मैंने उनको ऊंची आवाज में कमरे से जाने को कहा.. पर वो बस मुझे मनाने में लगे रहे।
करीब एक घन्टे के बाद मैंने अपनी हार मान ली।
मेरे ‘हाँ’ करते ही उन्होंने मुझे पूरी तरह नंगा कर दिया और मेरे ऊपर आ गए। फ़िर मुझे ऊपर से नीचे तक चूमना और चूसना शुरू कर दिया।
मुझे जरा भी नहीं लगा कि वो कोई 56 साल के बुजुर्ग हैं.. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई 30-35 साल का जवान मर्द मेरे ऊपर चढ़ा हो।
करीब 10 मिनट के बाद वो थोड़ा रुके और फ़िर मुझसे कहने लगे- तारा तुम बहुत खुबसूरत हो.. तुम्हारा जिस्म एकदम फूल की तरह कोमल है।
मैं बस शर्माती हुई उनकी बातें सुन रही थी। वो बस मेरी तारीफ़ करते और चूमते रहे।
मुझे लगा कि इस बुजुर्ग से कुछ हो भी पाएगा या नहीं।
उन्होंने मेरी टाँगों को फ़ैला दिया। खुद अपने आपको वहाँ पोजीशन में कर लिया और अपने लण्ड को मेरी बुर में रगड़ते हुए मुझे चूमने लगे।
धीरे-धीरे उन्होंने मेरे मम्मों को चूसना शुरू किया। उनका एक हाथ मेरी एक चूची पर था जिसे वो जोर-जोर से मसल रहे थे और दूसरी चूची को अपने मुँह में ले कर चूस रहे थे।
मुझे अजीब सा दर्द और मजा का अहसास हो रहा था।
मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। अब वो नीचे की तरफ़ आने लगे और अचानक उन्होंने अपना मुँह मेरी बुर से लगा दिया।
मैं उठ कर बैठने लगी.. पर उन्होंने मुझे लिटा दिया।
मैंने कहा- ये क्या कर रहे हैं?
उन्होंने कहा- तुम्हें मज़ा आएगा.. बस लेटी रहो।
उन्होंने मेरी बुर चाटना शुरू कर दिया मेरी बुर और गीली होने लगी.. मुझे काफी मज़ा आने लगा।
मैंने उनका सिर अपनी बुर की ओर खींचना शुरू कर दिया।
कुछ देर में मेरी हालत खराब होने लगी। मैंने सिस्कारते हुए कहा- मैं झड़ने वाली हूँ।
तो वो और जोर से चाटने लगे।
फ़िर मैं भलभला कर झड़ गई।
अब वो वहाँ से ऊपर आए और मुझसे बोले- तुम्हारी बुर कितना पानी निकालती है.. अब मेरे लण्ड को प्यार करो।
मैंने उनका अंडरवियर उतार दिया और अपने हाथ से उनका लौड़ा हिलाने लगी।
उनका लिंग काफी मोटा था।
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे लिंग मुँह में लेने को कहा.. पर मैंने मना किया।
फ़िर उन्होंने जिद की.. तो मैंने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा- अब बस करो.. चलो चुदाई करते हैं।
उन्होंने मेरी कमर के नीचे एक तकिया रखा और मेरी जाँघों को खोल दिया। मेरी बुर पर थूक लगा दिया और अपने लिंग से चूत को रगड़ने लगे।
फ़िर वे झुके और मुझे कस कर पकड़ लिया, उन्होंने मुझसे कहा- मेरे लिंग को बुर में लगा दो।
मैंने लिंग को पकड़ कर बुर के छेद पर रखा और घुसाने के लिए कहा, उन्होंने धीरे-धीरे लिंग को अन्दर घुसाने की कोशिश करना शुरू कर दी।
उनका सुपारा अन्दर घुस चुका था। मुझे अपनी बुर में खिंचाव सा महसूस होने लगा।
अचानक उन्होंने एक जोर का धक्का मारा और उनका पूरा लिंग चूत में अन्दर घुस गया।
मैं चीख पड़ी- ऊई मा..
वो बोले- बस.. हो गया.. थोड़ी देर रुको.. फ़िर चोदना चालू करूँगा।
वो मुझे चूमने लगे.. मेरे होंठों को चूसने लगे, मेरी जुबान को चूसने लगे.. मेरे मुँह से निकलते रस को पीने लगे, फ़िर मुझसे कहा- तारा क्या तुम तैयार हो.. तो मैं धक्के मारना शुरू करूँ?
मैंने कहा- हाँ..
मैंने अपनी टाँगें उठा कर उनके ऊपर रख दीं।