चुदाई के षड्यंत्र के पूरे सच की सेक्सी कथा

मोहब्बत की यह महफ़िल में चलो कुछ खेल खेलेंगे।

वह गर पेलेंगे उनके लंड की हम मार झेलेंगे।

छिपाएंगे ना चूत अपनी ना चूचियों को छिपाएंगे।

चूसेंगे लंड उनका हम खुले दिल से चुदवायेंगे।

रीता सूरज की बात सुन कर फफक-फफक कर रोने लगी। सूरज को गले लगा कर रीता ने कहा, “सूरज, आप मुझे वाकई में माफ़ कर देना, मैंने अपने अहंकार में आपके प्यार भरे दिल को रौंदा है। उसकी सजा मैं भुगतने के लिए तैयार हूँ।”

सूरज ने रीता के आंसू पोंछते हुए कहा, “जो हुआ सो अच्छा ही हुआ। एक बार मैं अचानक वैसे ही बैठे-बैठे तुम्हारे बारे में सोच रहा था। मैं सोच रहा था कि मैंने तुम्हें कितना ज्यादा प्यार किया था पर तुमने मेरे प्यार की कदर नहीं की और मुझे हमेशा ठुकराया। तब अचानक ही मुझे किरण के प्यार का अहसास हुआ। मेरे इतने जुल्म सह कर भी जो मुझे इतना प्यार कर सकता है जैसा कि मैंने तुमसे किया था, तो वह कितना महान प्यार था, जिसकी मैंने कदर नहीं की थी।

उस वक्त मुझे जबरदस्त पछतावा होने लगा। किरण का प्यार देख कर मेरा मन पसीज गया। उसने मुझे सिखाया कि प्यार किसे कहते हैं। किरण के मेरी जिंदगी में आने से मेरी जिंदगी में परिवर्तन होने लगा। किरण ने मुझे धीरे-धीरे अमानुष से मानुष बनाया। उसने मुझे सही कपड़े पहनना, व्यायाम कर फिट रहना, दूसरों के प्रति कैसा व्यवहार करना और दूसरों से जीवन में प्यार करने का फलसफा सिखाया। किरण का विश्वविद्यालय में काफी रसूख था। उसने कई रिसर्च पेपर लिखे थे।”

कहानी के इस मोड़पर सूरज की आँखें भी नम होने लगी। रीता सूरज के जीवन की कथा एक पलक भी झपकाये बगैर पूरे ध्यान से सुन रही थी। उसे कल्पना भी नहीं थी कि किसी के जीवन में इतना ज्यादा परिवर्तन लाने में रीता का इतना बड़ा योगदान रहा था। सूरज की बात सुन कर रीता की आँखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। कोई कैसे भला किसी को इतना ज्यादा प्यार कर सकता है?

रीता ने सूरज का हाथ थामा और अपने होंठ सूरज के सामने किये। सूरज ने धीरे से रीता के होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए और रीता और सूरज घनिष्ठ चुम्बन करने में जुट गए। रीता पूरी तरह से सूरज को समर्पित हो चुकी थी। रीता ने चुंबन के समाप्त होते ही सूरज की ओर देखा ताकि सूरज उसकी दास्तान आगे बढ़ा सके।

सूरज ने अपनी कहानी जारी रखते हुए कहा, “किरण ने मुझसे कोई भी अत्याधिक कठोर निर्णय ना लेने का वचन लिया और मुझे अपना वचन दिया कि वह जी जान लगाकर रीता को मेरी बनाने तक चैन की सांस नहीं लेगी। मैं आखिर में इस लड़की से हार गया। मैंने किरण से शादी कर ली। तुम्हें राज मिल गया और मुझे किरण। दोनों ही हमारे बहुत ठोस साथी दार हैं।

मैंने मेरा अध्ययन पूरा किया और किरण को ले कर मैं भारत आया। मेरे भाई हमारा बिज़नेस संभाल रहे थे। मैंने किरण के साथ मिल कर यह कंपनी सूरज किरण एंटरटेनमेंट खोली जो देखते ही देखते आज देश की एक बड़ी जानी-मानी शो बिज़नेस की कंपनी मानी जाती है। इस कंपनी के विकास में किरण का भी उतना ही योगदान है जितना कि मेरा। किरण ने तुम्हें बहुत ढूंढा तो आखिर में तुम एक स्कूल में जॉब करती हुई हो यह पता लगा।”

रीता को तब समझ आया कि किरण का रीता की स्कूल में कम तनख्वाह पर ज्वाइन करना और इस तरह रीता के पीछे पड़ जाना कोई इत्तेफाक नहीं बल्कि सोची-समझी साज़िश थी, जो सूरज को रीता से मिलाने के लिए सूरज और किरण ने रची थी। पर रीता को इससे कोई शिकायत नहीं थी। इस साज़िश से सब को फायदा ही फायदा था। सूरज को रीता मिल गयी, किरण को राज मिल गया और रीता को किरण मिली।

