थोड़ी देर के बाद नाना-नानी पर लेटे रहे.. दोनों बुरी तरह से कांप रहे थे और एक-दूसरे को सहला रहे थे।
मेरा लंड पहली बार खड़ा हुआ था, मैंने अपना लौड़ा पकड़ा.. तो मुझे अच्छा लगने लगा।
मैं आगे-पीछे करने लगा, मुझे कुछ अजीब सा होने लगा।
थोड़ी देर करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि लंड में से कुछ निकलने वाला है।
इतने में ही चार-पांच बार फव्वारा सा छूटा.. मेरा हाथ पूरा चिपचिपे रस से भर गया।
यह मेरा पहला हस्तमैथुन था।
मैं कब सो गया.. मुझे पता ही नहीं चला।
सुबह जब उठा.. तो मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था। मैं बाद में नहा-धोकर स्कूल चला गया।
मैंने कई बार नाना-नानी को ऐसा करते देखा था।
आज भी मुझे वो दिन याद हैं।
मेरी यह कहानी सच्ची है.. मेरे से लिखने में कुछ भूल हुई हो तो माफ करना और मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करना।