चुदाई के भूखे बाप-बेटी घर से भागे

हेलो रीडर्स, पिछली स्टोरी में आपने पढ़ा की मैं अपने पापा के साथ फुल्ली मूड में थी, और हम चुदाई की कगार पे थे. पापा को मेरे मूह में अपना लंड देकर मुझको मौत फक करना था, जिसके लिए वो खड़े हो गये मेरे आगे. फिर मैं अपने घुटनो के बाल बैठ कर उनके लंड को अपने मूह में सामने के लिए रेडी थी.

जैसे ही मैने उनके अंडरवेर को नीचे खिसकने के लिए उसे पकड़ा. तभी हमारे घर की डोर्र्बेल्ल बाजी. जिसे सुन कर हम दोनो की सिट्टी-पिटी गुम हो गयी.

पापा: इस वक़्त कों होगा? तुम्हारी मों तो अभी अभी निकली है?

मे: जो भी होगा, वो गाते नही खुलने पर अपने आप चला जाएगा.

पर लगातार डोरबेल बजने के कारण हमे अपना कार्यक्रम अधूरा छोढ़ना पड़ा, और पापा कपड़े डाल कर गाते खोलने गये. मैने भी कपड़े पहनना शुरू किया, और सुनने लगी की बाहर कों आया था. पापा ने जेया कर गाते खोला, तो वाहा पे मम्मी थी,

पापा: अर्रे डार्लिंग, तुम वापस क्यूँ आ गयी? तुम्हारी पार्टी का क्या हुआ?

मों: अर्रे क्या बतौ, रास्ते में फ्रेंड का कॉल आया, की जिसकी पार्टी थी, उसकी सास को हार्ट अटॅक आया है. तो वो कॅन्सल हो गयी. आज का दिन ही खराब है.

पापा: सच में यार, आज का दिन ही खराब है (और पापा ने मेरे बेडरूम की और देखा. उनके चेहरे पे अफ़सोस दिखाई दे रहा था)

कोई और दोस्त या रिश्तेदार होता तो उसे भगा कर हम अपना चुदाई का प्रोग्राम वापस रेज़्यूमे करते. पर मों तो अब यहा से जाने वाली थी ही नही. ना ही हमे कुछ दीनो में कोई और चान्स मिलने वाला था. पर मेरे सिर पे तो चुदाई का ऐसा भूत सवार था, की मैने तय कर लिया की कुछ भी हो आज तो पापा का लंड अंदर लेकर ही रहना था.

मेरे दिमाग़ में एक प्लान आया. फिर मैने उसपे अमल करने का सोचा. मैं जल्दी से अपने बेडरूम का गाते खोल कर बाहर आ गयी, और सर्प्राइज़ होते हुए बोली-

मे: अर्रे मों, तुम इतनी जल्दी क्यूँ आई? (मैं थोड़ी टेन्स्ड दिख रही थी)

मों: वो बेटा, वो पार्टी कॅन्सल हो गयी मेरी इसलिए? तुम इतनी टेन्षन में क्यूँ हो?

मे: मों, एक प्राब्लम हो गयी है. मेरे कॉलेज की यूनिवर्सिटी का जो स्कॉलरशिप की एग्ज़ॅम होता है, उसका ऑनलाइन फॉर्म भरने की आज लास्ट डटे थी. और मैने मिस कर दी?

मों: क्या, तेरा दिमाग़ तो ठीक है? पुर दिन तो ऑनलाइन मोबाइल में ही डूबी रहती है, और ये भूल गयी.

और मों ने जो भी कुछ सुनना था, वो सुना दिया. फिर मैने पापा को इशारा किया, बीच में मों को टोकने का. तभी वो बोले-

पापा: अर्रे जो हो गया सो हो गया. अब इसमे क्या कर सकते है?

मे: अब एक ही चीज़ हो सकती है की कल अर्ली मॉर्निंग वाहा पहुँच के उनको रिक्वेस्ट करे. या कुछ सेट्टिंग करे तो शायद काम हो जाए.

पापा: तो ठीक है, कब निकलना होगा?

