हेलो एवेरिवन, मेरी ऑफीस सेक्स कहानी मैं आपका स्वागत है. माइसेल्फ राजेश, आगे 32, बॉडी आत्लेटिक टाइप, हाइट 6’2″, देखने में एक-दूं स्मार्ट. मैं रोज़ जिम में वर्काउट करता हू, और अची डाइयेट लेता हू, जिस कारण मैं एक सुंदर बॉडी मेनटेन करता हू. अभी कुछ दिन पहले ही मुझे एक जॉब मिला है देल्ही में.
मेरे बॉस का नाम मिस्टर. अनिल कुमार, आगे करीब 48 यियर्ज़ है. वो एक बहुत ही बिज़ी पर्सन है. उनका असिस्टेंट होने का काम मुझे मिला. पहले दिन मैं उनके ऑफीस में पहुँचा तो सिर ने मुझे सारा काम बता दिया, और मुझे बताया की तुम आज से ही काम स्टार्ट कर दो. मैने भी एस कहा और काम में लग गया. ये एक मंक थी, मुझे रोज़ बॅंक जाना होता था, और अकाउंट्स की हिसाब रखना होता था.
करीब दो महीने बाद एक दिन अनिल सिर ने मुझे अपने कॅबिन में बुलाया, तो मैं तोड़ा नर्वस था की सिर ने मुझे क्यूँ बुलाया था. मुझे लगा शायद कुछ प्राब्लम हुई होगी. मैं तोड़ा दर्र-दर्र के सिर के कॅबिन तक पहुँचा और नॉक किया. सिर ने मुझे अंदर आने को कहा. मैं अंदर घुसा तो सिर ने मुझे सीट डाउन कहा. मैने कहा ओक.
फिर सिर ने कहा: तुम्हारा काम बहुत ही अछा है, मैने नोटीस किया है. अगले मंत से तुम्हारी सॅलरी हिके कर दूँगा.
ये सुन कर मुझे अछा लगा, और मैने सिर को थॅंक्स कहा.
सिर ने मुझे कहा: आज तुम ईव्निंग में मेरे घर पर आना, हम मिल कर डिन्नर करेंगे.
मैने कहा: ठीक है सिर.
ईव्निंग में अनिल सिर के घर पर जाके बेल बजाई. उस टाइम करीब 8 पीयेम का टाइम हुआ था. फिर थोड़ी देर में दरवाज़ा खुला, और मैने देखा की सिर ने एक ग्लास पकड़ा हुआ था. उसमे कुछ वाइन थी.
सिर ने कहा: तुम, बहुत बढ़िया. अंदर आ जाओ.
और फिर मैं सिर के घर के अंदर एंटर हुआ. सिर ने एक त-शर्ट और एक तोउसेर पहन रखा था उस टाइम पे. बहुत ही बड़ा सा घर था, और काफ़ी आलीशान भी. सिर अपने साथ मुझे लेकर फर्स्ट फ्लोर तक चले. तब मैने देखा की लॉबी पर एक बड़ा सा काउच था, और उस पर एक 42 या शायद 43 साल की औरत बैठी हुई थी.
उनके एक हाथ में वाइन से भरा हुआ ग्लास और दूसरे हाथ पर एक लंबी सी सिगरेट थी. वो देखने में काफ़ी खूबसूरत थी. उन्होने एक नाइट सूट पहना था, जो की पूरा ट्रॅन्स्परेंट था, और उसके अंदर से उनकी ब्लॅक कलर की ब्रा और पनटी पूरा सॉफ दिख रहा था.
उस औरत का बदन एक-दूं गोरा था, और बूब्स भी बहुत ही बड़े-बड़े जो की बाहर पुर सॉफ नज़र आ रहे थे. मैने नोटीस किया की वो औरत अपनी दोनो टांगे स्प्रेड करके बैठी हुई थी, जिसमे से उनकी पनटी सॉफ दिख रही थी. ये सब देख कर मैं तोड़ा डिस्टर्ब हुआ, और मेरा लंड भी पंत के अंदर टाइट होने लगा था. पर मैने अपने आप को संभाला, और अंदर चला गया.
सिर जेया कर उस औरत के बगल में बैठ गये और मुझे कहा की तुम भी बैठो. मैं तोड़ा डोर उस काउच की दूसरी साइड पर बैठने लगा.
तभी सिर ने कहा: चलो मैं इंट्रोड्यूस करवा दे रहा हू. राजेश इनसे मिलो, ये मेरी वाइफ स्वाती है.
फिर मैने देखा उस औरत को और कहा नमस्ते माँ. माँ बोली हेलो.
सिर ने माँ को बताया: मैने तुम्हे बोला था ना हमारे सबसे काबिल स्टाफ के बारे में? तो ये रहा हमारी कंपनी का सबसे अछा असिस्टेंट राजेश.
