पिछला भाग पढ़े:- बड़ी दीदी को बुड्ढे से चुडवाया-1
ही गाइस, मैं आज स्टोरी के नेक्स्ट पार्ट के साथ हाज़िर हुआ हू. लास्ट पार्ट में आपने पढ़ा था की किस तरह से असलम साब ने दीदी को दारू पीला कर छोड़ा था. 10 मिनिट्स तक दोनो ऐसे ही लेते रहे.
फिर दीदी उठी, और वॉशरूम में चली गयी, और असलम साब दोबारा से सोफे पर बैठ गये, और दारू पीने लगी. 5 मिनिट के बाद दीदी वॉशरूम से आई, तो दीदी ने सिर्फ़ एक टवल अपने जिस्म पर लपेटा हुआ था, और दीदी के बाल गीले थे. दीदी को देख कर असलम साब बोले-
असलम साब: नहा कर आई हो?
दीदी: हा थोड़ी सी गर्मी लग रही थी.
असलम साब: आओ फिर एक और जाम हो जाए.
दीदी हेस्ट हुए असलम साब के पास गयी, और दारू का ग्लास उठाने लगी. तो असलम साब ने दीदी का टवल खींच कर उतार दिया, और बोली-
असल्ं साब: अब कैसी शरम अंजलि?
दीदी: तुम क्या चाहते हो मैं नंगी हो कर अब पुर घर में फिरू?
असलम साब: तो फ़िरो मेरी जान.
फिर दीदी और असलम साब दोनो ने 2 पेग पिए. असलम साब ने अपना मोबाइल निकाला, और दीदी के साथ पिक्चर्स लेने लगे. दीदी असलम साब को माना भी कर रही थे, पर असलम साब नही माने. 5 मिनिट्स के बाद दीदी बोली-
दीदी: अब चले भी जाओ. काफ़ी टाइम हो गया है.
असलम साब: क्या करू, तुमको छ्चोढ़ कर जाने को दिल ही नही करता.
दीदी: दिल करे या ना करे, अब जाओ बस.
असलम साब: तुम कल शादी में आओगी?
दीदी: हा.
असलम साब: फिर तुम कल सारी पहन कर आना, तुम उसमे बहुत अची लगती हो.
दीदी: अछा जी, अब के लिए पहन लूँगी.
फिर असलम साब उठे, और चले गये. अगले दिन सनडे था, और फ्लॅट पर एक लड़की की शादी थी, जिसका इंतेज़ां फ्लॅट की च्चत पर था. शाम में दीदी ने पहले अपने बच्चे तैयार करवाए, और बाद में खुद तैयार हुई.
दीदी ने उस दिन एक रेड कलर की ट्रॅन्स्परेंट सारी पहन रखी थी. जिसका ब्लाउस काफ़ी छ्होटा था, और सारी भी नेवेल के नीचे बाँधी हुई थी. इसकी वजह से दीदी का सारा पेट नज़र आ रहा था. और दीदी बहुत हॉट लग रही थी.
जब दीदी फंक्षन वाली जगह पर पहुँची, तो सब मर्दों की नज़र दीदी पर थी. असलम साब ने जब दीदी को देखा, तो दीदी के पास आए और बोले-
असलम साब: आज तो तुम बहुत हॉट लग रही हो.
दीदी: बस आपके कहने पर मैने ये पहनी है.
फिर दीदी और असलम साब दोनो शादी के फंक्षन में मशरूफ हो गये. लेकिन बीच-बीच में असलम साब और दीदी एक-दूसरे को देखते और मुस्कुरा देते.
फंक्षन ख़तम होने के करीब था, तो असलम साब ने दीदी को इशारा किया और साइड में आने को कहा. दीदी ने इधर-उधर देखा, और असलम साब के पीछे चल दी.
असलम साब दीदी को सुनसान जगह पर ले गये, और दीदी की कमर पर हाथ डाल कर अपने सीने से लगा लिया. और अपने होंठ दीदी के होंठो पर रख दिए.
दीदी असलम साब को माना भी कर रही थी, लेकिन असलम साब नही मान रहे थे. 2 मिनिट तक दोनो एक-दूसरे को किस करते रहे, और 2 मिनिट के बाद जब तोड़ा सा पीछे हटते तो सामने एक आदमी खड़ा असलम साब और दीदी की वीडियो बना रहा था.
असलम साब और दीदी दोनो उसको देख कर दर्र गये, और एक-दूसरे से डोर हो गये. उस आदमी की आगे भी 55 के करीब थी. उसका रंग एक-दूं काला, और जिस्म काफ़ी मोटा और सख़्त था. असलम साब उस आदमी से गुस्से से बोले-
असलम साब: कों हो तुम?
आदमी: मैं शर्मा, शादी में आया हुआ हू.
असलम साब: तुम इधर क्या कर रहे हो?
शर्मा साब: तुम दोनो की इज़्ज़त का सवाल है, इसलिए किसी महफूज़ जगह पर बैठ कर बात करते है.
