चाचा के बॉस ने रंडी बना कर बेचा

ही दोस्तों, मैं निकू, और मैं आपके सामने अपनी चुदाई की कहानी लेके आई हू. मैं मुंबई के एक छ्होटे से इलाक़े में रहती हू. हमारा खुद का छ्होटा सा घर था 1 र्क, जिसमे मैं और मम्मी-पापा रहते थे.

बुत करोना में उनकी डेत होने के बाद मैं अकेली पद गयी थी. मेरा ख़याल रखने वाला कोई नही था, और मैं तभी बस 19 साल की हुई. मेरा एक ब्फ था. वो मुझे डेली किस्सिंग करता. उसने मेरे बूब्स भी दबाए थे, बुत पेरेंट्स की डेत के बाद मैं चाचा के घर पर रहती थी.

चाचा सॉफ्टवेर इंजिनियर थे देल्ही की एक मंक में, तो मैं वही रहने लगी थी. एक दिन उनके बॉस उनके घर पर आए थे. उनकी आगे 30 के करीब होगी. मैं घर के सारे काम करती थी. उस दिन भी मैं काम में लगी थी, और पसीने से भीगी हुई थी, और सब बाहर खाना खा रहे थे.

मैं कहने के लिए चाचा के घर पर रहती थी. बुत मुझे एक नौकरानी जैसे रखते थे चाचा, और पुराने कपड़े पहनने को देते थे. सब का खाना होने के बाद मुझे खाना खाने मिलता, और सोना भी मुझे घर की गॅलरी में पड़ता था, फिर चाहे ठंडी हो, गर्मी हो, या बारिश हो.

उस रात घर पर कोई नही था. बस चाचा और उनके बॉस थे. मैं घर का सारा काम ख़तम करके मैं गॅलरी में सोने चली गयी. रात हो गयी थी और बाहर हॉल में चाचा और उनके बॉस दारू पी रहे थे. बॉस की नज़र मेरे उपर तब पड़ी जब वो सिगरेट पीने के लिए गॅलरी में आए. मैं भी नीचे छ्होटा सा बिस्तेर डाल के सोई थी. मेरी गांद उनकी तरफ थी, जो शायद कपड़े फटते हुए होने की वजह से थोड़ी दिख रही थी.

उन्होने मेरी गांद को तोड़ा सा टच किया और दबाया. मैने इतना ध्यान नही दिया, क्यूंकी चाचा का लड़का भी मेरी गांद को ऐसे ही दबाता था, और मेरा फ़ायदा उठाने की सोचता था. बुत मैने उसको एक बार थप्पड़ मारा था, तब से उसकी ज़्यादा हिम्मत नही हुई. मुझे लगा वही आया होगा तो मैं कुछ नही बोली. लेकिन वो ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे तो मैने आँखें खोली.

इससे वो शायद दर्र गये, और अंदर चले गये. मैने चादर ओढ़ ली, और सो गयी. फिर वो चाचा के पास गये और वही सिगरेट पीने लगे. सुबा मैं जल्दी उठी, नहाई, घर की सॉफ-सफाई की. रात को पार्टी की वजह से उन्होने घर में बहुत कचरा किया हुआ था. चाची देख लेती तो बहुत गुस्सा करती, तो उनके आने से पहले घर सॉफ कर दिया, और नाश्ता बनाने लगी.

फिर चाचा और उनके बॉस ने नाश्ता किया, और वो चले गये ऑफीस के लिए. उसके कुछ दिन बाद मैं सब्ज़ी लेने बेज़ार गयी थी अकेले. तो उनके बॉस ने मुझे देखा और मेरे पास आए.

वो बोले: पहचाना?

मैने कहा: हा, आप चाचा के बॉस हो ना, जो उस दिन घर आए थे.

उन्होने कहा: सही.

फिर उन्होने मुझे छाई के लिए पूछा.

मैने कहा: नही, मुझे सब्ज़ी लेकर घर हॅना है. लाते हो गयी तो मार पड़ेगी.

और मैं जाने लगी. उन्होने मेरा हाथ पकड़ा और कहा-

बॉस: रूको तो. कुछ खा लो. इतना काम करती हो दिन भर, तोड़ा आराम मिल जाएगा.

