बुआ की चुदाई का मौका

मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी का अगला भाग शुरू कर रहा हू.

दादा जी मेरी मों को शादी के बाद ही छोड़ने लगे थे. दादा जी मों और अपनी बेटी निम्मी को खूब छोड़ा करते थे. फिर निम्मी बुआ आई तो क्या हुआ, पढ़िए ये स्टोरी में.

बहुत सारी हाउसवाइव्स जब मुझे मैल करती है, और अपना सेक्स एक्सपीरियेन्स शेर करती है, तो बहुत अछा लगता है. आप भी बिना शरम और दर्र के मुझे प्राइवसी के साथ मैल कर सकती हो. अगले दिन मों मेरे पास आई और बोली-

मों: तेरे लिए खुशख़बरी है.

अमित: क्या हुआ?

मों: तेरी बुआ निम्मी आने के लिए तैयार है. तू आज गाड़ी लेकर चला जेया, और शाम होने तक वापस आ जाना.

अमित: मतलब दादा जी नही जाएँगे लेने?

मों: अर्रे वो जाएँगे तो फिर रात रात वहीं रुकेंगे और रात को निम्मी को रात को छोड़ेंगे. तू छोड़ना चाहता है तो तू चुप-छाप चला जेया.

अमित: मतलब रात को करूँ?

मों: अर्रे नही, शाम होने तक ले आना बस. बस निम्मी को तेरे दादा ने देख लिया तो रात को छोड़नी शुरू कर देंगे. तू बस निम्मी को शाम होने तक ले आना.

अमित: फिर?

मों: शाम को आएगी तो ससुर जी से बच जाएगी. मैं उसको खाना खिला कर उपर रूम में भेज दूँगी. वहाँ जाते ही तू पकड़ लेना. रात भर तेरे साथ ही रहेगी निम्मी. उसके दोनो बच्चो को मोनिका संभाल लेगी.

अमित: वो तैयार तो हो जाएगी ना?

मों: निम्मी को मैने बोल दिया की अमित ही आएगा तुमको लेने. ससुर जी थोड़े बिज़ी है. वो घर में तैयार मिलेगी. तू बस रात को तोड़ा सा लाते आना.

अमित: मेरा मतलब है निम्मी चूड़ने के लिए तैयार हो जाएगी?

मों: हा, तेरे दादा जी उसको छोड़ने के लिए ही लाते है. वो भी अपने पापा का वेट करती रहती है. उसको ससुर जी शादी से पहले ही छोड़नी शुरू कर चुके थे.

अमित: बुत मेरे से मान जाएगी?

मों: ह्म, तू बस पकड़ लेना. वो माना नही करेगी. नही तो मैं भी साथ अवँगी. मैं बता दूँगी सब.

अमित: चलो ठीक है.

मैं तैयार हो कर निम्मी बुआ को लेने चला गया. निम्मी बुआ मुझे देख कर खूब खुश हुई. बुआ ने दादा जी का भी पूछा तो मैने सब बता दिया. उनका घर भी काफ़ी बड़ा था. बुआ ने मुझे पूरा घर दिखाया.

मैं तो बुआ के बूब्स और गांद देख कर खुश था. बुआ मुझे खूब हस्स-हस्स कर सब बता रही थी. उनको क्या पता था की उनका ये भतीजा घर जाते ही घोड़ी बना कर छोड़ने वाला था.

मेरा लंड काई बार खड़ा हुआ. निम्मी बुआ की हाइट काफ़ी थी. गोरे-गोरे बूब्स देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था. निम्मी बुआ मुझे बार-बार छाई-नाश्ता दे रही थी. वो जब झुकती, तो उनके बूब्स खूब दिख रहे थे. रूम में और कोई नही था.

मेरा तो मॅन किया की यहीं पकड़ कर छोड़ लू. इतनी मस्त जवान बेटी जब सामने हो तो दादा जी का मॅन भी दोल जाता होगा. तभी तो दादा जी ने जवानी में ही निम्मी बुआ को छोड़नी शुरू कर दी थी.

