बुआ के साथ लड़के की रंगीली रात

आप सभी रीडर्स को मेरा प्यार भरा नमस्कार. ई होप आपको पिछला पार्ट पढ़ कर चरमसुख का अनुभव हुआ होगा. आशा करता हू की आपको ये पार्ट भी पिछले पार्ट की तरह अछा लगे. तो देर ना करते हुए अपने हाथ को लंड और छूट पर रख लीजिए. अब आयेज-

मैं बुआ को पिक करने के लिए घर से निकल गया, और सीधा फंक्षन वाली जगह पर पहुच गया. मैने वाहा 5 मिनिट वेट किया, इतने में बुआ आ गयी. मैने बुआ को बिके पर बिताया, और सीधा घर ले आया.

बुआ: थॅंक्स बेटा.

मैं: इट’स ओक बुआ.

अब मैं बिके स्टार्ट करके जाने लगा.

बुआ: तू कहा चला?

मैं: घर पर.

बुआ: इतनी रात हो गयी, यही रुक जेया, सुबा निकल जाना.

मैं: नही बुआ, मैं चला जौंगा. और वैसे भी मम्मी घर पर अकेली है.

बुआ: हा तो क्या हुआ? भाभी कोई छ्होटी बच्ची थोड़ी है.

मैं- हा लेकिन.

बुआ: रुक तू, मैं भाभी से बात करती हू.

अब बुआ साइड में जेया कर मम्मी से बात करने लगी, और इधर मैं खुश हो रहा था, की आज बुआ के साथ उन्ही के घर पर सोने को मिलेगा. मम्मी ने बुआ को हा बोल दिया था, और अब मैं बुआ साथ उनके घर के अंदर आ गया.

बुआ: तू बैठ, मैं आई कपड़े चेंज करके.

अब मैं सोफे पर बैठ गया, और बुआ भी कपड़े चेंज करके हॉल में आ गयी. बुआ ने एक टाइट नाइट सूट पहना हुआ था. उसमे बुआ एक नंबर की माल लग रही थी.

बुआ: अछा अब ये बता क्या खाएगा तू?

मैं: कुछ नही बुआ, मैं खाना खा कर आया हू.

बुआ: अछा, कॉफी पिएगा?

मैं: ह्म.

बुआ: चल तू बैठ, मैं लाई कॉफी बना कर.

अब मैं बैठ गया और त.व. देखने लगा. 5 मिनिट में बुआ भी आ गयी

बुआ: ये ले बेटा.

मैं: थॅंक्स बुआ.

अब हमने कॉफी पी, और इधर-उधर की बातें करने लगे. बात करते-करते रात के 2 बाज गये थे, और हमे पता ही नही लगा.

बुआ: चल बेटा, अब सो जाते है, बहुत लाते हो गया है.

मैं: हा बुआ.

बुआ: तू कैसे ऐसे ही सोएगा जीन्स में?

मैं: हा बुआ, और कोई ऑप्षन भी नही है.

बुआ (मुझे च्चेड़ते हुए): मेरे कपड़े पहन ले.

मैं: बुआ आपके कपड़े कैसे डाल सकता हू?

बुआ: देख ले तेरी मर्ज़ी है. अगर डालना है तो मैं दे दूँगी तेरे को.

मैं ( धीरे से): हा तो अपनी पनटी दे दो.

बुआ: हा, क्या?

मैं: कुछ नही.

बुआ: नही-नही रुक तू. अभी लाती हू तेरे लिए पनटी.

बुआ अपने रूम में से एक पनटी ले आई, और मैं ये सब देख कर तोड़ा शॉक हो गया.

बुआ: ये ले डाल ले.

मैं: बुआ, मैं तो बस मज़ाक कर रहा था.

बुआ: नही-नही, अब तो तेरे को ये डालनी पड़ेगी.

मैं: क्या बुआ इतनी रात को मज़ाक कर रहे हो.

बुआ: मज़ाक मैने शुरू किया था या तूने?

मैं: मैने.

बुआ: अछा, एक बार डाल कर तो दिखा, कैसा लगता है तू मेरी पनटी में.

मैं: हा?

बुआ: हा, एक बार डाल ना. वैसे भी यहा कोई और थोड़ी है.

मैं: लेकिन.

बुआ: प्लीज़ ना.

मैं: अछा ठीक है.

अब मुझे धीरे-धीरे समझ में आ रहा था, की बुआ भी मेरा लंड चाहती थी. अब मैं पनटी पहनने के लिए रूम में जाने लगा

बुआ: यही कर ले ना चेंज.

