पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की किस तरह मैं एक लड़के से फ्रेंडशिप के लिए मान गयी. फिर उसने मुझे धीरे-धीरे सेक्स के लिए माना लिया, और हम अब होटेल में जाने वाले थे.
फिर ब्फ एक मेडिकल स्टोर पे ले गये. वाहा से हमने कॉनडम्स खरीदे. फिर होटेल पे पहुँचे, एक रूम बुक किए, और हमे रूम की के मिल गयी. हम दोनो रूम की तरफ निकल गये. चलते-चलते मैं उन्हे बोली-
मे: मैं बहुत एक्शिटेड हू. पहली बार सेक्स करूँगी.
राजीव: हा रे, मेरा भी पहली बार है.
हम रूम के अंदर गये, और एक साथ बैठे. धीरे-धीरे रोमॅन्स शुरू हुआ, और हम किस्सिंग किए. वो मेरी गर्दन को किस किए. बूब्स टॉप के अंदर हाथ डाल कर दबाए.
फिर वो बोले: चल दीप्ति अब नंगी होज़ा.
मे: म्म्म्मम, ओक डार्लिंग.
मैं शरमाते हुए एक-एक करके कपड़े उतारने लगी. पहले टॉप, फिर जीन्स, फिर ब्रा, फिर पनटी.
राजीव: वाह क्या सीन है. तुम तो एक-दूं सेक्सी हो. पूरी पोर्नस्तर. और छूट में तो बहुत कम हेर है रे. मानो जैसे कोई 15-16 साल की लड़की हो तुम.
मैं स्माइल देके शर्मा रही थी, बुत जब पोर्नस्तर बोले तब मैं उन्हे बोली-
मे: जी ये क्या बोल रहे हो? थोड़ी तो इज़्ज़त करिए. मैं इतनी भी गिरी हुए लड़की नही हू, की आप मुझे पोर्नस्तर बुलाओगे.
राजीव: ओक बाबा, कूल. आजा मेरी गोद में.
मैं जा कर उनके उपर बैठ गयी. वो मेरे बूब्स को दबाए, और बहुत चूज़. वो ज़ोर-ज़ोर से चूस रहे थे, जैसे कोई वाक्कुम क्लीनर खींच रहा हो. फिर मैं बोली-
मे: आपका हथियार दिखाओ ना प्लीज़.
राजीव: ना-ना अभी नही. नही तो तू दर्र जाएगी.
वो बस शर्ट खोले थे, पंत खोले नही थे
मे: ओक जी, बाद में खोल कर दिखा देना.
राजीव: हा-हा, वैसे तूने पॉर्न वीडियो कभी देखी है?
मे: नही कभी नही. बस किस्सिंग सीन्स देखी हू टीवी पे, या कोई मोविए में.
राजीव: देख दीप्ति, मैं बहुत पॉर्न देखता हू. डेली देखता हू. तू कितनी भोली है रे. 21 साल की हो गयी है, आज तक पॉर्न नही देखा.
मे: हा मैं ऐसा फील कभी की ही नही थी, तो देखी नही.
राजीव: दीप्ति परीदा, ई’ल्ल ब्रेक योउ.
मैं बस शर्मा रही थी.
मे: अर्रे हा, वैसे राजीव जी आपका पूरा नाम आप बताए ही नही आज तकम्
राजीव हेस्ट हुए बोले: जानेगी?
मे: हा बोलिए?
राजीव: मैने तुम्हे झूठ बोला था.
मे: जी ये क्या कह रहे है आप?
राजीव: हा, मेरा नाम आफताब आमेड है.
मे: जी क्यूँ झूठ बोल रहे हो?
राजीव: तू मुझसे प्यार करती है या नही?
मे: आपसे ही करती हू.
राजीव: तो दर्र मत.
मे: ओक जी, मुझे फराक नही पड़ता की आप क्या हो. मुझे बस आपसे ही प्यार है. ई लोवे योउ.
फिर राजीव बोले: चल-चल चूड़ने के लिए तैयार हो जेया.
मैं घबरा गयी और बोली: हा राजीव चलो, छोड़ो मुझे.
राजीव: देख दीप्ति, मैं हमेशा पॉर्न देखता आ रहा हू. तो तोड़ा पॉर्न टाइप का ही करूँगा. तू बस सहना तोड़ा सा.
मैं थोड़ी दर्र गयी.
मे: प्लीज़ ज़ोर से मत करिएगा. जो भी करना है धीरे से करिएगा राजीव.
आफताब: आबे मुझे आफताब बोल.
मे: अर्रे हा-हा ओक-ओक आफताब जी.
आफताब ने अपनी पंत खोली, और फिर अंडरवेर. मैं पूरा दर्र गयी देख के. बहुत बाड़ा था जी, 7″ का. उनका लंड आयेज से तोड़ा सफेद था. पीछे से ब्लॅक.
मे: जी ये बहुत बड़ा है जी. प्लीज़ धीरे करिएगा.
आफताब: हा मेरी दीप्ति.
फिर मैं दोनो टांगे उपर करके लेट गयी.
