मौसी हेस्ट हुए बोली: वाह बेटा, मौसी से सीधा मेरी जान पर आ गया.
मैं: हा मेरी जान. आज आपको अपनी बीवी बना कर प्यार करूँगा.
मौसी: ठीक है रोहित. मैं भी तुझे आज अपना पति बना लेती हू. आजा कर ले जो करना है.
कहानी अब आयेज-
मैने मौसी की कमर पकड़ कर अपने उपर ले लिया. वो रज़ाई में ही मेरे उपर आ गयी. उसका कोमल बदन मुझसे चिपका हुआ था. मैं अब मौसी के होंठो को किस करने लगा. मौसी बस मुझसे अपने होंठ चुस्वा रही थी.
10 मिनिट बाद वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी. मौसी का कामुक बदन गरम होने लगा. मैने एक हाथ से उसका ब्लाउस निकाल दिया. अब वो उपर से ब्रा में थी. मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसे चूमने लगा. फिर मैने उससे कहा-
मैं: मेरी रानी, मुझे तेरा ये बदन देखना है. लाइट ओं कर दो ना.
मौसी: नही पागल. बेटा जाग जाएगा और बगल वाले रूम में तेरे मा-पापा है. जो करना अभी यही ऐसे ही कर ले.
मौसी ये बोल के मेरे गाल और गले को चाटने लगी. मैं भी उसके बालों को चूमने लगा. वो बस हल्की सिसकी लेते हुए मुझे चूमने चाटने लगी थी.
मौसी: उम्म्म श उहह.
10 मिनिट ऐसे ही चूमने के बाद मौसी ने मेरी त-शर्ट निकाल दी. वो मेरी चेस्ट चाटने लगी. मैं भी उसकी मोटी गांद दबाने लगा. रज़ाई का माहौल गरम था. मौसी मस्त होके मेरे बदन को चाट रही थी. मैं सिसकी लेते हुए उससे बोला-
मैं: आह श मेरी प्यारी रेखा. क्या मस्त माल है तू. कितना मज़ा देती है. तेरा पति वाकाई लकी था.
मौसी: हा, लेकिन वो मुझे कुछ नही करने देते थे. बस सेक्स करके 10 मिनिट में सो जाते थे.
मैं: कोई बात नही जान. अब तू मुझसे कर ले जो करना है.
मौसी मेरी बातें सुन के मेरे पेट को चाटने लगी. मौसी ने मेरी नाभि को खूब आचे से छाता, जिससे मेरी सिसकी निकल रही थी.
मैं: श आह मेरी जान. आ क्या मज़ा देती है तू.
मौसी: तुझे देख लगता है तू पहले से एक्षपरिएनसेद है.
मैं: हा मेरी रेखा. बहुत लड़कियाँ, भाभियाँ, औंतीयाँ छोड़ी है.
मौसी मेरी नाइट पंत को उतारते हुए बोली-
मौसी: तो ये बता तुझे कों पसंद है? भाभी या लड़की?
मैं: मेरी जान. मुझे शादी-शुदा तेरे जैसी औरत पसंद है. जो चूड़ने में नाटक ना करे. और सामने वाले के मूड के हिसाब से सेक्स करे.
मौसी: अछा.
वो अब मेरे लिप्स को वापस से चूसने लगी. मैं भी उसके होंठो को चूस कर बोला-
मैं: मेरी रानी, तू ये बता तूने किसी और के साथ पहले किया है?
मौसी: सिर्फ़ मेरे पति के साथ बस. उसके बाद अब तेरे साथ कर रही हू. तुझे हिलाते हुए देख कर मेरी भी गर्मी उभर आई.
ये बोल के उसने मेरा लंड पकड़ लिया, और एक बार में मेरा कक्चा निकाल दिया. मैं अब रज़ाई में नंगा था. वो रज़ाई के अंदर गयी, और झुकते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया. मेरा 7 इंच का गरम लोड्ा मेरी प्यारी मौसी के हाथ में था. वो मुझसे बोली-
मौसी: रोहित, तेरा ये तो बहुत बड़ा है. कैसे किया तूने? मेरे पति का बहुत छ्होटा था. तेरे सामने कुछ भी नही था.
मैं: तुझे पसंद आया ना जान?
