कस्टमर की फॅंटेसी पूरी की

हेलो फ्रेंड्स, विराट राजपूत हियर. आपकी सेवा में फिर से हाज़िर हू एक नयी सेक्स कहानी लेके. कैसे है आप सब? जैसे की आप सब जानते है की मैं एक कल्लबोय हू, और अपनी ट्रू स्टोरी पोस्ट करता हू. तो हाज़िर हू अपनी एक ट्रू स्टोरी के साथ.

मेरी आगे 29 है, और मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है. देखने में स्मार्ट और टॉल हू. 6 फीट हाइट है. सो अब स्टोरी पर आते है.

एक दिन मुझे मैल पर एक भाभी का मेसेज आया, तो उसने थोड़ी इधर-उधर की बात करने के बाद बताया की वो नॉइदा से थी, और मुझसे मिलना चाहती थी. बुत उनको कुछ रॉल्प्ले करना था. ये सब मुझे भी अछा लगा. फिर मैने उनसे पूछा किसका रॉल्प्ले करना है. उनका नाम भारती था (नाम चेंज किया है, फॉर सेक्यूरिटी रीज़न्स).

भारती: विराट मुझे मेरे भाई के साथ सेक्स करना है. बुत रियल में नही कर सकती. तो प्लीज़ आप मेरी हेल्प करो.

मे: जी माँ बिल्कुल. आप बताओ कैसे करना है, और कब मिलना चाहती है आप?

भारती: मैं आपसे मंडे को मिलूंगी नाइट में. उस दिन मेरी एक फ्रेंड की शादी है. तो मैं अकेली जौंगी. और फुल नाइट के लिए बोल दिया है मैने घर पर की सुबा ही आओगी. तो आप मुझे वहाँ से पिक कर लेना.

मे: जी माँ बिल्कुल. आप मुझे टाइम बता देना, मैं आ जौंगा. और प्लेस बता देना.

भारती: ठीक है, बुत आप मेरे भाई बन कर ही आओगे, और वहीं से हमारा रॉल्प्ले शुरू हो जाएगा.

मे: ठीक है, जैसा आप बोलो मैं रेडी हू.

फिर वो मुझे पूरा प्लान समझती है, की क्या कैसे करना है. दोस्तों वो आपको स्टोरी में पता लग जायगा कैसे होगा. उन्होने मुझे अपने भाई का नाम राजेश बताया, जो उनसे 3 साल छ्होटा था. वो अब मॅरीड था, और भाभी की आगे उस टाइम 31 थी.

तो दोस्तों प्लान के हिसाब से उन्होने ठीक 10 बजे मुझे मेसेज किया की मैं उन्हे लेने आ जौ और अड्रेस भी दिया.

उन्होने बोला: बिके पर आना.

तो दोस्तों 20 मिनिट्स बाद मैं उन्हे लेने पहुँच गया, और वो बाहर ही मुझे मिल गयी. वो शादी की जगह से थोड़ी डोर थी, अपनी किसी फ्रेंड के साथ कार में. तो मैने उन्हे बाहर आने को बोला.

कसम से दोस्तों, क्या ब्यूटिफुल थी भाभी. 36-30-36 फिगर, और रंग नॉर्मल. बुत फेस कट बहुत सुंदर था. उन्होने ब्लॅक सारी पहनी थी, और बहुत ही सेक्सी माचिंग ब्लाउस. वो कार से उतार कर मेरे पास आई, तो मैने बोला-

मैं: दीदी बैठो, घर चलते है. आप मुझे पहले बता देती तो मैं कार से आ जाता. बुत मैं यहीं पास में था दोस्त के साथ, तो फिर इधर ही आ गया.

दोस्तों अब हम नाम की जगह भाई और दीदी ही उसे करेंगे, जिससे आपको भी मज़ा आए.

दीदी बोली: इतनी नाइट में तू यहाँ क्या कर रहा है? भाभी घर पर अकेली है क्या?

तब मैने बोला: नही दीदी, वो आज शाम ही अपने माइके गयी है दो दिन के लिए. वैसे आप अकेली आई हो, जीजा जी नही आए?

दीदी बोली: नही भाई, वो भी अपने किसी दोस्त की शादी मैं बाहर गये है. कल दोपहर तक आएँगे. तो मैने सोचा मैं तुमसे और भाभी से मिल लेती हू.

