कुंवारी बुर की पहली चुदाई

मैं रिया से उसके मम्मों की तरफ़ देखकर बात करने लगा। उसने मेरी इस हरकत को नोटिस कर लिया था।
वो बोली- क्या देख रहे हो समीर?
मैं- तुम्हारे ये कितने बड़े और वेलशेप्ड हैं।
रिया- तुम फिर से फालतू बातें करने लगे ना?
मैं- फ्रेंड्स में इतना तो चलता है यार।
रिया- तुम्हें ये सब अच्छा लगता है क्या?
मैं- नहीं तो.. बस ऐसे ही, वैसे इनकी साइज क्या है?
रिया थोड़ा गुस्से में चटक कर बोली- पूरी 34 इंच..
मैं- ये ब्रा की साइज है क्या?
रिया ने अपने मम्मों की तरफ इशारा करते हुए कहा- नहीं.. ये इनकी है.. मैं ब्रा 32 नम्बर की पहनती हूँ।
मैं- ओके गुड.. लेकिन तुम्हें टाइट नहीं लगता?
रिया- नहीं, छोटी पहनने से ज्यादा बड़े नहीं लगते।

मैं ये बात करके और उसके जवाब सुन कर एग्ज़ाइटेड हो गया। मैंने उसके मम्मों पर अपने हाथ रख दिए ओर दबाने लगा। वो भी कुछ नहीं बोली और उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।

मैंने इसी चीज का फायदा उठाते हुए रिया कि चेहरे पर किस करना चालू कर दिया। उसकी साँसें मुझे गर्म कर रही थीं। मैंने उसके दोनों मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा।

उसने मुझे दो मिनट बाद रोक दिया, वो कहने लगी- मुझे दर्द हो रहा है।
मैंने उससे लिप किस करने को कहा.. तो उसने मुझे मना कर दिया और बोली- ये किस एक स्पेशल वन के लिए है.. जो मेरा हस्बैंड बनेगा।
मैंने कहा- ठीक है।

उस दिन के बाद वो रोज आती और रोज हम एक घंटा एक-दूसरे को चूसते रहते। हम दोनों कभी भी उससे आगे कुछ करने का मौका नहीं मिल रहा था क्योंकि हम रूम बन्द कर नहीं सकते थे और घर पर मम्मी रहती थीं।

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एक दिन रिया घर आई और हम लोग पढ़ने लगे। इतने में मम्मी को पड़ोस में जाना था.. तो मम्मी कमरे में आईं और बोलीं- मैं पड़ोस में जा रही हूँ, थोड़ी देर में आ जाऊँगी।

ये सुनकर मैं ख़ुशी के मारे मन ही मन नाचने लगा।

मम्मी के जाते ही मैं मेनगेट बंद करके आ गया। मैंने देखा कि रिया मेरे रूम के बिस्तर पर लेट गई है। मैं भी बिस्तर पर आ गया और उसको चूमने लगा।

उस दिन भी रिया ने ब्लैक सूट पहना था।

मैं उससे बोला- आज तेरे साथ कुछ करने का मेरा बहुत मन कर रहा है।
उसने कहा- क्या करने का?
मैंने कहा- तू मेरी अच्छी दोस्त है ना?
रिया- हाँ हूँ।
मैं- मैं तेरे पूरे जिस्म पर एक-एक इंच पर किस करना चाहता हूँ.. बिना कपड़ों के।

रिया- नहीं समीर.. मैंने आज तक किसी के सामने कपड़े नहीं उतारे हैं और वैसे भी उसके बाद मेरा मन करने लगेगा।
मैं- मन करने लगेगा.. मतलब किस चीज को मन करने लगेगा?
रिया- इतने मासूम मत बनो।

मैं- प्लीज रिया बस एक बार.. उसके बाद मैं तुम्हारी हर बात मानूँगा प्लीज़ एक बार करने दो ना.. आज मत रोको।
रिया- नो.. मैं अभी तक कुंवारी हूँ.. बहुत दर्द होगा।
मैं- मैं आराम से करूँगा.. अगर तुम्हें दर्द हो तुम मुझे रोक देना.. मैं नहीं करूँगा।
रिया- ओके.. लेकिन आराम से करना।
मैं- आई लव यू रिया।
रिया- आई लव यू टू।

फिर हम दोनों ने किस करना स्टार्ट किया, हम दस मिनट तक किस करते रहे।
इसी बीच मैंने उसका कुर्ता उतार दिया। उसकी ब्रा सच में उसके मम्मों से बहुत छोटी थी। मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके निप्पलों को चूसने लगा।
वो पूरी तरह गर्म हो गई थी, मेरे सर को अपने चूचों पर दबा रही थी।

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यह फर्स्ट टाइम था.. जब मैं किसी लड़की के मम्मों को चूस रहा था। मैंने उसके मम्मों काफी देर तक चूसा। फिर मैंने उसकी सलवार उतार दी।
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वो अब मेरे सामने केवल पेंटी में थी। उसकी पेंटी चूतरस से पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी पेंटी उतारी और उसकी अनचुदी बुर में उंगली डाल दी।
वो मचल गई और उसने अपनी टांगें मेरे हाथ को दबाते हुए बंद कर लीं।

मैंने उसकी टाँगों को खोला और अपनी ज़ुबान उसकी बुर पर लगा दी। वो उछल पड़ी।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
उसने कहा- पहली बार किसी ने मेरी बुर पर जीभ लगाई है।

अब मैं उसकी बुर चूस रहा था, वो मचल रही थी और सीत्कार कर रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत अच्छा लग रहा है.. और चूसो.. समीर.. पूरा चूस लो आज इसको.. आअहह.. इहह.. आई लव यू.. समीईईरर.. आह्ह.. और चूसो मेरी बुर को आअउहह.. आह.. हाय..

वो अपनी तेज चुदास की ठरक के चलते मेरा मुँह अपने पैरों से अपनी बुर पर दबा रही थी। मैं कुछ मिनट तक यूं ही उसकी बुर चुसाई करता रहा।
तभी अचानक उसकी बुर का झरना फूट गया और मेरा पूरा मुँह उसकी बुर की मलाई से सन गया। मैंने भी मजे से उसकी बुर की मलाई को चाट लिया।

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