चाची पे आया मेरा दिल ओर फिर चुदाई

यह कहानी एक साची घटना पर आधारित है जो एक लड़के और उसकी प्यारी चाची के बीच हुए सेक्स पर है. मेरा नाम अखिल है और मई हरयाणा के छोटे से गाँव से हू. मेरी उमर 22 साल है और लंबाई 5फ्ट 10 इंच की है. मई दिखने मे फिट लगता हू और मेरे लंड का साइज़ 6 इंच का है.

अब सीधा कहानी पे आता हू.

यह कहानी मेरी चाची की है जो 45 साल की बहुत ही सुंदर दिखने वाली महिला है. हम घर पर जॉइंट फॅमिली है और सब लोग साथ रहते है. यह मेरी पहली कहणाई है तो कोई ग़लती हो तो माफ़ करना.

घर पर हम अभी 5 लोग रहते है पापा, मम्मी, चाची, मेरे चाचा का लड़का और म. मेरे चाचा काम के सिलसिले मे दूसरी सिटी मे रहते है.

यह कहानी पिछले महीने की है जब चाची दीवाली के लिए आई थी और दो महीने रुकने वाली थी. मुझे हर रोज देसीकाहानी पढ़ने का शोक है और मूठ मारने का भी.

चाची के प्रति पहले मेरी कोई ग़लत सोच नही थी. लेकिन एक दिन बातरूम मे उनकी पनटी देखी और दिमाग़ मे ख़याल आया उसे सुघने का और कसम से वो खुसबु दिमाग़ मे अलग ही नशा दे रही थी.

मैने बातरूम मे मूठ मारी और लंड को शांत किया. उस दिन के बाद मैने तान लिया की एक बार तो चाची को ज़रूर छोड़ूँगा. दीवाली के पहले मेरा चचेरा भाई एक हफ्ते के लिए अपने मामा के यहा चला गया.

हुमारे घर मे नीचे 3 कमरे है और उपर 2 कमरे है. जिसमे नीचे एक कमरा चाची, एक मेरा, एक गेस्ट रूम है, और मम्मी पापा उपर वेल कमरे मे सोते है.

भाई के जाने के बाद अब नीचे मई और चाची ही रह गये. तो मई चाची को पाटने का प्लान बनाने लगा. पर वो कैसे मुमकिन था कुछ पता नही लग रहा था.

पहले दिन रात को मम्मी के उपर जाने के करीब 2 घंटे बाद मई चाची के कमरे की तरफ गया और सोते हुए उन्हे देखने लगा. चाची रात मे निघट्य पहन कर सोती है. तो मई यह देखने गया की उनकी जाँघ दिख जाए.

किस्मत आची थी उनका कंबल और निघट्य दोनो घुटनो के उपर तक आए हुए थे. मून लाइट की रोशनी मे उनकी थोड़ी सी झांगे नज़र आ रही थी और पैरो पर छोटे छोटे बाल बहुत ही सुंदर लग रहे थे.

मॅन कर रहा था की अभी उनपर हाथ फेर डू और छूट के दर्शन कर लू. लेकिन दार था की कही चाची पापा से शिकायत ना कर दे तो मई क्या करूँगा. पहले चाची को पटना ज़रूरी था.

तो दूसरे दिन जब भी मौका मिलता मई चाची के सामने अपने लंड को खुजाता रहता और उन्हे दिखाने की कोशिश करता. और उनके जिस्म को हवस भारी नज़रो से घूरता रहता.

दोपहर को चाची झाड़ू लगाने आई तो मई उनके बूब्स को ही घूरे जा रहा था. और यह करते हुए उन्हने मुझे देख लिया. दोपहर के काम के बाद मम्मी उपर सोने चली जाती है 2 घंटे के लिए.

