छुप कर समधी-संधान में रोमॅन्स

ही दोस्तों, मैं आपकी सुमन फिर से हाज़िर हुई हू मेरे और समधी जी के बीच हुए हसीन पलों को शेर करने. अपने मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी स्टोरी पढ़ कर जो मुझे प्यार दिया, उसके लिए मैं आपकी आभारी हू.

मेरी और समधी जी की पहली चुदाई के 2 दिन बाद मेरी बहू शरुष्टि आ गयी. उसके आने के बाद हमारा मिलना मुश्किल हो गया. हम अक्सर कॉल और मेसेजस पर बात करते थे. समधी जी के साथ मेरा चक्कर चला उसके बाद मेरे अंदर काफ़ी बदलाव आने लगे. मैं और ज़्यादा मॉर्डन होने लगी. लेकिन इस सब का कोई असर मेरे पति के उपर नही था. वो मेरी और कुछ ध्यान ही नही दे रहे थे.

अब तो मैं और शरुष्टि मार्केट जाते थे, तो सब मर्दों और लड़कों की नज़र मेरे उपर रहने लगी थी. लेकिन मुझे उन सब में कोई इंटेरेस्ट नही था. मुझे तो बस अपने समधी जी के साथ मज़ा करना था. ये बात अभी पिछले महीने की है.

शरुष्टि की दादी की तबीयत खराब होने लगी थी, तो सनडे के दिन उप जाना डिसाइड हुआ. मैं किशन जी से मिलने के लिए काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी. क्यूंकी हम दोनो को 3 महीने से उपर हो गये थे, और हम मिल नही पा रहे थे.

मैने उस दिन लाइट ब्लू कॉटन सारी और रेड ब्लाउस पहना था. मैने ब्रा पनटी भी रेड पहना था. मेरा 36द-32-38 का फिगर बहुत सेक्सी लग रहा था. मैने अपने बालों में जूड़ा बाँधा था. ब्लाउस बॅक से काफ़ी डीप था, तो पीछे से मेरी मिल्की वाइट बॅक और कमर आचे से दिख रही थी. और मैने लाइट मेकप भी क्या. मुझे उस दिन शरुष्टि ने भी कहा की मम्मी आप इस सारी में बहुत खूबसूरत लग रही हो.

मैने मॅन में सोचा शरुष्टि मेरे से इंप्रेस्ड हुई थी, तो उसके पापा तो देख कर पागल हो जाएँगे. मैं मॅन ही मॅन खुश होने लगी.

जब हम बेटे के ससुराल पहुँचे, तब किशन जी हमारे स्वागत के लिए खड़े थे. मुझे देख कर वो बहुत खुश हो गये. उनकी खुशी उनकी आँखों में दिख रही थी. वो मुझे बहुत प्यार से देख रहे थे. हमारा रिश्ता सिर्फ़ चुदाई के लिए नही था, पर हम एक-दूसरे से अब एमोशनली अटॅच्ड हो गये थे.

मैं हंसा जी के साथ बैठ गयी और शरुष्टि अपनी दादी को देखने चली गयी. मैं भी उनकी दादी से मिल कर आई. हंसा जी के माना करने के बावजूद मैं उनकी किचन में हेल्प करने लगी. मैने नोटीस किया की समधी जी की नज़र मेरे बूब्स और उभरी हुई गांद पर बारी-बारी जेया रही थी. वो मुझे चुपके से सबसे नज़र चुरा के देख रहे थे. मुझे उनका ये बर्ताव बड़ा अछा लग रहा था. चोरी-च्छूपे इश्क़ करने में एक अलग ही वाइब आती है. हमारी नज़रें मिलती तो मैं शर्मा जाती.

हम सब ने खाना खाया. फिर मेरे हज़्बेंड को हंसा जी ने उपर उनके बेटे के बेडरूम में आराम करने भेज दिया. मेरे बेटा का साला शिवम जॉब पर गया था. शरुष्टि और मेरा बेटा सेटुल उसकी एक फ्रेंड के घर उसको मिलने चले गये.

हंसा जी: आप अशोक जी के साथ आराम करिए. और अभी दामाद जी और शरुष्टि को आने में टाइम लगेगा.

मैं: अर्रे कोई बात नही, मैं ठीक हू. मैं आपके साथ बैठती हू (मैं, हंसा जी, और किशन जी दादी के साथ बैठे थे).

किशन जी: अर्रे सुमन जी आप थोड़ी देर सो जाइए. आप इतना लंबा सफ़र करके आई हो, तक गयी होंगी (उन्होने मुझे इशारा किया की वो मुझे अकेले में मिलेंगे).

मैं: ठीक है (मैं उठ कर जाने लगी).

किशन जी: हंसा तुम क्या कर रही हो?

हंसा जी: मैं इनके साथ बैठी हू, आपको कुछ काम है?

किशन जी: ठीक है मुझे कुछ काम है, वो मैं ख़तम कर देता हू.

