तो दोस्तों ये मेरी कहानी का दूसरा पार्ट है, और आप सभी का इसमे स्वागत है. तो पिछला पार्ट आप पढ़ चुके होंगे, ये मान कर चलता हू. अब आयेज की कहानी पे आते हुए. प्लान के हिसाब से हम सब अपने-अपने कमरे में चले गये थे.
विकास: कम ओं राहुल बेटा, अब नाइट सूट पहन लो, और सोने की तैयारी करो.
राहुल: ओके पापा.
उस वक़्त कमरे में सिर्फ़ मैं और पापा थे. और मम्मी वॉशरूम में थी. तो मैने वही अपनी जीन्स और त-शर्ट उतरी. मम्मी ने ऑलरेडी मेरा नाइट सूट निकाल रखा था. इतने में मम्मी वॉशरूम से बाहर आई, और उन्होने एक मस्त पर्पल कलर की सिल्क निघट्य पहनी थी, जो शोल्डर्स से बिल्कुल पतली स्ट्रीप थी और स्लीव्ले टाइप. बाल खुले और निघट्य की लेंग्थ नीस के उपर तक थी. वैसे तो मम्मी हमेशा ही खूबसूरत लगती है.
निराल: राहुल बेटा, चाची का मेसेज आया था की राहुल को उनके कमरे में भेज दे. उन्होने एक्सट्रा बेड माँगाया है, तो तू और सोनू वही सो जाना. और सोनू भी तुझे याद कर रही थी. तो जाओ और सो जाओ.
मैं मम्मी की बात मान कर चाचू के कमरे में चला गया. तो मैने देखा, की चाची ने और सोनू ने सेम तो सेम पिंक कलर की सिल्क नाइट पंत और शर्ट पहनी हुई थी. और चाचू तो बस बेड पे सपोर्ट लेकर बैठे हुए थे.
मोना: राहुल बेटा, आ जाओ.
सोनू: मम्मी राहुल इस वक़्त यहा?
विवेक: सोनू बेटा, तुम लोग नीचे कितनी मस्ती कर रहे थे. और इतने आचे लग रहे थे साथ में. तो हमने सोचा तुम्हारी यही उमर है मस्ती करने की. तो इसी बहाने मस्ती हो जाएगी और फिर सो जाना तुम दोनो.
मोना: सी, तुम्हारे लिए एक्सट्रा बेड्स नीचे लगा दिए है. तुम दोनो नीचे सो जाओ.
राहुल: ओके चाचू. थॅंक योउ सो मच. ही सोनू.
सोनू: राहुल, तुझे ये नाइट ड्रेस कैसी लगी? मेरी और मम्मी की सेम तो सेम.
राहुल: आप दोनो बहुत मस्त लग रहे हो. और तो और सोनू तेरा फेस कितना मिलता है चाची से.
मोना: मेरी बेटी है ना. शकल सूरत तो मिलेगी ही बेटा.
विवेक: तुमने अकेले बेटी पैदा की है? तुम्हारी अकेले की बेटी है?
मोना: नही तो, इसमे आपका बहुत बड़ा (बोलते-बोलते रुक गयी और रीयलाइज़ किया की हम वही थे). आपका बहुत बड़ा साथ है ना (स्माइल करते हुए).
खैर ये तो बातें होती रही, और हमने थोड़ी देर टीवी देखा, और फिर नाइट लॅंप्स चालू रख कर हम अपनी अपनी जगह सोने चले गये. अब ऐसा था की एक साइड से अगर आप देखो तो चाचू सबसे लेफ्ट में, फिर चाची, फिर नीचे चाची की पास वाली जगह पे सोनू, और उसके बाजू में मैं.
तो मैं और सोनू थोड़ी देर अपने अपने फोन पर टाइम पास करने लगे. ये तो थी हमारी बात. उपर चाचू और चाची का बेड पर क्या सीन चल रहा था वो बताता हू.
वैसे तो दोनो ने एक ही ब्लंकेट डाल रखी थी. फिर चाची और चाचू एक-दूसरे की तरफ फेस करके लेते हुए थे. फिर चाचू ने चाची के कमर पे हाथ रखा, और उनकी शर्ट के अंदर हाथ डाल कर उनकी नाभि के साथ खेलने लगे. वही पर चाची ने भी चाचू के चेस्ट पे हाथ घूमना शुरू किया. दोनो गरम तो थे ही आख़िर-कार नीचे इतनी सारी बातें और प्लॅनिंग जो हुई थी.