मौसी: पसंद क्यूँ नही आएगा. तेरा लंड है ही ऐसा.
मैने उसका सिर लंड पर दबाया. वो भी अपना मूह खोल कर मेरे लंड के टोपे को चूमने लगी. मेरे मूह से श उम्म्म निकल गयी.
मौसी ने मूह खोल के मेरा आधा लंड अपने प्यारे कोमल मूह में भर लिया. उसे वो धीरे-धीरे चूसने लगी. मैं तो बस आँखें बंद करके लंड चुसाई का मज़ा ले रहा था. वो बहुत प्यार से मेरे लोड को चूस रही थी.
मैने उसका सिर ज़ोर से दबाया तो पूरा 7 इंच का लोड्ा मूह में घुस गया. उसने झट से लंड बाहर निकाला और बोली-
मौसी: क्या कर रहा है तू? मैं चूस रही हू ना. मुझसे जितना लिया जेया रहा है उतना ही लूँगी ना. मैने पहले इतना बड़ा नही लिया है.
मैं: मेरी रानी, पूरा लेने की कोशिश कर. तू बड़ा मस्त लोड्ा चूस्टी है. चूस ना आचे से.
मौसी ने फिरसे लंड मूह में भर लिया, और आचे से चूसने लगी. वो लंड को अब पूरा अंदर-बाहर करने लगी. रज़ाई हिलने लगी थी उसके लंड चूसने से. मेरी भी सिसकी निकल रही थी.
मैं: श उहह हा मौसी.
15 मिनिट लंड चूसने के बाद उसने मेरे 2 काले जामुन भी खूब मज़े से चूज़. 10 मिनिट तक मौसी ने मेरी बॉल्स को चूसा. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. दोस्तों एक बात तो है, शादी-शुदा औरत पूरा मज़ा देती है. इतना मज़ा कोई गर्ल नही दे पाती.
मैने अब उसे उठाया, और उसे अपने नीचे किया. मैने जल्दी से उसके सारे कपड़े निकाल दिए. गरम मौसी को गरम रज़ाई में नंगा कर दिया. अब मुझे अंधेरे में कुछ दिख तो नही रहा था. लेकिन बदन की जो मादक गर्मी थी, उसे मैं महसूस कर रहा था.
हम दोनो रज़ाई में नंगे थे. मैं अब उसके गरम बूब्स को चूसने लगा, और एक हाथ उसकी बालों वाली छूट पर फेरने लगा. इससे वो मचल रही थी.
मौसी: उहह उम्म्म श रोहित. तू क्या अछा मज़ा देता है यार.
मैने उसके दोनो बूब्स बारी-बारी से 20 मिनिट तक चूज़. चूस-चूस कर निपल और पुर बूब्स की स्किन गीली कर दी. मौसी सिसकी लेके बोली-
मौसी: उम्म्म, साची में मुझे पता चल गया अब तू पूरा एक्सपीरियेन्स है. इतना मज़ा मेरे पति भी नही देते थे.
मैं: मैं हू ना अब मेरी रेखा रानी.
मौसी हेस्ट हुए मेरे गाल को अपने दाँत से हल्के से काट कर बोली-
मौसी: तुझे बहुत जल्दी है मेरा पति बनने की. जल्दी-जल्दी में बच्चे का बाप मत बन जाना.
मैं: मेरी जान, तू बोले तो वो भी बन जौ.
हम दोनो एक-दूसरे को किस करते हुए हासणे लगे. फिर मैं उसके पेट और नाभि को चाटने लगा. वो मेरी सिर के बालों के सहला रही थी. बेड पर गरम सिसकियाँ ले रही र्ही.
मौसी: श उहह उफ़फ्फ़.
नाभि चाटने के बाद मैं उसकी छूट पर गया. मेरे मूह पर छूट के बाल टच हो रहे थे. मैने उसके पैर डोर किए, और छूट पर ज़ुबान रखी तो मौसी की उहह उम्म्म मा सिसकी निकल गयी. अब छूट के दाने को हल्के-हल्के चाटने लगा. तो मौसी उछाल पड़ी.
मौसी: आह उफ़फ्फ़ रोहित. कितना मज़ा आ रहा है बता नही सकती. तू कहा से सीखा ये सब? करता रह आह बाबा.
