चूत की तड़प में लिया नौकर का सहारा

मेरा नाम दिव्या है, और मैं देल्ही की रहने वाली हू. मेरी उमर 21 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ती हू. हाइट मेरी 5’4″ है, और फिगर मेरा 34-30-35 है. रंग मेरा ठीक-ताक गोरा है. मैं बड़ी ही चुड़क्कड़ किसाम की लड़की हू, और मुझे चुदाई का बहुत शौंक है.

अपनी कहानी में मैं आपको बतौँगी, की कैसे मेरी लंड की प्यास इतनी बढ़ गयी, की मैं अपने नौकर से चूड़ने को तैयार हो गयी. तो चलिए अब मैं बिना टाइम वेस्ट किए अपनी कहानी पर आती हू.

मैं एक रिच फॅमिली से बिलॉंग करती हू. मेरी फॅमिली में मम्मी-पापा और भाई है. मेरे पापा बिज़्नेसमॅन है, और मम्मी हमेशा किटी पार्टीस में बिज़ी रहती है. भाई मेरा अब्रॉड में स्टडी कर रहा है. कॉलेज में जाके मैं ग़लत लड़कियों की संगत में पद गयी, और मुझे चुदाई करवाने का शौंक चढ़ गया.

इसी शौंक के चलते मैने एक बाय्फ्रेंड बनाया, जिसने मुझे खूब छोड़ा. मुझे उसके साथ चुदाई करके बहुत मज़ा आता था. लेकिन एक दिन मैने उसको किसी और लड़की के साथ पकड़ लिया, तो हमारा ब्रेक-उप हो गया. उससे ब्रेक-उप के बाद मेरी छूट तड़पने लगी, और लंड की प्यास बढ़ने लगी. फिर मैने एक और ब्फ बनाया. वो तोड़ा शर्मीले त्यप का था.

फिर एक दिन जब घर में कोई नही था, तो मैने उसको अपने घर बुलाया. मैं चूड़ने के पुर मूड में थी. मैने वाइट त-शर्ट और ब्लू शॉर्ट्स पहनी हुई थी. मेरी शॉर्ट्स सिर्फ़ मेरी गांद को ही तक रही थी, बाकी टांगे पूरी दिख रही थी.

फिर वो आया, और मैं उसको बेडरूम में ले गयी. कुछ देर बातें करने के बाद हम दोनो ने किस्सिंग शुरू की. किस्सिंग करते हुए मैने अपनी त-शर्ट उतार दी. मेरे ब्रा में काससे हुए सेक्सी बूब्स देख कर वो खुश हो गया. फिर वो मेरी क्लीवेज में मूह डाल कर चॉंने-चाटने लगा, और बूब्स दबाने लगा.

मैने उसको बेड पर लिटाया, और उसके उपर आ गयी. फिर मैने उसकी त-शर्ट और जीन्स निकाल दी. अब वो सिर्फ़ अंडरवेर में मेरे नीचे लेता हुआ था. मैने अपनी ब्रा निकाल दी और खुद से अपने बूब्स दबाने लगी. फिर मैं उसकी चेस्ट पर किस करने लगी, और वो मेरे बूब्स मसालने लग गया.

किस करते हुए मैं नीचे जाने लगी. फिर मैने उसकी नाभि में जीभ घुमाई, और फिर उसके अंडरवेर पर पहुँच गयी. उसका लंड अंडरवेर में पूरी तरह तन्ना हुआ था. मैने उसका अंडरवेर नीचे किया, और उसका लंड स्प्रिंग की तरह उछाल कर बाहर आ गया. उसका लंड तकरीबन 7 इंच का था.

मेरे पुराने ब्फ का लंड भी इतना ही लंबा था, तो मैं खुश हो गयी. मैने उसके लंड को अपने हाथ में लिया, और मसालते हुए अपने मूह में भर लिया. मैं ज़ोर-ज़ोर से उसका लंड चूसने लगी, और वो आ आ करने लगा. कुछ देर लंड चूसने के बाद मैने लंड मूह से निकाल दिया.

