मा-बेटा सेक्स स्टोरी में आपका वेलकम. चलिए आरंभ करते है.
सुबह जल्दी ही मृदुला का मेसेज आ गया.
मैं: क्या हुआ रात को?
मृदुला: कुछ नही यार. बस अभी आँख खुली है. आधे घंटे बाद बेटे के रूम में जौंगी. सोचा की तुमसे कुछ टिप्स ले लू.
मैं: तुम ठीक हो?
मृदुला: अची हू यार. रात तुमसे बात करके बहुत अछा लगा. पहले बहुत दर्र लग रहा था. बुत अब लग रहा है की जो हुआ है वो आचे के लिए ही हुआ है.
मैं: जवान बेटे देखना कितनी मस्ती करेंगे आपके साथ.
मृदुला: ऑश बस आपकी बात सच हो जाए. फिर तो मेरी सारी टेन्षन डोर हो जाएगी. अपने घर में सेक्स करने का अलग ही मज़ा आता है. फिर प्राइवसी भी बनी रहती है.
मैं: ह्म्म्म्म.
मृदुला: सच बोलू तो दोनो बिटो के साथ करने का मेरा बहुत मॅन करता है. रॉनी तो मुझे बहुत पसंद है. मुझे लगता है की वो मुझे बहुत खुश रखेगा.
मृदुला: दोनो बेटे काफ़ी समझदार है. बस वो मेरे साथ सेट हो जाए, फिर तो मज़े ही मज़े है. घर में रात को 8 बजे के बाद कोई नही आता.
मैं: ह्म.
मृदुला: तुमको क्या लगता है? बेटे मान जाएँगे? उनको बुरा तो फील नही होगा? यार कोई प्राब्लम ना हो जाए. बस इसी बात का दर्र लगता है.
मैं: यार दर्र मत. तेरे जैसी मस्त मों घर में चूड़ने के लिए मिल जाए तो कोई बेटा माना नही करेगा. वो दोनो मिल कर एक साथ छोड़ा करेंगे. शरम तब आती है जब हम शरम करते हैं. बुत जब नंगे हो कर एक बार चुदाई करोगे, तब शरम डोर हो जाएगी. दोनो बेटे बस तुमको नंगी करके घर में घुमा-घुमा कर छोड़ेंगे.
मृदुला: ऑश यार, सुन कर अछा लग रहा है बहुत.
मैं: घर में तुम टीन ही लोग हो. तीनो ही सेक्स करोगे. ना कोई रोकने वाला. तो फिर रात होते ही दोनो बेटे तुम को नंगी करके छोड़ेंगे.
मृदुला: ऑश वाउ.
मैं: देख लेना चाहे शाम होते ही किचन में आना शुरू हो जाएगे. और बोलेंगे की खाने में कितना टाइम लगेगा? जल्दी करो उपर रूम में जल्दी आ जाओ मों. हो सकता है वो वहीं पीछे से पकड़ कर छोड़नी शुरू कर दे.
मृदुला: ऑश वाउ यार, थॅंक्स अमित जी. ऐसा सोच कर ही मज़ा आ रहा है. बस मैने अब पक्का ही सोच लिया है की दोनो बिटो के साथ ही करूँगी. मुझे बस ऐसे ही बाय्स चाहिए जो पीछे किचन में ही आ जाए.
मैं: ह्म्म्म्म.
मृदुला: यार तुम बस मेरी हेल्प कर देना. मैं अब रॉनी के रूम में जौंगी तो निघट्य में ही जौंगी. बस एक बेटा तैयार हो जाए बस. बूब को देखने लग जाए तो क्या करूँ फिर?
मैं: पहले तो मस्त बूब और अपनी गांद दिखाओ. उसको खूब देखने दो. फिर स्माइल किया करो और उसके खड़े हुए लंड को देख कर स्माइल दिया करो. उसके पास बहाने से बैठ जया करो, ताकि वो आराम से बूब की दरार देख सके.
मृदुला: मतलब ये सब हो जाए तो फिर क्या करू? मतलब शुरुआत कैसे होगी?