तो मैने चाची को मॅगी बनाने को बोला और उनके पीछे किचन मे आ गया. मॅगी उपर वाली सेल्वे पर होती है और चाची का वाहा हाथ नही जा रहा था. तो मई चाची के पीछे से उनके गांद मे अपना लंड घुसते हुए मॅगी का पॅकेट उतरने की कोशिश करता रहा. और मज़े लेता हुआ 2 मीं बाद पॅकेट उतरा. लंड का उभर चाची को भी महसूस हो रहा था.

उस दिन कुछ ज़्यादा नही हुआ और रात को फिर से मई चाची के कमरे मे गया. और उन्हे निहारने लगा और मूठ मारने लगा. मूठ मारने मे इतना खो गया की स्पर्म चाची के हाथ मे गिर गया. मुझे होश आया और मई अपने कमरे मे जाके सो गया.

अगले दिन जब मई उठा तो चाची मुझे गुस्से से देख रही थी. लगता है उन्हे कल रात की हरकत के बारे मे पता चल गया था. आज से दीवाली की सफाई शुरू होनी थी. तो मैने भी सोचा घर के काम मे हाथ बढ़ने का.

शाम को जब बातरूम मे से जाले हटा रहा था तो बातरूम की लाइट टूट गयी और बातरूम मे अंधेरा हो गया. रात होने के कारण मई नयी लाइट नही लाया.

अब बातरूम मे जाने के लिए तोड़ा गाते खोलके ही जाना पड़ेगा आज रात के लिए. मुझे पता था की चाची मम्मी के उपर जाने के बाद निघट्य पहनती और फ्रेश होती है. लाइट ना होने की वजह से गाते खोलके ही जाना पड़ेगा.

तो मैने जल्दी सोने का नाटक किया और चाःसी का वेट करने लगा की कब चाची बातरूम जाएगी. मम्मी के उपर जाने के बाद चाची बातरूम की और गयी मई भी दबे पाव बातरूम के साइड मे से उन्हे नंगा देखने लगा. वो टाय्लेट की और जाने लगी तो मई चुप गया और वापिस आके सो गया.

अगले दिन मई सारा दिन बाहर दोस्तो मे ही रहा और लाइट नही लाया. रात को वही चाची का इंतेजार करने लगा और इस बार मैने मोबाइल मे सारी वीडियो बना ली कपड़े बदलते की.

फिर चाची टट्टी करने का प्रेशर हुआ तो वो टाय्लेट मे गये खोल के बैठ गयी. पता नही मेरे दिमाग़ मे क्या आया मई नींद का नाटक करता हुआ लंड बाहर निकाल के बातरूम मे सस्यू करने खड़ा हो गया. और ऐसे आँखे मसलता हुआ दिखा रहा था की बहुत ही गहरी नींद मे हू.

चाची ने मुझे धीरे से आवाज़ दी अखिल बेटा और फिरसे आवाज़ दी और बोला बाहर जेया मई आती हू करके. मई वैसे ही लंड बाहर निकाले खड़ा रहा और 2 मीं बाद चाची आई और सस्यू करके मई भी आ गया. चाची मेरे लंड को ही देखे जेया रही थी जब मई अंदर था.

मुझे उन्होने बोला बेटा पहले देखना चाहिए था ना की अंदर कोई है या नही.

मैने चाची को सॉरी बोला और बोला मई किसी से नही कहूँगा की मैने आपको नंगा देखा. और आप भी मत बोलना किसी से और कुछ ज़्यादा नही हुआ और मई आके सो गया.

रात को मुझे 3 भजे करीब जाग आई तो मैने सोचा क्यू ना चाची को देख लू और मूठ मार लू. आज हिमात करके मैने निघट्य कमर से उपर कर दी. और पनटी पर हाथ फेरने लगा और मूठ मरने लगा. फिर स्पर्म चाची की पनटी पर गिर गया.

मुझे नही पता था की चाची कब जाग गयी और ये सब देख रही थी. वो गुस्से मे बोली रुक अभी भैया दीदी से तेरी सीकायत करती हू.

मैने बहुत बोला आयेज से नही करूँगा पर वो नही मानी.