फिर मैने अपनी शॉर्ट्स और पनटी उतरी, और उसके लंड पर छूट रख कर बैठ गयी. मैं अब अपनी गांद आयेज-पीछे करके उसके लंड पर अपनी छूट रगड़ने लग गयी. बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी छूट फुल स्पीड पर पानी छ्चोढ़ रही थी.

कुछ देर रगड़ने के बाद मैने लंड छूट के मूह पर सेट किया, और उसको अंदर लेते हुए उस पर बैठ गयी. आह, मज़ा ही आ गया. फिर मैं आयेज-पीछे गांद हिला कर उसके लंड से चूड़ने लगी. बड़ा मज़ा आ रहा था. धीरे-धीरे मैने स्पीड बधाई, और तेज़ी से उसके लंड पर उछालने लगी. तभी वो झाड़ गया.

उसके इस तरह झड़ने से मैं हैरान रह गयी, और उसको कोसने लगी. तभी मेरी नज़र दरवाज़े की तरफ गयी. वाहा मुझे राजू च्छूपा हुआ दिखा. उसका लंड उसके हाथ में था. उसको देखते ही मैं समझ गयी, की वो मेरी ब्फ के साथ चुदाई देख कर मूठ मार रहा था.

अब मैं पहले आपको राजू के बारे में बताती हू. राजू हमारे घर का नौकर है. पापा को वो 10 साल पहले कही मिला था, और उसको वो घर में ले आए थे. पढ़ाई में वो ज़्यादा अछा नही था, तो वो घर के काम देखता था, और ड्राइवर का काम भी करता था.

वो मुझसे एक साल छ्होटा था. मैने उसको काई बार मुझे घूरते हुए देखा था. जब वो मुझे घूरता था, तो मैं समझ जाती थी की वो मुझे हवस भारी नज़रो से घूर रहा था. लेकिन मुझे इससे कोई फराक नही पड़ता था, क्यूंकी मैं खुद चुड़क्कड़ हू.

राजू 5’10” लंबा था, और उसका शरीर भी तगड़ा था. रंग उसका सावला था. सबसे इंपॉर्टेंट बात, राजू का लंड 8 इंच का था, जो मुझे आज पता चलने वाला था. अब मैं वापस कहानी पर आती हू.

तो जब मैने राजू को मूठ मारते देखा, मुझे ख़याल आया की मैं उससे अपनी छूट की प्यास बुझवा सकती थी. यही सोच कर मैं बेड से खड़ी हुई, और दरवाज़े की तरफ जाने लगी. मुझे दरवाज़े की तरफ आते देख राजू वाहा से भागने लगा. मैने तभी उसको आवाज़ दी-

मैं: राजू वही रुक जाओ. मैने तुम्हे देख लिया है. भागना मत.

मेरी आवाज़ सुन कर वो रुक गया. फिर मैं उसके पास गयी. उसने जीन्स और शर्ट पहनी हुई थी. उसने लंड अंदर कर लिया था, लेकिन उसका खड़ा लंड उसकी जीन्स के उपर से सॉफ दिख रहा था. मैने तभी उसकी बेल्ट में हाथ डाला और खींच कर उसको रूम में ले गयी. फिर मैने अपने ब्फ को बोला-

मैं: चल बे, निकल यहा से.

मैने उसके कपड़े उसके मूह पर मारे, और उसको बाहर निकाल दिया. राजू ये सब करते हुए मुझे देख रहा था. मैं नंगी ही ये सब करे जेया रही थी. फिर मैने राजू की तरफ देखा, तो वो चुप-छाप खड़ा था. मैं उसकी तरफ बढ़ी, तो उसने अपनी आँखें नीचे कर ली. उसके पास पहुँच कर मैने उससे कहा-

मैने उसे क्या कहा, और आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों अगर आपको यहा तक की कहानी का मज़ा आया हो, तो इसके लिए मुझे फीडबॅक ज़रूर दे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद. आयेज की कहानी लेके जल्दी ही आपके सामने हाज़िर होंगी.

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