मैं: लेकिन, आपके आयेज?

बुआ: अर्रे मैं आँखें बंद कर लेती हू.

बुआ ने आखें बंद कर ली, और मैने भी मूड कर कपड़े उतार दिए, और बुआ वाली पनटी डाल ली.

मैं: ये लो बुआ.

बुआ: अर्रे वाह कामदेव, तू तो बड़ा सेक्सी लग रहा है.

सेक्सी वर्ड सुन कर खुशी भी हुई और अजीब भी लगा.

मैं: थॅंक्स बुआ.

बुआ: अछा तेरा अंडरवेर कहा है?

मैं: यही है, क्या हुआ बताओ?

अब बुआ ने मेरा अंडरवेर लिया और रूम में चली गयी. मुझे कुछ समझ नही आ रहा था, की वाहा चल क्या रहा था. इतने में बुए रूम से आई, और मैं उन्हे देख कर एक-दूं शॉक रह गया. क्यूंकी बुआ ने मेरा अंडरवेर पहना हुआ था, और उनकी टाँगे एक दूं सॉफ दिख रही थी.

बुआ: कैसी लग रही हू मैं?

मैं: एक-दूं बढ़िया, बिल्कुल अप्सरा.

बुआ: थॅंक योउ, थॅंक योउ!

मैं: लेकिन आपने मेरा अंडरवेर?

बुआ: अर्रे मैने सोचा मैं भी तो एक बार जेंट्स के अंडरगार्मेंट ट्राइ करके देखु. लेकिन एक बात तो है यार

मैं: क्या?

बुआ: तुम्हारा ये बड़ा खुला-खुला है. बढ़िया हवा आती है.

मैं: हा और आपकी ये पनटी बड़ी टाइट है.

बुआ: हा दिख रहा है. इसने तेरा सब टाइट कर दिया.

मैं: क्या बुआ आप भी.

बुआ: हा देख तेरा कितना टाइट हो गया उसमे. हहहे.

मैं: एक बात काहु बुआ?

बुआ: हा-हा, वाइ नोट?

मैं: आपकी लेग्स भी मेरी तरह गोरी है.

बुआ: हा ये तो है. वैसे तेरी वो भी गोरी है.

मैं: क्या चीज़?

बुआ: तुम्हारे हिप्स?

मैं: हा, लेकिन आपने कब देखे?

बुआ: जब तू मेरी पनटी पहन रहा था. मेरी आख खुल गयी थी.

मैं: नही बुआ ये ग़लत है.

बुआ: कुछ ग़लत-वलात नही है, चल सोते है अब.

मैं: हा, मैं यही डाल कर सो जौ?

बुआ: तेरी मर्ज़ी है.

मैं: ठीक है.

अब मैं बुआ की पनटी पहन कर बेड पर लेट गया, और बुआ भी अपना सूट पहन कर मेरे बगल में लेट गयी, और हम बात करने लग गये. मुझे लग रहा था की अब थोड़ी हिम्मत दिखानी पड़ेगी. अब मैं जान-बूझ कर पनटी को च्चेड़ रहा था.

बुआ: क्या हुआ?

मैं: कुछ ख़ास नही, ये पनटी थोड़ी टाइट हो रही है.

बुआ: तो उतार दे.

मैं: लेकिन बुआ?

बुआ: अर्रे इट’स ओक. रूम में वैसे भी अंधेरा है. तू आराम से उतार दे. तेरे को भी अछा लगेगा.

अब मैने पनटी उतार दी, और में नीचे से एक-दूं नंगा था. मेरा लंड बिल्कुल खड़ा था.

बुआ: अब लग रहा है अछा?

मैं: हा, अब सही लग रहा है.

बुआ ने एक-दूं मेरी तरफ करवट ली, और हाथ मेरे लंड पर टच हो गया. मैं एक-दूं दर्र गया.

मैं: सॉरी बुआ सॉरी, रूको मैं अपनी पंत डाल ही लेता हुआ.

बुआ: अर्रे इसमे तुम्हारी क्या ग़लती? ऐसे अचानक किसी के शेर को टच कर दूँगी, तो वो तो डरेगा ही ना.

मैं ये सुन कर बड़ा रिलॅक्स हो गया, और कन्फर्म भी की आज छूट मिलेगी.

बुआ: अछा एक बात बताएगा सॅकी-सॅकी?

मैं: हा.

