ही दोस्तों, मैं हू रीता. मैं उप से हू. मेरी उमर 34 साल है, और मैं एक शादी-शुदा महिला हू. मेरे 2 बच्चे भी है एक बेटा और एक बेटी. मेरी हाइट 5’5″ है, और फिगर 36-32-38 है. रंग मेरा दूध जैसा गोरा है.
मेरी फॅमिली में मैं, मेरे पति, बच्चे, और मेरे सास-ससुर है. मेरे पति की किरयणा की दुकान है, जिससे हमारा घर चलता है. हमारी दुकान काफ़ी अची चलती है, इसलिए हमारे पास ठीक-ताक पैसे और प्रॉपर्टी भी है.
दुकान पर काफ़ी कस्टमर्स होने की वजह से मेरे हज़्बेंड के एक लड़के को दुकान पर काम पर रखा हुआ है. उस लड़के के नान अमित है. वो 22 साल का लड़का है, और काफ़ी हटता-कटता है. हाइट उसकी 5’11” है, और रंग ठीक-ठीक गोरा है.
मेरे पति दुकान का सारा समान होल्सेल मार्केट से उठाते है, जो की दूसरे शहर में है. इसके लिए उनको महीने में 2 या 3 बार दूसरे शहर जाना पड़ता है. और क्यूंकी समान काफ़ी ज़्यादा होता है, तो उनको 2 या 3 दिन लग जाते है वापस आने में.
उनके पीछे दुकान को मुझे संभालना पड़ता है. ऐसा हर महीने होता है. लेकिन पिछले महीने जब मेरे हज़्बेंड समान लेने गये, तो पीछे कांड हो गया. चलिए आपको बताती हू की क्या हुआ.
हर बार की तरह मैं दुकान पर बैठी थी. मैने सारी पहनी हुई थी. दोपहर का वक़्त था, और उस वक़्त ज़्यादा कस्टमर्स नही होते है. अमित उसी वक़्त अपना लंच करता है, और तोड़ा आराम करता है. वो दोपहर में घर नही जाता. दुकान के अंदर ही पीछे की साइड पर रूम बना हुआ है.
वो उसी रूम में बैठ कर अपना खाना खा लेता है, और फिर वही पर आराम भी कर लेता है. तो हुआ यू, एक कस्टमर आया, जो एक नया प्रॉडक्ट माँग रहा था. मैने उस प्रॉडक्ट का नाम पहले नही सुना था, तो मैने उसको माना कर दिया. लेकिन उसने मुझे कहा की वो पिछली बार हमारी ही दुकान से लेके गया था.
मैने इधर-उधर सब जगह देखा, लेकिन मुझे वो प्रॉडक्ट नही मिला. फिर मैने सोचा की अमित से पूच लेती हू. ये सोच कर मैने उसका फोन मिलाया, लेकिन उसका फोन ऑफ था. फिर मैने सोचा की अंदर जाके उससे पूच लेती हू.
जब मैं अंदर पहुँची, तो रूम का दरवाज़ा बंद था, लेकिन अंदर से कुण्डी नही लगी थी. मैने सोचा की अब तक अमित ने लंच कर लिया होगा. लेकिन मैने पहले धीरे से दरवाज़ा खोल कर चेक करा.
पर जैसे ही मैने अंदर देखा, तो अंदर कुछ और ही चल रहा था. अमित ज़मीन पर बैठा हुआ था, और उसने बनियान छ्चोढ़ कर बाकी सारे कपड़े उतारे हुए थे. उसका हाथ उसके विशाल लंड पर था, जो की बहुत मोटा था. और वो अपने लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिला रहा था.
मैने सोचा की मैं तो बहुत ग़लत टाइम पर आ गयी. अछा हुआ मैने दरवाज़ा सीधे नही खोल दिया. ये सोच कर मैं वापस मुड़ने लगी. लेकिन जैसे ही मैं मुड़ने लगी मुझे मेरे नाम की आवाज़ आई-
अमित: आ रीता भाभी आहह. बहुत मज़ा आ रहा है तुमको छोड़ने में भाभी. तुम्हारी छूट बहुत गरम है भाभी, और तुम्हारे बूब्स बहुत रसीले. करो भाभी मुझे प्यार करो.
