नमस्कार दोस्तों, मैं प्रीथनका गुप्ता अपनी अगली चुदाई कहानी लेके आई हू. मेरी उमर 23 साल है, और मैं पुंजब के लुधियाना से हू. फिगर मेरा 34-29-36 है, और रंग मेरा गोरा है. लड़के मेरे जिस्म को मेरे कपड़ों के अंदर से देखने की कोशिश करते है. हर लड़का/आदमी मुझे देख कर दीवाना हो जाता है, और मुझे छोड़ने की इक्चा रखता है. चलिए अब मैं अपनी सेक्स स्टोरी पे आती हू.
मेरा नया-नया बाय्फ्रेंड बना था, जो बहुत हॅंडसम था. वो मेरे से छ्होटा था, और अभी 21 साल था. वो कॉलेज में पढ़ता था, और हमारे घर के पास ही रहता था. काफ़ी दीनो से वो मेरे पीछे पड़ा था, और आख़िरकार मैने इंप्रेस होके उसको अपना नंबर दे दिया.
उसका नाम मुकुल था. हाइट उसकी 5’9″ थी, और लंड 6 इंच का था, जो मुझे बाद में पता था. अब हमारी रोज़ बातें होने लगी, और धीरे-धीरे हमारी सेक्स छत होने लगी. वो मुझे छत में गरम कर देता था, और उससे बातें करते हुए मैं फिंगरिंग करती थी.
अब हम दोनो एक-दूसरे से मिलने के लिए तड़प रहे थे. हम दोनो ने डिसाइड किया, की जिसके भी घर वाले किसी दिन घर से जाएँगे, तब वो दूसरे को अपने घर बुलाएगा, और फिर हम मज़े से चुदाई करेंगे.
फिर कुछ दिन ऐसे ही बीट गये. एक दिन मैं शाम को बैठी टीवी देख रही थी, तो मम्मी ने बताया की हमे शादी का इन्विटेशन आया था. शादी 2 दिन बाद थी, और दोपहर की शादी थी. मैने तो मीटिंग का बहाना करके माना कर दिया. लेकिन पापा-मम्मी को तो जाना ही था.
अब मैं खुश हो गयी, की घर पे कोई नही होने वाला था, और मैं मुकुल को बुला कर अपनी छूट शांत करवा सकती थी. फिर वो दिन भी आ गया. पापा और मम्मी शादी पर चले गये. अब मैं घर पर अकेली थी. मैने मुकुल को इसके बारे में पहले से बता रखा था, तो वो मम्मी-पापा के जाने के 10 मिनिट में आ गया.
मैने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. जैसे ही मैने दरवाज़ा खोला, मुकुल मुझ पर टूट पड़ा. उसने अपनी बाहों में भरा मुझे, और किस करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी. हम दोनो पागलों की तरह एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे. साथ में वो मेरे बूब्स दबा रहा था.
खड़े-खड़े ही उसने मेरी त-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दी, और खुद भी अंडरवेर में आ गया. मैं अब ब्रा और पनटी में थी. फिर उसने मुझे अपनी बाहों में उठाया, और मेरे रूम में ले गया.
वहाँ जेया कर उसने मुझे बेड पर लिटाया, और खुद मेरे उपर आ गया. हम दोनो फिर से एक-दूसरे को चूसने लग गये. फिर उसने मेरी ब्रा उतरी, और मेरे बूब्स दबा-दबा कर चूसने लगा. मैं मदहोश हो रही थी, और उसके मूह को अपने बूब्स में दबा रही थी.
फिर एक-दूं से वो मुझसे डोर हुआ, और बोला की उसको बातरूम जाना था. जाते हुए वो कमरे की लाइट बंद कर दिया. जब मैने उससे पूछा तो वो बोला की बंद लाइट में फीलिंग ज़्यादा बढ़िया आती है.
मैं गरम हुई पड़ी थी, तो उसके जाने के बाद मैं खुद अपनी छूट को पनटी में हाथ डाल कर रगड़ने लगी. मुझे और मस्ती छाने लगी, और मेरी आँखें बंद हो गयी. कुछ देर बाद मुझे उसके कमरे में आने की आहत सुनाई दी.
