चुदाई के शोले कामुकता कहानी

हेल्लो दोस्तों, आप लोगो चुदाई की बहुत सारी कहानियाँ पढ़ते है. लेकिन क्या आप ने चुदाई के शोले के बारे में सोचा है. अगर वही किरदार सेक्स के उपर आप का मन लुभाए तो. चलिए आप के लिए पेश है, अब तक की सारी सेक्स स्टोरीस मैं सब से अलग सेक्स स्टोरी……!!!
जय तेरा लंड ढीला क्यूँ हैं इतना
जय और वीरू खेत में हगने बैठे थे. जय का लंड ढीला देख के वीरू बोला: जय पाजी, आप का लंड ढीला क्यूँ हैं.
जय: अबे क्या बताऊँ तुम्हे, वोह जेलर हैं ना, अंग्रेज के ज़माने का कल उसने शाम को मेरे लंड को चूस चूस के पूरा मुठ निगल लिया. चलने के भी होश नहीं थे, साले ने कोई वायेग्रा नाम की गोली मंगवाई थी जिस से लंड बैठ थी नहीं रहा था. लेकिन वीरू तेरी गांड के उपर यह निशान कैसे हैं…?
वीरू: जय पाजी, आप को जेलर बुलाये और हम ना आये. लेकिन मैं जैसे ही कोटडी में घुसने वाला था की जेलर के हवलदारोने मुझे ले दबोचा. साले मुझे एक खाली कोटडी में ले गए और आधे इधर से लंड चुसाते थे और आधे पीछे से गांड मारते थे. और बाकी बचे वो दरवाजे पे खड़े देख रहे थे. जम के चुदाई कर दी सालो ने गांड की. साला मुझे अब भी गांड में दर्द हो रहा हैं. जय पाजी एक बड़ा हाथ मार लेते है और कहीं दूर चले जायेंगे इस चोरी चमारी की दुनिया से. मैं खेतो में हल चलाऊंगा और जो मजदुर लडकियां खेतो में काम करने आएँगी उनकी चूत मारूंगा.
जय: अबे भोसड़ी के, तूने मुठ मारने के अलावा कभी कुछ किया भी हैं, जो बड़ी बड़ी बातें कर रहा हैं. साले गांड धो और उठ. गाँव से बाबू लोहार की चिठ्ठी आई हैं. तू गब्बर सिंह और ठाकुर की बात जानता हैं?
वीरू: नहीं, कौन गब्बर वही जो गांड मारने का सौखीन हैं.?
जय: हाँ वही, उसने पिछले महीने ठाकुर की गांड मार ली और साथ ही साथ उसकी नसबंदी भी कर दी. अब ठाकुर चोद तो सकता हैं लेकिन समझ गया ना.
वीरू: हाँ, हाँ, हाँ…जय पाजी, यह वही ठाकुर हैं ना जो एक साथ 3 3 रांडो को अपनी हवेली में ले के जाता था चुदाई करने के लिए.
जय: हाँ वही ठाकुर. लेकिन अब वो इतना सदमे में चला गया हैं की उसकी मुठ भी घर का नौकर रामलाल मार के दे रहा हैं. उसकी एक बहु भी हैं घर में राधा नाम हैं उसका, एक बार खेत में 2 लोंडो से वो चुदवा रही थी. उसे ऐसे चुदवाते देख उसके पति को दिल का दौरा पड़ा और वो मर गया. अब रामलाल एक तरफ ठाकुर को मुठ मार के देता हैं और रात के सन्नाटे में राधा की चुदाई करता हैं.
वीरू: लेकिन लौड़े, तू मुझे क्यों बता रहा हैं यह सब. हमारा क्या फायदा हैं, गब्बर ने ठाकुर की मारी, रामलाल ठाकुर की मुठ मारता हैं और राधा की चुदाई करता हैं. इन सब में हमें क्या दिलचस्पी बे लौडू.
जय: कर दी ना बेंचोद लंड जैसी बात. साले ठाकुर ने ऐलान किया है की जो गब्बर की नसबंदी कर के उसे उसके पास लाएगा वो उसे 50,000 रूपये देगा और गाँव में 2 एकर जमीन भी देगा.