बुआ: देख मैं आस आ फ्रेंड पूच रही हू. मेरे को ग़लत मत समझीयो.

मैं: हा बुआ आप पूछो तो सही.

बुआ: तेरे इसका सीज़ा क्या है?

मैं ये सुन कर एक-दूं शॉक रह गया. मेरे मूह से कुछ निकला ही नही.

बुआ: बता ना.

मैं: 7.5 इंच.

बुआ: है? मैं नही मानती.

मैं: बुआ सॅकी.

बुआ: मैं नि मानती, झूठ बोल रहा हुई तू.

मैं: अर्रे सच में. आप खुद ही देख लो.

बुआ: हा दिखा, मैं भी देखु ज़रा.

मैने भी पुर जोश से बुआ का हाथ पकड़ा, और लंड पर रख दिया. उन्होने अपने हाथ से मेरे लंड के सीज़ा का अंदाज़ा लगा लिया. बुआ का हाथ लगते ही मज़ा आ गया मेरे को.

बुआ: तेरा तो सही में बड़ा है.

मैं: और क्या, मैं झूठ थोड़ी बोल रहा था आपसे.

बुआ: अछा और चौड़ा कितना है?

मैं: 2.5 इंच.

बुआ: पक्का सच बोल रहा है ना?

मैं: दोबारा देख लो.

बुआ ने फिरसे हाथ लगाया लंड पर. मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नही था.

बुआ: तूने तो अबकी बार भी सच बोला.

मैं: आपको यकीन क्यूँ नही हो रहा था?

बुआ: क्यूंकी बहुत ही कम लड़कों के इतने लंबे होता है.

मुझे बड़ा अछा लगा सुन कर की बुआ को मेरा लंड लंबा लगा. मैने सोचा यही सही मौका था.

मैं: अछा अब मैं आप से एक बात पूचु?

बुआ: हा-हा पूच.

मैं: आप मम्मी को तो नही बताओगे ना?

बुआ: तू मुझे अपनी दोस्त समझ, और आराम से पूच.

मैं: आपके इनका क्या साइज़ है?

बुआ: किनका?

मैं (इशारा करते हुआ): इनका.

बुआ: नाम नही पता तेरे को?

मैं: पता है.

बुआ: फिर नाम लेकर पूच ना.

मैं: बूब्स का.

बुआ: 34″.

मैं: क्यू मज़ाक कर रहे हो बुआ.

बुआ: अर्रे सॅकी.

मैं: ना मैं नही मानता.

बुआ: ले देख ले.

ये कहते ही बुआ ने मेरे हाथ अपने बूब्स पर रखवा लिए.

बुआ: ले देख ले अब.

बूब्स पर हाथ लगते ही मैं बहुत खुश हो गया, और खुशी में बोल पड़ा-

मैं: ये सिर्फ़ बड़े ही है? या मीठे भी है?

ये सुनते ही बुआ ने अपनी एक चूची मेरे मूह में दे दी और बोली-

बुआ: ले पी.

एक मिनिट तक चूची चूसने के बाद-

बुआ: कैसे लगे?

मैं: मज़ा आ गया बुआ. एक बार और दो ना.

बुआ: अब तू बता, तेरा हथियार बस लंबा है या टेस्टी भी है कुछ?

मैं: आप खुद ही देख लो.

ये कहते ही बुआ ने कंबल को हटा दिया, और लंड मूह में ले लिया. मुझे आज तक इतना मज़ा कभी नही आया था.

मैं: आह आह आह बुआ चूसो, क्या मस्त चूस रहे हो आप. ओह बहनचोड़ आ! मज़ा आ गया बुआ. एक नंबर का चूस रही हो आप.

बुआ ने 2 मिनिट तक लंड चूसा.

बुआ: बड़ी गलियाँ दे रहा है तू.

मैं: सॉरी बुआ, कंट्रोल नही हुआ.

बुआ: चल अब मुझे कुछ और टेस्ट करना है तेरे को.

मैं: क्या?

बुआ: पहले कपड़े उतार.

अब मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए.

बुआ: आँख बंद करके लेट जेया.

मैं आख बंद करके लेट गया. कुछ सेकेंड्स बाद मुझे फील हुआ की बुआ ने अपनी छूट मेरे चेहरे पर रख दी. मैने धीरे-धीरे छूट चाटनी शुरू की.

बुआ: आ आह बहनचोड़, ऑश क्या मज़ा आ रहा है. करता रह करता रह ऐसे ही. और अंदर दे जीभ बहनचोड़ भोंसड़ी के!

