चुदाई के मौके की तलाश पूरी हुई

ही दोस्तों, पहले तो मैं आप सब को थॅंक योउ बोलना चाहता हू, की आप सब ने मुझे इतने सारे मेल्स भेजे. थॅंक योउ सो मच.

मेरी स्टोरी को इतना प्यार देने के लिए आप सब का बहुत-बहुत थॅंक योउ. बस इसी तरह मुझे इतना प्यार देते रहो, ताकि मैं आपके लिए अपनी पर्सनल और रियल स्टोरीस लिखता राहु. ये स्टोरी मेरी पिछली स्टोरी का सेकेंड पार्ट है.

जिन लोगों ने पार्ट 1 नही पढ़ा है, उनसे रिक्वेस्ट है की वो जाके पहले पार्ट 1 पड़े. फिर ये स्टोरी पड़े. तो आपको पहले अपने बारे में बताता हू.

मेरा नाम रॉनित आहूजा है. मैं 35 एअर ओल्ड शादी-शुदा मर्द हू. मैं उडापुर में रहता हू. अछा ख़ासा दिखता हू, और किसी भी औरत को आचे से सॅटिस्फाइ करने की पूरी ताक़त रखता हू. अभी तक जिस-जिस की चुदाई की, सब को मेरा लंड लेके मज़ा आ गया. और अपनी तारीफ क्या करू?

ये स्टोरी मेरी और उर्मिला की है. उर्मिला भी शादी-शुदा है. उसकी आगे 34 है. फिगर 36-32-38 है. वो एक बच्चे की मा है. उसके 36द साइज़ के बहुत ही खूबसूरत बूब्स है. वो बहुत ही सेक्सी है, और काफ़ी कुछ तारक मेहता का उल्टा चश्मः की बबिता जी जैसी दिखती है.

पार्ट 1 स्टोरी का तोड़ा सा रीकॅप दे देता हू. उर्मिला मेरे अंडर ऑफीस में मेरे साथ जॉब करती थी. वही पे हमारी दोस्ती हुई, और मैने उसे सेट कर लिया. उसका पति उसे आचे से खुश नही रखता था, उस पर ध्यान भी नही देता था. वो सिर्फ़ अपने बिज़्नेस में डूबा रहता था, और वो अपने पति के प्यार के लिए तड़पति रहती थी.

इस स्टोरी में मैं आपको बतौँगा की मैने कैसे उर्मिला की प्यास बुझाई और उसे जी भर के छोड़ा. मैने उर्मिला को ऑफीस के पहले दिन से ही छोड़ने की तान ली थी. लेकिन मैने कभी सपने में भी नही सोचता था, की वो खुद इतनी प्यासी थी. वो इतना खुल के मेरा साथ देगी मुझे मालूम नही था. तो चलो स्टोरी स्टार्ट करते है.

तो हुआ यू की काफ़ी दीनो तक हम दोनो ऑफीस में जब मौका मिले तो चुम्मा छाती कर लेते थे. लेकिन अभी तक हमे चुदाई करने का मौका नही मिला था. होटेल या ओयो रूम में चलने की हिम्मत उर्मिला में नही थी.

वो शादी-शुदा थी, इसलिए मैं उसे फोर्स भी नही कर रहा था. मैं बस ऑफीस में मौका मिलते ही उसके जिस्म का रस्स-पॅयन कर लेता था.

कभी स्मूच करते तो कभी मैं उसके बूब्स दबा देता. लेकिन ऑफीस में फुल फ्लेडगे चुदाई का मौका नही मिल रहा था. मुझे तो कोई फराक नही पद रहा था, क्यूंकी मैं तो जब मर्ज़ी अपनी बीवी को छोड़ लेता था. लेकिन उर्मिला मेरे प्यार में पागल हुई जेया रही थी.

उसके बर्ताव से मुझे लग गया था, जिस दिन चूड़ेगी ये मुझे खुश कर देगी. वो ऑफीस में आयेज बढ़ के मुझे किस्सिंग के लिए कह देती थी. अब मैं स्टोरी पे आते है. एक दिन मैं ऑफीस गया तो पता चला उर्मिला छुट्टी पे थी. उस टाइम हमारा बिज़्नेस भी स्लो चल रहा था, तो ऑफीस में ज़्यादा काम भी नही था. मैं बोर होने लगा.