मैं: वो आपके बूब देख कर तुम्हारे बारे में सोचना शुरू कर देगा. उसका मूड बनने लगेगा. तुम स्माइल डोगी तो वो दर्रेगा नही. फिर तुम को बतौँगा की उसको अपने रूम में कैसे बुलाना है, और वो तुमलो टच कैसे करेगा.
मृदुला: ओह, आज तो मॅन कर रहा है की बेटे को रूम में बुला कर चिपक जौ.
मैं: बस तुम बूब दिखाओ उसको. बाकी कोई बात हो तो मुझे बता देना.
मृदुला: ह्म मैं देख कर आई थी उनके रूम में अभी. दोनो बेटे अपने रूम में सोए हुए है.
मैं: यार जैसे लॅडीस बाय्स को देख कर अपना मूड बना लेती है. वैसे भी बाय्स अपने आस-पास की भाभियों और आंटीस को देख-देख कर मज़ा लेते है.
मृदुला: यार तुम्हारी स्टोरी का ही असर है की अपने बिटो के बारे में ये सब सोच कर मज़ा आ रहा है. रात को अकेली होती हू, तो स्टोरी पढ़ते हुए लगता है की मेरा बेटा मेरे साथ ये सब कर रहा है. मतलब बहुत मज़ा आता है.
मैं: आपके साथ आपका बेटा रियल में चुदाई करेगा, तब देखना कितना मज़ा आएगा. मैने मेरी मा को पहली बार रात को छोड़ा था. तब पूरी रात ही उसके मज़े लिए थे. सारी रात पता नही कितनी बार उसकी छूट में झाड़ा था.
मृदुला: वाउ यार.
मैं: मों भी बोली की तूने मुझे रात बहुत छोड़ा था. इतना तो कभी लाइफ में भी नही चूड़ी. मैने मों को एक वीक तक तो रात को नंगी ही रखी थी. मूड बनते ही पकड़ कर छोड़नी शुरू कर देता था.
मृदुला: वाउ यार, अमेज़िंग. सुन कर अछा फील हो रहा है.
मैं: शाम होते ही मों को किचन में ही पकड़ लेता था. मों को बस एक मिनिट में ही मेरे साथ उपर आना पड़ता, नही तो वहीं चुदाई शुरू हो जाती. फिर खाना बनाने का सारा काम दीदी को ही करना पड़ता था.
मृदुला: वाउ यार, ये सब सुन कर बहुत अछा लग रहा है. ये सब शुरू हो जाए तो मज़ा आ जाए.
मैं: ये सब तो आपके साथ होने वाला ही है. आपके तो दो बेटे है. वो दोनो तो आपको पकड़ कर ही उपर ले जाएँगे, और फिर दोनो एक साथ आप के उपर चढ़ जाएँगे.
मृदुला: ऑश थॅंक्स अमित. ऑश ये सब सुन कर मेरी तो गीली हो गयी है. तुमसे बात करके बहुत मज़ा आ रहा है. ऑश तुम बहुत आचे हो. लाइफ में पहली बार बात करते हुए पानी निकाला है. काश में तुमसे पहले बात कर लेती.
मैं: चलो एक काम करो, निघट्य में एक-दूं तैयार हो कर जाना. ब्रा बिना ही जाना. बस तुम्हारे दोनो बूब्स हिलते हुए दिखने चाहिए. बूब की दरार भी दिखा कर आना.
मृदुला: ह्म, बिना ब्रा तो निपल भी फील होगी. मतलब बूब तो हिलेंगे, बुत निपल भी फील होगी मतलब पता चल जाएगा की बिना ब्रा के निघट्य पहनी है.
मैं: यार फिर तो मज़ा आ जाएगा. बस इशारा हो जाएगा बेटे को की मों प्यासी है. एक दो दिन बूब दिखा और स्माइल देना. फिर देखना दोनो बेटे तेरे रूम में तेरे बेड पर ही मस्ती करेंगे.
मृदुला: थॅंक्स अमित. बस यही तो एक मों को चाहिए यार. अब तो मैने सोच लिया की दोनो बिटो के साथ ही लाइफ के मज़े लेने है.