वीरू: ओह अच्छा, लेकिन गब्बर सिंह तो बड़ा डाकू हैं ना. उसे पकड़ना तो मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं. उसे तो 11 रंडी खाने की रंडिया भी ढूंढ रही हैं क्यूंकि साला उनकी फ्री ,में चुदाई भी करता था और उनके कपडे भी उठा ले जाता था जब वो 19 साल का था और तब वो डाकू नहीं था.
जय: अबे साले अगर हम गांडू लोगो की एक्टिंग करेंगे तो हमें गब्बर के दरबार में पेश किया जाएगा. तब हम चुपके से उठे वहाँ से उठा लेंगे.
जय और वीरू इस बात पर सहमत हुए और वो दुसरे दिन सुबह की बस से रामनगर जाने के लिए निकल पड़े. उन्हें पता नहीं था की गब्बर बायसेक्सुअल था और उसे लंड और चूत दोनों से खेलने का सौख था. यह तो रामनगर जाते ही अपनी गांड लोगो से मरवाने लगे. जय और वीरू बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन और मूवी थियेटर में लोगो को उकसाते थे और अपनी गांड की चुदाई करवाते थे. उनको ऐसे था की ऐसा करने से उनकी रामनगर में गांडू के तौर पर ख्याति होंगी और गब्बर उन्हें पकडवाएगा. एक दिन शाम को वो इनाम की बात करने के लिए ठाकुर की हवेली पर पहुंचे. ठाकुर कमरे में बैठा हुक्का पी रहा था, रामलाल ने चारपाई के निचे एक थूकदान रखी थी. इस थूंकदान में ठाकुर हर तीसरी मिनिट थूंकता था. जय और वीरू अंदर आये.
जय: नमस्ते ठाकुर साहब.
ठाकुर: कौन हैं बे तू भोसड़ी के.
वीरू: ठाकुर साहब आप को याद हैं जब आप रायगढ़ थाने में बंध थे, वो चोरी के इल्जाम में. तब रात को आप के मुहं पर पट्टी बांध के दो लोगो ने आपकी गांड चुदाई की थी. हम वही दोनों हैं.
ठाकुर यह सुनते ही लालपिला हो गया. रामलाल की तरफ देख के वो चीखा: रामलाल, लाओं मेरी बंदूक बेन्चोदो ने दो घंटे तक मेरी मारी थी. लाओं जल्दी लाओं.
रामलाल बंदूक लेने भागा. जय और वीरू की गांड फट गई. उन्होंने ठाकुर के पांव पकड़ के माफ़ी मांगी. ठाकुर ने एक शर्त पे उनको माफ़ किया की वो लोग बारी बारी उसका और रामलाल का लंड चूसेंगे. दोनों जब दो बड़े बड़े लौड़े चूस के फारिग हुए तो ठाकुर बोला: अब बताओ भोसड़ी के लौड़ा चूसने के सौख से आये थे की कुछ काम था.
जय: ठाकुर साहब हम यहाँ गब्बर की गांड मारने आये हैं.
तुम गब्बर की चुदाई नहीं करोगे, वोह मेरा शिकार हैं
ठाकुर चीखा: तुम गब्बर की गांड नहीं मारोगे. वो मेरा शिकार हैं. उसकी गांड की चुदाई मेरे लंड से होंगी. इस लंड ने आज तक 1000 चुतो की चुदाई की हैं. लेकिन साले ने मेरे लंड को चुदाई के काबिल नहीं छोड़ा. लेकिन मैंने भी बोम्बे से एक रबर का लंड मंगवाया हैं जिसे डिल्डो कहते हैं. उसने मेरी गांड की चुदाई 8 इंच के लंड से की थी. मैंने उसके लिए 12 इंच का डिल्डो मंगवाया हैं. एक बार वो हाथ में आ जाए, साले की गांड की खाल उखेड लूँगा.