मे: मैने पूछा था. अभी बारिश की वजह से ट्रॅफिक जाम है, इसलिए सुबह निकालने का रिस्क नही ले सकते. और ट्रेन का भी रिज़र्वेशन नही मिलेगा. मैने टॅक्सी का इंक्वाइरी किया तो वो कल सुबह की ही बुक होगी. मुझे समझ में नही आता मैं क्या करू?

मों: इसमे करना क्या है. तुम और पापा दोनो निकलो बिके पे. अभी मौसम तोड़ा सॉफ है, तुम देर रात से पहले सिटी में पहुँच कर कही होटेल में स्टे कर लेना. और सुबह जल्दी उठ कर यूनिवर्सिटी चले जाना. कैसा लगा मेरा प्लान?

ये सुन कर मेरी और पापा दोनो की आँखों में चमक आ गयी. हम दोनो ने मिल कर मों की जाम कर तारीफ की. आक्च्युयली इस सिचुयेशन में यही एक प्रॅक्टिकल और पासिबल सल्यूशन था, जो मेरे दिमाग़ में था. और शायद पापा के भी. पर जब जो चीज़ आपको सामने वाले से चाहिए. वो अगर सामने वाला खुद आपको ऑफर करे, तो उसमे बढ़िया रहता है. ये एक तरह की सेल्स टेक्नीक है.

फिर हम दोनो पॅकिंग करने लगे. जब पापा और मों अपने बेडरूम में थे, तब मैने पापा को बोला-

मे: पापा, मेरे पास ज़्यादा आचे कपड़े नही है. अगर मों के पास कोई कपड़ा हो, जो कल के अकेशन के लिए मुझे सूट करे, तो प्लीज़ ले लेना.

मों: अर्रे तू मुझे बोलती, मैं निकाल देती?

मे: आप रहने दो. पापा की चाय्स आपसे अची है. वो निकाल लेंगे. (मैं और पापा हासणे लगे. )

तो फिर हमने अपना समान दो बॅग्स में पॅक किया. मों ने पापा का बाग खोल कर देखा तो उसमे ब्लॅक सूट लिया था मों का. जिसे देख कर मों ने स्माइल दी. फिर हम बिके पे रवाना हो गये. पापा ने जो बाग लिया था, वो डबल चैन वाला था, जो उन्होने आयेज लगा रखा था, और मैने पीछे.

मौसम भी बारिश का होने की वजह से ठंडा सा था. मैं पापा को चिपक के बैठी थी, और मेरे बूब्स उनकी पीठ पे सतत रही थी. मैने आहिस्ता से पापा के लंड पे अपना हाथ लगाया. पर उनका बाग बीच में आ रहा था.

मे: पापा मुझे आपको आचे से फील करना है. प्लीज़ आप अपना बाग हटा लो.

तो फिर पापा ने तोड़ा आयेज जेया कर बिके को साइड पर किया. फिर अपना बाग जो डबल चैन वाला था, उसकी दूसरी छाई को ओपन करके बाग को बड़ा किया. उसके बाद उसके अंदर मेरा बाग डाल दिया, जिससे वो एक सिंगल बाग हो गया.

पापा: लो बेटा, मैने तो अपना बाग हटा दिया. पर मेरा क्या? मुझे भी तुम्हे आचे से फील करना है. तुम अपना क्या हटाॉगी?

मैं पापा का इशारा समझ गयी. फिर उनके सामने पीठ करके खड़ी हो गयी और बोली-

मे: आप खुद ही हटा लो.

और पापा ने मेरी त-शर्ट में हाथ डाल कर ब्रा का हुक खोल कर उसे हटा दिया. फिर उसे सूंघते हुए मेरे हाथो में पकड़ा दिया. उसके बाद मुझे अपनी और खींच कर मुझे लीप किस दिया. वाहा उस टाइम ट्रॅफिक नही था, पर एक ट्रक के हॉर्न की आवाज़ से हम अलग हुए.

पापा: सच में बेटा, तू मस्त चीज़ है. आज तो तेरी लेने में बड़ा मज़ा आएगा.

मे: क्या पापा. आप भी. ऐसे कोई बात करता है क्या अपनी बेटी से?

और हम बिके पे बैठ गये. बाग मैने अपने पीछे लटका दी थी.

पापा: अगर बेटी तुम्हारी जैसी लड़की, नौजवान, सेक्सी और चुदाई के लिए प्यासी हो, तो करना पड़ता है. बाइ थे वे, थॅंक योउ ये प्लान बनाने के लिए.