वो बोले: दीप्ति बिना कॉंडम के छोड़ता हू ना प्लीज़.
मे: क्यूँ?
आफताब: अर्रे हम दोनो का पहली बार है तो कुछ नही होगा, और कम निकलते टाइम मैं तुरंत बाहर कर दूँगा लंड
मे: ओक जी, ठीक है.
फिर आफताब मेरी छूट को बढ़िया से छाते. बहुत मज़ा आया उसमे.
आफताब: कितनी सुंदर और छ्होटी सी छूट है रे तेरी. तेरी सील मैं तोड़ दूँगा रे, बहुत मज़ा आएगा.
मैं शर्मा गयी, और बस आह उहह उम्म करती रही. फिर वो अपना थूक अपने लंड पे लगाए, और छूट में डालने की कोशिश किए. बुत तोड़ा सा ही घुसा था, और मुझे दर्द भी हुआ बहुत.
फिर वो लंड निकाल के एक उंगली डाले, और ज़ोर-ज़ोर से आयेज-पीछे किए. मुझे बहुत मज़ा आया. फिर वो 2 उंगली डाल दिए. मुझे बहुत दर्द हुआ. आयेज-पीछे ज़ोर-ज़ोर से करते-करते मैने तोड़ा सहन कर लिया. फिर वो आयिल ला कर लंड डालने लगे, और सडन्ली तोड़ा घुसा दिया. मैं बोली-
मे: प्लीज़, प्लीज़ निकाल दो प्लीज़. दर्द हो रहा है प्लीज़.
आफताब: पूरा लंड घुसना बाकी है रे.
मैं पूरी दर्र गयी. वो ज़ोर से ढाका देकर तोड़ा और अंदर घुसाए. अभी आधा घुसा था, और मैं ज़ोर से चिल्लाई. फिर आफताब तुरंत लंड निकाल दिए, और बोले-
आफताब: आबे पागल है क्या? इतनी ज़ोर से मत चिल्ला.
मे: सॉरी जी, बुत बहुत दर्द हो रही थी. अब भी हो रही है. ऑम्ग देखिए तोड़ा सा ब्लड भी निकल गया. फिर वो बोले-
आफताब: अर्रे मेरी दीप्ति दर्र म्ट. पूरा धीरे से घुसौंगा और तुझे दर्द नही होगा.
फिर वो और आयिल मेरी छूट में डाले, और फिर लंड घुसने लगे. आधा घुसते ही मैं फिरसे ज़ोर से चिल्लाई. आफताब ने तुरंत मेरी पनटी को मेरे मूह में डाल दिया, और मेरे दोनो हाथ को अपने एक हाथ से पकड़ लिए. फिर अपने लंड को ज़ोर से घुसा दिए. पूरा लंड आंड घुस गया, और मेरी आँखों से आँसू निकल गये.
फिर उन्हे स्लो-स्लो छोड़ना चाहिए था, बुत वो स्लो की जगह पूरा ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगे. मैं बहुत झटपटा रही थी. आँखों से आँसू बहते जेया रहे थे. लंड पूरा ब्लड से भीग गया था. लगातार 10 मिनिट्स तक वो मुझे छोड़ते रहे. मुझे और होश ही नही था.
फिर उन्होने मेरे हाथ को छोढ़ दिया, और लंड निकाल दिए. बुत उनका लंड शांत नही हुआ था. मैं पनटी मूह से निकाल के रोते हुए बोली-
मे: जी ऐसा क्यू किए? मुझे बहुत दर्द हो रही है. खून निकाल दिए आप तो.
आफताब: पहली बार में यही सब होता है दीप्ति. नेक्स्ट टाइम तेरे को बहुत मज़ा आएगा.
वो मुझे उठा कर बातरूम ले गये, और छूट और लंड सॉफ करवा दिए. फिर रूम में आके मुझे किस किए, बूब्स चूज़, पेट सहलाए. अब वो छूट में हाथ मार रहे थे. मुझे मज़ा फिरसे आने लगा, बुत छूट में दर्द हो रहा था तोड़ा.
फिर वो बोले: लेगी फिरसे छूट में?
मैं बोली: नही जी, नेक्स्ट टाइम.
फिर वो बोले: चल लंड को चाट.
मे: ची नही, ये गंदी चीज़ मैं नही करूँगी.
आफताब: चातेगी या फिरसे छोड़ू?
मे: ओक-ओक चूस्टी हू.
फिर मैं जीभ निकाल के लंड के टोपे को चाटने लगी. मैं पूरा लंड चाटने लगी. वो बोले-
आफताब: मूह मे घुसा पूरा.
मैं मूह ओपन करके लंड ले ली मूह में. फिर ब्फ आयेज-पीछे करने लगे. वो लंड को पूरा घुसने की कोशिश किए मेरे मूह में, और पूरा घुस भी गया. पूरा लंड घुसा के वो आयेज-पीछे किए. वो लंड निकाल के बोले-
आफताब: आबे दीप्ति, तू पूरा गले तक लंड कैसे ले ली बे? मैं जितना भी पॉर्न देखा हू, बहुत कम लड़कियाँ होती है, जो पूरा गले तक ले लेती है.