फिर मैने वीडियो दिखाई और वो सुन्न हो गयी. वो बोलने लगी ये किसी को मत दिखना और प्लीज़ इसे डेलीट कर दो.

मैने बोला एक शरत पे, पहले आप मेरा लंड चूसो और मेरे साथ नंगे सौ, मई कुछ और नही करूँगा प्रॉमिस.

वो पहले बहुत माना करने लगी बाद मे जब मैने बोला की वीडियो सबको दिखा दूँगा तो मान गयी. वो लंड नही चूस रही थी तो मैने ज़बरदस्ती उन्हे चूसा दिया और नंगा साथ मे सो गया. रात को 5.30 उठा और काई सारी और नंगी पिक्स ले ली और अपने कमरे मे आके सो गया.

अगले दिन जब भी मौका मिलता उन्हे मसल देता और बूब्स दबा देता. रात को चाची मेरे पास आई और रोने लगी और कहने लगी मुझे तंग मत करो.

मुझे भी एहसास हुआ की मई हवस मे आपनी ही चाची को इतना टॉर्चर कर रहा हू. मैने उनके पैरो मे गिरके माफी माँगी और कहा मुझे माफ़ करदो, आज के बाद मई कभी आपको तंग नही करूँगा.

मुझे रोता देख वो भावुक हो गयी और कहने लगी इस उमर मे ऐसा होता है, आयेज से ढयन रखना.

अगले दिन मैने उन्हे ज़रा भी तंग नही किया और बुरी नज़र से देखा भी नही. रात को वो मेरे पास आई और ऐसे ही बाते करने लगी. और बाते करते करते 12 बाज गये और मई उन्हे गुड नाइट कह के सो गया.

अब भाई के आने को सिर्फ़ 2 दिन बाकी थे.

अगले दिन भी मैने उन्हे नही तंग किया और उनका कहना भी माना. रात को फिरसे हम बाते करने लगे और थोड़ी देर बाद मैने उनसे उनकी लाइफ के बारे मे पूछा और चाचा से रीलेशन का पूछा.

तो वो उदास हो गयी और बोली अब कल बात करते है. मैने फिरसे पूछा तो वो बोली तेरे चाचा मुझे बहुत मारते है आंड बिल्कुल प्यार नही करते. और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और कहने लगी इसीलये मई यहा आ जाती हू, मुझे यहा बहुत आछा लगता है.

मैने चाची को गले लगाया और पीठ सहलाने लगा. वो अब और भावुक हो गयी और जैसे ही मूह उपर किया तो मैने उन्हे किस कर दी और होन्ट पे किस जारी रखी, उन्होने कुछ नही बोला.

मई धीरे धीरे हाथ बूब्स पर ले आया और किस जारी रखी. वो गरम होने लगी और अपनी आँखे बंद कर रखी थी. शायद उन्हे सेक्स किए काई साल हो गये थे. और चाचा अब उनसे इतना प्यार नही करते थे.

मैने उनकी पूरी निघट्य उठा दी और निकल दी. अब साँसे तेज़ होने लगी. मैने पनटी निकली और छूट पर हाथ फेरने लगा. वो आ आ ह्म ह्म की आवाज़े निकालने लगी.

फिर मैने उन्हे लिटाया और एकद्ूम से पूरा लंड छूट मे डाल दिया. उनकी आँखे खुल गयी और मैने उन्हे किस करी और थोड़ी देर बाद वो झाड़ गयी. फिर मैने धक्के तेज़ करे और 15 मीं बाद अंदर ही झाड़ गया. इसी बीच चाची दो बार और पानी छोड़ चुकी थी.

रात को हम साथ सो गये और सुबह जब मई उठा तो चाची मम्मी के साथ काम मे लगी थी और खुश लग रही थी. उस दिन भाई भी आ गया और मुझे फिरसे मौका नही मिला.

चाची ने वाडा किया की होली मे फिरसे सेक्स करेगी.

स्टोरी पढ़ने के लिए धन्यवाद. [email protected]

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