बॉयफ्रेंड ने मेरी मम्मी और मुझे चोदा

हैल्लो दोस्तों, में अपनी कहानी हाजिर हूँ। एक दिन जब अपने खेत पर गई तो मैंने देखा कि वहां मेरी मम्मी मेरे बॉयफ्रेंड यश से चुदवा रही थी। मैंने ये सब छुपकर देखा और ये सब देखकर मेरा भी बहुत मन कर रहा था, मगर में किससे कहती? फिर उसी दिन मम्मी ने मेरे बॉयफ्रेंड को रात में घर पर आने को कहा था। में फिर से रात का इंतजार करने लगी थी, शायद आज मेरे नसीब में चुदना लिखा था। फिर रात हुई और फिर मैंने और मेरे छोटे भाई ने खाना खाया और अपने कमरे में सोने चले गये थे। अब मेरा छोटा भाई तो सो गया था, मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी। अब रात के करीब 11 बज चुके थे और तभी इतने में मम्मी के कमरे से आवाज़ आई, तो में बाहर चली गयी। अब मेरा बॉयफ्रेंड आ गया था और फिर वो कमरे में चला गया। तब में भी पीछे-पीछे चली गयी और दरवाजे के छेद में से देखने लगी थी।

फिर यश के अंदर जाते ही मम्मी ने उसे सीने से लगा दिया और चूमने लगी थी। मम्मी ने उस समय बेबी डॉल वाली नाइटी पहन रखी थी, सच में वो बहुत मस्त लग रही थी। मैंने मम्मी को पहली बार ऐसे देखा था, शायद यश वो नाइटी लेकर आया होगा। अब उनकी नाइटी के ऊपर से मम्मी की चूचीयाँ बाहर झलक रही थी, गोरी-गोरी और चिकनी चूची और बड़ी-बड़ी थी, ऐसी मेरी तो थी ही नहीं, पापा भी मम्मी की चूचीयाँ दबाने के लिए तरसते होंगे। फिर काफी देर तक वो दोनों ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे। फिर उसके बाद यश ने खड़े-खड़े ही मम्मी की नाइटी ऊपर उठा दी और उनकी चूत को सहलाने लगा था। अब मम्मी बहुत मदहोश हो गयी थी और अपना एक हाथ नीचे ले जाकर यश के लंड को सहलाने लगी थी। अब में भी बहुत गर्म हो चुकी थी और अब मेरा मन कर रहा था की अपने छोटे भाई के रूम में जाऊं और उसका लंड अपने हाथ में लेकर अपने मुँह से चूस लूँ। मेरे छोटे भाई की उम्र 18 साल है और इस उम्र में लड़कों के लंड कड़क हो जाते है।

फिर मैंने सोचा कि थोड़ी देर और देखती हूँ क्या करते है? फिर वो दोनों ऐसे ही चूमा-चाटी करते रहे। अब उन्हें खबर ही नहीं थी कि में भी उनकी मस्त चुदाई देख रही हूँ। मेरी चूत वर्जिन थी और मैंने अभी तक लंड का स्वाद नहीं चखा था। अब इतनी देर में यश ने मेरी मम्मी को पूरा नंगा कर दिया था और नीचे बैठेकर मम्मी की चूत चाटने लगा था, ये वाला सीन बहुत मस्त था। अब मम्मी खड़ी थी और वो उनकी चूत को नीचे बैठकर चाट रहा था और मम्मी खुद अपनी चूचीयों दबा रही थी, वो बहुत मस्त सीन था। अब में कुछ ज्यादा ही गर्म होने लगी थी। अब मम्मी भी बहुत गर्म हो चुकी थी और फिर मम्मी ने कहा कि यश डार्लिंग अब रहा नहीं जाता, एक बार अपना लंड मेरी चूत में डाल दे और मेरी फड़फडाती चूत को अपने लंड के रस से शांत कर दे। तो तब यश ने कहा कि पहले लंड चूसने का स्वाद तो ले।

तब मम्मी ने यश की पेंट खोली और उसके 8 इंच के लंड को बाहर निकालकर अपने दोनों हाथों से सहलाने लगी थी। फिर मम्मी थोड़ी देर तक यश के लंड को सहलाती रही और उसके बाद अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी। अब यश का लंड पूरी तरह से मम्मी के मुँह में जा ही नहीं रहा था।