कुछ देर बाद मृदुला तैयार हो गयी. वो बोली की बेटे के रूम में जाना है. रात को मेसेज करती हू. फिर रात को उसका मेसेज आया.
मैं: क्या ट्राइ किया बेटे पर? कुछ बात बनी क्या?
मृदुला: हा यार, लग तो रहा है. थॅंक्स यार तुमने मेरी काफ़ी हेल्प की है. नही तो मेरी इतनी हिम्मत नही होती की बेटे के साथ करने की सोचती.
मैं: बताओ यार क्या हुआ?
मृदुला: तुमने बोला वैसे ही किया. सुबह जल्दी रॉनी के रूम में निघट्य पहन कर ही गयी थी.
मैं: ब्रा बिना?
मृदुला: नही यार इतनी हिम्मत नही हुई. बुत निघट्य में मेरे बूब दिख रहे थे. बिटो को ऐसा नही लगना चाहिए की मैं जान-बूझ कर बूब्स दिखा रही हू.
मैं: अछा यार.
मृदुला: यार मेरे बेटे मेरी बहुत रेस्पेक्ट करते है. आवारा टाइप नही है. तो सब धीरे-धीरे ही करना होगा. सुबह काफ़ी देर सोचती रही की क्या करू? जौ या ना जौ? बुत फिर तुम्हारी बात याद आ गयी की अगर बिटो के साथ ही करना है तो शरम हटानी होगी.
मैं: सही है. फिर क्या किया?
मृदुला: मैने ड्रेस को मिरर के सामने चेक किया और झुक कर देखा की कितने बूब दिख रहे है. फिर पता चल गया की इतने तो नॉर्मल दिखते है. मतलब ये सब जान-बूझ कर दिखाने जैसा नही था.
मैं: अछा, फिर क्या किया?
मृदुला: फिर मैं रूम में चली गयी. बेटे को खड़ा किया और उसको पानी दिया. फिर छाई देने लगी. तब मैं झुकी हुई थी. तो बेटा एक-दूं से मेरे बूब्स देखने लगा. उसका फेस लाल हो गया.
मैं: ऑश वाउ. फिर क्या हुआ?
मृदुला: मैं बात करती रही और रूम में काई बार उपर-नीचे हुई. तो रॉनी लगातार मेरे बूब्स देख रहा था. मैने उसके टूल की तरफ देखा तो लंड तन्ना हुआ था.
मैं: और क्या किया?
मृदुला: मैने बोला की अब जल्दी उठ जया करो ताकि काम जल्दी हो जाए. मुझे नाश्ता तैयार करना होता है. स्कूल भी जाना होता है.
मैं: बस मूड कैसा था बेटे का?
मृदुला: जब वो मेरे बूब्स की और घूर रहा था तो मेरा भी मूड बन गया. पहले दर्र लग रहा था की बेटा क्या सोचेगा. बुत उसने बूब्स को घूर्णा शुरू किया तो मैने भी उसको खूब बूब्स दिखाए. वो मेरी गोरी-गोरी टाँगो की और भी देख रहा था. मैं जब पीछे मूड कर झुकी, तो वो पीछे भी खूब गौर से देख रहा था.
मैं: वाउ. तूने स्माइल दी के नही?
मृदुला: हा, बुत ज़्यादा नही. मुझे इतना तो पता चल गया की रॉनी मुझे देख कर काफ़ी एग्ज़ाइटेड हो गया था. फिर जब दोपहर को स्कूल से वापस आई, तो मेरे आस-पास घूम रहा था.
मैं: और क्या किया?
मृदुला: यार मुझे रॉनी ज़्यादा अछा लगता है, बुत वो दर्र रहा था. पर काई बार बूब्स देखने के बाद उसका मूड अछा हो गया. रॉकी तो चुप-छाप रहता है, तो उस पर अभी कुछ ट्राइ नही किया.
मैं: कोई बात नही. जो ज़्यादा चुप रहता है वो उतना ही ज़्यादा मज़ा देगा. दोनो में कौन ज़्यादा हॅंडसम है?