जय: ठीक हैं, ठाकुर साहब आप कहेंगे ऐसा ही होगा. लेकिन वो इनाम वाली बात.?
ठाकुर: हाँ तुम्हे गाँव में दो एकड़ जमीन और 50,000 रूपये भी मिलेंगे. लेकिन गब्बर मुझे चाहिए बस.
वीरू: चलो ठीक हैं ठाकुर साहब. हम गब्बर को आप के हवाले कर देंगे.
ठाकुर: तुम लोग पहले वादा करो के तुम गब्बर की गांड नहीं मारोगे.
जय: हम वादा करते हैं ठाकुर साहब.
सेक्सी राधा की लंड की प्यास
चुदाई की सौखीन सेक्सी राधा
सेक्सी राधा
जय और वीरू ठाकुर के घर से बाहर निकले और जब वो लोग उसकी बाउंड्री वाल से निकल रहे थे की उन्होंने एक 23 साल की लौंडी को देखा जो फ्रूट ठेले वाले से लड़ रही थी.
ठेले वाला: अबे राधा बिटिया, कच्चे केले भला बेचता हैं, क्या कोई ठेले में…?
राधा: मुझे नहीं पता वो, मुझे कच्चे केले चाहिए, आप कहीं से भी ला के दो. और अगर वो ना मिले तो ककड़ी या पतली दुधी ले आना. यह क्या छोटी छोटी सब्जी ले के आते हो, बैगन, चोली वगेरह. मुली भी तो नहीं लाते आप.
ठेलेवाला: ठीक हैं राधा बिटिया, हम आप को कल ला के देंगे.
ठेलेवाले के जाते ही जय और वीरू ने राधा की चुदाई करने की योजना बनाई. जय राधा के पास गया और बोला: हमें पता हैं की कच्चे केले कहाँ मिलते हैं.
राधा: अच्छा, कहाँ पर.
वीरू: उसके लिए आप को हमारे साथ आना पड़ेगा उस टेकरी के पीछे.
राधा: लेकिन अभी, अभी तो गाँव में किसी के खेत में केले नहीं हैं
जय: हम लोग शहर से दो केले ले के आये हैं. अभी भी वो हमारे पास ही हैं.
राधा समझ गई की उसकी केले से चुदाई की योजना यह दो लौंडे समझ चुके हैं. उसने कहाँ: चलो लेकिन ज्यादा देर मत करना, मुझे रामलाल को भी देखना हैं फिर.
जय और वीरू राधा को ले के पहाड़ी के पीछे बावल की झाड़ियो में गए और उसे अपने दोनों लौड़े निकाल के दे दिए. राधा ने भी बहुत दिनों के बाद दो लंड से चुदाई का अवसर पाया था. उसने भी अपनी चूत उठा उठा के जय और वीरू से चुदाई करवाई. जय ने एक तरफ से उसकी चूत में लंड दिया और दूसरी तरफ से वीरू ने राधा की गांड मार दी………!!!
चुदाई के शोले अभी बाकी हैं….

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हाई दोस्तों, चुदाई के शोले के पहले भाग में आपने देखा की कैसे इनाम की लालच में जय और वीरू गब्बर सिंह को पकड़ने और ठाकुर से उसकी गांड में डिल्डो डलवाने के लिए जाते हैं. साथ ही मैं गांडू बन के अपनी गांड गाँव वालो से मरवाते हैं ताकि गब्बर उन्हें ले दबोचे. राधा जो की ठाकुर की बहु हैं उसकी चुदाई भी जय और वीरू ने मिलके कर डाली हैं. अब आगे पढ़े.