अब मम्मी बड़ी मुश्किल से अंदर बाहर कर रही थी। अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था। फिर मैंने अपने सलवार के अंदर अपना एक हाथ डाला तो मैंने देखा कि मेरी चूत बहुत गीली हो गयी थी। अब क्या करूँ? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। अब मेरा चुदाई का बहुत मन हो रहा था। फिर मैंने आनन-फानन में दरवाजा खोला और सीधी अंदर चली गयी। तो वो दोनों मुझे देखकर चौंक गये। अब उन दोनों के चेहरे की हवाईयां उड़ गयी थी। तो तब मम्मी बोली कि बेटी तू यहाँ? तो तब मैंने कहा कि रहने दे मम्मी सवाल जवाब मत करो, में काफी देर देख रही हूँ और जो तुम लोगों ने आज दिन में खेत में किया, वो भी मैंने देखा था। तो तब मम्मी बोली कि मतलब तूने वो सब भी देखा है। तो तब मैंने कहा कि हाँ। तो तब मम्मी अपनी सफाई देने लगी और कहने लगी कि क्या करूँ? तू तो जानती है तेरे पापा सालभर में एक बार आते है और में अपनी इच्छा पूरी नहीं कर पाती हूँ।

फिर मैंने कहा कि रहने दे मम्मी जो हो गया सो गया, अब में भी ये सब करना चाहती हूँ, तुम दोनों को करते देख मेरी भी बहुत इच्छा हो रही है, में चाहती हूँ कि अभी यश पहले मुझे चोदे। तब मम्मी ने कहा कि नहीं बेटी, तू और ये सब अभी से, नहीं-नहीं। तो तब मैंने कहा कि में कुछ नहीं जानती, बस मुझे भी करना है और फिर मैंने काफी जिद की तो वो दोनों मान गये। अब यश और मम्मी तो पहले से ही नंगे थे। तब मैंने यश से कहा कि मुझे नंगा कर दो। तब यश ने पहले मेरा कुर्ता उतारा और फिर मेरी सलवार उतार दी। मैंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी और हाँ पेंटी पहनी थी। अब यश मेरी चूचीयों को देखता रह गया था। फिर उसने कहा कि इतना मस्त माल हमेशा मेरे सामने था और में पागल देख ही नहीं पाया और फिर यश ने मेरी चूचीयों की बहुत तारीफ की। तब मम्मी भी कहने लगी कि बेटी सच में तेरी चूचीयाँ तो बहुत मस्त और गोल मटोल है। फिर यश से रहा नहीं गया तो उसने मेरी चूचीयों को दबाना शुरू कर दिया।

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अब में तो पहले से ही भरी पड़ी थी। अब यश ने मेरी गोल-गोल चूचीयों को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया था। अब मेरी हालत और ख़राब हो गयी थी, वाह क्या चूस रहा था? अब यश मस्त होकर मेरी चूचीयाँ चूस रहा था। तब इतने में मम्मी ने कहा कि मुझे पेशाब आया है, में बाथरूम जा रही हूँ। तब मैंने कहा कि नहीं-नहीं मम्मी, यहीं हमारे सामने करो, कहीं नहीं जाना। तब मम्मी ने कहा कि यहाँ कहाँ करूँ पगली? तो तब मैंने कहा कि अपना पेशाब मेरे मुँह में छोड़ दो, में आज हर ची का मजा लेना चाहती हूँ। तब मम्मी नहीं मानी तो मैंने बहुत जिद की तो वो मान गयी। फिर मम्मी ने अपनी दोनों टांगें फैलाई और मेरे मुँह और चहेरे पर सारा पेशाब कर दिया। अब मुझे बहुत गन्दा लग रहा था, मगर मजा इतना आया कि पूछो मत। अब मम्मी के पेशाब से मेरा पूरा बदन गीला हो गया था। अब यश मेरे पूरे बदन को चाट रहा। फिर यश ने मुझे बिस्तर पर लेटाकर ऐसी पोजिशन बनाई कि मेरे मुँह में यश का लंड और यश का मुँह मम्मी की चूत में और और मम्मी का मुँह मेरी चूत पर था। अब हम एक दूसरे को चूसने में लग गये थे, सच में क्या आनंद मिल रहा था? दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