ये कह कर सिर ने ड्रिंक्स लेना शुरू कर दिया. उधर मैने नोटीस किया की माँ एक कातिलाना नज़र से मेरे पुर बदन को घूर रही थी. मैं भी माँ को देखने लगा. माँ ने फिर मुझे एक मदहोश करने वाली स्माइल दी और बोली-
माँ: तुम ड्रिंक नही लोगे? मैने बताया: माँ मैं कभी कभार लेता हू ड्रिंक्स.
माँ बोली: नो इश्यूस.
फिर मेरे लिए एक ग्लास में ड्रिंक बनाई, और मुझे लेने को कहा. मैने थोड़ी सी आइस डाली, और पीना शुरू किया. हम तीनो के बीच काफ़ी सारी बात-चीत होने लगी. माँ ने मेरे बारे में सब कुछ जानना चाहा. मैने भी स्मार्ट्ली सारे जवाब दिए, और माँ आंड सिर ने भी अपनी फॅमिली के बारे में, हॉबीस के बारे में बताया.
इस बीच हमने टीन-टीन पेग ख़तम कर दिए. वो दोनो तो मेरे आने से पहले ही पीना शुरू कर दिए थे. फिर माँ बोली-
माँ: तुमसे मिल कर बहुत ही अछा लगा.
थोड़ी ही देर में उनकी नौकरानी ने हमे आ कर कहा की डिन्नर रेडी था, और उसने हमे डाइनिंग टेबल पर आने के लिए कहा. फिर हम सब डिन्नर करने लगे. बहुत ही स्वाड्िस्ट खाना ख़तम करके मैने देखा तो पता लगा की 10 पीयेम हो गये थे.
मैने सिर से कहा: मैं अब चलता हू.
फिर सिर और माँ दोनो ने मुझे गुड नाइट कहा, और मैं उधर से निकल पड़ा मेरे घर की और. बहुत ही मॉर्डन फॅमिली थी, और दोनो काफ़ी ओपन माइंडेड थे मैने नोटीस किया. अगले कुछ दिन वैसे ही चलता रहा. मैं वीक में दो-टीन बार उनके घर जाता रहा, और पार्टीस एंजाय करता था.
फिर एक दिन सिर ने मुझे ऑफीस में कहा: तुम आज मेरी वाइफ के पास जाओ, उसे कुछ काम करवाना है तुमसे.
मैने देखा की उस टाइम दिन के 11 आम थे, तो मैने सिर से कहा: अभी कुछ काम है ऑफीस में.
तो सिर बोले: कोई दूसरा स्टाफ संभाल लेगा. तुम जाओ स्वाती वेट कर रही होगी घर पर.
फिर मैं चला गया उनके घर. करीब 30 मिनिट बाद मैं सिर के घर के पास पहुँचा. मैने डोरबेल बजाई, तब माँ ने दरवाज़ा ओपन किया, और मुझे देख कर एक नॉटी सी स्माइल दी. मैने माँ को हेलो कहा, और सिर ने भेजा है बताया.
तो माँ बोली: अंदर आओ, मुझे एक रिश्तेदार के घर जाना है आज. और तुम तो जानते हो सिर बहुत बिज़ी रहते है काम में. सो मैने सोचा की मैं तुम्हारे साथ चली जौ. तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही है ना?
मैने कहा: इसमे क्या है? मैं रेडी हू माँ.
उस टाइम वो एक ट्रॅन्स्परेंट गाउन पहन रखी थी, जिसमे से उनका पूरा बदन दिख रहा था.
माँ ने कहा: तुम काउच पर बैठो, मैं चेंज करके आती हू.
मैने कहा: ठीक है.
कुछ देर बाद माँ ने मुझे आवाज़ दी: राजेश, मेरे रूम में आना.
जैसे ही मैं उनके रूम में दाखिल हुआ, तो मैने देखा माँ एक जीन्स पहन रखी थी, और एक ब्लॅक कलर की ब्रा के साथ मिरर के पास खड़ी थी.
वो मुझे देख कर बोली: तोड़ा मेरी ब्रा का हुक लगा दोगे?
मुझे तोड़ा अजीब लगा.
फिर माँ ने कहा: क्यूँ शर्मा रहे हो?
फिर मैं माँ के पास जेया कर ब्रा का हुक लगाने लगा. माँ के बूब्स बहुत ही बड़े थे.
उन्होने कहा उनका साइज़ 38 ड्ड था, जो मैं सुन कर डांग रह गया.
फिर माँ ने पूछा: मैं कैसी लग रही हू?
मैने कहा: माँ एक-दूं मस्त.
फिर माँ ने एक टॉप पहनी, और बेड के उपर बैठ गयी. मैं खड़ा था.
थोड़े टाइम बाद माँ ने कहा: तुम मेरे हुस्बेन्ड को अछा असिस्ट करते हो काम में. आज मैं तुम्हारा एक टेस्ट लूँगी. मुझे भी तुम सही में असिस्ट कर सकोगे या नही पता चलेगा.
सो मैने कहा: शुवर माँ.
इसके आयेज इस ऑफीस सेक्स कहानी मैं क्या हुआ, वो अगले पार्ट में पता चलेगा. फीडबॅक ज़रूर देना.