बुआ ने 10 मिनिट तक अपनी छूट चटवाई.

मैं: आप भी बड़ी गालियाँ दे रहे थे.

बुआ: और क्या ब्स्दक! तेरी जीभ इतना मज़ा जो दे रही थी.

मैं: वो तो सिर्फ़ जीभ थी, हथियार लो तब लगेगा पता.

बुआ: अछा जी, देख ज़रा कितना दूं है इसमे.

अब बुआ लेट गयी, और मैने अपना लिंड अंदर डाल दिया.

बुआ: श मादरचोड़, ब्स्दक, कुत्ते!

मैं: ओह बुआ, आपकी टाइट छूट, अहह.

बुआ: मॅर गयी ब्स्दक मॅर गयी.

मैं: बस बुआ अब नही होगा दर्द.

बुआ: कुत्ते आ आह आह ऑश ऑम्ग ऑम्ग ऑम्ग, चोद ऐसे ही चोद. बढ़िया चोद.

मैं: ये ले बुआ, खा लंड मेरा.

बुआ: आह तेज़, और तेज़, और तेज़.

मैं: आह आह आह आह आह.

बुआ: ऐसे ही बेटा, और तेज़ कर. मुझे खुश कर दे आज.

मैं: मैं तो आपको खुश कर दूँगा. लेकिन फिर आपको भी मेरे को खुश करना पड़ेगा.

बुआ: आहहा आह आह! जो तू कहेगा वो कर दूँगी. बस छोड़ता रह ऐसे ही.

मैं: आ आ आ बुआ ये ले, ये ले.

20 मिनिट तक बुआ को बुरी तरह छोड़ा, और माल उनके बूब्स पर गिरा दिया.

बुआ: सच में कामदेव, मज़ा आ गया.

मैं: मेरे को भी, लेकिन अब आपकी बारी.

बुआ: हा बता क्या करना है?

मैं: आपको मेरी गांद चाटनी है.

बुआ: ये क्या बकवास कर रहा है तू?

मैं: मैं कोई बकवास नही कर रहा.

बुआ: नही मुझसे नही होगा ये सब.

मैं: बुआ आपने हा करी थी.

2 मिनिट तक बुआ ने कुछ सोचा, और हा भर दी. अब मैं गांद खोल कर उनके आयेज लेट गया.

बुआ: मुझे तोड़ा अजीब लग रहा है.

मैं: कुछ अजीब नही है. आप मूह तो लगाओ.

बुआ ने मूह लगाया और गांद चाटनी शुरू की. लेकिन वो आचे से नही चाट रही थी. फिर मैने बुआ का मूह गांद में दबा दिया.

मैं: चाट बेहन की लोदी बुआ, चाट ऐसे ही आह आह.

अब शायद बुआ को भी अछा लगने लगा, तो वो और भी फुल स्पीड से चाट रही थी.

मैं: आह आह आ बुआ ऐसे ही, ऐसे ही, और अंदर तक जीभ दो.

मैने बुआ का एक हाथ लंड पर रख दिया, और बुआ भी मूठ मारने लगी. बुआ ने 5 मिनिट तक मेरी गांद छाती.

मैं: बुआ मज़ा आ गया सच में.

बुआ: कुत्ते ऐसे कों करवाता है?

मैं: मुझे अछा लगता है.

अब मैने बुआ को पकड़ा और घोड़ी बना दिया.

बुआ: क्या कर रहा है?

मैं: आप चुप रहो.

अब मैने बुआ की गांद चाटनी शुरू की.

बुआ: आ आह ओह वाउ वाउ वाउ. आह आह आहा छोड़ दे अब, कब तक चातेगा?

मैने एक ना सुनी और बुआ की 10 मिनिट तक गांद छाती.

बुआ: मज़ा आ गया, तेरी जीभ भी तेरे लंड की टाराग कमाल करती है.

अब मैने 20 मिनिट तक बुआ को छोड़ा, और वही बुआ के बगल में नंगा ही सो गया, और बुआ भी मेरे बगल में नंगी ही सो गयी.

ई होप आपको ये कहानी पसंद आई होगी. प्लीज़ मुझे कॉमेंट्स में और मैल करके रिप्लाइ दे.

कामदेवबबा996@गमाल.कॉम

अगर मुझसे इस कहानी में कोई ग़लती हुई तो माफी चाहूँगा. ये कहानी आपने देसी कहानी.कॉम पर पढ़ी.

थॅंक्स

कामदेव

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