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फिर काफी देर तक हम एक दूसरे को ऐसे ही चूसते रहे। फिर थोड़ी देर के बाद हम अलग हुए तो तब यश ने कहा कि अब तुम दोनों कुछ देर लेस्बियन सेक्स करो। फिर में मम्मी के ऊपर आई और उनकी बड़ी-बड़ी चूचीयाँ दबाने और चूसने लगी थी। अब में उनकी चूचीयों को दबाते-दबाते नीचे नाभि और फिर उनकी चूत को चाटने लगी थी, मेरा ये सब पहला अनुभव था। अब मुझे बहुत मजा आ रहा था। मम्मी की चूत पर बहुत बड़े-बड़े बाल थे। तो मैंने कहा कि मम्मी तू कभी नीचे शेविंग नहीं करती है क्या? तो तब मम्मी ने कहा कि नहीं। तो तब मैंने कहा कि तू जब कल नहाएगी, तो मुझे बोलना में तेरी चूत के बाल साफ कर दूंगी। फिर मैंने अपनी दो उँगलियों से मम्मी की चूत फैलाई और अन्दर तक अपनी जीभ डाल दी और वही अपनी जीभ को घुमाने लग गयी थी। अब मम्मी को जन्नत का पूरा आनन्द मिल रहा था। अब मम्मी के मुँह से सिसकारियां निकल रही थी आहहहहहह, ओहहहहहहह, मेरी बिटिया क्या चूसती है तू? चूस और चूस, चूस-चूसकर आज अपनी मम्मी की चूत लाल कर दे, आहहहहहहह, ओहहहहहहह, ऊहहहहहहह। अब मम्मी झड़ चुकी थी और उनकी चूत का सारा रस मैंने पी लिया था। उनकी चूत का पानी खट्टा और नमकीन था, उसका स्वाद अजीब था।

फिर थोड़ी देर के बाद मम्मी खड़ी हुई और मुझे गले लगाकर मेरे होंठो को चूसने लगी और कहा कि तूने मुझे बहुत मजा दिया है, आज तक में सिर्फ लंड का ही स्वाद लेती थी और फिर मम्मी ने यश से कहा कि यश मेरी बेटी को बहुत मजा देना जैसे मुझे देता है। अब में तो यश के लंड के लिए कब से तरस रही थी? फिर मैंने यश का लंड अपने एक हाथ में लिया और सहलाने लगी और अपने मुँह में लेने की कोशिश की, मगर वो मुँह में गया ही नहीं। फिर मैंने सोचा कि अगर ये मुँह में नहीं जा रहा तो मेरी छोटी सी कुंवारी चूत में कैसे जायेगा? फिर मैंने बहुत कोशिश की लेकिन उसका लंड मेरे मुँह में नहीं गया। फिर मैंने यश के लंड को बाहर से ही चाटना शुरू किया। अब मुझे उसके लंड का स्वाद बहुत पंसद आया था और अब में मजे से उसके लंड को चाटने लगी थी। फिर यश ने मुझे बिस्तर पर लेटाया और मेरी दोनों टागें फैलाई और अपने लंड का मुँह मेरी चूत के छेद में रखकर अंदर पेलने लगा था। अब जो मुँह में नहीं जा रहा था, वो चूत में कैसे जाता? वो भी कुंवारी चूत में। अब मुझे दर्द महसूस होने लगा था।

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फिर यश ने मम्मी से कहा कि इसकी चूत तो बहुत टाईट है, मेरा लंड जा ही नहीं रहा है। फिर मम्मी तेल लेकर आई और खूब सारा तेल यश के लंड पर और मेरी चूत में डाल दिया और फिर मम्मी ने यश से कहा कि एक ही झटके में अन्दर डालना, इसे दर्द होगा मगर इसे सहन करना होगा। अब में घबरा गयी थी कि में कहाँ मजे लेने की सोच रही थी? और कहाँ ये दर्द की बात कर रहे है? अब में रोने लग गयी थी। तब मम्मी ने कहा कि रो मत बस पहली बार होता है, जब तेरी सील टूट जाएगी उसके बाद नहीं होगा। फिर मम्मी ने यश को इशारा किया और मम्मी ने अपने होंठ मेरे होंठों से मिला दिए। तो तब यश ने एक झटके में ही अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया। तब मेरी लम्बी चीख निकली और मुझे इतना दर्द हुआ कि मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी थी। अब मेरे आँखों से आंसू बहने लग गये थे। अब मेरी चूत में से बहुत सारा खून निकल रहा था, अब में डर गयी थी। तब मम्मी ने कहा कि डर मत ये सील टूटने के कारण निकल रहा है। फिर थोड़ी देर तक यश ने अपना लंड मेरी चूत में ही रखे रखा। अब मेरा दर्द थोड़ा कम हो गया था।