सूरज अपनी आपबीती रीता को सुनाये जा रहा था। सूरज ने कहा, “किरण पैसों की जरूरत ना होने पर भी अपनी क्वॉलिफिकेशन्स से कहीं नीची नौकरी तुम्हारे स्कूल में ले कर के तुम्हारे पीछे लग पड़ी और तुम्हें मेरी बनाने के लिए प्रयत्नशील हो गयी। इस बीच में किरण तुम्हारे पति से मिली और उसे आकर्षित कर उससे सेक्स करने का इशारा कर उसने तुम्हारे पति को भी अपने साथ शामिल कर दिया और किरण और राज तुम्हारे दिल में मेरे लिए जगह बनाने के लिए प्रयत्नशील हो गए।

पर मैं तुम्हें तुम्हारी नफरत के बदले में तुम्हें प्यार दे कर पाना चाहता था। मैं तैयार था कि फिर भी अगर तुम तैयार ना हुई तो मैं तुम्हारा पीछा छोड़ दूंगा और आगे से तुम्हारे रास्ते में नहीं आऊंगा।“

मेरी रीता ने तब सूरज से कहा, “नफ़रत मैं क्यों करुंगी आपसे, जब आपने मेरे लिए इतना कुछ खोया है और फिर भी मेरे लिए इतना कुछ किया भी है? मुझमें अभी भी इतनी इंसानियत तो बची है। हालांकि अब मुझे धीरे-धीरे समझ में आने लगा है कि सारा माजरा क्या है, आप मुझे बाकी का हिस्सा भी सुना ही दीजिये।”

सूरज ने अपनी बात को तात्कालिक रूप से समाप्त करते हुए कहा, “मुझे तुमसे मिलाने में तुम्हारे पति राज ने मेरा पूरा साथ दिया है। किरण और मेरी शादी बड़ी ही खुली किताब की तरह है। हमने शादी के समय ही तय किया था कि हम एक-दूसरे के सेक्सुअल रिलेशन के बारे में कोई विरोध नहीं करेंगे पर एक-दूसरे से पति और पत्नी के रूप में सामाजिक, आर्थिक और संतान के संबंधों से जुड़े रहेंगे।

किरण ने मेरे लिए तुम्हें फांसने के लिए पूरे हथकंडे अपनाये। मुझे पता लगा कि एक अच्छी नृत्य कलाकारा बनने का तुम्हारा सपना मैं पूरा कर सकता हूँ। तब मैंने यह प्रोग्राम फिक्स किया और बाकी सब तुम जानती हो। जो कुछ बाकी है वह जल्दी ही तुम प्रोग्राम में जान जाओगी। अब हम प्रोग्राम में मिलेंगे। आल द बेस्ट।”

कह कर सूरज रीता के होंठ पर एक हल्की सी किस कर उसे बड़ी उलझन में सोचती और रोती हुई छोड़ ग्रीन रूम से बाहर निकल गया।

रीता को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसने कब सूरज को दुत्कार दिया था। रीता ने अपने कॉलेज जीवन में इतने ज्यादा लड़कों के प्यार के प्रस्तावों को ठुकराया था कि उसे सूरज के बारे में कुछ भी याद ही नहीं आ रहा था। सूरज की कहानी रीता के लिए आँख खोलने वाली थी। रीता अपने दिमाग पर जोर देने लगी कि सूरज को कब उसने दुत्कार दिया था।

अचानक उसकी नज़रों के सामने एक मोटा सा, दाढ़ी मूंछ बढ़ी हुई, ठीक तरह से कपडे पहनने की भी जिसे तमीज़ नहीं थी वैसा एक लंबा रईस माँ बाप का बेटा याद आया। लडकियां कॉलेज में उसका मजाक करती रहती थी। उसका नाम सूरज तो नहीं था।

दिमाग पर कुछ जोर देने से रीता को याद आया कि एक सूर्य कुमार नाम का लड़का सुबह-शाम कॉलेज जाते-आते उसका पीछा करता था। रीता के शिकायत करने पर रीता के भाई ने उसे बुरी तरह से लताड़ दिया था। उसके बाद जब वह खुद रीता के सामने आया तब रीता को याद आया कि रीता ने चप्पल से पिटाई करने और पुलिस में शिकायत तक की धमकी उसे दे कर भगा दिया था।

हाँ वही सूर्य कुमार अब सूरज बन गया था और किरण के प्रभाव के कारण अब वह एक-दम स्मार्ट, हैंडसम, पतला, साफ़ दाढी मूंछ के बगैर अच्छे कपड़ों में सजा हुआ एक आकर्षक व्यक्तित्व वाला बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनी का मालिक सूरज बन गया था जिसके पीछे कई लडकियां पागल हो जाती थी।

खैर, रीता के मेकअप मैन ने रीता को याद दिलाया कि प्रोग्राम को सिर्फ एक घंटा ही बाकी था, और उसे बहुत काम करना था।

