कोचैंग क्लास में टीचर स्टूडेंट चुदाई

हेलो दोस्तों, मेरा नामे है निशा. और मैं आज आपको एक ऐसी मज़ेदार चुदाई की कहानी सुनने जेया रही हू, की आप लोग भी चुदाई के लिए मचल उतोगे.

जैसा की आप लोग जानते है मैं गोरे रंग की हू, बहुत ही भरा हुआ और सेक्सी शरीर की मलिक हू. मेरे चुचे 32″, कमर 30″ और गांद 32″ की है, जो किसी के भी लोड का खड़ा करने के लिए काफ़ी है.

आप लोगों को पता है जैसे की मैं एक बार गाओं से शहर अकेले आ रही थी, और ट्रेन में कैसे 4 लड़कों से चुडवाया था.

आज मैं बतौँगी कैसे मैने दोबारा मज़े किए ज़्यादा टाइम खराब नही किया. चलिए सीधे कहानी में आते है, की कैसे और क्या हुआ मेरे साथ.

ये कहानी है मेरे कोचैंग की जहाँ पे मैं पढ़ने जाती हू. कोचैंग मेरे घर से थोड़ी दूरी में थी. कोचैंग पढ़ने मैं टाइट जीन्स और टॉप, या कभी-कभी मैं लोंग स्कर्ट और टॉप, या शर्ट पहन कर जया करती थी.

मेरी बॉडी टाइट है, और कपड़े भी टाइट होने की वजह से क्लास में सभी लड़कों की नज़र मेरी चुचियों और गांद पर टिकी रहती है. मुझे ये देख कर बहुत अछा लगता है तो मैं क्लास में घूम-घूम के पढ़ती हू. ऐसे ही एक दिन मैं पढ़ा रही थी, तो क्लास में दो लड़के आपस में बात कर रहे थे, राहुल और समीर.

मैने समीर को खड़ा होने के लिए कहा तो वो माना करने लगा और सॉरी-सॉरी बोलने लगा. तो मैं गुस्से में उसके पास जेया कर ही खड़ी हो गयी और दाँत के बोला-

मैं: अभी उठो.

तो वो खड़ा हो गया. सभी बच्चे अपना पढ़ रहे थे, क्यूंकी मैं काफ़ी गुस्से में थी. मैने देखा की समीर का लोड्‍ा खड़ा हो गया था, और वो उसको हाथ से च्चिपाने की कोशिश कर रहा था. मैने उसे बिता दिया और क्लास ख़तम करके ऑफीस में चली गयी.

क्लास ख़तम होने के बाद जब सारे बच्चे घर जेया रहे थे, तभी समीर को बुलाया और उससे पूछा-

मैं: ये सब क्या था. तुम्हारे घर शिकायत कर डू क्या?

वो बार-बार रिक्वेस्ट करने लगा और सॉरी बोलने लगा.

मैने बोला: अछा ठीक है, पर मुझे ये बताओ की तुम क्या देख रहे थे क्लास में?

वो बोला: माँ मैं आपको बहुत ज़्यादा पसंद करता हू, और आपकी पिक देख रहा था, जो चुपके से खींची थी. इसीलिए खड़ा हो गया था.

मुझे भी समीर काफ़ी पसंद था, तो नैने इतराते हुए बोला: अछा?

वो बोला: जी माँ.

मैने बोला: ठीक है जाओ.

मैने उसको ज़्यादा दांता नही तो उसकी हिम्मत और भी बढ़ गयी.

वो जाते जाते बोला: माँ मुझे एक बार आपको छोड़ना है.

और वो चला गया. मैं तो हैरान हो कर यही सोचती रह गयी.

तभी दो दिन बाद सनडे को कोचैंग में छुट्टी थी, तो मैने एक्सट्रा क्लास रख ली. सब बच्चे क्लास के बाद घर चले गये. लेकिन मैं ऑफीस में कुछ काम के लिए रुक गयी. तभी मैने देखा की समीर गाते के बाहर से चुपके-चुपके मुझे देख रहा था, और अपना लंड पंत की ज़िप से बाहर निकाल के हिला रहा था.