मैं सीधी लेती हुई ही अपनी छूट सहला रही थी. तभी उसने मेरी जांघों को चूमते हुए पनटी खींचनी शुरू की. मैने गांद उठा कर पनटी उतारने में उसकी हेल्प की. फिर उसने मेरी छूट पर अपना मूह लगाया, और उसको चूसना शुरू किया.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मैं उसके सर को अपनी छूट में दबाने लगी. मेरे मूह से आ आ की आवाज़े आ रही थी. कुछ देर छूट चूसने के बाद वो मेरे उपर आया, और मेरे होंठ चूसने लगा. नीचे से उसने लंड को छूट पर सेट किया, और अंदर धकेल दिया.
लंड अंदर जाते ही मेरी चीख निकली, और आँखें खुल गयी. और जैसे ही मेरी आँखें खुली, मैं हक्की-बक्की रह गयी. ये मेरा बाय्फ्रेंड नही, मेरे पापा थे. इससे पहले मैं कुछ सोच पाती, पापा नीचे से धक्के मारने लगे.
मैं उस वक़्त इतनी गरम हुई पड़ी थी, की उनको चाह कर भी रोक नही पाई. पापा का मोटा लंड मेरी छूट में रग़ाद पैदा करके मुझे चरमसुख दे रहा था. मैं आ आ करे जेया रही थी, और पापा मुझे छोड़ते जेया रहे थे. साथ में वो मेरे बूब्स दबा रहे थे, और उनको चूस भी रहे थे.
कुछ देर में मेरी छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया. अब पानी ज़्यादा होने की वजह से फॅक-फॅक की आवाज़े आनी शुरू हो गयी थी. पापा के धक्के इतनी ज़ोर के थे, की पूरा बेड हिल रहा था. लेकिन मज़ा बहुत आ रहा था.
कुछ देर उसी पोज़िशन में छोड़ने के बाद पापा ने लंड निकाला, और मेरी पनटी से सॉफ किया. उन्होने मुझे घोड़ी बनने को कहा, और मैं बिना कुछ बोले गांद बाहर निकाल कर घोड़ी बन गयी. फिर पापा ने पीछे से मेरी छूट में लंड पेल दिया.
मुझे फिर से दर्द हुआ, लेकिन पहले से कम. अब पापा मुझे फिर से छोड़ने लगे. मेरे मूह से आ आ की सिसकारियाँ निकल रही थी. सिसकारियाँ लेते हुए मैने पापा से पूछा-
मैं: पापा, आप यहाँ कैसे?
फिर मुझे पता चला की पापा को शुरू से मेरे बाय्फ्रेंड के बारे में पता था. उन्होने मेरा व्हातसपप क्लोन किया हुआ था, जिससे उनके पास सारी छत थी, और सारा प्लान उनको पता था. उन्होने मुकुल को पहले ही बोल दिया था की अगर वो उनकी बात नही मानेगा, तो पापा मुकुल के घर पे सब बता देंगे.
पापा ने मुकुल को कहा था की मुझे नंगी करके बातरूम के बहाने से कमरे से बाहर चला जाए. और फिर वो आ कर मेरी चुदाई करे. और ऐसा हुआ भी.
ये सब बताने के बाद पापा ने मेरे चूतड़ कस्स के पकड़ लिए, और फूल स्पीड पर मेरी छूट चुदाई करने लगे. मेरी आहें जल्दी ही चीखों में बदल गयी. फिर पापा जब झड़ने वाले थे, तो उन्होने लंड बाहर निकाला, और मेरे मूह में डाल कर झाड़ गये. फिर पापा लेट गये, और बोले-
पापा: तू मेरी है प्रीथनका. तेरी छूट भी मेरी है. तेरा पूरा जिस्म मेरा है.
दोस्तों आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे प्रीथंकगुप्ता3@गमाल.कॉम पर बताए. मेरी कहानी हरामी बाप ने छोड़ा भी पढ़े.