फिर दोनो एक-दूसरे को उपर से लेकर नीचे तक छूने लगे. चाचू ने चाची के बूब्स को दबाना शुरू किया ब्रा के उपर से ही. चाची ने उनका हाथ चाचू की शॉर्ट्स में डाल दिया, और उनके अंडरवेर के उपर से चाचू के लंड को सहलाने लगी.
चाची के चेहरे को अगर कोई देखता तो किसी का भी खड़ा हो जाता. क्यूंकी चाचू ने चाची के सिल्की पॅंट्स के अंदर हाथ डाल रखा था, और पनटी के उपर से उसे सहलाने लगे थे. चाची हल्के-हल्के अपनी कमर को आयेज पीछे कर रही थी.
वैसे ये तो बेड पर सीन चल रहा था. थोड़ी देर बाद मैं फोन उसे करते-करते बोर हो गया, तो मैने सोनू को मस्ती में टिकल करना शुरू किया. इससे वो ज़ोर से हस्स पड़ी.
उसकी हस्सी की आवाज़ सुन कर चाची एक-दूं चौंक गयी, और 1 सेकेंड में वो सीधा हमारी तरफ पलट गयी देखने के लिए की क्या हुआ. वो साथ-साथ अपनी ब्लंकेट भी ठीक करने लगी.
मोना: क्या हुआ सोनू? इतना ज़ोर से क्या आवाज़ आई?
सोनू: मम्मी वो राहुल मुझे टिकल कर रहा था.
इतना कहते ही सोनू ने मुझे टिकल करना शुरू किया, और इस तरह हम दोनो एक-दूसरे को कुछ देर टिकल करने के बाद और मस्ती करने के बाद थोड़ी देर लेते रहे.
मोना (हमे देखते हुए): क्या हुआ? एनर्जी ख़तम हो गयी दोनो की?
राहुल: एस चाची. अब तक गये.
सोनू: लेकिन मैं नही ताकि. हहे राहुल, योउ अरे आ लूज़र.
मोना: सोनू बेटा, लड़कियाँ वैसे भी नही थकती. ये तो बस लड़के है की जल्दी तक जाते है. क्यूँ सोनू के पापा?
विवेक: कुछ भी, हा. मैं जल्दी तकता हू?
इतने में चाची ने भी ज़ोर से हसना शुरू किया. हमने देखा तो चाचू चाची को टिकल कर रहे थे, और चाची खुद को बचाने की कोशिश.
मोना: अर्रे बस कीजिए. बच्चे है, क्या सोचेंगे? हहा.
विवेक: हा जब तुम ऐसी बातें कर रही थी, तब याद नही आया?
मोना: अछा अब बहुत मस्ती हो गयी. कम ओं बच्चो, सो जाओ.
सोनू: ओके मम्मी.
राहुल: गुड नाइट एवेरिवन.
फिर कुछ देर बाद चाची का फेस हमारी तरफ ही था, और पीछे से चाचू ने चाची को हग कर रखा था. दोनो की बॉडी एक-दूसरे से चिपकी हुई थी. चाची अपना पेल्विस चाची की गांद में दबाते और चाची अपनी गांद पीछे दबाती. ऐसे ही दोनो एक-दूसरे को कपड़े के उपर से ही रब करने लगे. और चाची के चेहरे से सॉफ हवस नज़र आ रही थी नाइट लॅंप्स की हल्की-हल्की रोशनी में.
फिर चाची ने अपना हाथ पीछे लिया, और चाचू के शॉर्ट्स को उल्टे हाथो से उतारने की कोशिश करने लगी. चाचू ये देख कर खुद ही उन्होने अपनी शॉर्ट्स और अंडरवेर थोड़ी नीचे कर दी, और उनका खड़ा लंड चाची के हाथ में आ गया.
चाची कुछ देर उसे हिलने के बाद उन्होने अपनी सिल्की पॅंट्स के उपर ही चाचू का लंड अपनी गांद पे सेट किया, और चाचू कपड़े के उपर से ही चाची को अपने खड़े लंड का एहसास दिलाने लगे. थोड़ी देर ऐसे चलने के बाद चाचू का लंड हो चुका था खड़ा, और गीली चाची की छूट.