निम्मी बुआ सलवार सूट में काफ़ी मस्त लग रही थी. निम्मी बुआ ने डार्क रेड कलर की ड्रेस पहन रखी थी. सामने से बूब मस्त दिख रहे थे. बुत जब वो झुकती तो बूब की पूरी दरार दिख रही थी. दोनो बूब्स काफ़ी गोरे-गोरे थे. निम्मी बुआ ने रात रुकने का भी बोला. बुत मुझे तो निम्मी को छोड़ने की आग लगी हुई थी.

मैने बोला: सुबह मुझे मेरे दोस्त के साथ बाहर जाना है.

फिर निम्मी बुआ को बोल दिया की तैयार हो जाओ. निम्मी बुआ तैयार हो कर आई तो मैं देखता ही रह गया था. उसने ग्रीन कलर का सलवार सूट पहन रखा था. एक-दूं मस्त माल लग रही थी.

मेरा ध्यान तो बुआ के बूब्स पर ही था. गोरे-गोरे बूब्स देख कर मेरा तो लंड तनटना गया था. बुआ मुझे प्यार से खिला-पीला रही थी. बुआ को पता नही था की ये भतीजा आज रात उसे घोड़ी बना कर पेलने वाला था.

मैं बस बुआ को देख कर काफ़ी खुश था. बुआ बहुत बन-तान्न कर आई थी. शायद वो दादा जी से चूड़ने के लिए तैयार हो रही थी. बुआ को पहली बार छोड़ने की नज़र से देखा तो बहुत मस्त लग रही थी.

बुआ दादा जी की तरह लंबी थी. बूब्स भी काफ़ी मस्त थे. झुकती थी तो काफ़ी सारे बूब्स दिख रहे थे. बुत तैयार होने के बाद बूब्स ज़्यादा नही दिख रहे थे. मैने दोनो बच्चो को पीछे बिता लिया. बुआ को बोला की आप आयेज बैठ जाओ. शाम को तोड़ा सा अंधेरा होने वाला था, तो बुआ को लेकर अपने घर आ गया.

रास्ते में बुआ के बूब्स देखता रहा. घर आया तो दादा जी घर नही थे. मों ने आते ही बुआ को काम पर लगा लिया. मोनिका दीदी दोनो बच्चो को लेकर टीवी देखने लगी. ताकि दादा को पता ना चले की निम्मी बुआ आई हुई थी. नही तो दादा रात को निम्मी बुआ को अपने रूम में बुला कर छोड़नी शुरू कर देंगे.

मोनिका: क्या चल रहा है छ्होटे?

अमित: कुछ नही यार.

मोनिका: मुझे पता है आज रात निम्मी बुआ के साथ मस्ती करने वाला है. मों ने बता दिया सब. दोनो भाई-बेहन को मैं मेरे रूम में सुला लूँगी.

अमित: ह्म यार मेरा तो मूड बना हुआ है की कब निम्मी बुआ मेरे रूम में आए. साली कितनी मस्त है. इतनी मस्त है आज देख कर पता चला.

मोनिका: ह्म तभी तो दादा जी ने बुआ को जवानी में ही छोड़नी शुरू कर दिया था.

अमित: ह्म यार लंबी हिगत वाली छूट छोड़ कर मज़ा आएगा. निम्मी बुआ आज-कल गोरी भी दिख रही है काफ़ी.

मोनिका: ह्म आज तो तेरे मज़े है. बुआ को भी पेलने वाला है. चलो मों और बुआ के पास चलते है.

हम दोनो चुप-छाप बाहर किचन की तरफ आ गये. मों और बुआ बात कर रही थी.

मों: आज तेरे लिए सर्प्राइज़ है निम्मी.

निम्मी: वो तो पता है मुझे, पापा वेट कर रहे होंगे. मुझे भी अछा लगता है बहुत. जब यहाँ पीहर आती हू, तो मस्ती करने को मिलती है.