ये सब सुन कर मैं हैरान हो गयी. मेरे बदन में करेंट सा लगने लगा. पहले मैं वाहा से वापस आने लगी. लेकिन मेरे पैरों ने मेरा साथ नही दिया. पता नही उसका लंड देख कर मैं उत्तेजित क्यूँ हो रही थी. शायद मेरे अंदर की अधूरी प्यास की वजह से.
असल में बात ये थी की बच्चे होने के बाद मेरे पति और मेरे शारीरिक संबंध आचे नही थे. अब वो मुझे बहुत कम छोड़ते थे. इसी वजह से मैं संतुष्ट नही थी. शायद उसी अधूरी प्यास की वजह से मैं उत्तेजित हो रही थी. और उपर से अमित का लंड ऐसा था की कोई भी औरत उस पर मोहित हो जाए.
जिस तरह से वो मेरे नाम लेके अपना लंड हिला रहा था, मेरा हाथ अपने आप ही मेरी छूट पर चला गया, और मैं सारी के उपर से अपनी छूट को दबाने लगी. मेरी छूट पूरी तरह गीली हो चुकी थी, और मेरी साँसे तेज़ हो रही थी.
मेरा दिल कर रहा था की मैं अंदर जाके उसका मोटा सा लंड अपने मूह में लेलू. मैने अपने आप को बहुत रोकने की कोशिश की, लेकिन मैं रोक नही पा रही थी. फिर पता नही क्या हुआ, की मैने दरवाज़ा खोला, और अंदर चली गयी. मैं अमित के सामने खड़ी हो गयी. मेरे सामने जाने से वो दर्र गया, और खड़ा हो गया. उसका लंड पूरा खड़ा हुआ था.
इससे पहले वो कुछ बोलता, मैं उसके सामने अपने घुटनो पर आ गयी. फिर मैने उसका लंड हाथ में लिया, और अपने मूह में डाल लिया. अब मैं किसी रंडी की तरह उसका लंड चूस रही थी.
मेरा पल्लू गिर चुका था, और मेरे चूचों की गहराई वो देख पा रहा था. जब उसको मेरे इरादे का पता चला, तो वो एक हाथ से मेरे चूचे दबाने लगा. साथ में वो अपनी कमर हिला कर अपना लंड मेरे मूह में आयेज-पीछे कर रहा था.
5 मिनिट उसका लंड चूसने के बाद मैने उसको लेटने को बोला. वो लेट गया, और मैं उसके उपर खड़ी हो गयी. फिर मैने अपनी सारी उपर की, और अपनी कक़ची निकाल दी. अब मेरी नंगी छूट उसको दिख रही थी. फिर मैं उसके उपर बैठी, और उसका लंड अपनी छूट में ले लिया.
आहह! मेरे मूह से ऐसी आवाज़ निकली. उसका लंड मेरे पति के लंड से बड़ा था. फिर मैने उसकी चेस्ट पर हाथ रखे, और उसके लंड पर उपर-नीचे होना शुरू कर दिया था. उसने मेरी गांद पर हाथ रखा, और मुझे उछालने में मदद करने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और वो भी आ आ कर रहा था. 10 मिनिट मैं ऐसे ही उसके लंड पर उछालती रही. मुझे उसके चेहरे पर मज़ा सॉफ नज़र आ रहा था. फिर उसने मेरी गांद पर शिकंजा कॅसा, और आ आ करते हुए उसने अपना गरम वीरया मेरी छूट में निकाल दिया. उसके गरम लावे के अंदर जाते ही मैं भी झाड़ गयी.
फिर मैं जल्दी से उठी, और नीचे जाने लगी. क्यूंकी दुकान नीचे खुली पड़ी थी. फिर जैसे ही मैने जाने लगी, मेरी गांद फटत गयी.
इसके आयेज की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.