किशन जी मेरे पीछे-पीछे कमरे से बाहर आए, और सीडीयान चढ़ने लगे. उनको मेरी 38″ साइज़ की बड़ी गांद दिख रही थी. सीडीयों का जो स्पेस लॅंडिंग होता है वहाँ एक दीवार बनी हुई थी, जहाँ उपर और नीचे की साइड से नही दिख रहा था. दीवार कुछ 4 फीट चौड़ी थी. समधी जी ने वहाँ मुझे पीछे से पकड़ लिया. मैं तो दर्र गयी.

मैं (धीमी आवाज़ में): किशन जी ये क्या कर रहे हो? कोई देख लेगा.

किशन जी: सुमन जी आप देखो तो सही यहाँ हमे कों देख सकता है (मैने देखा तो उपर और नीचे से कोई देख तो नही सकता था)?

मैं: अर्रे बाबा फिर भी घर में सब लोग है. आप प्लीज़ मुझे जाने दो. हम कहीं बाहर मिलेंगे.

किशन जी ने मेरे होंठो पर उनकी उंगली रख दी, और चुप रहने को कहा. वो बिना कुछ बोले मेरी आँखों में देख रहे थे. मैं भी उनको देखे जेया रही थी. उन्होने मेरी कमर में हाथ डाला तो मेरी तो हालत खराब हो गयी. बहुत टाइम बाद समधी जी का स्पर्श मुझे महसूस हो रहा था.

मेरे अंदर एक लेहायर उठ गयी, और मैने गहरी साँस ली. समधी जी ने उनके होंठ मेरे करीब कर दिए, और हम एक-दूसरे को लीप किस करने लगे. मैने उनको कस्स कर गले लगा दिया, और उनके होंठ चूसने लगी. मैं अपना हाथ उनके बालों में घुमा रही थी. समधी जी ने एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया, और हल्के हाथो से दबा रहे थे. मेरा पूरा शरीर अपने आप झटके मारने लगा, और मैं मदहोशी में झाड़ गयी. झड़ने के साथ ही मैने उनको अलग किया.

मैं: बस अब मैं जेया रही हू.

किशन जी: अर्रे यार. कितने दीनो बाद मिले है. अब आपको छ्चोढने का मॅन नही कर रहा (हम फुसफुसा कर बातें कर रहे थे).

मैं: अर्रे लेकिन यहाँ घर में सब है. यहाँ हमे ऐसे कोई देख लेगा तो मुसीबत खड़ी हो जाएगी.

किशन जी: अर्रे कुछ नही होगा. आप चिंता क्यूँ कर रहे हो? अगर कोई आता है तो आप उपर की और चले जाना, और मैं नीचे चला जौंगा. किसी को पता ही नही चलेगा की हम दोनो यहाँ थे.

मैं: ठीक है, लेकिन मैं देख कर आती हू अशोक जी सो गये की नही. और आप भी हंसा जी क्या कर रही है वो देख कर आओ.

मैं अब धीरे से बेडरूम में चेक करने गयी, की मेरे पति सो गये थे की नही. मैने देखा तो वो गहरी नींद में सो रहे थे. मैं अब तोड़ा रिलॅक्स हो गयी. फिर मैं उसी जगह पर स्टेर्स पर समधी जी का वेट करने लगी. मेरी तो एग्ज़ाइट्मेंट से ढकने तेज़ हो गयी थी. किशन जी आए और उन्होने मुझे कस्स के गले लगा दिया. मैने इशारे में पूछा तो-

किशन जी: हंसा वहीं मम्मी के पास सो गयी है. अब जब तक शरुष्टि और दामाद जी नही आते, तब तक हम यहाँ कुछ भी कर सकते है.

मैने उनको स्माइल की, और मेरी दोनो बाहें उनके गले में डाल दी. फिर उनको आचे से किस करने लगे. हमारी किस अब और बेहतर होने लगी थी. मुझे समधी जी से किस करना बहुत अछा लगता है. उनका एक हाथ मेरे बूब्स पर था, और दूसरे से वो मेरी गांद को सहला रहे थे.

वो उनकी जीभ को मेरे मूह में डाल कर घुमा रहे थे. मैं भी उनकी जीभ को आचे से चूस रही थी. अब मैं भी उनके मूह में जीभ डाल कर पूरा फील ले रही थी. हमारी लार तपाक कर मेरी चेहरे पर आ गयी. हम दोनो पसीने से लत-पाठ हो गये थे. मैने अपने मूह को और समधी जी के मूह को मेरे पल्लू से पोंचा और उनको नॉटी स्माइल दी.

अब समधी जी ने मेरे गले पर किस करना शुरू किया. साथ में वो मेरा पूरा गला अपनी जीभ से चाट रहे थे. वो गले से लेकर मेरे होंठो तक चाट रहे थे, और फिर मुझे लिप्स किस कर रहे थे. मुझे उनका वो अंदाज़ बहुत पसंद आया.

