कॉलेज गर्ल की गंगबांग चुदाई की कहानी

हेलो फ्रेंड्स, मैं साना शीक आपके लिए लेके आई हू मेरी हक़ीकत वाली कहानी. आप सब मेरे बारे में जानते ही है, तो आपका ज़्यादा समय नही लूँगी, और सीधे स्टोरी पर आती हू.

रामनाथ सिर ने कॉलेज ट्रिप ऑर्गनाइज़ की, और सब के घर में लॅटर भेज दिए ट्रिप पर्मिशन के लिए. ऑलमोस्ट सब के घर से पर्मिशन मिली, भैया ने भी मुझे पर्मिशन दे दी थी. ट्रिप 5 दिन की थी.

अगले सॅटर्डे ट्रिप की डटे फिक्स हो गयी थी. सुबा 4 बजे बसस निकलनी थी. सब के पेरेंट्स अपने बच्चो को छ्चोढने कॉलेज आए थे. मेरे साथ भी समद भैया आए थे. मैं जाके मेरी सीट पर बैठ गयी. अब बस निकल चुकी थी. हमारे साथ 7 टीचर्स थे.

रामनाथ सिर ने सब टीचर्स को बोला: मैं लास्ट दे ट्रिप पर मिलता हू.

और वाहा से चले गये. कुछ देर के बाद मैने वॉमिट का बहाना बनाया और बीमार होने का नाटक करने लगी. तब टीचर्स ने प्रिन्सिपल को कॉल किया. तब तक बस वही रुकी थी. फिर रामनाथ सिर वाहा आए और पूछा क्या हुआ.

तब एक टीचर बोली: साना को वॉमिट जैसे लग रहा है, और इसकी तबीयत भी ठीक नही लग रही है, और आँखें भी बंद कर रही है बार-बार.

रामनाथ सिर: एक काम करता हू, मैं इसको लेके हॉस्पिटल जाता हू, और फिर घर लेके जाता हू.

इतना बोल के रामनाथ सिर मुझे वाहा से बस से बाहर लेके गये, और बस वाहा से निकल गयी. तब तक वाहा पर अमित पापा और प्रफुल पापा दोनो आ गये थे. फिर हम उनकी गाड़ी में बैठ के निकल पड़े. ट्रिप में भी 10 से ज़्यादा स्पॉट थे, और वो भी 5 दिन में कवर करने थे.

यहा गाड़ी में ही ये लोग चालू हो गये थे. अमित पापा गाड़ी चला रहे थे, और पीछे मेरे दोनो बाजू में रामनाथ सिर और प्रफुल पापा बैठे थे, और मेरे बदन से खेल रहे थे. 3 अवर ट्रॅवेल करने के बाद हम एक विला में पहुँच गये थे. लग्षुरी विला था वो, इतना बड़ा विला, और स्विम्मिंग पूल भी उसके अंदर था.

जब हम अंदर पहुँचे, तो वाहा कुछ लोग आके तैयारी कर रहे थे. जैसे वाहा किसी की शादी हो. तब मैने अमित पापा को पूछा-

मैं: ये सब क्या है?

तब अमित पापा बोले: बेटा आज तेरी सुहग्रात होने वाली है. तो पहले तेरी शादी तो होनी चाहिए ना.

और सब हासणे लगे. मैं भी शर्मा गयी. हम सब फ्रेश होने के लिए अपने-अपने रूम में चले गये. फिर फ्रेश होके सब हॉल में आए. वाहा एक बड़ा बेडरूम था. उसके अंदर काफ़ी मस्त फूल सजाए थे बेड पर. मानो ज़बरदस्त तैयारी चालू थी सुहग्रात की. कुछ देर बाद एक लड़की वाहा मेक उप कीट लेके आई.

अमित सिर ने उसे कहा: साना को रेडी करो.

फिर उसने मुझे सारी पहनाई, गले में सोने का हार, जो प्रफुल पापा ने गिफ्ट किया था. 1 अवर के बाद मैं मेक-उप करके बाहर आई. उसने मेरी वॅक्सिंग भी की थी. बाद में वो पेमेंट लेके निकल गयी वाहा से.

फिर अमित पापा बोले: प्रफुल आजा मेरी बेटी के साथ तू फेरे लेगा, और रामनाथ पंडित है वो मंतरा बोलेगा. 2 फेरे होंगे तो उसका लंड चूस के पानी पिएगी, और सब का ऐसे ही करेगी.

अब 1 अवर में मेरी तीनो के साथ शादी हुई, और हर 2 फेरे के बाद मैं तीनो का लंड चूस के पानी पी गयी. ये सब करते-करते शाम हो गयी थी, और भूख भी लगी थी. तभी अमित पापा ने खाना ऑर्डर किया ऑनलाइन. शाम को खाना खा के तोड़ा रेस्ट किया. अब टाइम आ गया था सुहग्रात का.

तीनो उठ गये मुझे भी जगाया और बोले: तू अंदर बेड पर जाके बैठ और अपने दाद’स मतलब आज जो पति बने है हमारा वेट कर.

