कॉलेज में मिले लड़का-लड़की की हवस की कहानी

ये कहानी शुरू होती है मार्च 2014 में, जब मेरी उमर 20 की थी. मैं कॉलेज में नया पढ़ने गया था. मेरा नाम अबरार है. मैं बिहार के एक छ्होटे गाओं से हू, पर अची फॅमिली से हू.

फॅमिली पहले दुबई में सेट्ल थी. फिर कुछ प्रॉब्लम्स के बाद मैं वापस गाओं में रहने लगा. पर दुबई रहने से मेरी इंग्लीश अची हो गयी थी. चेन्नई के मशहूर कॉलेज क्श्यग में मैने अड्मिशन ली.

कॉलेज में जैसा सबके साथ होता है. नये लोग नयी बातें, पर मुझे ज़्यादा लड़कियों में इंटेरेस्ट रहता था. था भी मैं गोरा और मासूम दिखने वाला. सबसे अची बातें करता था मैं. आप तो जानते ही है सब की आचे लड़कों से लड़कियाँ जल्दी पट्ट जाती है.

मेरी फिर दोस्ती हुई मेरी क्लास की हर एक लड़की से. उनमे से एक थी जिसका नाम था रेणुका. ये है मेरी कहानी की पहली हेरोयिन. इसकी उमर 20 थी, फिगर 34-28-34 था, रंग सावला टिपिकल साउत इंडियन कलर था. हा दोस्तों वाकाई में यही फिगर था उसका.

वो सावली थी, बुत फिगर और नैन-नक्श कमाल के थे. बातें उससे इंग्लीश में होती थी, क्यूंकी मुझे तमिल आती नही थी, और उसको हिन्दी. और वो थी भी बहुत अमीर परिवार से. मैं ये कहानी हिन्दी में लिखूंगा, ताकि दर्शकों को पढ़ने में अछा लगे.

कहानी लंबी है, तो किरदार आते रहेंगे. ये शुरुआत है कहानी की, तो आपको अछा लगे तो सपोर्ट और मैल करे, और लीके करे. थॅंक योउ.

जब मैं उससे पहले मिला था, तब सिर्फ़ बातें ही अची लगती थी. पर धीरे-धीरे ये बातें कब मेरे अंदर के चुदस को जगाने लगी, पता भी ना चला. घंटो बातें जो होती है सब टिपिकल कपल में, वैसे ही चलते रहा.

पर मेरा तो ये हाल था, हर रात उसकी फिगर देखता था, और लंड हिलता था. जब नये-नये आंड्राय्ड फोन्स मार्केट में आए थे, तो धीरे-धीरे उसको बताने लगा-

मे: रेणुका बेबी योउ मेक में सो हॉट.

वो सिर्फ़ मुस्कुराती थी फोन पे. फिर मैं फोटो मँगवाता, पर वो माना करती. पर एक बात थी, जब भी तारीफ करता, वो गंभीर हो के सुनती. साँसे चढ़ जाती थी उसकी फोन पे. वो मुझे प्यार से अब बोलती थी. एक दिन फोन पे रात के 11:30 बजे बातें करते-करते मैने कहा-

मे: रेणु तुम्हारी आवाज़ सुनते हुए मैं काबू में नही रह पता.

रेणु (चौंकते हुए): क्यू अब?

मे: तुम्हारी आवाज़ मुझे चुदस चढ़ती है.

रेणु (शर्मीली मुस्कान के साथ): मेरी आवाज़ तुम्हारी चुदस कैसे चढ़ती है?

मे: रेणु जानती हो तुम्हे अपनी बाहों में फील करता हू बात करते हुए, और मेरे बदन में सिरहन होती है.

और फिर इतना बोल के मैं चुप हो गया थोड़ी देर.

रेणु: अब मुझे भी ऐसा ही होता है. और क्या होता है अब बताओ?

वो भी बहुत इंट्रेस्टेड थी जानने में.

मे: रेणु बेबी… (भीनभिनती आवाज़ में गहरी सांसो के साथ).

रेणु: अब मुझे बताओ स्वीतू (गहरी साँसे लेते हुए).

मे: रेणु मेरा लंड तुम्हारे लिए बहुत टाइट हो गया है.

यहा बता डू ये पहली बार था हमारे रीलेशन में, जब मैने उसके साथ लंड का ज़िकार किया था. किस और हग तो हम नॉर्मल कपल की तरह पहले ही कर चुके थे. और यही किस और हग मेरे अंदर की चुदस को बाहर लाए थे.

रेणु (गहरी साँसे लेते हुए): अब क्या?