मैने उसको अंदर बुलाया तो उसने हड़बड़ा के अपना लोड्‍ा अंदर किया, और सामने हाथ करके अंदर आया.

मैने पूछा: घर क्यूँ नही गया?

तो बोला: माँ कुछ काम कर रहा था. अब जेया ही रहा हू.

मैने उसको रोका और अपने पास बैठने को कहा. वो बैठ गया. कुछ देर ऐसे ही शांत बैठने के बाद मैने उसका हाथ पकड़ा, और अपनी तरफ घुमाया. जैसे ही मैने उसकी आँखों में देखा, वो खुद को रोक नही सका, और मेरे पास खिसक के मुझे किस करने लगा. मैं भी पागलों की तरह उसको किस करने लगी, और किस करते-करते ही उसने मेरे सारे कपड़े एक-एक करके उतार दिए.

अब मैं उसके सामने एक-दूं नंगी हो चुकी थी. वो मेरे पुर बदन को पागलों की तरह चूम रहा था, और साथ ही मेरे चुचो को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था. उसके इस तरह छूने से मैं भी गरम हो गयी, और उसका साथ देने लगी.

मैने भी एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए, और अब हम दोनो पूरी तरह से नंगे हो चुके थे. अब उसने मुझे टेबल पर ही लिटा दिया, और मेरी टाँगें फैला के मेरी चूत को चाटने लगा. मेरे मूह से आ आ की आवाज़ आने लगी, और मैं हाथो से उसका सर पकड़ कर नीचे की तरफ दबाने लगी.

वो समझ गया की मैं पूरी तरह गरम हो चुकी थी. लेकिन वो मेरे साथ और खेलना चाहता था. वो उठा, और मुझे किस करने लगा. मैं भी हाथ से उसके लोड को उपर-नीचे करने लगी. उसका लोड्‍ा भी लगभग 5 इंच लंबा 2.5 मोटा था. अब वो पूरी तरह से खड़ा हो चुका था, और नाग की तरह फूँकार मार रहा था, जिसे देख कर मेरे मूह में पानी आआ रहा था.

तभी उसने मुझे नीचे बैठने को बोला. मैं बिना कुछ सोचे बैठ गयी, और उसने अपना सरिय जैसा गरम लोड्‍ा मेरे मूह में पेल दिया, और मेरे मूह में ही छोड़ने लगा. 10 मिनिट इसी तरह करने के बाद उसने मुझे वापस टेबल पर लिटाया, और टाँगें फैला दी, और लंड को छूट पर सेट करके धक्के लगाने लगा.

10-15 मिनिट बाद वो उठा. फिर मुझे उल्टा करके टेबल पर ही झुका दिया, और पीछे से डाल कर ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा. मैं भी ज़ोर-ज़ोर से आ आ अफ अफ आआआआअ एयाया उूुुुउउ आआआअ उूुुुउउ की आवाज़ निकाल के उसका साथ दे रही थी. इससे वो और भी ज़्यादा मज़े ले-ले कर छोड़ने लगा.

करीब 40-50 मिनिट छोड़ने के बाद वो झाड़ गया, और अंदर ही अपना गरम-गरम पानी छ्चोढ़ दिया. मैं इस बीच 2 बार झाड़ चुकी थी. उसके बाद हम दोनो उसी तरह लेते रहे, और 2-3 बार इसी तरह चुदाई का आनंद लिया. फिर हम घर जाने के लिए तैयार हो गये.

दूसरे दिन हम दोनो ने ही छुट्टी करी, और आराम किया. फिर इसके बाद से जब भी मौका मिलता था हम इसी तरह से चुदाई किया करते थे. तो ये थी टीचर और स्टूडेंट की धमाकेदार चुदाई की कहानी. ई होप आपको पसंद आए. पसंद आए तो कॉमेंट करके बताईएएगा.

यह कहानी भी पड़े  पड़ोस मे रहने आई कमसिन भाभी की चुदाई

error: Content is protected !!