वो बिके पर मेरे पीछे बैठ गयी, और मैं धीरे से बिके चलाने लगा. थोड़ी डोर जाने पर मैने तोड़ा तेज़ ब्रेक लगाया, तो वो मुझसे बुरी तरह चिपक गयी. मेरे लंड पर उनका हाथ पहुँच गया.

मैं ऐसे ही ज़ोर-ज़ोर से ब्रेक लगाने लगा, और वो बार-बार मेरे उपर आती जिससे उसकी चुचिया मेरी कमर पर डब जाती. फिर धीरे से लंड के पास हाथ रख देती. ये सब हमारे रॉल्प्ले का हिस्सा था. हम घर पहुँचे तो मैने बोला-

मैं: दीदी आप चलो, मैं आता हू.

क्यूंकी मेरा लंड खड़ा था, जो उनको भी महसूस हो गया था बिके पर, वो बोली: नही साथ में चलते है.

मैं बिके से उतरा, और हाथ अपने लंड के आयेज करके चलने लगा. हेल्मेट था मेरे हाथ में जिससे मैने लंड को धक लिया. शाम को दोस्त के पास जाने से पहले मैं थोड़ी पी रहा था, सो बॉटल ऐसे ही छोढ़ कर चला गया था.

दीदी ने बॉटल देखी तो बोली: पार्टी अकेले-अकेले!

मैं बोला: अकेला था तो थोड़ी पी रहा था.

दीदी बोली: चल आज मैं भी ट्राइ करती हू. एक-दो बार पी है, बुत ज़्यादा नही.

तब वो चेंज करने चली गयी.

भारती (मॅन में: भाई का लंड आज महसूस किया. बहुत अछा लगा. काश मिल जाता. बहुत दीनो से सोच कर ही उंगली करती हू. आज ट्राइ करती हू कुछ तो): मैने भाभी की एक सेक्सी नाइट निकली, और पहन ली. उसमे पीछे चैन थी, जो मुझसे लगी नही. तो मैने भाई को बुलाया, और उसकी तरफ पीठ की और बोली-

दीदी: प्लीज़ हेल्प कर दो भाई.

भारती: मैने पहले ही ब्रा निकाल दी थी जान-बूच कर. भाई मेरी पूरी कमर को देख कर और पागल हो गया. क्यूंकी उस निघट्य की चैन बिल्कुल जहाँ से मेरी गांद की दरार शुरू हो रही थी, वहीं से थी. फिर से उसका लंड खड़ा हो गया. वो जल्दी से चैन लगवा कर बाहर चला गया.

भारती (मॅन में: आज तो भाई को पूरा गरम कर देती हू. तोड़ा शराब का नशा भी होगा, और ये सोच कर मैं बाहर आती हू): बाहर तब तक बढ़िया पेग बना दिए थे दोनो के भाई ने मेरा और अपना. मैं अंदर अपनी पनटी भी उतार कर आ गयी थी. निघट्य सिर्फ़ मेरे घुटनो तक आ रही थी. मैं भाई के सामने सोफे पर बैठ गयी, और एक बार में ही पूरा पेग पी लिया.

भारती: भाई ने भी एक बार में ही पूरा पेग पी लिया, और दूसरा बना दिया, जिसे हमने एक-दूं से पी लिया. दो पेग जल्दी पीने से नशा तोड़ा जल्दी हो गया, और मैं अपने पैर तोड़ा खोल कर बैठ गयी, जिससे भाई को मेरी थाइस दिखने लगी. इससे भाई का भी मूड बनने लगा, और वो अपने लंड को तोड़ा अड्जस्ट करने लगा. मैं बोली, “भाई क्या हुआ, कुछ परेशन लग रहे हो?”

भाई: नही दीदी, ऐसा कुछ नही है. बस ऐसे ही. वैसे आज आप बहुत सुंदर लग रही हो.

भारती: क्यूँ मैं सुंदर नही हू क्या?

भाई: नही दीदी, ऐसा नही है. बुत आज कुछ ज़्यादा ही सेक्सी लग रही.

भारती (भाई नशे में बोल गया तो मैं तोड़ा गुस्से में बोली): अछा तुझे मैं सेक्सी लग रही हू?

भाई: नही-नही दी, वो ग़लती से निकल गया.

बाकी स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. अगर कोई मुझसे बात करना चाहता है तो प्लीज़ कॉंटॅक्ट मी एमाइल

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