लगे हुए है. कितने मुलायम है तेरे मुममे.
मों: मैं उपर आ जाती हू, मुममे तो वहीं से लगते है.
दादा जी: बहू ऊहह बहुत मज़ा दिया है तूने. ऑश तेरे मुममे बहुत देर से दबा रखे है. एक तू ही जो अपने उपर लिटा कर रखती है. आज तक कोई भी मेरे नीचे ज़्यादा देर नही टिक पयज़.
मों: 18 साल से तो मुझे छोड़ रहे हो. ऑश बूब्स दबा रखे है.
दादा जी खड़े हो गये. मों को किस किया. फिर वो मों के बूब्स और गांद पर हाथ फेरते हुए बेड पर बैठ गये.
दादा जी: बहू आज तका हुआ था पर तूने छूट देकर खुश कर दिया. अब तू जेया आराम कर, कल बेटे को भी साथ लाना.
मोनिका ने इशारा किया की हम दोनो को वहाँ से चलना चाहिए. हम वहाँ से घर की तरफ आ गये. थोड़ी देर में मों निघट्य पहन कर रूम से बाहर आ गयी. फिर क्या हुआ? ये सब पढ़ना अगली फॅमिली सेक्स स्टोरी में. अंिटदेलही701@गमाल.कॉम पर आप अपने विचार भी बता सकते है.