मों: ह्म, आज कुछ ख़ास होगा निम्मी.

निम्मी: भाभी धीरे बोलो यार. मोनिका और अमित ने सुन लिया तो? अब तो दोनो यहीं रहते है. तो तुम ड्यूटी सही कर रही हो या नही? बच्चे घर में होते है तो प्राब्लम होती होगी.

मों: अर्रे सब सेट है. रात को खूब मस्ती करते है हम दोनो.

निम्मी: ह्म वैसे पापा का लेने के बाद फिर कोई और से चूड़ने का मॅन नही करता. मुझे तो बहुत याद आती है.

मों: ह्म तू तो जवानी में ही शुरू हो गयी थी ना यार?

निम्मी: भाभी तुम भी बहुत मस्त लग रही हो. अब तो बूब्स भी काफ़ी मस्त दिख रहे है. लगता है खूब मज़े ले रही हो. पहले से ज़्यादा मोटी दिख रही हो.

मों: सब बतौँगी रात को. तेरे लिए एक सर्प्राइज़ भी है.

निम्मी: ह्म भाभी मैं तो भूल ही गयी थी की घर में बच्चे भी है. दोनो काफ़ी जवान हो गये है.

मों: ह्म ससुर जी तो कह रहे थे की मोनिका को भी लाओ कभी.

निम्मी: ऑश सच में! पापा मोनिका के भी पीछे पद गये?

मों: ह्म बोल रहे थे की तैयार करो बस.

निम्मी: ह्म मोनिका भी बिल्कुल आपके जैसी लगती है. आप भी जवानी में मोनिका जैसी ही दिखती थी. पापा को जवानी वाली याद आ गयी होगी.

मों: ह्म.

दीदी और मैं चुप-छाप बात सुन रहे थे. मैने दीदी को बोला की तू जेया उनके सामने और फिर वापस आ जाना. देखते है की निम्मी बुआ तुझे देख कर क्या बात करती है.

दीदी ने वैसे ही किया. थोड़ी देर रुकी और वापस आ गयी.

निम्मी: मोनिका तो पूरी जवान हो गयी है. इस आगे में तो पूरी तैयार है. पापा ने भी तो इस आगे में ही करना शुरू किया था मेरे साथ.

मों: ससुर जी बोल रहे थे की बहू तेरी सास को छोड़ी तो निम्मी मेरी बेटी है. उसको छोड़ लिया. बहू तुझे छोड़ी तो मोनिका हुई. अब मोनिका को भी तैयार कर लो.

निम्मी हँसने लगी.

निम्मी: लगता है पापा घर में सब के साथ करेंगे यार. कुछ भी कहो, जो मज़ा पापा देते है, वो कोई और नही दे सकता.

मों: ह्म.

निम्मी: भाभी आपको कैसे गोद में उठा-उठा कर करते थे. हम दोनो को एक साथ करते थे, फिर भी तैयार रहते थे. नही तो मर्द एक बार में ही फूसस हो जाते है.

मों: ह्म सही बोल रही हो.

निम्मी: यार भाभी हम दोनो कब जाएँगी पापा जी के पास? मेरा तो आज पूरा मूड है.

मों: ह्म पापा की पारी इतनी उतावली मत हो.

निम्मी और मों हँसने लगी.

मों: लो खाना तैयार है. तुम मोनिका को बोल दो. वो दोनो बच्चो को वहीं खाना खिला देगी. सब जल्दी खाना खा लेंगे, तो हमारा काम जल्दी हो जाएगा.

निम्मी: ह्म भाभी, अब तो ज़्यादा टाइम नही लगेगा. रात भी हो गयी है.

अगले पार्ट में क्या-क्या हुआ, पढ़ने के लिए रहिए तैयार. आप भी अपना एक्सपीरियेन्स शेर कर सकती हो. कोई हेल्प चाहिए तो बताना. सेक्स स्टोरी के बारे में फीडबॅक ज़रूर देना.

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