कार में सेक्सी आंटी की चुदाई

हेलो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है. आज मैं काफ़ी दीनो के बाद अपनी स्टोरी लिख रहा हू. ये स्टोरी मंगला आंटी की चुदाई के आयेज की कहानी है जो मैं पहले 2 पार्ट्स में लिख चुका हू. अब तो मेरा बच्चा भी हो गया है मंगला आंटी से. ये स्टोरी बाद में लिखूंगा. अब आता हू आयेज की स्टोरी पे.

तो बात है जब हमने चुदाई की जाम के, उसके 1 वीक के बाद पड़ोस की एक लड़की की शादी थी. फंक्षन शहर से तोड़ा डोर था, आउटर एरिया में. मैने आंटी को रात में मेसेज किया, और उपर बुलाया, और हमने प्लान बनाया.

पहले तो हमने सोचा की सब को जाने देते है, और घर पे पेल के चुदाई करेंगे.

बुत आंटी बोली: नही शादी में तो चलना पड़ेगा.

फिर मैने बोला: ठीक है.

फिर मैने आंटी का हाथ पकड़ा और लंड पे रख दिया.

आंटी: हर टाइम लंड खड़ा ही रहता है क्या तुम्हारा?

मैं: हा मेरी जान, इसको तुम्हारे गुलाब जैसे लिप्स चाहिए है.

ये सुन के आंटी हासणे लगी, और धीरे-धीरे लंड को लोवर के उपर से ही सहलाने लगी. फिर मैं धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स पे ले गया, और दबाने लगा. इतने में आंटी ने अपने होंठ मेरे होंठो पे रख दिए, और चूसने लगी. वो एक हाथ से मेरा लंड हिला रही थी.

इतने में उन्होने मेरे हाथ लिए और अपनी छूट पे रख दिए. ये क्या, आंटी ने मॅक्सी के अंदर कुछ नही पहना था, और उनकी छूट पानी छ्चोढ़ रही थी. फिर मैने धीरे-धीरे अपनी उंगलियाँ उनकी छूट पे घूमना स्टार्ट किया. उसके बाद एक उंगली उनकी छूट में डाल दी

आंटी: आह राहुल अंदर-बाहर करो ना, मज़ा आ रहा है.

और वो मेरा लंड बाहर निकाल ली, और उसपे किस करने लगी. अब हम बिल्कुल आमने-सामने बैठे थे. आंटी मेरा लंड चूस रही थी, और मैं उनकी छूट में उंगली कर रहा था.

आंटी: मेरी जान, तुम लेट जाओ.

मैं: क्यूँ रानी, चूड़ोगी क्या?

आंटी: लेतो तो फिर दिखती हू.

जैसे ही मैं लेता, आंटी ने अपनी छूट मेरे मूह पे रख दी, और झुक के मेरा लंड मूह में लेके चूसने लगी. हम 69 पोज़िशन में थे, और छूट चुसाई और लंड चुसाई के 5 मिनिट बाद-

आंटी: राहुल मुझे चूड़ना है.

मैं: रानी तो सोच क्या रही हो? बैठ जाओ लंड पे.

बस इतना बोलना था की आंटी ने अपनी गरम-गरम छूट लंड पे रख दी, और उपर-नीचे होने लगी. आंटी कूद-कूद के चुड रही थी, और मैं उनके बड़े-बड़े बूब्स चूस रहा था.

आंटी: आह मॅन कर रहा है पूरी रात तुमको छोड़ू राहुल. आ चूसो, और चूसो, खा जाओ मेरे बूब्स.

और आंटी तेज़-तेज़ चुड रही थी. फिर 5 मिनिट बाद मेरा और आंटी दोनो का हो गया, और आंटी पूरा माल अंदर ले गयी. फिर हम थोड़ी देर ऐसे ही लेते रहे. 15 मिनिट बाद हम सोने चले गये.

नेक्स्ट मॉर्निंग प्लान के अकॉरडिंग आंटी घर आई और मम्मी से बात करने लगी.

वो मुझसे बोली: आज सोनी की शादी में जेया रहे हो क्या?

मम्मी बोली: हा हम लोग तो जाएगे, आप?

तो आंटी बोली: जाने को तो हू, बुत इसके अंकल है नही. तो अकेले कैसे?

फिर मम्मी बोली: हम लोग के साथ चलो. वैसे भी हम 3 लोग है, तो कार में जगह है ही. चलना आप भी.