मे: थॅंक योउ बोल कर नही, करके दिखना.

पापा: एस बेटा.

मे (पापा के लंड को सहलाते हुए): अगर मों नही आती, तो ये कब का मेरे अंदर चला गया होता.

पापा: हा, बुत तेरी मों के आ जाने का दर्र तो लगा ही रहता ना. इसलिए जो होता है आचे के लिए होता है. अब मैं तुझे खुल के छोड़ सकूँगा पूरी रात.

मे: ह्म्‍म्म्म.

पापा: और वैसे भी तुम्हारी पहली चुदाई तो स्पेशल ही होनी चाहिए ना. बिना किसी रोक-टोक और दर्र के?

मे: ह्म, एक्सक्यूस मे. पर आपको कैसे पता ये मेरी पहली चुदाई है?

पापा: अर्रे बेटा, मैने कहा की हमारी पहली चुदाई स्पेशल होनी चाहिए.

मे: ओक. मैने तुम्हारी ऐसा सुना इसलिए पूछा.

पापा: एक बात बताओ, क्या इसके पहले तुमने सेक्स किया है?

मैने इसका आन्सर नही दिया. अब मैं पापा को कैसे बताती मेरे और सीमा के बीच हुए सेक्स के बारे में.

पापा: ठीक है, कोई बात नही. अगर तुम इसका जवाब नही देना चाहती तो ठीक है.

पापा (कुछ देर बाद): अछा एक बात बताओ, की तुमने किसी को नही दी. तो मुझे देने के लिए क्यूँ राज़ी हो गयी?

मे: ये मुझे नही पता. पर स्टार्टिंग तो अपने की थी. आपको तो मों है छोड़ने के लिए. तो फिर आपको क्या ज़रूरत थी उस रात फोन पे मुझे छोड़ने की बात करने की?

पापा: बात दरअसल यू है बेटा, की तुम मुझे अची लगती हो. क्यूंकी तुम्हारी मों भी जवानी में बिल्कुल तुम्हारे जैसी दिखती थी. पर तुमसे सेक्स के बारे में सोचा नही था. उस नाइट सेक्स से पहले तुम्हारी मों ने तुमको कॉल करने का सोचा. हम पुर नंगे थे. पर ऑडियो कॉल में तोड़ा कुछ पता चलता तुमको. तुमसे बात करने के बाद तेरी मों को छोड़ने का था.

पापा: पर उस टाइम तुमने कॉल नही उठाया, और मैने तुम्हारी मों के हाथ में से फोन लेके साइड में रख दिया. फिर तुम्हारी मों से लोवे स्टार्ट किया. मुझे लगा की तुमने रिसीव नही की तो कॉल कट हो गया होगा. पर तुम्हारी मों को किस्सिंग करते टाइम मैने देखा की तुम्हारी कॉल को 2 मिनिट्स हो गये थे. मतलब की तुमने कॉल उठा ली थी, और कॉल कट नही की थी.

पापा: इसका मतलब की शायद तुम उस एंड हो या ना हो, पर दिमाग़ के शैतान ने बोला की सामने दूसरी और तुम्हारी बेटी तुम्हारा लिव सेक्स सुनना चाहती है. तो मैने उस मोबाइल को एक साइड में कपड़े के नीचे च्छूपा दिया, और चान्स लेकर तुम्हारी मों की चुदाई के दौरान बार-बार तुम्हारा नाम बीच में ले रहा था.

पापा: फिर जब तुम्हारी मों चुदाई के बाद वॉशरूम में गयी, तो मैने खुल के तुम्हे छोड़ने की मेरी इक्चा जताई. उसके बाद तुमने घर आके मुझमे तोड़ा इंटरेस्ट दिया, और मुझे समझ आ गया की तुम्हे भी मुझसे चूड़ना था. और उसका नतीजा ये निकला की आज मुझे अपनी प्यारी बेटी की छूट मारने को मिलने वाली थी.

मे: ओह मी गोद, मुझे लगा की मैं आपको ट्रॅप कर रही हू. पर यहा तो शिकारी खुद शिकार हो गया.