अब यश आराम-आराम से अपने लंड को अन्दर बाहर कर रहा था। फिर जैसे-जैसे वो अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा, मेरा दर्द कम और मजा ज्यादा आने लग गया था। अब मम्मी मेरी चूचीयाँ दबा रही थी, तो कभी मेरे होंठ चूस रही थी। अब धीरे-धीरे यश की स्पीड बढ़ने लग गयी थी। अब में आनंद के सागर में गोते लगा रही थी आहहहहहहहहह, ओहहहहहहहहह, आहहहहहहह, ऊहहहहहहहह मेरे मुँह से ऐसी सिसकारियां निकल रही थी और गर्म साँसे निकल रही थी ऊईईई माँ मार डाला रे जालिम ने, यश और चोद, चोद-चोदकर मेरी चूत फाड़ दे, चोद ना मेरे राजा, जी भरकर चोद, में कब से तेरा लंड लेने को बेरार थी? चीथड़े उड़ा दे अपने लंड से मेरी चूत के, आहहहहहहहहह, ओहहहहहहहहह, आहहहहहहह, ऊहहहहहहहह। फिर यश ने अलग-अलग पोजिशन लेकर मुझे जी भरकर चोदा। फिर जब यश ने मुझे कुत्तिया बनाकर चोदा, सच में बहुत मजा आया था, वो उस पोजिशन में क्या चोद रहा था? अब मुझे जीवन का सारा आनंद मिल रहा था, में आज तृप्त हो गयी थी। अब यश के चोदते-चोदते में तीन बार झड़ चुकी थी। अब यश भी झड़ने वाला था। तो तब मैंने यश से कहा कि यश अपने लंड का माल मेरी चूत में गिराना, ताकि में तुम्हारे बच्चे की माँ बन सकूँ।

फिर यश के गर्म-गर्म माल ने मेरी चूत को ऐसे शांत किया कि मजा आ गया था। फिर थोड़ी देर तक यश मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा। फिर उसके बाद हम तीनों ने मिलकर नंगा डांस किया और डांस करते करते यश मेरी और मम्मी की चूची का मजा लेता रहा और हम दोनों को बाँहों में लेता रहा। अब डांस करते-करते हम फिर से गर्म हो गये थे। फिर अबकी बार यश ने मम्मी को चोदा। अब में भी बहुत गर्म हो थी, शायद काफी देर से बाहर मेरा छोटा भाई हम सबकी हरकत देख रहा था, क्योंकि जब में अन्दर आई थी तो में दरवाजा बंद करना भूल गयी थी। अब वो अंदर आ चुका था और फिर मेरी नजर उसके पजामे पर पड़ी तो उसका लंड खड़ा हो चुका था। अब उसका भी चोदने का मन हो रहा था। फिर मैंने मम्मी से कहा कि तू यश से चुदवा ले और में भाई को शांत करती हूँ। फिर मैंने अपने भाई को अपनी तरफ खींचा और उसके होंठ चूसने लग गयी थी।

फिर मैंने उसका पजामा नीचे करके उसका लंड बाहर निकाला, उसका लंड यश के लंड जितना तो नहीं था मगर गोरा और चिकना बहुत था। फिर मैंने काफी देर तक अपने छोटे भाई का लंड चूसा और फिर उसे नीचे लेटाकर उसके ऊपर आ गयी और उसका लंड अपनी चूत में लेकर उससे चुदवाने लगी थी। अब यश मम्मी को और में अपने भाई से जोड़ी के रूप में चुदाई का आनंद लेने लग गये थे। फिर उसके बाद में मैंने यश से भी चुदवाया और मम्मी ने भाई से चुदवाया। फिर पूरी रात हमारी चुदाई का खेल चलता रहा और फिर हम सुबह 4 बजे सोंए। अब हमें डिस्टर्ब करने वाला कोई नहीं था। फिर हम चारों नंगे ही सो गये और फिर 11 बजे उठे। फिर हम सब बाथरूम में जाकर नंगे ही नहाए और एक बार बाथरूम में भी चुदाई का मजा लिया। फिर उसके बाद से लेकर अब तक में 5 लोगों से चुद गयी हूँ, मेरे चाचा और मेरे बड़े भाई यानि मेरे ताऊ के लड़के ने भी मुझे चोदा है। अब मुझसे चुदाई के बिना नहीं रहा जाता है। अब में अपने छोटे भाई और अपने बॉयफ्रेंड से अक्सर चुदाई का मजा लेती हूँ ।।



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