तभी दिन के 12:30 पीयेम उर्मिला का कॉल आया. उससे बात करके मैं खुश हो गया. उसने मुझे बताया की उसका पति कुछ दीनो के लिए बिज़्नेस के काम से बाहर गया था, और उसका बेटा स्कूल में था.

उसने कहा: रॉनित तुम मेरे घर आ जाओ. आज घर में कोई नही है.

मैं समझ गया आज मेरी मनोकामना पूरी होने वाली थी.

मैने बॉस को फोन लगा के कहा: मेरी तबीयत थोड़ी खराब लग रही है. इसलिए मैं घर जेया रहा हू.

और ऑफीस से छुट्टी लेकर मैं उर्मिला के घर चला गया. उर्मिला का घर बहुत बड़ा था. मैने उसके घर का गाते खोला, और गाते के अंदर जाके डोरबेल बजाई. फिर उर्मिला आई और उसने डोर खोला. ग़ज़ब की सेक्सी लग रही थी. उसने हमेशा की तरह बहुत ही सेक्सी देव लगा रखा था, जिसकी खुश्बू मुझे बहुत पसंद थी.

उसने लाइट पिंक कलर की रौंद नेक त-शर्ट पहन रखी थी, और साथ में क्रीम कलर की कपरी पहनी हुई थी. त-शर्ट में से उसके बूब्स का शेप सॉफ-सॉफ नज़र आ रहा था. उसके निपल्स भी दिख रहे थे. क्लियर्ली पता चल रहा था की उसने अंदर ब्रा नही पहनी थी.

मैने उसे उपर से नीचे तक देखा, और मुझे लगा बस यही तो मुझे चाहिए. मैने उसे एक बड़ी सी स्माइल दी, और उसने भी मुझे शरमाते हुए स्माइल दी. फिर मैने उसे आँख मार दी. वो शर्मा गयी और उसने मुझे अंदर बुला लिया.

मैने अपने शूस उतार दिए, और अंदर चला गया. वो सीधे मुझे अपने बेडरूम में ले गयी. उसके बेड रूम में साइड में एक सिंगल सीटर सोफा रखा था. उसने मुझे उसपे बैठने को कहा. बेड रूम में एसी की ठंडी हवा आ रही थी.

उसने मुझे सोफा पे बैठा के कहा: सिर, क्या लोगे?

मैने कहा: उर्मिला मैं तो बस तुम्हारी लूँगा.

और वो शर्मा गयी. वो कहने लगी-

उर्मिला: वो तो ले लेना, लेकिन पीने में क्या लोगे, छाई, कॉफी या ठंडा?

मैने बिना कुछ देर किए उसे अपनी तरफ खींच लिया, और उसे होंठो पे चूमने लगा. वो भी पूरी तरह तैयारी करके बैठी थी. वो भी मुझे पागलों की तरह स्मूच करने लगी. मुआः मुआः उम्माह की आवाज़े पुर बेडरूम में फैलने लगी. मैने उसे बेडरूम में एसी के नीचे वॉल पे सता दिया, और हम दोनो किस्सिंग करने में खो गये.

हम दोनो ही पूरी तरह तैयार थे एक-दूसरे के जिस्म का स्वाद चखने के लिए. किस्सिंग करते-करते मैं अपने हाथो से उसके दूध दबाने लगा. उसके 36द साइज़ के बूब्स मेरे हाथो से थोड़े बड़े थे.

मैने अब्ज़र्व किया की उसके निपल्स ऑलरेडी हार्ड हो गये थे. मैने धीरे से उसके निपल को अपनी उंगलियों से मसला और उसकी आहह निकल गयी. वो बोली-

उर्मिला: रॉनित, ई लोवे योउ.

मैने कहा: उर्मिला, ई लोवे योउ टू.

ऐसा कहते हुए मैं अब उसके गालों से होते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा. उसके देव की सेक्सी महक मुझे दीवाना बना रही थी. उसने मेरी शर्ट के बटन खोल के उसके बेडरूम में लगी खूँटि पे टाँग दी. मैने अपनी बनियान उतार के फेंक दी. हम दोनो पुर जोश में थे.

इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा.

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