अब वो निढाल हो चुकी थी, मैं उसकी बुर को अब भी चाट रहा था, वो फिर से गर्म होने लगी थी। कुछ देर बाद वो मेरे लंड को अपनी बुर में लेने के लिए मचलने लगी- मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. प्लीज़ समीर अपना लंड पेल दो मेरी बुर में.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
उसकी बुर की मचलन को देखते हुए अगले ही पल मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए थे। मैंने उसे अपना लंड दिखाते हुए हिलाया तो वो बहुत डर गई- ओह.. इतना बड़ा और मोटा.. मुझे बहुत दर्द होगा.. है ना!
मैं- नहीं होगा.. अगर दर्द हुआ तो मुझे बोल देना.. मैं रुक जाऊँगा।
मैंने अपना फनफनाता हुआ लंड उसके होंठों पर टच किया तो रिया मुझे घूरने लगी। मैं समझ गया कि ये लंड मुँह में नहीं लेना चाहती।
अब तक मेरा लंड पूरी तरह से तन गया था। मैंने लंड चुसाने की बात रहने दी और उसकी बुर के पास आकर लंड टिका दिया। अगले ही पल उसकी टांगें मेरे लंड को लीलने के लिए खुल गईं और मैंने उसकी बुर में लंड अन्दर ठेल दिया।
जैसे ही मैंने लंड का सुपारा बुर के अन्दर डाला.. तो रिया चिल्लाने लगी। उसकी छोटी सी बुर के हिसाब से मेरा लंड बहुत बड़ा था.. उसे दर्द हो रहा था। उसकी बुर अभी तक कुंवारी भी थी इसलिए मैंने पहले तो सोचा कि रुक जाऊँ। पर मैंने उसकी चिल्लम-पों को अनसुना किया और एक और ज़ोर से धक्का मार दिया।
इस धक्के से मेरा लंड थोड़ा और अन्दर घुस गया। रिया की हालत बहुत खराब हो उठी वो हाथ पैर पटकने लगी।
फिर मैंने लंड थोड़ा सा बाहर निकाला और ज़ोर से अन्दर पेल दिया, इस बार पूरा लंड रिया की बुर में जड़ तक घुस गया।
रिया चिल्लाने लगी और कहने लगी- ओह्ह.. समीर मैं मर गई.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ प्लीज़.. बाहर निकाल लो।
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया। मैं उसकी बात नहीं सुनना चाहता था मुझे मालूम था कि थोड़ी देर में ये ‘लंड.. लंड..’ चिल्लाएगी।
मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी बुर में लंड को अन्दर बाहर करने लगा। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ, तो वो खामोश हो गई। फिर मैं धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसे भी मजा आने लगा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी।
कुछ देर के बाद मेरा लंड रिया की बुर की गहराइयों में खेल रहा था। हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था।
करीब दस मिनट की मस्त बुर चुदाई के बाद मैं अब झड़ने वाला था।
मैंने अपना वीर्य उसकी बुर में ही छोड़ दिया। इतने में उसने भी एक पानी का फव्वारा सा छोड़ा। हम दोनों रज और वीर्य के मिलन को महसूस करने लगे।
कुछ देर बाद मैं उससे अलग हो गया और उसे चूमने लगा। मैंने उसके होंठों से अपने होंठों लगा लिए और उसके होंठों के रस को चूसने लगा।
वो मेरी छाती से अपने मम्मों को रगड़ते हुए कहने लगी- आज से तुम मेरे स्पेशल वन बन गए हो।
इस बुर चुदाई के बाद रिया और मैं बहुत क्लोज फ्रेंड्स बन गए थे। अब हम दोनों का साथ में कॉलेज जाना.. साथ आना.. घूमना-फिरना, खाना-पीना सब साथ-साथ होने लगा।
घंटों फोन पर बातें करना हमारा रुटीन बन गया था। मौका मिलने पर हम दोनों ने बहुत बार सेक्स का मजा भी लिया।
हमने कभी सोचा नहीं था कि हमें अलग भी होना पड़ेगा। लेकिन वो टाइम भी आ गया। पिछले साल जून में रिया की शादी हो गई है। उसकी शादी के बाद हम दोनों ने आपस में कभी सेक्स नहीं किया है।
लेकिन अब भी हम दोनों एक-दूसरे को लव करते हैं और एक-दूसरे को बहुत मिस करते हैं।
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