भाई को सेक्सी बहन ने रंगे हाथ पकड़ा

अब तक आपने कहानी में पढ़ा कैसे मैने अपनी बड़ी बेहन को नंगा देखा, और फिर रात को उसकी साइड में लेट कर उसके बूब्स याद करके मूठ मारी. अब आयेज इस भाई-बेहन सेक्स स्टोरी में पढ़िए.

अगले दिन जब मैं उठा, तो दीदी बहुत ही आचे से मुझसे बात कर रही थी. हम एक-दूसरे के साथ पहले से भी ज़्यादा फ्रॅंक हो गये थे. मैं और दीदी ब्फ-गफ़ की बात करने लगे थे. दीदी ने मुझे बताया था की उनका बाय्फ्रेंड था, पर वो ज़्यादा सीरीयस नही थी अपने ब्फ के साथ. बस टाइम-पास ही चल रहा था उनका.

मैने दीदी को रात को बोला था की मेरी कोई गफ़ नही थी. असल में मेरी गफ़ भी थी, पर मैं उनके सामने शरीफ बन के रहना चाहता था. दीदी अब मुझे चिढ़ने भी लगी थी, और मेरे लंड की और इशारा करके मज़ाक भी करने लगी थी. मैं भी बदले में उनके बूब्स का मज़ाक बना देता था.

धीरे-धीरे ये सब कामन हो गया हम दोनो के बीच. हम दोनो बेस्ट फ्रेंड्स बन गये थे, जो सब कुछ शेर करते है, और शरमाते नही है किसी बात के लिए. 10-15 दिन बाद कॉलेज में फ्रेशर्ज़ पार्टी थी.

डिसेंबर का महीना था, और ठंड भी हो गयी थी. 17 डिसेंबर को फ्रेशर्ज़ पार्टी थी. सिर्फ़ ग्रॅजुयेशन वेल बच्चो की थी, और वो भी सिर्फ़ ब्स्क. वाले स्टूडेंट्स की. और मैं ब्स्क. स्टूडेंट ही था. ह

हमारे कॉलेज में सभी कोर्सस की अलग-अलग ग्रॅजुयेशन पार्टी होती है. दीदी को पता था हमारी फ्रेशर्ज़ पार्टी थी, तो आज उन्होने मुझे जल्दी नहाने दिया, और बाद में खुद नहाने चली गयी. मैं तैयार हो गया. मैने आज सूट डाला था. दीदी नहा के बाहर आई, तो मुझे देखती ही रह गयी. मैने ब्लॅक सूट डाला था, और अंदर ब्लॅक शर्ट डाली हुई थी.

दीदी: ओये-होये बहुत हॉट लग रहा है आज तो. आज तो सारी लड़कियाँ तुझे ही देखेंगी.

मैं: अछा सच में इतना अछा दिख रहा हू क्या मैं?

दीदी (चिढ़ते हुए): आज तो तेरी गफ़ पक्का कोई ना कोई बन ही जाएगी.

मैं: बस रहने दो, मुझसे कों पटेगी? वैसे भी सब लड़कियाँ आपके जितनी सुंदर थोड़ी होती है.

दीदी: गफ़ बन गयी ना तो तू अपनी बेहन को याद भी नही करेगा, आया बड़ा.

मैं (मज़े लेते हुए): गफ़ बनने के बाद आपको क्यूँ याद करूँगा?

दीदी: हा-हा मुझे क्यूँ याद करेगा. अब तो तेरे इसको (लंड की तरफ इशारा करते हुए) वही खड़ा करेगी और संभालेगी.

फिर हम दोनो ऐसे ही बकवास करते रहे, और फिर कॉलेज चले गये. कॉलेज जाके मुझे याद आया की मैं अपना फोन घर ही भूल गया था.

मैने दीदी को कहा: दीदी मेरा फोन घर रह गया. आप ला दो घर से. मुझे पार्टी में जाना है.

तो दीदी बोली: ठीक है, ला दूँगी.