मैं अब उसकी छूट में ज़ुबान घूमने लगा. मौसी ने मेरा मूह छूट में दबा दिया. कमर उपर करके छूट मूह में दबा रही थी. 5 मिनिट में छूट ने रस्स निकाल दिया. मैं सारा रस्स चाट-चाट कर सॉफ करने लगा. मौसी का बदन गरम सिसकियाँ ले रही थी.
मैने 10 मिनिट और उसकी छूट को खूब छाता जिससे छूट का च्छेद गीला हो गया. क्यूंकी छूट टाइट थी तो चाटना ज़रूरी था. तभी छोड़ने में मज़ा आता है. मैं अब उठा तो और मौसी के बूब्स दबाते हुए उसे किस करने लगा. फिर कान को चूमते हुए बोला-
मैं: मेरी रानी मेरी जान रेखा. डाल डू लंड तेरे छूट में बोल? बनेगी मेरी रंडी बोल ना रेखा?
मैं बोलते हुए लंड को छूट पर रग़ाद रहा था. वो सिसकते हुए बोली-
मौसी: उहह आह, हा डाल दे रोहित. तेरे रंडी बनने को मैं रेडी हू. बना ले अपनी पत्नी मुझे और छोड़ दे ना.
मौसी ने मेरा लंड हाथ में पकड़ा और छूट के च्छेद पर रखा. मैने उसके बूब्स चूस्टे हुए छूट में एक धक्का दिया. जिससे लंड का हेड ही अंदर गया. उसकी छूट बहुत टाइट थी. मौसी को बहुत ज़ोर का दर्द हुआ.
मौसी: आह आह मा मॅर गयी रे. ऑश रोहित, प्लीज़ निकाल दे बाहर. दर्द हो रहा है.
मैं: मेरी जान. तू बहुत दिन बाद चुड रही है. इसलिए दर्द हो रहा है. तोड़ा से ले, और धीरे चीख वरना तेरा बेटा जाग जाएगा.
मैने अपना मूह उसके होंठो पर रखा और चूस्टे हुए उसकी छूट में एक धक्का और दिया. जिससे लंड आधा अंदर घुस गया. वो तड़पने लगी दर्द से. मैने उसका मूह दबा रखा था, इसलिए उसकी आवाज़ डब गयी थी.
मैने एक धक्का और दिया जल्दी से, जिससे छूट में लंड पूरा घुसा दिया. मौसी की हालत खराब हो गयी थी. क्यूंकी पहली बार उसने इतना बड़ा लिया था. मैं छूट पर हाथ रख कर सहलाने लगा. तो मुझे गरम पानी जैसा कुछ महसूस हुआ.
मैने उसे नाक पर सूँघा तो वो खून था. मतलब उसकी सील आज आचे से टूटी है. मैं 5 मिनिट ऐसे ही मौसी को किस करते हुए रुका. फिर मैने मूह हटाया तो वो बोली-
मौसी: उहह तूने तो आज मेरी जान निकाल दी. कितना बड़ा है तेरा यार. बहुत जल रही है छूट. प्लीज़ धीरे कर ना. मैं तेरे ही हू, कही भाग थोड़ी ना रही हू.
मैं: मेरी रंडी, तू भाग भी नही सकती. भागी तो तेरे गांद मार दूँगा. तुझे मज़ा आ रहा है ना?
मौसी: कही नही भाग रही बाबा. मज़े के साथ दर्द बहुत आ रहा है.
मैं हासणे लगा, और उसके होंठो को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा. वो भी गरम होके मेरी होंठ चूस रही थी. मौसी को अब दर्द कम हुआ. मैने नीचे से धीरे-धीरे धक्के दिए. जिससे उसकी हल्की सिसकी निकल रही थी. लेकिन दर्द फिर भी हो रहा था.
अब कहानी नेक्स्ट पार्ट में मिलेगी. प्लीज़ वेट करना. मुझे अपना फीडबॅक ज़रूर देना. किसी भाभी, आंटी, गर्ल, हाउसवाइफ, या डाइवोर्स लेडी को रियल सेक्स और सेक्स छत चाहिए, तो मुझे मैल करे. आपकी जानकारी सेक्यूर रहेगी. आप मुझसे बिना दर्रे बात कर सकते हो. मुझे आप गम0288580@गमाल.कॉम पर मैल करे.
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