राधा की परफेक्ट चुदाई कर दी
राधा के चूत को जय और वीरू ने इस कदर मारा था की उस से चला भी नहीं जा रहा था. रामलाल को जब पता चला की यह दो लौंडे राधा की चुदाई कर गए हैं तो वो आगबबूला हो गया. लेकिन जब राधा ने उसे यह कहा की काका तुम्हारे लंड में अब वो बात नहीं रही तो वो बेचारा शांत हो गया. राधा अब रोजाना इन दोनों को टिफिन देने के बहाने उनके रूम में जाती और थ्रीसम चुदाई का मजा ले के ही वापस आती थी. एक बार राधा को गर्भ भी रह गया, लेकिन यह दोनों पास के ही गाँव के डॉक्टर सुरमा भोपाली को ले आये और बच्चा गिरा दिया. वीरू ने एक रंडी जिसका नाम बसंती पटेल था उसे भी फांस लिया था. बसंती किसी हिरोइन से कम नहीं थी, वो टांगा चलाने की आड़ में दारु की स्मगलिंग किया करती थी. वीरू उसके वहाँ नियमित दारु लेने जाता और एक दिन मौका देख उसने बसंती को दबोच ही लिया. उधर ठाकुर परेशान था क्यूंकि यह दोनों ठाकुर का खाते थे और 2 महीने तक गाँव के जवान बूढों से गांड मराते थे. ठाकुर को किसी भी तरह अपने डिल्डो का उपयोग करना था. आखिर एक दिन आया जब गब्बर को जय और वीरू के बारे में पता चला. उसके दाहिने हाथ सांभा ने गब्बर को बताया की कालिया और उसके दो साथी दो गुड की गांड मार के आये हैं…….फिर क्या था, बुलाया गब्बर ने तीनो को.
कितने आदमी थे रे कालिया
गब्बर ने तीनो को बिच में खड़ा किया और वो अपनी पेंट उतार के उनकी चारो तरफ घुमने लगा.
गब्बर: कितने आदमी थे रे कालिया.?
कालिया: सरकार, दो.
गब्बर: और तुम.?
कालिया: तिन.
गब्बर: मादरचोद, फिर भी हमका भूल गए. तुम्हे ख़याल नहीं आया की गब्बर भी गांड का भूखा हैं. उसे भी लंड शांत करना हैं. तुमने क्या सोचा सरदार खुश होगा, शाबाशी देगा की तुम तीनो मिल के दो गांडू चोद के आये हो. बहुत ना-इंसाफी है यह हमारे साथ.
कालिया: माफ़ कर दो. सरदार हमने आप के बुरे वक्त में कितनी बार आप से गांड तक मरवाई हैं.
गब्बर: तो अब लौड़ा चुसो.
और सच में गब्बर ने अपने लौड़े को पकड़ के कालिया और बाकी के दो के मुहं में डाल दिया. उसने लंड चुसाते चुसाते ही कहाँ, “होली कब हैं, इस बार ठाकुर को उठाएंगे जब गाँव वाले होली खेल रहे होंगे.”
ठाकुर की फिर से गांड मार ली
होली के दिन बसंती और राधा को ले के जय और वीरू नदी के पीछे बने कोतर में चले गए थे. चुदाई के भूखे इन दोनों लौंडो ने ग्रुपसेक्स चुदाई का प्लान बनाया और राधा और बसंती की चूत और गांड की मस्त चुदाई कर दी. राधा की और बसंती की गांड भी दोनों ने बारी बारी मारी और लंड भी चुसाया. 2 घंटे बाद जब वो नदी में नहा के घर आये तो पता चला की गब्बर के डाकू ठाकुर को घर से उठा ले गए हैं. जय और वीरू हैरान हो गए की साला गब्बर ठाकुर का क्या करेगा.

इधर ठाकुर की पतलून उतार के उसकी गांड में दो डाकू सरसों का तेल मल रहे थे, उधर गब्बर लकड़ियों के ऊपर बकरे के मटन को अपने हाथो से नोंच के खा रहा था. तभी एक डाकू जो तेल लगा रहा था वो बोला: सरदार ठाकुर की गांड में बहुत बाल हैं.
गब्बर: तो भोसड़ी के कैंची से काट दे ना.
डाकू उठ के एक जंग लगी केंची लाया और उसने ठाकुर की गांड के बाल क़तर दिए. ठाकुर ने गब्बर को कहा, “एक बार मेरे हाथ खोल दे, फिर बताता हु तुझे.”
