चलती बस मे मा ने की बेटे की लंड की सवारी

फिर 3-4 घंटे ऐसे ही हुँने बस मे बिताए. और अब शाम के 8 भाज गये थे और बस भी काफ़ी खाली हो गयी थी. लेकिन ह्यूम अभी भी सीट नसीब नही हो पाई थी.

अब हम दोनो के पाव भी काफ़ी दुख रहे थे. तभी एक सवारी पीछे की सीट स्टेशन पर उतार गयी और मों ने मुझे कहा की मई वाहा जेया कर बैठ जाो. तो मैने वैसे ही किया लेकिन फिर उनके भी पाव काफ़ी दुख रहे थे.

इसलिए मैने मों को कहा की आप भी यही आधी सीट पे बैठ जाइए. और फिर मों पीछे आ के सीट पर बैठने का ट्राइ किया. बुत मों की गांद बड़ी होने का कारण वो उसमे बैठ नही पा रही थी.


मों ने मुझे कहा की मई उनकी गोदी मे आ कर बैठ जाो और मैने ऐसा ही किया. फिर ऐसे ही बैठे बैठे 2 घंटे बीट गये. अब मों की पाव मे तोड़ा दर्द होने लगा तो उन्होने कहा की मई अब और नही बैठ पाऔगी.

फिर मैने मों से कहा की अगेर आप बुरा ना माने तो आप मेरी गोदी मे बैठ सकती है. उन्होने कुछ सोचा फिर कहा ठीक है और फिर वो मेरी एक पाव पर बैठ गयी.

लेकिन वो सही से उसपे बैठ नही पा रही थी. तो मैने कहा आप आराम से बीच मे बैठ जाए. फिर मों तोड़ा अजीब सा फेस बनती हुई मेरी गोदी मे बीचो बीच बैठ गयी.

पर मों की गांद इतनी बड़ी थी की वो दोनो साइड से काफ़ी बाहर आ रही थी. लेकिन इश्स बार एक तरफ विंडो और एक तेराफ 1 लेडी बैठी होने के कारण मुझे कोई टेन्षन नही था. और ऐसे ही बैठे बैठे फिर हम आयेज का सफ़र करने लगे.

रात के 10 भजे थे और अब बस मे बैठे सारे लोग धीरे धीरे सोने भी ल्गे थे. मों अभी भी मेरी गोद पर ही बैठी थी. तभी मुझे दोफर मे मों और यूयेसेस लड़के के बीच हुई घटना याद आने लगी. और इश्स कारण मेरा लंड खड़ा होने लगा.

मैने रोकने के बहुत कोसिस की बुत मई नाकामयाब रा. फिर अचानक से बस झटका खाई और जो होने का दर था व्ह हुआ मेरा लंड सीधा मों की गांद के छेड़ मे जेया टकराया. मों चोक्ति हुई उछाल पड़ी और मेरी तेराफ घूर कर देखा.

मई बस इतना कह पाया की बस के कारण झटका लग गया. फिर मों वैसे ही मेरे गोद पर बैठ गयी और फिर धीरे धीरे मेरा लंड मों की गांद मे रग़ाद खाते रहा. लेकिन मों अब कुछ रिक्ट नही कर रही थी.

शयद दोफर के की बची हुई गर्मी मेरे लंड के अहसास से फिर मों मे बढ़ने लगी थी. एसलिए वो अब अपनी गांद भी धीरे धीरे मेरे लंड के और करीब ला रही थी.

मुझे मों के गांद के स्पर्श मेरे लंड पर बहुत अछा लग रा था. मई भी ये ज़्ब आखे बंद कर एंजाय कर रा था. तभी मों पीछे मूड कर मेरी तेराफ देखी और उन्हे लगा की मई सू गया हू. और फिर मों ने जो किया उसके कारण मेरा लंड और जोश मे आ गया.

मुझे हल्की हल्की नींद लगने लगी थी. तभी मों को पता नही क्या हुआ मों थोड़ी उठ कर अपनी गांद पर से सलवार नीचे कर नंगी गांद से ही मेरे गोदी मे बैठ गयी.

मुझे अपनी जाँघो और लंड पर गरम गरम अहसास हुआ. मैने आखे खोल के देखी तो देखते ही मुझे शोक लगा लेकिन मैने फिर फट से अपनी आखे बंद क्र ली.

मई देख रा था बार बार पीछे पलट के देख रही थी की कही मई जाग ना जाो. लेकिन उन्हे टा नही था की मई तो बस सोने का नाटक क्र रा हू.

वो अब अपने आप पर कंट्रोल नही कर पा रही थी. मों को अब बस अब एक लंड चाहिए था चाहे वो अपने बेटे के ही क्यों ना हो. और एसलिए वो अब बेफिकर हो कर अपनी गांद मेरे लंड पर रग़ाद रही थी.