असलम साब ने दीदी की तरफ दखा जो काफ़ी दररी हुई लग रही थी, और उनसे बोले-
असलम साब: अंजलि तुम्हारे घर चले?
दीदी ने हा में सर हिलाया, और बोली: मैं अपने बच्चे लेकर जेया रही हू. तुम उधर 20 मिनिट ताक आ जाना.
दीदी के जाने के बाद शर्मा साब बोले-
शर्मा साब: बड़ा ज़बरदस्त माल तूने पटाया है.
असलम साब: बस किस्मत मेहरबान थी, इसलिए ये हाथ आ गयी. लेकिन तू क्या चाहता है.
शर्मा साब: मैं सिर्फ़ इतना चाहता हू, की अब हम तीनो मिल कर एंजाय करे.
असलम साब: अंजलि शरीफ औरत है. कभी भी नही मानेगी.
शर्मा साब: उसको मैं माना लूँगा. बस तू चुप रहना.
असलम साब: अगर वो मान जाएगी, तो और मज़ा आएगा.
फिर 20 मिनिट के बाद दोनो दीदी की घर पहुँचे, तो दीदी अपने बच्चो को सुला चुकी थी. तीनो सोफे पर बैठ गये. फिर दीदी बोली-
दीदी: प्लीज़ मेरी वीडियो को डेलीट कर दो. मैं शरीफ औरत हू.
शर्मा साब ने जब दीदी की बात सुनी, तो दीदी के पास जेया कर बैठ गये, और दीदी का हाथ अपने हाथ में लिया और चूमने लगे. दीदी अपना हाथ च्चूधा रही थी. फिर शर्मा साब दीदी की कमर पर हाथ डाल कर बोले-
शर्मा साब: मैं भी एक शरीफ आदमी हू. अब जो इधर होगा वो किसी को नही पता चलेगा.
दीदी उनके पास से उतना चाहती थी, लेकिन शर्मा साब ने ज़ोर से उनकी कमर पकड़ी हुई थी. इतने में असलम साब दारू का ग्लास उठा कर आए, और शर्मा साब को दे कर बोले-
असलम साब: अंजलि बड़ी शरीफ है. इसलिए शर्मा रही है.
शर्मा साब ने उल्टे हाथ से दारू पी, और फिर दीदी को ज़ोर से खींचा. जिसकी वजह से दीदी के बूब्स उनके सीने से लग गये. अब शर्मा साब ने अपना मूह दीदी के मूह के पास किया, और दीदी के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगे.
दीदी तोड़ा सा हिली, और अपने हाथ को पीछे ले जेया कर शर्मा साब की गर्दन पर लपेट लिया, और उनका पूरा साथ देने लगी किस में. 2 मिनिट तक किस करने के बाद शर्मा साब ने दीदी को छ्चोढा और बोले-
शर्मा साब: मज़ा आ गया अंजलि. जितना तू एंजाय करेगी, उतना ही हम सब को मज़ा आएगा.
दीदी: क्या करू, मेरी मजबूरी है अब तुम्हारा साथ देना. अगर मैं एंजाय ना भी करो तो तुमने कों सा मुझको छ्चोढ़ देना.
दीदी की बात सुन कर दोनो बुड्ढे हासणे लगे, और शर्मा साब ने दीदी को खड़ा करके दीदी की सारी उतार दी. अब दीदी सिर्फ़ एक ब्लाउस और पेटिकोट में थी. दीदी ने अपना पेटिकोट और ब्लाउस खुद ही उतार दिया, और सिर्फ़ एक रेड ब्रा और पनटी में रह गयी. शर्मा साब की आँखें चमक गयी दीदी को इस तरह दाख कर.
शर्मा साब ने दीदी का हाथ पकड़ कर गोद में इस तरह बिता लिया, की दीदी के बूब्स शर्मा साब के सीने से लगने लगे. फिर शर्मा साब ने दीदी की नंगी कमर पर हाथ डाला, और अपने काले होंठो को दीदी के गुलाबी होंठो पर रख कर चूसना शुरू कर दिया. दीदी ने भी शर्मा साब की गर्दन पकड़ ली, और उनके साथ किस करने लगी.
2 मिनिट तक दोनो एक-दूसरे को ऐसे ही किस करते रहे. फिर तभी अचानक से कमरे में से दीदी के बच्चे की रोने की आवाज़ आई, जिसको सुन कर दीदी ने किस थोड़ी और शर्मा साब की गोद से उतार गयी और बोली-
दीदी: आप दोनो कमरे में जाओ. मैं अपने बच्चे को सुला कर आती हू.
दीदी की बात सुन कर शर्मा साब और असलम साब दोनो कमरे में चले गये, और दीदी अपने बेडरूम में बच्चे को सुलने के लिए चल दी. कमरे में पहुँच कर असलम साब बेड पर लेट गये, और शर्मा साब कुर्सी पर बैठ गये.
5 मिनिट्स के बाद दीदी रेड ब्रा और पनटी पहने हुए आई. असलम साब ने दीदी को अपने पास बेड पर बुला लिया, और दीदी को नीचे लिटा कर खुद उनके उपर लेट कर किस करने लगे. दीदी असलम साब के मोटे जिस्म के नीचे च्छूप गयी. दोनो 3 मिनिट तक किस करते रहे.
