चुत चुदाई की चाहत में उसने मुझे घर बुलाया

मैंने मजाक करते हुए कहा- अभी तो सिर्फ़ शुरूआत हुई है रानी.. और तुमने हथियार डाल दिए?
तो उसने कहा- एक बार हथियार गिरने से क्या होता है.. और तुमने किया ही कुछ इस तरह से.. कि मैं खुद को रोक नहीं पाई और इतने दिनों से प्यासी भी थी, सो झड़ गई।
मैं- तो अब मेरा क्या होगा?
‘अब तुम्हारा मर्डर होगा राजा..’

उसने हँसते हुए मुझे लेटा दिया और अपना निप्पल मेरे मुँह में दे दिया। मैं बारी-बारी से उसके दोनों लाल निप्पलों को मस्ती से चूसे जा रहा था और साथ ही पेंटी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चुत में भी उंगली कर रहा था।

उसने मुझसे विपरीत दिशा में घूमने को कहा। जैसे ही में 69 वाली पोज़िशन में आया.. तो उसने मेरा अंडरवियर निकाल दिया और मेरा लंड मुँह में ले लिया।

मैंने भी देर ना करते हुए उसकी पेंटी उतार दी और उसकी चिकनी चुत मेरे मुँह के सामने सजी थी।

उसकी चुत पर हल्की मगर बहुत ही पैनी झांटें थीं.. जैसे 2-3 दिन पहले ही साफ की गई हों।

मैं अपने पूरे उफान पर था.. तो जल्द ही झड़ने के करीब हो गया था। अभी उसे कुछ चेताता कि अचानक से उसके मुँह में ही झड़ गया और उसने मेरा सारा पानी मुँह में ले लिया।

जब मेरे लंड का सारा पानी निकल गया तो वो जल्दी से उठी और लंड के माल को बाथरूम में जा कर थूक आई।

उसके हाथों के द्वारा थोड़ी देर सहलाने के बाद मेरा लंड फिर हरकत में आने लगा था। उसने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए उसे पूरा कड़ा कर दिया। इसी बीच हम दोनों के मुँह से काफ़ी सीत्कारें भी निकल रही थीं।

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जब वो मेरा लंड चूस रही थी.. तो मैं कहे जा रहा था- आह.. और जोर से चूसो.. आह्ह.. और जी भर के चूसो इसे रानी..
वो भी साली किसी रंडी की तरह बोलने लगी- आज तो इसे नहीं छोड़ूँगी कमीने.. साले बहुत परेशान किया है.. तो आज तो तेरा और तेरे लंड का पूरा रस निचोड़ लूँगी.. आहह.. क्या मजा आ रहा है.. हुम्म.. आहह्ह..
फिर जब मेरा पूरी तरह से कड़ा हो गया तो उसने कहा- अब देर मत करो यार.. जल्दी से पेल दो।

मुझे भी सही लगा। मैं जैसे ही उसकी टाँगों के बीच में आया.. तो उसने अपनी टांगें फैला दीं और मैंने उसकी चुत पर लंड सैट करके धक्का लगा दिया।

वो कुछ कहती.. उससे पहले ही आधा लंड उसकी चुत में पेवस्त हो गया। लंड की धमक इतनी तेज थी कि उसके मुँह से हल्की सी चीख निकली- उई..ई..माँ.. मर गई.. भूतनी के भेनचोद.. मार दिया.. थोड़ा आराम से नहीं डाल सकता था क्या.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… कमीने चुत फाड़ दी साले.. आह्ह..

मैं- अगर आराम से करता.. तो तुम मुझे भूल जातीं.. अब यह चीख हमेशा तुम्हें मेरी और मेरे लंड की याद दिलाती रहेगी।
यह कह कर मैंने एक और बार लंड बाहर खींचा और एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी चुत में घुसेड़ दिया।
इस बार वो फिर से जोर से चीख पड़ी ‘ओई.. भोसड़ी के मार डालेगा आज तो.. आहह.. उफ़.. उम्मह..’
वो चुत की तड़फ से खुद को थोड़ा एड्जस्ट करने लगी।

कुछ देर बाद मुझे लगा कि अब सब सही हो गया है.. तो मैं उसकी चुत में धक्के मारने लगा। साथ ही उसके निप्पल अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा।
अब वो भी लंड का पूरा मजा ले रही थी, बेडरूम में सिर्फ़ तीन आवाज़ें थीं.. मेरी ‘आहह.. आहह..’ की और उसकी ‘उम्म्म आहह.. ऊहह.. यस यस.. फक मी.. हार्डर.. अह.. बहुत मजा आ रहा है.. और जोर से चोदो.. और जोर से.. और स्पीड से चोद दे..’ और तीसरी आवाज थी चुदाई की.. लंड और चुत के धक्कों से आने वाली ‘फॅक.. फॅक..’ की।

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हम दोनों की गरमागरम चुदाई पूरे जोश में चल रही थी। वो इतनी उत्तेजित हो गई थी कि उसने मेरी पीठ में अपने नाख़ून से कुछ निशान तक बना दिए थे।

निक्की- और जोर से चोदो.. बड़ा मजा आ रहा है.. उन्न्ह्ह.. और जोर से उउउंम्म.. आहहहा.. यस यस.. कम ऑन हाँ.. बस ऐसे ही.. ओह्ह.. मार दिया.. और जोर से चोदो मेरे राजा.. आह्ह..
मैं- आहह.. ले.. खा ले मेरा लंड.. पूरा ख़ा ले साली कुतिया..

वो अब झड़ने के करीब थी और मैं भी चरम पर आने वाला था।

मैंने उससे कहा- मैं कुछ ही देर में आ जाऊँगा.. तो कहाँ निकालूँ?
निक्की- थोड़ा कंट्रोल करो ना.. मेरा भी हो रहहा है.. आह्ह..

सो मैंने थोड़ा सा अपनी भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश की।

मैं- पर यह तो बताओ कि निकालूँ कहाँ?
निक्की- मेरे अन्दर छोड़ देना.. पूरे का पूरा अन्दर.. आह्ह.. और अब जोर से चोदो.. मैं बस आ रही हूँ।
वो जोर से चीखी- आअहह.. जोर से चोदो.. मेरा निकलने वाला है.. अया आहहा ऊहह उउम्म्म्म..

तभी वो एकदम से अपने शरीर को ऐंठते हुए झड़ गई।

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