गब्बर: साले तू हमको बहुत सताता था. जिस गांडू को हम गाँव में लाते थे तू खुद ही उनकी गांड की चुदाई करता था. हम भी इंसान हैं, हमें भी चुदाई के अरमान और सपने होते हैं. आज वो सब तेरी गांड में लौड़ा दे के मिटेंगे.
गब्बर:
यह गांड हम को दे दे ठाकुर.
ठाकुर: नहींहीही हीही………………!!!
गब्बर: यह गांड हम को दे दे ठाकुर.
गब्बर ने सीधे ही ठाकुर की फैली हुई गांड में लंड दे दिया. गब्बर के लंड के अंदर जाते ही ठाकुर चिल्ला उठा. गांडू लोगो के सौखीन गब्बर ने 10 मिनिट तक ठाकुर की गांड की मस्त चुदाई की. उसके बाद उसने ठाकुर की गांड में ही अपना वीर्य छोड़ दिया. गब्बर फिर से मटन के पास गया और आवाज लगायी, “चलो मादरचोदो, अब तुम्हे क्या टेलीग्राम भेजूं, गांड गरम हैं डाल दो अपना अपना लौड़ा.”
ठाकुर की गांड को गब्बर के बाद सांभा, रणजीत, गोला, प्रभात और कालिया जैसे 7 डाकू ने मारा. ठाकुर की आँखे लाल हुई और वो जय और वीरू को मनोमन गालियाँ देने लगा. दो दिन तक यह लोग ठाकुर की गांड मारते रहे और फिर उसे बाँध के गाँव के चौराहे पे छोड़ आये. ठाकुर ज्योत्यों से घर पहुंचा और रामलाल से अपनी गांड में मलम लगवाया. उसने तभी जय और वीरू को भी बुलवाया.
ठाकुर: मादरचोदो, मेरा खाते हो और गाँव के लोड़ो से चुदाई करवाते हो. भोसड़ीवालो काम कब कर रहे हो मेरा.
जय: ठाकुर साहब, हम लोग कल बंजारों की एक टोली गाँव के बाहर आ रही हैं उसके सरदार लीला से मिलेंगे. यह लीला गब्बर को गांड और चूत सप्लाय करता हैं. हम उसे 10000 का लालच देंगे और अगली बार की गांड की डिलीवरी में दो गांड हमारी होंगी.
ठाकुर: लेकिन तुम लोगो को यह पता हैं की लीला गब्बर के पास जाने वाली हरेक गांड को चेक करता हैं और पहली चुदाई वो करता हैं.
वीरू: ठाकुर, तुम्हारे बदले के लिए 100 लंड तो ऐसे भी हम ले चुके हैं, तो एक और ले लेंगे.
शाम को ही जय और वीरू लीला के पास पहुंचे और उसको विनंती करने लगे की हमारी गांड भी गब्बर को दे दो. लीला ने कहाँ “अंदर जाओ और पतलून उतारो.”
दो मिनिट में लीला अपना 8 इंच का लंड ले के आया और उसने जय और वीरू की गांड की चुदाई कर के चेक किया. उसने दोनों गांड पास कर दी और शाम को ही ऊंट के उपर दोनों को बिठा के गब्बर के पास भेज दिया. दोनों गब्बर की गुफा में आ गए और गब्बर के हाथो से अपनी गांड को 10 दिन तक खूब मरवाते रहे. गब्बर जब उनकी गांड मार मार के थक गया तो उसने उन्हें अपने साथियों को सौंप दिया. यहाँ जय और वीरू का प्लान चालू हुआ. उन्होंने डाकुओ को एक जड़ीबूटी के बारे में पूछा जिसे पिने से लंड 20 मिनिट खड़ा रहता हैं. किसी भी डाकू को इसके बारे में पता नहीं था.
जय: अरे चुतियो, तुम लोगो को कुछ पता ही नहीं हैं, यह देखो मैं दिखाता हूँ.