फिर असलम साब खुद नीचे हो गये, और दीदी को अपने उपर कर लिया. अब दीदी असलम साब के मोटे पेट पर बैठी हुई थी. दोनो एक-दूसरे को देख रहे थे, की दीदी अपना हाथ पीछे लेकर गयी, और अपनी ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को उतार दी.
ब्रा के उतरने से दीदी के दोनो बूब्स आज़ाद हो गये. असलम साब की निगाहे दीदी के बूब्स पर जाम गयी. फिर असलम साब ने अपने दोनो हाथ आयेज किए, और दीदी के बूब्स पकड़ कर मसल दिए. इसकी वजह से दीदी के मूह से एक हल्की सी सिसकी निकल गयी. फिर असलम साब ने दीदी को झुकाया, और एक दफ़ा फिरसे दीदी के होंठ चूसने लगे.
शर्मा साब जो कुर्सी पर बैठे सब देख रहे थे. वो दीदी के बूब्स देख कर पागल हो गये और उठ कर दीदी के पास आए. दीदी जो असलम साब के पेट पर झुक कर किस कर रही थी, जिसकी वजह से उनकी गांद बाहर को निकली हुई थी.
शर्मा साब ने दीदी की गांद पर थप्पड़ मारा, और दीदी की पनटी फाड़ कर उतार दी. दीदी अब पूरी नंगी हो चुकी थी. शर्मा साब, असलम साब के साथ अपने सारे कपड़े उतार कर लेट गये. शर्मा साब का 9 इंच लंबा लोड्ा खड़ा हुआ था.
अब शर्मा साब ने दीदी का हाथ पकड़ा, और दीदी को अपने उपर खींच लिया, जिसकी वजह से दीदी के बूब्स शर्मा साब के बालों से भरे सीने में च्छूप गये.
दीदी और शर्मा साब एक-दूसरे को किस करने लगे. अब शर्मा साब ने दीदी के होंठ छ्चोढे, और बूब्स को पकड़ लिया. शर्मा साब कभी रिघ्त बूब्स को चूस्टे तो कभी लेफ्ट बूब्स को चूस्टे. दीदी के दोनो बूब्स शर्मा साब की थूक से गीले हो चुके थे.
5 मिनिट के बाद शर्मा साब ने दीदी को नीचे बिताया. अब दीदी दोनो बुद्धो के दरमियाँ में बैठी हुई थी. दूसरी तरफ असलम साब भी बिल्कुल नंगे लेते हुए थे.
शर्मा साब ने अपना लोड्ा दीदी के हाथ पर पकड़ाया, तो असलम साब ने भी अपना लोड्ा दीदी के हाथ में पकड़ा दिया. दीदी दोनो के लोडो को अपने हाथ से सहला रही थी. शर्मा साब ने दीदी को बोला-
शर्मा साब: अब अंजलि इसको अपने मूह में भी तो लो.
दीदी ने अपने होंठ शर्मा साब के मोटे लोड पर रखे, और आहिस्ता-आहिस्ता उसको चूसने लगी. शर्मा साब ने मज़े में अपनी आँखें बंद कर ली.
2 मिनिट शर्मा साब का लोड्ा चूसने के बाद दीदी असलम साब की तरफ मूडी, और उनका लॉडा भी चूसने लगी. दोनो बुद्धो के लोड दीदी की थूक से चमक रहे थे.
10 मिनिट तक दोनो बुद्धो के लॉड चूसने के बाद शर्मा साब उठे, और दीदी को घोड़ी बनाया और पीछे से दीदी की छूट पर अपना लोड्ा मसालने लगे. अब शर्मा साब ने एक झटका मारा, जिसकी वजह से शर्मा साब का लोड्ा दीदी की छूट में चला गया, और दीदी की चीख निकल गयी.
लेकिन इतने में असलम साब ने अपना लोड्ा दीदी के मूह में डाल दिया. अब शर्मा साब पीछे से दीदी को छोड़ रहे थे, और आयेज से असलम साब दीदी के मूह को चूड़ रहे थे.
15 मिनिट ऐसे ही छोड़ने के बाद शर्मा साब दीदी के पीछे से उठे, और अपना लोड्ा दीदी के मूह में डाल दिया, और असलम साब दीदी के पीछे आ गये और दीदी की छूट को छोड़ने लगे.
10 मिनिट के बाद असलम साब के लोड से पानी निकलना शुरू हुआ, तो असलम साब ने अपना लोड्ा छूट से बाहर निकाला, और दीदी की कमर पर सारा पानी गिरा दिया.
दूसरी तरफ शर्मा साब ने भी अपना पानी दीदी के मूह में छ्चोढ़ दिया, जिसकी वजह से दीदी का पूरा मूह पानी से भर गया. दोनो बुड्ढे दीदी की दोनो तरफ लेट गये.
तो बे कंटिन्यूड. आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी मुझे फीडबॅक लाज़मी देना
पर.