मैं पार्टी में चला गया, और दीदी घर. हमारी फ्रेशर्ज़ पार्टी कॉलेज के ऑडिटोरियम में थी. वाहा सब चीज़ों का अरेंज्मेंट पहले से ही कर रखा था. सब लोग आ चुके थे पार्टी में. मैं अपने दोस्तों से मिला. सब ने मेरी तारीफ की मैं अछा दिख रहा था.

मेरी गफ़ मेरी ही क्लास में थी. उसका नाम टानू है. उसकी हाइट 5’4″ है, एक-दूं गोरी और स्लिम है. 32″ के बूब्स मीडियम साइज़ के है, पर एक-दूं सॉलिड है, और हिप्स 34″ की है, एक-दूं सेक्सी. कॉलेज की सुंदर लड़कियों में नाम आता है उसका. मैने उसे कैसे पटाया ये बाद में बतौँगा. अभी कहानी पे आते है.

उसने ब्लॅक सीक्विन सारी डाली थी. फेस पे हल्का-हल्का मेकप कर रखा था, और बाल खुले छ्चोढ़ रखे थे. बॅकलेस ब्लाउस था, और बिल्कुल बूब्स से नीचे तक ही था बस. उसमे से उसकी कमर और पेट बिल्कुल सॉफ दिख रहे थे.

इतनी ठंड में भी लड़कियाँ कैसे इतने कम कपड़े पहन लेती है? मेरे सारे हरामी दोस्त तो बस उसकी कमर और नाभि को ही देख रहे थे. लड़के तो लड़के, लड़कियाँ भी उसको देख के जल रही थी अंदर-अंदर.

मैं टानू से मिला, और उसकी तारीफ की, और उसने भी मेरी तारीफ की. हम दोनो ने अपनी ड्रेस मॅच करने का डिसाइड किया था, ऑल ब्लॅक ड्रेस कोड था. पार्टी शुरू हुई और सब स्टूडेंट्स खाना वग़ैरा खा रहे थे. म्यूज़िक वग़ैरा चल रहा था मस्त. सब एंजाय कर रहे थे. ज़्यादातर टीचर्स खाना खा कर चले गये. बस हमारी 2 लॅडीस टीचर्स वही बैठ के एंजाय कर रही थी.

थोड़ी देर में सब लोग डॅन्स करने लगे. मैने और टानू ने भी एक रोमॅंटिक गाने पे अपना कपल डॅन्स प्रिपेर कर रखा था. दीदी मेरा फोन लेके सीधा पार्टी में आ गयी. उसने मुझे ढूँढा, तो मैं और टानू एक रोमॅंटिक गाने पे डॅन्स कर रहे थे.

पहले तो वो नॉर्मली खुश थी मेरा डॅन्स देख के, पर फिर मेरे एक दोस्त ने मेरी दीदी को पहचान लिया. तो वो दीदी से फोन लेने गया. तब दीदी ने उससे पूछा की वो लड़की कों थी. मेरे दोस्त ने बताया की वो मेरी गफ़ थी.

ये सुन कर दीदी को बहुत बुरा लगा की मैने उनसे गफ़ का च्छुपाया. फिर धीरे-धीरे वो हमारा डॅन्स देख के जेलस होने लगी. दीदी ने मेरे दोस्त को बोला की वो खुद मुझे फोन दे देंगी. मुझे नही पता था की दीदी मुझे देख रही थी. मैं और टानू डॅन्स करके स्टेज के पीछे चले गये. वाहा चेंजिंग रूम था जहा जब कॉलेज में फंक्षन होता है तो सब ड्रेस चेंज करते है.

हम दोनो रूम में जाते ही किस करने लगे. हमने गाते बंद नही किया था, क्यूंकी सब पार्टी में थे, और कोई पीछे आने भी नही वाला था. मैं और टानू एक-दूसरे के होंठो को पागलों की तरह चूस रहे थे, और मैं अपने दोनो हाथो से उसकी सेक्सी बॉडी का मज़ा ले रहा था.