मृदुला: दोनो ही है, एक जैसा ही फेस है. बस रॉनी तोड़ा ज़्यादा बोलता है. वो तोड़ा ज़्यादा लाड़ला है तो ज़िद करता है. बुत रॉकी बहुत समझदार है. मतलब बहुत कूल है. हर बात मान लेता है.
मैं: तुम एक बार रॉनी को ही पता लो.
मृदुला: वैसे तो दोनो बाय्स आचे है. मेरा मतलब था की रॉनी को पटना ईज़ी रहेगा. सुबह मैं रॉनी को बोला की स्कूल जल्दी जाना होता है, तो किचन में मेरी हेल्प करे. तो वो झट से तैयार हो गया. किचन में भी उसने मुझे खूब घूरा था. मैं निघट्य में ही थी.
मैं: और क्या फील हुआ?
मृदुला: यार वो बहुत प्यार से बात कर रहा था, मानो मेरी बहुत केर कर रहा हो. उसकी बात सुन कर लग रहा था की वो मुझे बहुत प्यार करता है. मुझे वो बहुत अछा लग रहा था. मेरा मॅन कर रहा था की वो मेरे पास ही खड़ा रहे.
मैं: हो सकता है. तुम्हारे बूब का नशा हो गया होगा. अकेले में मस्त मों मिल जाए तो फिर प्यार करने का मूड बन जाता है.
मृदुला: ह्म फिर मैं स्कूल चली गयी. दोपहर को वापस आई तो रॉनी भी कॉलेज से जल्दी आ गया था. बोल रहा था की सिर में दर्द है तो मैने छाई बना दी. मुझे लग रहा था की वो बहाना बना रहा था.
मैं: बस यार तेरा बेटा अब तुमको प्यार करने लगा है. बस तू उसको बेड तक ले आ.
मृदुला: हा यार, वो मेरे रूम में ही था. फिर मैने कपड़े भी चेंज किए तो मुझे घूर रहा था. फिर काफ़ी देर तक बात करता रहा. मुझे भी यार बहुत मज़ा आया.
मैं: और क्या हुआ था?
मृदुला: अभी खाना खाते टाइम मैने निघट्य पहनी हुई थी. तब वो मेरे बूब्स को देख रहा था. उसका ध्यान खाने की तरफ कम और मेरे बूब पर ज़्यादा था. खाना खाने में टाइम भी काफ़ी लगाया.
मैं: रॉनी ही खुश करेगा तुमको.
मृदुला: ऑश वाउ यार, अब तो मुझे यकीन हो गया की 2-4 दिन में सब हो जाएगा. बस सब आराम से हो जाए. ज़्यादा जल्दबाज़ी नही करनी.
मैं: और क्या हुआ?
मृदुला: अब सोने से पहले रॉनी को दूध देने गयी थी. तब रॉनी ने काफ़ी देर तक मुझे घूरा. रॉनी भी अब रिलॅक्स हो कर बूब्स देख रहा था. मैने रॉनी को स्माइल भी दी. वो भी स्माइल कर रहा था.
मैं: और कोई ख़ास?
मृदुला: यार रॉनी मेरे रूम में आ कर गया था. बहाना बना कर आया था. मैं समझ गयी थी. फिर कुछ देर तक बूब्स देखे. मुझे बहुत मज़ा आया. मेरा मॅन किया की बस पकड़ कर अपने उपर ले लू.
मैं: वाउ लगता है पहले रॉनी ही मज़े लेगा तुम्हारे.
मृदुला: आज यार बहुत खुश हू. बेटे के बारे में सोच-सोच कर फील हो रहा है.
मैं: दोनो बेटे लग गये तो दोनो बूब्स एक साथ चूसेंगे. एक मूह में डालेगा और दूसरा घोड़ी बक़्ना कर पीछे से पेलेगा.
मृदुला: ऑश यार सुन कर मज़ा आ रहा है. बस ये हो जाए तो फिर मुझे कुछ नही चाहिए. बुत पहले रॉनी पट्ट जाए बस. फिर तो रात को उसके रूम में ही करेंगे.
हम दोनो छत करते रहे. फिर सो गये. आयेज की स्टोरी अगली बार. आप भी फुल प्राइवसी के साथ अपना एक्सपीरियेन्स बता सकती हो.