मिशन सक्सेस्फुल हुआ. पूरा दिन निकल गया.

मम्मी बोली: मंगला आंटी को कॉल कर दो की रेडी हो जाए.

मैने कॉल की: हेलो डार्लिंग, क्या कर रही हो?

आंटी: तुम्हारी छूट को रेडी कर रही हू तुम्हारे लिए.

मैं: कैसे?

आंटी: हेर क्लीन कर रही हू छूट के.

मैं: अछा अओ क्या फिर एक रौंद मारने.

आंटी: अभी नही, रात में प्लान के अकॉरडिंग चुदाई कार्ओौनगी

मैं: ओक, रेडी हो जाओ आप. 20 मिनिट में निकलते है.

आंटी: ओक मेरे राजा जी.

हम सब कार में बैठ गये, और आंटी का वेट कर रहे थे. पापा आयेज सीट पे थे, मम्मी पीछे. तभी आंटी आई ब्लॅक सारी में. अफ, क्या लग रही थी वो. मॅन कर रहा था अभी छोड़ डू, बुत कंट्रोल किया. फिर आंटी आई, और हम निकल गये. 30 मिनिट में मॅरेज लॉन पहुँचे.

फिर प्लान के अकॉरडिंग आंटी मम्मी पास गयी और बोली: मुझे अर्जेंट घर जाना होगा, गॅस ओं रह गयी है.

फिर मम्मी ने मुझे कॉल किया की आंटी के साथ घर चले जाओ. अब क्या, मैने कार निकली, और आंटी आ गयी. आंटी पीछे बैठ रही थी.

मैने बोला: आयेज आओ.

फिर हम वाहा से चल दिए. 10 मिनिट के रास्ते पे एक कक़ची रोड खेतों साइड जाती थी. मैने कार उधर ली, और 2 मिनिट बाद मैने आंटी की गालो पे किस किया. आंटी ने अपना हाथ मेरे हाथ पे रख दिया.

फिर मैने आंटी को इशारा किया लंड की तरफ, और आंटी ने स्माइल करते हुए लंड को बाहर निकाला और हिलने लगी. 5 मिनिट बाद हम रुक गये, और कार को लॉक कर लिया. फिर मैने आंटी के लिप्स चूसने स्टार्ट किए, और एक हाथ से बूब्स दबा रहा था.

आंटी: राहुल जल्दी छोड़ो, यहा मुझे सेफ नही लग रहा है.

मैं: ओक जान.

फिर मैने आंटी का पल्लू नीचे किया और ब्लाउस खोल दिया. आंटी ने ब्रा भी ब्लॅक पहनी थी. मैने वो भी खोल दी, और बूब्स चूसने लगा. 5 मिनिट बूब्स चूसने के बाद आंटी ने मेरा लंड चूसना स्टार्ट किया. उफ़फ्फ़ क्या लंड चूस्टी है यार, मज़ा आ रहा था. मैं उनके बूब्स दबाता रहा. फिर मैने अपनी सीट पीछे की, और आंटी को बोला-

मैं: बैठो रानी.

आंटी: हा मेरे राजा, इसीलिए रेडी की है छूट.

और वो आके लंड पे बैठ गयी. उफफफ्फ़ क्या चुदाई थी. उनके बूब्स मेरे मूह पे लग रहे थे, और वो धीरे-धीरे उपर-नीचे हो रही थी.

आंटी: अहह, मज़ा आ रहा है. पूरा लंड अंदर जेया रहा है.

मैं: आंटी तोड़ा तेज़-तेज़ करो ना.

आंटी: आ करती हू.

फिर आंटी तेज़-तेज़ उपर-नीचे होने लगी. 5 मिनिट ऐसे छोड़ने के बाद मैने सीट को नीचे किया, और आंटी को लिटा दिया, और उनके पैर अपने शोल्डर पे रख के लंड उंड़र डाल दिया.

आंटी: आ राहुल छोड़ो, बूब्स दब्ाओ ना आ आ.

मैं तेज़-तेज़ छोड़ रहा था. 10 मिनिट बाद हमारा हो गया. फिर आंटी जल्दी से उठी और कपड़े पहनने लगी. फिर उन्होने अपना मेकप किया और हम वापस हो गये.

दोस्तों कैसी लगी मेरी स्टोरी, कॉमेंट करके ज़रूर बताए, जिससे मैने आयेज की कहानी भी लिखू.

यह कहानी भी पड़े  या तो आज या फ़िर कभी नहीं 2


error: Content is protected !!