मई भी मज़ा खराब नही करना चाहता था एसलिए आखे ब्नाद कर मई भी ये सब एंजाय कर रा था.

ऐसे ही मों 15-20 मीं तक करती रही. फिर धीरे से उन्होने मेरी बॉक्सर मे से मेरे लंड को आज़ाद क्र दिया. अब मई समझ गया था की क्या होने वाला है.

तभी मों धीरे से उठ कर मेरे लंड को अपनी छूट मे डाल कर धीरे धीरे बैठने लगी. और फिर मेरे पूरे लंड को अपनी छूट मे ले लिए. उनकी छूट इतनी गरम थी जैसे कोई लोहे की भट्टी हो.

मुझे आज पहली बार अहसास हुआ था की छूट मे लंड जाने पर कितना अछा महसूस होता है और जब छूट अपनी मा की हो तो फिर क्या कहने.

फिर मों वैसे ही लंड को पूरा छूट मे लिए धीरे धीरे बस के झटको के साथ मेरी गोद मे कूदने लगी और मेरी लंड से खुद को छोड़ने लगी.

उनको ये भी फिकर नही थी की वो बस मे है उन्हे बस चुदाई मे मज़ा आ रा था. वो इश्स तेरहा ही करीब 15 मीं चूड़ने के बाद उनके छूट से गरम गरम पानी बाहर आ गया. वो थोड़ी देर मे ही शांत हो गयी.

लेकिन मेरा लंड अभी भी वैसा ही खड़ा था और उनकी छूट मे था. मों मेरे लंड को अपनी छूट मे लिए वैसे ही काफ़ी देर टेक बैठी रही. फिर पता भी उन्हे क्या ख्याल आया वो तोड़ा उठी और मेरे लंड को अपनी छूट से बाहर निकल दिया. मैने सोचा शयद अब वो कुछ नही करेगी लेकिन मई ग़लत था.

मैने धीरे से आखे खोल कर देखी तो मों अपनी गांद मे अपना थूक लगा रही थी. और फिर उन्होने धीरे धीरे मेरा लंड अपनी गांद मे ले लिया. मेरा लंड बड़े आराम से उनकी गांद मे घुस गया. इससे मई ये तो साँझ गया की मेरी मों कोई शरीफ नही है बल्कि वो इश्स सेक्स ग़मे की पक्की खिलाड़ी है.


फिर उन्होने मेरे लंड से अपनी गांद मर्वानी स्टार्ट की. और मुझे छूट से भी ज्यदा मज़ा मों की गांद मारने मे आ रा था. मों भी उछाल उछाल के अपनी गांद मे अपने बेटे का लंड ले रही है थी.

करीब 10 मिन्स बाद मे झड़ने के करीब आ गया और मैने अपना सारा मूठ मों की गांद मे बहा दिया. फिर मेरा लंड जब बाहर आया तो मों ने उससे अपने चुननी से सॉफ कर बॉक्सर के अंदर कर दिया. और अपनी मोटी गांद को भी अपने सलवार के अंदर रख ऐसे बैठ गयी जैसे कुछ हुआ ही ना हो.

फिर मुझे नींद आ गयी और सारी रात मों भी मेरे गोदी पर बैठे बैठे ही निकल दी. जब सुबा मई उठा तो मों की गांद की बीच मे मेरा लंड सलामी दे रा था.

मई ये सोच रा था की मों को मई फेस कैसे करूँगा. लेकिन ये दर भी मेरा थोड़ी देर मे दूर हो गया. मों उठी और मुझे बोली की अब नानी का घर आने वाला चलो हम सामने जेया कर खड़े हो जाते है.

मैने भी मों को ओक कहा मों ऐसे रिक्ट क्र रही थी जैसे कुछ भी ना हुआ हो. लेकिन वो 5 मीं टेक अपनी गांद मे और मेरे लंड को घुसा के बैठी ही रही.

मई समझ ही नही पा रा था आख़िर मों चाहती क्या है. फिर बस रुकी और मों और मई उतार आए वाहा से मेरी नानी का घर 15 मिन्स की दूरी पर था और हुँने पैदल जाने जा ही फ़ैसला लिया.

फिर मों ने मुझसे पूछा की मुझे रात मे नींद कैसी आई. तो मैने भी कहा की काफ़ी अची तरहा से सोया और इसी के साथ मई समझ गया की मों इश्स बात को राज ही रखना चाहती है. और मई भी मों की छूट बिना की मेहनत के मिल जाने से खुश था.

तो दोस्तो आपको मेरी मों और मेरी कहानी कैसी लगी बताए. अगर आप ऐसी मेरी मों की और ऐसी कहानिया सुनना चाहते है तो करपया मुझे मेरे एमाइल पर रिप्लाइ दे, धन्यवाद.

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