फिर वो मुझे एक होटेल में ले गये, और मुझे नाश्ता करवाया, और यहा-वाहा की बातें करने लगे. मैने उनको मेरी सब कहानी बताई, जिसके बाद वो चाचा पर तोड़ा गुस्सा हुए, और कहा-

बॉस: कैसा आदमी है? ऐसा कोई करता है खुद की भतीजी के साथ?

और फिर वो मुझे अपनी कार में घर तक भी छ्चोढ़ दिए. मुझे उनका बिहेवियर अछा लगा. फिर 1 हफ़्ता हुआ होगा, और बॉस फिर हमारे घर आए. इस बार उनके हाथ में एक ताली थी. पता नही क्या था उसमे. चाचा चाची को बुलाए और कहा, की उनके बॉस मुझे पसंद करते थे, मेरे से शादी करना चाहते थे.

बॉस ने चाचा से बोला: अगर तुम हा करोगे तो तुम्हारा प्रमोशन करौंगा.

तो चाचा झत्ट से मान गये, और मुझे बाहर बुलाया, और सिर के सामने खड़ा किया. उसके बाद सिर ने वो तली मेरे हाथ में दी. मैने देखा तो उसमे शादी का जोड़ा, कुछ गहने, और फ्रूट्स थे. मैं खुश थी, क्यूंकी मुझे भी वो पसंद थे, हॅंडसम जो थे, और एक मंक में ब्रांच मॅनेजर भी.

उसके 2 दिन बाद ही हमारी शादी हुई, बुत घर पर ही. सिर्फ़ चाचा की फॅमिली और हम दोनो ही थे. उसके बाद रोहन सिर मुझे अपने घर लेकर गये. उनका घर बहुत बड़ा था, हवेली जैसा. बहुत सारे कमरे थे, और उसमे बहुत सारे कपल्स थे.

मैं समझ नही पाई क्या था, आजू-बाजू में भी ऐसा ही था. फिर सिर मुझे एक रूम में लेकर आए. वो रूम बहुत बढ़िया था, और सज़ा हुआ भी. मेरे पास 2 लड़कियाँ आई, और मुझे उस रूम में ले गयी, और वो सिर से कह रही थी, “क्या बढ़िया माल मिला है रोहन. कहा से लाए हो. मस्त चलेगा”.

मैं कुछ समझ नही पाई. वो दोनो मुझे कमरे में ले गयी, और बेड पर बिता दिया. फिर कमरे की लाइट्स ऑफ करके बाहर चली गयी. कमरे में अंधेरा था. कुछ नही दिख रहा था मुझे. उसके बाद दरवाज़ा खुला, और एक आदमी अंदर आया.

मुझे लगा सिर ही थे, लेकिन जब वो पास आया और मेरा घूघाट उठाया, वो रोहन नही थे, कोई और हटता-कटता इंसान था. मुझे लगा मेरे साथ मज़ाक किया जेया रहा था.

मैं बोली: आप कों हो? रोहन कहा है?

वो कुछ नही बोले, और अपने कपड़े उतारने लगे. उनके ऐसा करने से मैं घबरा गयी. मैने फिरसे पूछा-

मैं: आप कों हो? रोहन कहा है? और आप ये कपड़े क्यूँ उतार रहे हो?

वो आदमी बोला: मैने 25 लाख दिए है कुवारि लड़की को छोड़ने के, और मुझे तुम्हारे पास भेजा गया है.

मैं: ये क्या बकवास है. ये मेरे रोहन का घर है.

वो आदमी: ये घर नही रंडी-खाना है. यहा पैसे देके लड़कियाँ बेची और छोड़ी जाती है. लगता है तुम्हारा वो रोहन तुम्हे बेवकूफ़ बना कर बेच दिया है यहा.

ये सुन कर मुझे बहुत दुख हुआ, और अपनी किस्मत पर गुस्सा भी आया. तभी वो आदमी बोला-

वो आदमी: देखो मैं तुम्हारे साथ कोई ज़बरदस्ती नही करूँगा. मैने 25 लाख ज़बरदस्ती करके चुदाई करने को नही दिए है. तो अगर तुम नही करना चाहती तो मैं चला जाता हू, और अपने पैसे वापस ले लेता हू.

मैने उस आदमी को क्या जवाब दिया, और इसके आयेज क्या हुआ. वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. यहा तक की सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी ज़रूर बताए.

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