मुझे लगा उसने नही सुना. पर फिर ध्यान आया वो तो और आचे से जानना चाहती थी. मुझे अंदर ही अंदर खुशी, बेचैनी, उत्सुकता सब एक साथ महसूस होने लगी.

मे: बेबी मेरा लंड है ना बहुत टाइट हो गया है, और हिल रहा है बेचैनी में. उल्टा लेट के उसको दबाया है कंबल में नीचे शांत रखने के लिए. जब तुम्हे हग करता हू, किस करता हू, ऐसा ही होता है बेबी.

रेणु (हल्की शर्माहट वाली मुस्कान के साथ): पर अभी तो किस और हग नही कर रही.

मे: हा पर मिस तो वही कर रहा हू ना.

रेणु: तो किस डू तो तुम्हारा वो शांत हो जाएगा?

मे: क्या शांत हो जाएगा (मैं उससे बुलवाना चाहता था)?

रेणु (नकली गुस्सैल आवाज़ में): तुम्हारा लंड.

मे: आ रेणु, तुम कितनी सेक्सी लगती हो.

रेणु: अब तुम भी ना. (शरमाते हुए) बताओ ना अब मैं क्या करू की तुम्हारा लंड शांत हो?

मे: रेणु बेबी.

रेणु: हा अब (गहरी साँसे लेते हुए).

मे: अपने अंदर लेलो मुझे, अपने अंदर समा लो, और एक हो जाए हम दो जिस्म.

रेणु: अब आओ मेरी बाहों में मेरे उपर हुहह हुहह (साँसे गहरी होते हुए).

मे: रेणु मुझे तुमसे अकेले में मिलना है. कल कॉलेज बंक करो, और आओ रूम पे (हल्की ज़िद्दी आवाज़ में).

मैं ये तो बोल गया अपने चुदस में. पर जवाब क्या आएगा ये नही पता था.

रेणु: अब मुझमे भी तुम्हारे जैसी बेचैनी है. अधूरी हू मैं भी तुम्हारे बिना. एक खाली-पन्न सा महसूस हो रहा है अभी. अब मुझे भी मिलना है.

मे: तो कल मिलो रेणु. कल कॉलेज बंक कर दो. मेरा रूम भी खाली है. कल मिलते है सुबा.

मेरी किस्मत पहली लड़की लाइफ की, और कोई नखरे नही. या तो वो पहले चूड़ी थी, या सच में इतना प्यार करती थी, ऐसा ख़याल आया. पर मेरी खुशी का ठिकाना नही था, छूट जो मिलने वाली थी मुझे.

रेणु: हा, लोवे योउ सो मच अब.

मे: लोवे योउ तो मेरी रेणु (बहुत सारे किस्सस देते हुए फोन पे).

रेणु: एक बात पूचु तुमसे (शरमाते हुए)?

मे: हा रेणु.

रेणु: तुम जो मेरे अंदर आओगे मुझे दर्द होगा. मेरी दोस्त बात करती है, मैने सुना है.

सोचते हुए की क्या सच में मेरा पहला और उसका भी पहला सेक्स था. खैर मुझे उस समय कुछ समझ नही आ रहा था. कहते है ना रात में मर्द का दिमाग़ उसकी टाँगो के बीच में रहता है.

मे: रेणु मुझे भी नही पता, बस सुना है, और लंड हिलाया है.

रेणु: अछा लंड हिलाते हो तो क्या होता है?

मे: फील करता हू तुम्हारी छूट में अंदर डाल रहा हू. तुम्हारे अंदर डाल रहा हू, और बहुत मज़ा आता है. फिर पानी निकलता है, ये फील करके की तुम्हारी छूट को भर रहा हू.

रेणु: आहह अब (और लंबी साँसे लेती है).

मे: क्या हुआ रेणु?

रेणु: वो मेरी छूट में ज़ोर से झंझनाहट हुई.

मे: ओह रेणु बेबी, और क्या हो रहा है?

रेणु: मेरे निपल्स बहुत टाइट हो रहे है, और केरी चूचियाँ तंन गयी है. तुम जब हग करते हो ना अब, ऐसा ही होता है.

मे: रेणु पहले कहती ना तुम्हारी चूचियाँ मसल के उन्हे निचोढ़ लेता.

रेणु: मैने माना कहा किया था?

मे: कोई नही, कल पूरा रस्स निचोढ़ लूँगा.

रेणु: ह अब, बहुत बेचैनी हो रही है. ऐसा लग रहा है पुर जिस्म में छींटिया काट रही है.

तो बे कंटिन्यूड. बने रहे. बहुत ही इंट्रेस्टिंग सागा होने वाली है.

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