रीता के डांस का प्रोग्राम बड़ा ही हिट रहा। रीता ने भारत नाट्यम और अलग-अलग आधुनिक डांस शैली में फिल्मी और कई और तरीके के नृत्य पेश किये जिसमें से कुछ में स्टूडेंट्स भी शामिल थे। आखिर में रीता को गुरूजी से ख़ास मेडल दिया गया। गुरूजी ने रीता की कला की भूरी-भूरी तारीफ़ करते हुए भविष्यवाणी की कि रीता जरूर कल की एक बहुत बड़ी कलाकारा बनेगी।

अंत में रीता को मंच पर बुला कर किरण और सूरज ने एक अनुबंध, माने एक कॉन्ट्रैक्ट टेबल पर रखा। माइक से लाउड स्पीकर द्वारा पूरी जनता को जाहिर करते हुए सूरज ने कहा कि उनकी कंपनी “सूरज किरण एंटरटेनमेंट” रीता सचदेवा के साथ तीन साल का एक अनुबंध साइन करने जा रही है, जिसके एडवांस के एवज में सूरज ने रीता के हाथ में दस लाख रुपये का चैक थमा दिया और कहा कि यह सिर्फ पेशगी की रकम है। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत सूरज की कंपनी रीता को तीन साल तक काम देती रहेगी जिसके लिए रीता को अच्छी खासी राशि प्राप्त होगी।

सूरज की बात सुन कर रीता स्तब्ध सी खड़ी हो गयी। उसने सपने में भी सोचा नहीं था कि उसकी कला का इस तरह इतना ज्यादा सम्मान होगा। उस प्रोग्राम में देश के जाने-माने पत्रकार और टीवी कैमरा के साथ न्यूज़ मैन भी मौजूद थे जिन्होंने यह सारा प्रोग्राम रिकॉर्ड किया था।

सूरज ने जब रीता का परिचय कराया तब कहा कि रीता सचदेवा उस समय की सबसे चमकता सितारा सी कलाकारा थी जो अगले तीन वर्षों में ना सिर्फ फिल्म जगत पर बल्कि टीवी पर भी छा जायेगी। सूरज किरण कंपनी ने उसी शाम कितने सारे मूवी लॉन्च के प्रोग्राम जाहिर किये जिसमें रीता की काफी अहम भूमिका होगी।

रीता को यह सब सुनते-सुनते चक्कर आ रहे थे। यह सब उसकी कल्पना से बाहर था। जो आदमी को उसने रिजेक्ट किया था और जिसे वह ज़रा सा भी घास नहीं डालती थी, उस आदमी ने रीता की जिंदगी का सबसे बड़ा सपना पूरा किया था। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच रीता जब मंच से नीचे उतर रही थी, तब उसे होश नहीं था कि क्या वह इसी धरातल पर थी या आसमान में उड़ रही थी। वह शाम रीता की जिंदगी की सबसे अहम और सबसे बड़ी शाम थी।

सूरज ने पुराने ज़माने का एक गाना, “अगर मुझ से मोहब्बत है मुझे सब अपने ग़म देदो, इन आँखों का हरेक आंसू मुझे मेरी कसम दे दो, अगर मुझ से मोहब्बत है।” उस शाम को सार्थक कर दिखाया। सूरज ने अपना कोई ग़म रीता को नहीं दिया पर रीता के सारे ग़म सूरज ने अपने ऊपर ले लिए और उसे एक जबरदस्त भविष्य की और अग्रसर होने का मौक़ा दिया। सूरज ने रीता के दिल में अपने लिए प्यार पैदा किया। रीता के जीवन को फूलों से भर दिया।

जब सारे ही मेहमान, कलाकार इत्यादि जा चुके थे तब रीता सूरज से मिलने के लिए बड़ी ही बेसब्र हो रही थी। रीता के स्टेज से नीचे उतरते ही रीता ने जब मुझे सूरज के बारे में पूछा तब मैंने उसे याद दिलाया कि सूरज ने एक मीटिंग रखी थी और रीता से कहा था कि इस मीटिंग में वह कुछ कहेगा।

उस मीटिंग में कुछ साफ़ साफ़ बातें होंगीं जिसे रीता अश्लील भाषा भी कह सकती है। मैंने रीता से पूछा कि क्या रीता को याद था और क्या रीता उसके लिए तैयार थी?

रीता ने मेरे सामने बड़े ही विचित्र तरीके से देखा और कहा, “आपने मुझे बता ही दिया था ना? मैं जानती हूँ यह मीटिंग सेक्स के बारे में ही है शायद। और मैंने आपको कहा था कि मुझे सूरज की हर बात मंजूर है। मैं जरूर उस मीटिंग में हाजिर रहूंगी और चर्चा में जरूर भाग लूंगी।”

रीता की इजाजत मिलते ही मैं रीता की अगुआई करते हुए एक छोटे से मीटिंग रूम में ले गया। वहां किरण और सूरज हमारे इंतजार में बैठे हुए ही थे। वास्तव में वह कोई औपचारिक मीटिंग नहीं थी। सूरज हमें और ख़ास कर रीता को कुछ कहना चाहते थे। हमारे पहुंचते ही सूरज ने खुद ही कहा कि वह हम दोनों से कुछ साफ-साफ बातें करना चाहते थे।

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