मैं बेडरूम में जाके बेड पर बैठ गयी. अब ये तीनो बेडरूम में आ गये. तीनो ने अपने लंड पर लोंग लासटिंग स्प्रे मार दिया. नंगे हो कर एक हाथ में लंड लेकर मेरे पास आ गये.

अमित: चलो आज मेरी प्यारी बेटी की सुहग्रात अब हम रंगीन करते है.

प्रफुल: अर्रे अमित, साना मेरी भी बेटी है. आज साना बेटी की गांद, छूट, और मूह तीनो साथ मिल के मारते है.

रामनाथ सिर: हा भाई हा सब ठीक है, लेकिन आराम से बेटी को छोड़ना, और 4 दिन भी उसकी चुदाई करनी है.

इतने में तीनो ने मेरा घूँघट उठाया, और गले से किस करने लगे. काफ़ी देर किस करने के बाद अमित पापा ने मेरा ब्लाउस खोल दिया, और मेरे 34″ के बूब्स मेरे ब्रा से बाहर आने लगे. प्रफुल पापा ने बूब्स को चूसना शुरू किया.

यहा रामनाथ सिर नीचे से मेरी छूट तक पहुँच गये, और मेरी गीली छूट का मज़ा लेने लगे. प्रफुल पापा ने भी अब ब्रा ओपन करके बूब्स को मसलना चालू कर दिया. यहा मेरी हालत खराब होती जेया रही थी. तीनो जानवर की तरह बदन को चाट रहे थे.

अमित पापा बोले: चलो बहुत चाट लिया. अब तीनो मिल के आज अपनी बेटी की छूट मारते है. 2न्ड रौंद में उसका मूह छोड़ेंगे, और फिर लास्ट में गांद मारेंगे.

अब मुझे बेड पर लिटा दिया, और अमित पापा रामनाथ सिर से बोले: रामनाथ, आजा मेरी बेटी की छूट पहले तू छोड़ेगा, फिर हमारे बड़े लंड से उसको हम छोड़ेंगे.

इतना बोलते ही रामनाथ सिर ने अपने लंड पर लूबे लगाया, और मेरी छूट पर अपना लंड सेट किया, और एक ज़ोरदार धक्का मेरी छूट में मार दिया और ज़ोर से छोड़ने लगे. अब मेरी साँसे फूल रही थी. मूह से ह अहहा आहह फक मे ऐसी आवाज़े निकल रही थी, और यहा दो बाजू में अमित और प्रफुल पापा अपना लंड मेरे मूह में घुसा के मज़े ले रहे थे.

ऐसे ही 15 मिनिट्स तक रामनाथ सिर ने मेरी छूट मारी. अब बारी थी अमित पापा की. वो अब रामनाथ सिर के जगह आ गये, और अपना लंड मेरी छूट पे रगड़ने लगे. अब तो मैं मरने वाली थी, क्यूंकी अमित पापा का लंड 8 इंच का था. वो जब भी छोड़ते है तो जान निकल जाती है. अब अमित पापा ने भी अपने लंड पर लूबे लगाया, और छूट में घुसने लगे.

मुझे दर्द का एहसास होने लगा. उफ़फ्फ़ इतना गरम लंड मेरी छूट को चियर रहा था. एक ही झटके में मेरी नाज़ुक छूट को चियर दिया, और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगे. मेरी चिल्लाने की आवाज़ पुर विला में गूँज रही थी, पर वाहा आस-पास आवाज़ सुनने के लिए कोई नही था.

अमित पापा अब जी-जान लगा के छोड़ रहे थे. मैं रोने की हालत में आ गयी थी. अब तो उन्होने मुझे बाहों में कस्स के छोड़ना शुरू कर दिया, और बाजू में प्रफुल पापा अमित पापा को बोल रहे थे-

प्रफुल पापा: बहनचोड़ ज़ोर से छोड़ मेरी बेटी को, और ज़ोर से, फाड़ दे मेरी बेटी की छूट, और ज़ोर से. आज मेरी बेटी अब तेरी है, और ज़ोर से छोड़ सेयेल.

मैं नीचे रो रही थी, और मुझे ये सब सुन के मज़ा भी आ रहा था. मैं भी बोल रही थी, “फक मे दाद, फक मी पुसी सो हार्ड, यॅ फक”. अब मुझे लग रहा था की सच में मेरी छूट फटत गयी थी. काफ़ी देर छोड़ने के बाद अमित पापा ने अपना सारा माल मेरे मूह पर गिरा दिया.

मुझे ऐसे लगा की किसी ने गरम पानी मूह पर मारा हो, इतना गरम माल था दाद का. मेरे आँसुओ से तकिया भी गीला हो चुका था. अब बारी थी प्रफुल पापा की.

तो चलो फ्रेंड्स आयेज की कहानी अगले पार्ट में बतौँगी, की कैसे प्रफुल सिर ने मेरी छूट मारी, और अगले 4 दिन हमने क्या किया. और इस स्टोरी का भी फीडबॅक ज़रूर देना शिख्शन66@गमाल.कॉम पर और कॉमेंट में भी बताना कैसे लगी. तो फिर मिलते है अगले पार्ट में.

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