मुझे मेरे पसीने का टेस्ट भी फील हो रहा था. वो खारा-पन्न मुझे और उत्तेजित कर रहा था. समधी जी मेरे र्लोबस को बीते करते तो मेरी आ निकल जाती. ऐसे रोमॅन्स तो मेरे जीवन में पहली बार हो रहा था. अब तो चुदाई के लिए मैं भी तड़प रही थी.

मैने अब मेरे पल्लू मेरी कमर में बाँध दिया. जिससे समधी जी को मुझे किस करने में आसानी हो गयी. वो अब मुझे दीवार से सत्ता कर मेरी पूरी बॉडी पर किस करने लगे. वो घुटनो पर बैठ गये, और मेरे गोरे पेट पर किस कर रहे थे. जब उन्होने जीभ घुमा कर मेरी नाभि को छाता मेरी सिसकारी निकल गयी.

मैं मदहोश हो कर मेरा हाथ मेरी नेक के पीछे घूमने लगी. मैं अपने दांतो से अपने होंठ चबा रही थी. अब वो खड़े हुए और मेरे हाथ उपर करके मुझे एक झटके में पलटा दिया. मैं अपने दोनो हाथो के सपोर्ट से दीवार से चिपक गयी. अब वो मेरी पीठ पर हाथ घुमा रहे थे, और किस कर रहे थे. किशन जी ने मेरी नंगी कमर पर किस किया. फिर खड़े हुए और मेरे ब्लाउस का हुक खोल दिया.

मैं (धीमी आवाज़ में): अर्रे ये क्या कर रहे हो किशन जी?

किशन जी: आपसे प्यार.

और वो मेरा सर घुमा कर मुझे पीछे से लिप्स पर किस करने लगे. मैं तो उनके इस अंदाज़ से पागल ही हो गयी. अब उन्होने मुझे सीधा किया, और मेरा ब्लाउस निकाल दिया. मैं आपको बता देती हू की अब मैं कुछ ज़्यादा ही मॉडर्न हो गयी हू.

मैने अब सेक्सी ब्रा पनटी के सेट लेने शुरू कर दिए है. मैने उस दिन जो रेड ब्रा पहनी थी वो बहुत डीप थी. मेरे आधे से ज़्यादा बूब्स उसमे बाहर नज़र आते है. मेरी सेक्सी ब्रा में मेरे गोरे बूब्स देख कर समधी जी की आँखों में चमक आ गयी.

समधी जी: आप का ये हुस्न तो नसीब वाला ही देख सकता है. आप तो कामवासना की देवी लग रही हो.

उनके चेहरे की वो मुस्कान अफ क्या काहु दोस्तों. मैं तो शरम से पानी-पानी हो गयी. अब वो मेरी ब्रा के उपर से लेकर मेरा गला चाटने लगे, और फिर मेरे लिप्स को किस करते. मैं मोन करने लगी. उन्होने अब मेरी सारी उपर करके मेरी पार्टी में हाथ डाला. मेरी छूट तो पहले से गीली थी. उन्होने छूट में 2 उंगलियाँ डाल दी, और उसको रब करने लगे.

हम एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे, और वो अपनी उंगली मेरी छूट में चला रहे थे. मैने देखा किशन जी की आँखों में हवस भारी पड़ी थी. और हो भी क्यूँ ना, उनके सामने उनकी सेक्सी संधान जो छूट में उंगली डलवा रही थी.

अब मैं भी सारम हया छ्चोढ़ कर पंत के उपर से उनके लंड को मसलने लगी. मेरी पूरी बॉडी झटके मारने लगी और वो समझ गये की मैं झाडे वाली थी. तो उन्होने मुझे तड़पने के लिए हाथ बाहर निकाल दिया. मैं फोर्स से उनका हाथ मेरी छूट पर रखवा रही थी. वो मेरी और देख कर मुस्कुरा रहे थे.

पता नही क्यूँ पर मैं उनके प्यार के बिना अधूरी रहने लगी थी. और उस टाइम पर मुझे उनके बिना रहा नही जेया रहा था. मैं चाहती थी की वो उंगली करके मुझे ठंडा करे.

मैं: किशन जी. प्लीज़ मुझे ठंडा करिया ना. मैं बहुत तड़प रही हू.

किशन जी: मैं तो आपकी प्यास बुझा दूँगा, लेकिन उससे पहले (नॉटी स्माइल के साथ उनके लंड की और इशारा करके) मेरी प्यारी संधान आज आप मेरे लंड को चूसो.

मैं उनकी और बड़ी हैरानी से देख रही थी. क्यूंकी आज किशन जी ने जो बात कही, वो मैं कभी सोच भी नही सकती थी. मैने मेरी 27 साल की शादी-शुदा ज़िंदगी में ये कभी नही किया था. अब इसके आयेज मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी में क्या हुआ, मैं आपको अगले पार्ट में बतौँगी.

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