मे: सच में? तो क्या मैं कुछ स्पेशल हू?
आफताब: स्पेशल तो है, बुत इन स्पेशल लोगों को रंडी बोलते है.
मैं गुस्से से बोली: जी आप मुझे ऐसे-कैसे रंडी बोल रहे हो?
आफताब कुछ बोले नही, और मेरा सर पकड़ कर लंड मूह में डाल दिए, और पूरा अंदर गले तक डाल के आयेज-पीछे करने लगे. फिर वो सडन्ली अंदर डाल कर रुक गये, और बोले-
आफताब: पूरा अंदर लेकर रख.
फिर सयद 5-6 सेकेंड्स के बाद मेरा दूं घुटने लगा, और मैने धक्का देके लंड निकाल दिया.
मे: आह आह जी, आप इतनी ज़ोर से क्यू दबाए थे? मेरी तो साँस ही रुक गयी थी
आफताब: दीप्ति ई लोवे योउ यार. तू एक दूं पर्फेक्ट है रे. अमेज़िंग है रे.
फिर वो टेबल की तरफ मूड गये. उनकी पीठ मेरी तरफ थी. मैं तब मेरी छूट को हल्के से टच करके सहला रही थी. इतने में आफताब मेरी तरफ मुड़े. मैने देखा की लंड पे कॉंडम लगा था, और पूरा आयिली-आयिली था.
वो सीधा मुझपे टूट पड़े, और छूट में घुसा दिए. मेरे मूह में पनटी डाल दिए, और दोनो हाथ पकड़ लिए. बहुत ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगे. मेरी आँखों से आँसू निकल गये. कुछ 1-2 मिनिट्स के बाद मैं एंजाय करने लगी. मेरा रोता हुआ चेहरा बदल गया.
आफताब ने मेरे हाथ छोढ़ दिए, और पनटी निकाल दिए. मैं आह उहह उम्म आह करने लगी. फिर मैं उनको बोली-
मे: ह उम्म्म्म, प्लीज़ तोड़ा स्लो करिए. तोड़ा स्लो, ह मॅर गयी रे.
आफताब: नही मेरी रंडी दीप्ति. मुझे तो हार्डकोर सेक्स ही करना है.
मे: प्लीज़ डॉन’त कॉल मे रंडी.
ऐसे ही ज़ोर-ज़ोर से छोड़ते रहे, और मेरी तो छूट से पानी ही निकल गया. पानी बहुत निकला मेरा, पूरा बेड गीला हो गया था. कुछ 15 मिनिट्स के बाद उनका कम निकल गया.
फिर वो लंड निकाल दिए. कॉंडम के अंदर-बाहर वाइट स्पर्म था. वो मुझे बोले-
आफताब: पिएगी?
मे: ची-ची, कभी नही.
आफताब: अछा तोड़ा तो टेस्ट कर ना.
मे: नो, नेवेर.
आफताब: ओक बुत ये कम को तेरे पुर बूब्स पे फैला दे.
मे: उम्म्म, ओक डार्लिंग.
आफताब: ओक रंडी.
मे: जी क्यू इतना ज़लील कर रहे हो? मैं रंडी नही हू.
फिर आफताब बोले: आँख बंद करो ना.
मैने बंद की आँखें. और फिर वो बूब्स की जगह मेरे फेस के उपर कम डाल दिए.
मे: ची, ये क्या किए आप?
आफताब मेरे उपर चढ़ गया, और लंड को मेरे चेहरे उपर घसा कर सारा कम फैला दिया.
आफताब: अब तू लग रही है एक असली रंडी.
मैं मूह भी खोल नही पा रही थी, क्यूंकी लिप्स पे कम लगी थी. वो बार बार रंडी और कुटिया बोलते रहे. मैं तुरंत बातरूम गयी, और मूह सॉफ करने लगी. गुस्से से बातरूम से निकली, तो देखा आफताब नही था.
आफताब साइड पे च्छूपे हुए थे. वो मुझे दबा के पकड़ लिए, और बहुत किस किए मेरे फेस को. फिर मेरा सारा गुस्सा उतार गया. मैं उन्हे किस करने लगी.
आफताब: दीप्ति कैसी लगी आज तुम्हे चुदाई?
मे: बहुत अची लगा जी, बुत छूट थोड़ी दर्द हो रही है जी.
फिर कुछ 2 अवर्स तक ऐसे ही हम नंगे सोए रहे. तोड़ा रोमॅन्स भी किए.
नेक्स्ट स्टोरी में मेरे स्टूडेंट्स के साथ रोमॅन्स और मेरे 2न्ड बाय्फ्रेंड के बारे में बतौँगी ओक. तब तक बाइ.
नीचे मेरी गमाल है. किसी को कॉंटॅक्ट करना हो तो कर सकते हो. मैं ये एक न्यू गमाल बनाई हू. मेरी ये गमाल को कोई और चेक नही करता