चुत चुदाई की तमन्ना मौसी को चोदकर पूरी हुई

मौसी भी वहीं खड़ी थीं.. मैं मौसी से नजरें चुराते हुए अपने कमरे में चला गया। मैं अपने कमरे में कपड़े बदल रहा था.. तभी अचानक मौसी मेरे कमरे में आईं.. शायद मैंने अपने रूम का दरवाजा गलती से खुला छोड़ दिया था।

जब मौसी अन्दर आईं.. तब मैंने सिर्फ चड्डी पहनी हुई थी। उनको देखकर मैं शर्मा गया और बाजू में पड़ी हुई तौलिया उठा कर अपने पेट पर लपेटने लगा, पर हड़बड़ी में तौलिया मेरे हाथ से गिर गया।

मौसी ये सब देखकर हँसने लगीं और बोलीं- इतना क्यों शर्मा रहा है, तू अभी भी मेरे लिए छोटा ही है।

मौसी मेरे पास आईं, मेरे गाल पर हाथ फेरने लगीं और बोलीं- जल्दी से खाना खाने बाहर आ जाओ।

मैं जल्दी से कपड़े पहन कर बाहर आ गया और सबके साथ खाना खाने बैठ गया। खाना होने के बाद सब लोग सोने की तैयारी करने लगे। मुझे भी बहुत नींद आ रही थी, गेस्ट रूम का कूलर ख़राब होने के कारण वहाँ कोई नहीं सोया।

मेरे रूम में एक कूलर लगा था तो मम्मी ने मौसी से कहा- तुम रोहित के रूम में सो जाओ।
मौसी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा- ठीक है.. तुझे चलेगा?
मैंने भी कहा- हाँ ठीक है।

मैं अपने रूम में सोने चला गया।

मैंने रूम की लाइट को बंद कर दिया और सोने की कोशिश करने लगा.. पर मुझे बार-बार मौसी की वो लाल रंग की चड्डी और ब्रा दिखाई दे रही थी। मेरे मन में ख्याल आया कि चड्डी की गंध इतनी मदहोश कर देने वाली है.. तो मौसी की चूत की गंध कैसी होगी!

यही सोच-सोच कर मैं चड्डी के अन्दर हाथ डालकर अपने लंड को सहला रहा था। थोड़ी देर बाद मौसी अन्दर आईं और मेरे बाजू में आकर लेट गईं।
उन्होंने मुझसे पूछा- रोहित सो गया क्या?
मैंने कहा- हाँ बहुत नींद आ रही है।

यह कहानी भी पड़े  बहन की सहेली दीपा की चुदाई

पर मुझे तो असल में नींद ही नहीं आ रही थी.. मेरी नींद तो मौसी की चड्डी और ब्रा ने उड़ाई हुई थी।

मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया था और मुझे किसी को जमकर चोदने की बहुत तेज इच्छा हो रही थी। मैं मन ही मन मौसी को नंगी इमेजिन करने लगा और उनकी चुत चुदाई की कल्पना करने लगा।
मैं पूरी तरह से बेकाबू हो चुका था।

मौसी अब तक सो चुकी थीं, मेरा बेड काफी बड़ा था.. मौसी बेड पर एक तरफ होकर सो गई थीं। मेरे और मौसी के बीच में थोड़ा ही अंतर था, मुझे तो नींद ही नहीं आ रही थी। मेरा लंड तोप की तरह खड़ा था और मेरी चड्डी से बाहर आने को और मौसी की चुत फाड़कर अन्दर घुस जाने को तड़प रहा था।

मैंने मौसी की तरफ मुँह किया तो देखा हमारे बीच में बहुत थोड़ा सा ही अंतर है। मैंने धीरे से अपने पैर मौसी के पैर पर रख दिए और मैं अपने पैर धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करके रगड़ते हुए उनकी साड़ी उनके पैर के ऊपर सरकाने लगा। कुछ ही पलों में मेरा पैर उनके पैर को छूने लगा.. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था।

पर तभी शायद मौसी को इसका एहसास हुआ और उन्होंने मेरा पैर अपने पैरों के ऊपर से हटा दिया। थोड़ी देर बाद मैंने फिर से अपना पैर उनके पैर पर रखा और रगड़ने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था कि तभी मौसी उठीं और बोलीं- अरे रोहित ठीक से पैर रखो बेटा!

यह कहानी भी पड़े  Chachi Ki Majburi Me Chudai

पर मैंने अपनी आँख नहीं खोली और सोने का नाटक करता रहा, मौसी को लगा मैं नींद में पैर फेंक रहा था। उन्होंने मेरा पैर ठीक से रखा और फिर से सोने लगीं। थोड़ी देर बाद वो सो गईं और उन्हें चोदने के बारे में सोचते-सोचते मुझे भी नींद आ गई।

रात के 2 बजे के आस-पास मुझे सूसू लगी तो मैं उठ गया और सूसू करने के लिए बाथरूम में चला गया। सूसू करने के बाद मैं वापस बेड पर आकर लेट गया, मैंने देखा कि मौसी पीठ के बल होकर चित्त लेटी थीं और गहरी नींद में सोई हुई थीं तो मैं भी उनकी तरफ मुँह करके लेट गया।

मैंने धीरे से अपना हाथ उनके पेट पर रख दिया और मौसी की साड़ी का पल्लू धीरे-धीरे हटाने लगा। मैंने मौसी का पल्लू उनके पेट पर से हटा दिया और उनके मुलायम पेट के ऊपर से धीरे-धीरे हाथ फेरने लगा। उनका पेट बहुत ही मुलायम था.. मानो जैसे मक्खन हो। कुछ देर उनके पेट के ऊपर हाथ फेरने के बाद मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई और मैं अपना हाथ धीरे-धीरे ऊपर उनके स्तन की तरफ बढ़ाने लगा। अब मेरा हाथ उनके बाएं स्तन पर आ गया था, मैंने उसे हल्के से दबाया तो मेरे शरीर में एक बिजली सी दौड़ गई।

मेरी एक बार तो गांड फटी कि कहीं मौसी जाग नहीं जाएं, पर मन में आज मौसी चुत की चुदाई करने का मन था, सो मैं लगा रहा।

आप मुझे मेरी इस सेक्स स्टोरी के लिए अपने मेल जरूर लिखिएगा।

 

Pages: 1 2

error: Content is protected !!