मेरा नामे अलीशा है, मेरी उमर अभी 21 एअर की ही है. फिगर मेरा 36-24-36 है, और रंग गोरा है. मेरा बेस्ट पार्ट मेरी उभरी हुई गांद है. तो कहानी शुरू करते है.
ये कहानी है 2 साल पहले की, जब मैं मेरे 12त के एग्ज़ॅम ख़तम करके बुआ के घर महीने के लिए गयी थी. मेरी बुआ के लड़के का नामे समर्थ है. हम दोनो काफ़ी फ्रॅंक थे एक दूसरे के साथ. वो मेरे से उमर में 2 साल बड़े है.
बुआ के घर पे बस भाई और बुआ ही रहते थे, क्यूंकी फूफा के साथ डाइवोर्स हो गया था. तो वो दोनो अकेले ही रहते थे. बुआ काम से पूरा दिन बाहर रहती है, और भाई भी जॉब कर रहे थे. अभी थोड़े दीनो के लिए वो वर्क फ्रॉम होमे कर रहे थे. तो पूरा दिन वो मेरे ही साथ रहते थे. हम दोनो पूरा दिन बहुत मस्ती करते थे.
बुआ का घर छ्होटा ही था, और एसी भाई के कमरे में ही था. तो मैं भाई के साथ सोती थी. एक दिन हम दोपहर को बैठ के टीवी देख रहे थे. तभी मैं सीरियल देख रही थी. भाई आए, और भाई ने बोला-
भाई: ये चेंज कर, कुछ दूसरा लगा.
मैने बोला: मुझे ये ही देखना है.
तो भाई ने मुझसे रिमोट छीनने की कोशिश की. लेकिन वो चीन नही पाए. अब मुझे लग रहा था की वो रिमोट छीनने लेंगे, तो मैं अपने मूह के बाल लेट गयी, और रिमोट को मैने अपने बूब्स के बीच च्छूपा दिया.
अब भाई मेरे से रिमोट छीनने के लिए मेरी गांद पे बैठ गये. तभी मैने जीन्स और त-शर्ट पहनी थी. भाई जैसे ही मेरी गांद पे बैठे, मुझे कुछ फील हुआ. मैने इग्नोर किया. फिर भाई ने मेरे हाथो से रिमोट छीनने के लिए हाथ आयेज बढ़ाए. तभी उनके हाथ मेरे बूब्स पे टच हुए, और मुझे एक करेंट सा लगा.
मैने रिमोट को और उपर से ले-जाके पुर बूब्स में च्छूपा लिया. अब भाई भी अपने हाथ मेरे बूब्स पे आचे से लगते-लगते रिमोट की तरफ बढ़ रहा था. तभी मुझे मेरी गांद की दरार में कुछ हार्ड सा फील हुआ. मैं गरम हो रही थी, शायद वो भाई का लंड था.
अब भाई रिमोट को लेने की नाकाम कोशिश करते-करते मेरे बूब्स आचे से हाथ में भर के दबाने लगा. मैं अब और गरम हो रही थी, और मुझे मेरी गांद की दरार में भाई का एक-दूं तन्ना हुआ लंड आचे से फील हो रहा था.
तभी अचानक डोरबेल बाजी. हम फटाफट उठ गये. मैं गयी और दरवाज़ा खोला, तो बुआ थी. भाई ने पूछा-
भाई: इतनी जल्दी कैसे आना हुआ?
बुआ बोली: तेरी नानी की तबीयत खराब है तो मुझे जाना पड़ेगा.
तभी मैं बोली: मैं भी चलती हू.
तो बुआ बोली: नही तुम यहा रुक के भाई का ख़याल रखना. क्यूंकी आने में शायद महीना भी हो जाए.
तो मैने हामी भारी, और थोड़ी देर में बुआ निकल गयी. फिर शाम हो चुकी थी. मैने रसोई बनाना स्टार्ट कर दिया. फिर रात को खाना खाने के बाद हम सोने चले गये. मेरे दिमाग़ में अभी भी वो दोपहर वाली बात घूम रही थी, और अब मुझे सेक्स करने की इक्चा हो रही थी.