पापा: शिकारी कोई भी हो, पर यहा शिकार का मज़ा तो दोनो को ही मिलेगा. (और हम दोनो हासणे लगे)

पापा: और बेटा, उस नाइट को मेरे दिमाग़ में एक और ख़याल भी आया, जो तुम्हे छोड़ने का मेरा मैं रीज़न है.

मे: वो क्या है पापा?

पापा: बेटा, हर मर्द का सपना होता है की उसको सुहग्रात वाले दिन सील्ड फुददी मारने को मिले. पर आज-कल के ज़माने में लड़कियाँ शादी से पहले 2 से 3 लंड ले चुकी होती है. तुम्हारी मों भी उन्ही में से थी. पर वो बोलते है ना की प्यार अँधा होता है. पर उस नाइट के बाद जूम तुम और मों डाइनिंग टेबल में आस-पास बैठते थे, तब तुम दोनो को एक साथ देखा तो मुझे तुझमे तेरी जवान मों दिखाई दी. क्यूंकी तुम उसकी कॉपी ही लगती हो.

पापा: वही फिगर, वोही बूब साइज़, वही आँखें, वैसे ही मस्त चूतड़. तो तुम्हे देख कर एक आशा की उमीद जागी की तुम्हारे रूप में शायद जो मेरी इक्चा सुहग्रात वाले दिन अधूरी रह गयी थी, वो पूरी हो जाए.

मे: ह्म.

पापा: तो एक बात सच बताओ बेटा. क्या तुम अभी तक वर्जिन हो? (और हमारे बीच कुछ देर तक सन्नाटा छा गया)

पापा: अब बेटा बता भी दो ना, प्लीज़.

मे: सॉरी पापा, आपको इसके लिए डिसपायंट होना पड़ेगा.

पापा (टॉनटिंग करते हुए). आख़िर तुम हो तो अपनी मों की ही बेटी ना.

मे: अब इससे क्या मतलब है आपका? आपने भी तो शादी से पहले किसी के साथ सेक्स किया ही होगा ना? क्या उसके हब्बी को खुली हुई छूट नही मिली होगी? आप मर्दों की मेनटॅलिटी ही पूरी अलग है.

पापा (माहौल टेन्स्ड होता देख): अर्रे नही बेटा, ऐसी बात नही, तुम ग़लत समझ बैठी. तुम्हे बुरा लगा हो तो सॉरी. (टॉपिक चेंज करते हुए) अछा एक बात बताओ, तुम्हे बिके चलानी आती है?

मे: पहले सीखा तो था.

पापा: पर्फेक्ट. तो मैं तुम्हे आज पूरा सिखाता हू.

आयेज जेया कर पापा ने बिके को साइड में रोक कर मुझे आयेज बिताया, और बाग लटका कर वो मेरे पीछे बैठ गये. उन्होने मुझे गियरिंग, ब्रेक, रेस वग़ैरा सीखा दिया. मैने अक्तिवा चलाई हुई थी, इसलिए ज़्यादा दिक्कत नही आई. कुछ देर बाद जब मैं आचे से बिके चलाने लगी तो वो बोले-

पापा: शाबाश बेटा, अब तुम आचे से सीख गयी हो. तो मैं भी अपना काम करता हू.

और पापा ने अपने हाथ मेरी टॉप में डाल कर मेरे बूब्स को हल्के से दबाने लगे. मैं मोन करने लगी. फिर पापा हाथ को मेरे बूब पे से हटा कर मेरी थाइ पे रख कर मसालने लगे. कुछ देर बाद उसी हाथ की उंगलियों को मेरी पनटी में डालना चाहा, पर वो अंदर जेया नही रही थी.

इसलिए पापा ने दूसरे हाथ से मेरे कंधे को ताप किया, तो मैं उनका इशारा समझ गयी, और मैने तोड़ा खड़ा हो कर उनको रास्ता दिया. फिर पापा की दो उंगलियाँ मेरी छूट से खेल रही थी. मेरी छूट भी गीली हो गयी थी. मुझे बिके चलाने में अनकंफर्टबल लग रहा था, तो मैने पापा का हाथ हटा कर वापस अपने बूब्स के उपर रख दिया, और वो मसालने लगे, और हम बातें करने लगे.

ऐसे ही बातें करते हुए हम दूसरी वाली सिटी में एंटर हो गये.

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