चुपके चुपके चूत चोदने का मजा

फिर मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया।
हम दोनों पागल हो गए थे।
मैंने उसे अपने लंड पर तेल लगा कर मालिश करवाई.. जिससे मेरा लंड और टाइट हो गया।

फिर मैंने तेल से भीगे लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और जोर से एक ही बार में आधा डाल दिया.. जिससे वो चिल्ला पड़ी। उसकी आँखों से पानी आ गया।

मैंने उसके होंठों को चूमना चालू कर दिया और एक और जोर से झटका दिया और पूरा लंड डाल दिया, जिससे उसकी चूत से खून आने लगा।

मैंने वो साफ़ किया और फिर जोर-जोर से चोदने लगा। वो ‘आहाह.. ऊऊईई.. माँ..’ करती रही।

मैं भी जोर-जोर से चोदे जा रहा था और फिर मैं भी झड़ गया। मैंने सारा पानी उसके पेट पर ही छोड़ दिया।

वो बोली- यह क्या है?

मैंने उसे बताया ये अमृत है। फिर मैंने अपने लंड को उससे चुसवाया और एक बार फिर चुदाई चालू कर दी।

अब मैंने उसकी गांड मारने का प्लान बनाया। अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और गांड में डालने लगा। दोस्तो गांड मारने में बहुत दम लगता है।

जैसे ही मैंने जोर लगाया.. वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है।

मेरा भी लंड अन्दर नहीं जा रहा था.. पर मैंने और दम लगाया। मेरा लंड थोड़ा अन्दर गया, पर वो मेरे नीचे से हट गई।

बोली- बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- ठीक है।

अब मैंने वापस चूत में लंड डाल दिया.. कुछ ही धक्कों में वो दुबारा झड़ चुकी थी।
फिर हमने एक-दूसरे को कपड़े पहनाए।

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इसके बाद वो वापस रूम में अंजलि दीदी के पास सोने चली गई।

उसके बाद जब भी उसके घर कोई नहीं होता था तो हम दोनों खूब चुदाई करते थे।

लेकिन आज वो मुझसे दूर हो गई, उसकी शादी हो गई है, मैं आज भी उसे चाहता हूँ।
आपको कहानी कैसी लगी जरूर बताना।

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