उसने अपनी जेब से एक छोटी सी पुडिया निकाली जिस में वो लोग वायेग्रा का पावडर ले गए थे. उसने पावडर फांक के दस मिनिट बाद जय की गांड मारनी चालू की. 1 घंटे के बाद मुश्किल से उसका वीर्य निकला. सभी डाकू अब यह जड़ीबूटी मांगने लगे. जय ने उन्हें कहा की शाम के खाने के बाद उन्हें देगा. शाम के खाने के बाद जय और वीरू ने एक पतीले में पानी लिया और दूसरी पुडिया जिस में वायेग्रा के बदले नींद की गोली का पावडर था वो मिला दिया. गब्बर को छोड़ सभी डाकुओ ने यह पानी पिया और आधे घंटे में तो सभी घोड़े बेच के सो गए.
ठाकुर का बदला पूरा हुआ
सभी डाकुओ के सोते ही जय और वीरू ने उनकी बन्दूको से गोलिया निकाल ली और दो भरी हुई बंदूक ले के गब्बर के कमरे में गए. गब्बर वहाँ बैठा शिलाजीत खा रहा था. उन्होंने गब्बर को बंदूक के इशारे पे उठाया और तीनो घोड़ो के उपर गाँव में आये. जय ने पुलिस को ले के गब्बर का अड्डा बता दिया. सभी डाकुओ को सोता पकड़ लिया गया. वीरू ने गब्बर को ठाकुर के हाथो सौंप दिया. ठाकुर ने रामलाल से कह के गब्बर को उल्टा लिटा के उसके हाथ बंधवा दिए. जब ठाकुर गब्बर की तरफ बढ़ने लगा तो गब्बर जोर जोर से हंसने लगा.
गब्बर: हा हा हा हा.
ठाकुर: काहे हंस रहा हैं बे मादरचोद.
गब्बर: तू हम से बदला लेगा बे. तेरे लंड के कीटाणु का तो हम पहले ही रस्ता कर दिया हूँ. अब तेरा लंड बांसुरी के जैसा ही जिस से सिर्फ मूत निकलेगा.
अब ठाकुर जोर जोर से हंस ने लगा और उसने अपनी जेब में हाथ डाल के काला और 12 इंच का डिल्डो निकाला. गब्बर डिल्डो को हैरानी से देखने लगा.
ठाकुर: तेरी चुदाई के लिए बहुत बेकरार हु मैं, मैं नहीं ले सकता बदला लेकिन इस बारह इंच के रबर के लंड को तेरी गांड में पेल के आज हम तुम्हे बताएँगे की गांड की चुदाई में कितना दर्द होता हैं. गब्बर यह गांड हम को दे दे.
गब्बर: नहींहीहीहिहिहिही….!!!
ठाकुर: यह गांड हमको दे दे गब्बर…!
गब्बर अभी और एक चीख लगाये उसके पहले तो ठाकुर ने उसकी गांड में डिल्डो ठूंस दिया. गब्बर की गांड को उसने चार दीन तक ऐसे डिल्डो से चोदा और फिर रामलाल को बोल के गाँव के ही 20 जवान लडको को बोल के गब्बर की गांड की चुदाई करने को कहा. गब्बर यह जिल्लत बर्दास्त नहीं कर सका और उसी रात वो गाँव से भाग गया. ठाकुर ने वादे के मुताबिक़ जय और वीरू को पैसे और जमीन दे दी. जय और वीरू ने गांव में एक डांस बार चालू कर दिया और ख़ुशी से रहने लगे. राधा की और बसंती की चुदाई वो अभी भी करते हैं उन्हें अब डांस बार में बुला के……………….!!!
मित्रो आप को हमारी यह अदभुत चुदाई की कहानी कैसी लगी. लेखक ने आपने मनोरंजन के लिए ख़ास लिखा हैं. अगर आप इस स्टोरी को आप के फेसबुक या ट्विटर पेज के उपर शेर करेंगे तो बहुत महेरबानी होंगी, हम चाहते हैं की यह अदभुत कहानी ज्यादा से ज्यादा फैले और सभी लोग इस जरा हट के चुदाई स्टोरी का मजा ले. आप हमें कमेन्ट में यह लिख भेजें की आप को यह कहानी कैसी लगी,

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