मैं रात को सो नही पा रही थी, तभी तकरीबन 12 बजे भाई का हाथ मेरी कमर पे आ गया. मैने कुछ रेस्पॉन्स नही दिया. फिर भाई ने धीरे से अपने हाथ आयेज बढ़ाए, और मेरे बूब्स पे रख दिए. तब मैने एक छ्होटी सी स्कर्ट और उपर स्लीवलेशस त-शर्ट पहनी थी.
मेरा भाई मेरे बूब्स त-शर्ट में से सहलाने लगा. मैं गरम होने लगी, और तेज़ी से साँसे भरने लगी. तभी भाई को पता चल गया की मैं जाग रही थी. भाई ने तुरंत मुझे पलटा, और मुझे बोला-
भाई: मैं जानता हू तुम जाग रही हो. आँखें खोल दो.
मैने आँखें खोली और भाई ने मुस्कुरा के मेरे होंठो को चूसना स्टार्ट किया. मैने भी उनका साथ दिया. अब भाई ज़ोर-ज़ोर से मेरे बूब्स दबा रहे थे, और मेरे होंठो को कस्स के चूम रहे थे. अब भाई ने मेरी त-शर्ट उतार दी, और मेरी ब्लॅक ब्रा के साथ मेरे बूब्स को काट और चूस रहे थे. मैं सिसकियाँ भर रही थी.
अब भाई नीचे गये, और उन्होने मेरी स्कर्ट उतार दी. अब मैं सिर्फ़ पनटी और ब्रा में थी. फिर भाई ने पनटी के उपर से हाथ सहलाते-सहलाते पनटी भी उतार दी. अब भाई मेरी छूट देख के एक दूं खुश हो गये.
वो बोले: अभी तक तुम वर्जिन हो.
मैने बोला: हा मैं अभी तक किसी के साथ नही चुडवाई हू.
भाई ये सुन कर खुश हो गये. वो ज़ोर से मेरी छूट पर टूट पड़े. मैं भी सिसकियाँ भारती जेया रही थी. थोड़ी देर में मैं झाड़ गयी, और भाई ने मेरा सारा पानी पी लिया.
अब भाई उपर आए, और मेरे बूब्स को ब्रा से आज़ाद किया, और ज़ोर से बूब्स पे टूट पड़े और काटने लगे.
मैं बोली: भाई धीरे, दर्द हो रहा है.
तो भाई बोले: चुप साली रंडी, आज तेरी एक नही सुनूँगा. आज तुझे मेरी रंडी बना के ही रहूँगा.
ये सुन मैं थोड़ी हैरान हो गयी. लेकिन ये सुन के पता नही क्यूँ मैं और गरम हो रही थी, और ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी. अब भाई ने मुझे घुटनो के बाल बैठने को बोला. मैं जल्दी से बैठ गयी. भाई ने मेरे बूब्स पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारा, और लंड को मूह के पास लेक बोले-
भाई: चल चूस रंडी.
मैं माना करने लगी, तो वो बोले-
भाई: साली रंडी चूस.
मैने लंड को मूह में लिया, और फिर भाई ज़ोर-ज़ोर से मूह छोड़ने लगे. मेरी साँसे भी अटक रही थी. पर मैं कुछ कर नही पा रही थी. भाई ने मेरे बालों को पकड़ के मेरे मूह की ज़ोर-ज़ोर से चुदाई की. थोड़ी देर बाद वो और तेज़ी से छोड़ने लगे, और मेरे मूह में ही झाड़ गये.
उन्होने लंड बाहर निकाला, और बोले: रंडी, इसे थूकना मत. और अभी पीना भी मत, रुक.
फिर भाई ने फोन उठाया, और बोले: चल मदारचोड़, मूह खोल.
तो मैने मूह खोला, और भाई ने ऐसे ही मेरी तस्वीर लेली. फिर भाई बोले-
भाई: चल अब पी जा इसे.
मैने पिया, तो उसका स्वाद कुछ अजीब सा था. लेकिन मज़ेदार था.
जानिए आयेज कैसे फिर भाई ने मेरी छूट और गांद फाड़ दी.