फिर चाचू ने अपना हाथ चाची की पॅंट्स में डाला पीछे से, और इस बार सीधे पनटी के भी अंदर. चाची की मस्त नरम-नरम गांद को चाचू दबाने लगे, और उनकी गांद के बीच की दरार को अपनी एक उंगली से रब करने लगे. चाची से रहा नही गया, तो चाची सीधी हो गयी.
मतलब उनके फेस सीलिंग की तरफ था, और उन्होने ब्लंकेट के अंदर ही सब से पहले अपना हाथ पॅंट्स में डाल कर अपनी गांद उठा के पॅंट्स नीचे कर दी. फिर दूसरी बार में उनकी पनटी भी नीचे करके पैरों से ही उसे उतार दी. फिर चाची चाचू की तरफ पलट गयी, और दोनो एक-दूसरे के प्राइवेट पार्ट्स से खेलने लगे.
ये काफ़ी देर तक चला, और चाचू और चाची ब्लंकेट के अंदर ही धीरे-धीरे से सेक्स करने लगे. ये ध्यान रखते हुए की ज़्यादा आवाज़ भी ना हो, और उन्हे मज़ा भी मिल जाए. खैर कुछ देर बाद बेड पर हुलचूल ज़्यादा होने लगी थी. दोनो एक-दूसरे को अड्जस्ट करने में लगे थे, और उसी बीच बेड की साइड से कुछ नीचे गिरा, जो सोनू ने उठाया. सोनू ने उसे उठाया, और मुझे दिखाने लगी.
सोनू: राहुल ये क्या गिरा?
राहुल: पता नही. लाइट्स कम है, तो समझ नही आ रहा.
फिर मोबाइल की लाइट मार के देखा तो वो ब्लॅक पनटी थी.
सोनू: राहुल ये तो पनटी लग रही है.
राहुल: हा.
सोनू: लेकिन ये ऐसी नेट वाली किसकी है?
राहुल: बेड से गिरी है तो चाची की ही होगी ना.
सोनू: मम्मी, मुम्मा लिसन.
चाची तोड़ा ब्लंकेट ठीक करते हुए हमारी तरफ घूम गयी.
मोना: एस बच्चा, क्या हुआ?
सोनू: मम्मी ये ब्लॅक पनटी आपकी है? (हाथ में पकड़ कर दिखाते हुए)
मोना (तोड़ा सा घबराते हुए उन्होने हाथ आयेज बढ़ाया, और सोनू के हाथ से पनटी ली, और अपने पिल्लो के नीचे रख दी): तुझे कहा से मिली?
सोनू: वो मम्मी बेड से गिरी. बुत आप ऐसी पनटी पहनती हो? नेट वाली?
मोना: शूट उप. अभी सो जाओ चुप-छाप. क्यूँ जाग रहे हो तुम दोनो इतनी देर तक? नाउ नो मोरे मस्ती बच्चो, समझे?
सोनू: लेकिन मम्मी आपने पनटी उतारी क्यूँ?
मोना: वो गर्मी लग रही थी इसलिए (जल्दी-जल्दी में जवाब कैसे देते है ठीक वैसे ही). चल अब सो जेया और हमे भी सोने दो.
फिर चाची दूसरी तरफ मूह करके सोने लगी.
मोना: यार ये निराल और विकास का कब होगा? अब रहा नही जेया रहा.
विवेक: हो जाएगा जान. उसके बाद हमारी तुर्न होगी तो हम भी इतना टाइम लगाएँगे ना. आंड मेरी जान, ई विल गिव योउ मल्टिपल ऑर्गॅज़म्स टुनाइट.
मोना: हमेशा जैसे करते हो वैसे ही?
विवेक: एस मी लोवे.
मोना: आज तो मिनिमम 4 बार करना जान.
विवेक (शॉक होते हुए): बेबी जान निकलॉगी क्या मेरी?
मोना: एस जान (स्माइल करते हुए).
तो दोस्तों यहा तक की कहानी आपको कैसी लगी मुझे कॉमेंट्स करके और मैल करके ज़रूर बताए. आपके कॉमेंट्स से मुझे और स्टोरीस लिखने की प्रेरणा मिलती है. शुक्रिया