कभी उसकी कमर पे, कभी उसकी गांद पे मैं हाथ फेर रहा था. तभी दीदी फोन देने वाहा आ जाती है, और गाते के बाहर खड़ी होके हम दोनो को किस करते देख लेती है. मैं और टानू बस किस किए जेया रहे थे. दीदी हम दोनो को देख रही थी.

तभी मैं अपना हाथ टानू के बूब्स पे रखता हू, और दबाने लगता हू. टानू ज़ोर-ज़ोर से आहह ह करने लगती है और अपना हाथ मेरी पंत के उपर से लंड पे ले जेया कर मेरी लंड को सहलाने लगती है.

दीदी अब और नही देख पाती और गाते पे नॉक करती है. मैं किस तोड़ता हू और गाते पे देखता हू दीदी होती है. उनके फेस पे गुस्सा होता है. टानू अपनी ड्रेस ठीक करती है और दीदी अंदर आ जाती है, और मेरा फोन मुझे देके बिना कुछ बोले वापस पार्टी से चली जाती है. मुझे दर्र लग रहा होता है की दीदी क्या बोलेंगी, और कही मम्मी पापा को ना बता दे.

पार्टी ख़तम होते ही मैने दीदी को कॉल किया पर दीदी ने कॉल नही उठाई. मैने मम्मी को कॉल किया तो दीदी घर जेया चुकी थी.

मम्मी ने बताया: मनु बहुत गुस्सा है तुझसे. वो अपने रूम में रो रही है.

मैं जल्दी से घर गया तो मम्मी ने पूछा: किस बात पे इतनी गुस्सा है वो? खाना भी नही खाया उसने.

मैने मम्मी को कहा: बाद में बतौँगा, पहले दीदी से बात कर लू.

इतना तो मुझे पता चल गया था की मम्मी को कुछ नही बताया था दीदी ने. मैं सीधा दीदी के पास गया तो दीदी फोन चला रही थी, और अपने ब्फ से बात कर रही थी. मुझे देखते ही दीदी ने अपना फोन साइड पे रखा, और मुझे रूम से बाहर जाने को बोला.

मैं: दीदी ई’म सॉरी, मैने आप से गफ़ के बारे में च्छुपाया और आपसे झूठ बोला.

दीदी: चला जेया यहा से, मुझे तुझसे कोई बात नही करनी है, और आज के बाद मुझसे बात मत करना

मैं: दीदी ऐसे बात मत करो. आपको पता है मैं आपसे बात करे बिना नही रह सकता.

दीदी: इतना ही प्यार करता ना अपनी बेहन से, तो मुझसे झूठ नही बोलता, और वो सब नही करता अपनी गफ़ के साथ.

मैं: मैने आपसे च्छुपाया बस इतनी सी बात पे आप इतना गुस्सा क्यूँ हो रही हो?

दीदी (गुस्से में): हा हू मैं गुस्सा. कैसे तू उसके साथ चिपक-चिपक के डॅन्स कर रहा था, और रूम में कैसे किस करते हुए उसके बूब्स और गांद दबा रहा था.

दीदी के मूह से ये सब सुन के मैं शॉक हो जाता हू.

दीदी: अब चुप क्यूँ है? तब तो बड़ा उससे अपना लंड मसलवा रहा था.

मैं: आपका भी तो ब्फ है. आप तो जैसे अपने ब्फ का लंड पकड़ते ही नही होगे. मैं अगर कर रहा हू तो आपको क्या दिक्कत है?

दीदी ये सुनते ही गुस्से में आके मेरे मूह पे ज़ोर का थप्पड़ मार देती है, और मेरा पूरा मूह लाल हो जाता है.

अगले पार्ट में पढ़िए क्या हुआ, और कैसे वापस हम दोनो को प्यार का एहसास हुआ. इस कहानी को पढ़ के अपना फीडबॅक ज़रूर दे. नीचे कॉमेंट सेक्षन में बताए आपको कहानी में क्या अछा और बुरा लगा, ताकि अगले पार्ट को लिखने का मोटिवेशन मिले. तो बे कंटिन्यूड…

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