बीवी बनी बेहन को रॅंड बना कर चोदने की कहानी

टाइम ना वेस्ट करते हुए डाइरेक्ट स्टोरी शुरू करता हू. पिछले पार्ट्स नही पढ़े तो पढ़ लेना. अगली सुबा हम बस लेकर घर पहुँचे तो 9 बाज गये थे हमे.

रात की चुदाई और फिर बस की 5 घंटे की जर्नी ने बॉडी को बिल्कुल तोड़ दिया था. मैं शिखा को उसके फ्लॅट के बाहर छ्चोढ़ कर अपने फ्लॅट पर गया, और जाते ही बेड पर गिर गया और सो गया. मेरी आँख खुली जब, तो मोबाइल उठाया देखा 12 बजे थे. और उसमे शिखा का मेसेज पड़ा था-

शिखा’स मेसेज: मम्मी-पापा ऑफीस निकल गये है, तो मैने फ्लॅट अंदर से लॉक किया है. और दूसरी चाबी बाहर गमले के नीचे रखी है. जब मेरी चुदाई करनी हो तो चोर आ सकता है छोड़ने.

मैं जल्दी उठा, ब्रश किया, और केमिस्ट के पास से कॉनडम्स और वियाग्रा लेकर आया अपने फ्लॅट पर. फिर एक पॉर्न मोविए लगाई, और लंड को खड़ा होने दिया. जब लंड तोड़ा एरेक्ट हो, तभी वियाग्रा खानी चाहिए लड़कों.

उससे क्या होता है की वो आचे से फंक्षन करती है, और अछा रिज़ल्ट देती है. ब्लड फ्लो लंड की तरफ सही से बढ़ता है, और हार्डनेस अची होती है, और टाइमिंग भी बहुत बढ़ जाती है.

तो अब लंड एरेक्ट होने लग गया था. मैने गोली खाई, और फिर रूम को लॉक करके शिखा के फ्लॅट की तरफ चल दिया. लंड का उभार सॉफ पता चल रहा था. मैने गमले से चाबी उठाई, और अंदर गया.

वो अपने मम्मी पापा के बेड पर सोई थी कंबल में.

मैने अपने कपड़े निकाले, और कंबल में घुस गया.

जब उससे टच हुई बॉडी तो पता चला साली रंडी नंगी ही सो रही थी.

मेरी तरफ उसकी बॅक थी, तो मैने उसे अपने पास खींचा और उसकी बॅक को अपने से चिपका लिया. अब उसकी भी नींद टूट गयी थी. उसने फेस मेरी तरफ पलटा, तो मैने पकड़ कर होंठो पर एक किस दिया.

वो स्माइल करते हुए फिर फेस घुमा कर लेट गयी. पर नीचे से मेरा शेर जो उतावला हो रहा था, उसको टच करते ही आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था. अब उसे उसकी गुफा चाहिए थी आराम करने को.

मैने शिखा की छूट पर हाथ रखा और धीमे-धीमे उपर से हाथ चलाने लग गया, और तोड़ा-तोड़ा मसालने लगा.

शिखा: उम्म्म्म भैया, आते ही काम शुरू कर दिया. एम्म मा ह्म. बहुत मिस कर रही थी मेरी भी छूट अपने हज़्बेंड को.

मैने फिर दो उंगलियाँ उसकी छूट में डाली, और अंदर-बाहर करने लगा. 2-3 मिनिट में छूट आचे से गीली हो गयी, और शिखा भी फुल गरम हो गयी थी. और मैं तो तैयार हो कर ही आया था. मैने लंड पकड़ा, और शिखा की छूट पर सेट किया. तो साली रंडी ने लंड पकड़ कर डोर कर दिया.

शिखा: अर्रे ना-ना हज़्बेंड जी, भूल गये क्या!

विवेक: वत्फ़! क्या भूल गया?

शिखा: रंडी हू ना मैं, तो रंडी की कीमत दो, और उसकी छूट लो.

ये कह कर वो हासणे लगी. मेरी झाँते सुलग गयी. मैने उसे वापस से अपनी तरफ खींचा और पकड़ कर लंड फिरसे उसकी छूट पर सेट किया, और एक झटके में उतार दिया पूरा लंड.

शिखा: आ मा फक भैया. एक झटके में उतार दिया. अयाया दर्द हो रहा है यार.

विवेक: एक रंडी की यही कीमत होती है एक आचे से छोड़ने वाला लंड. और यही औकात होती है आचे से चूड़ना. तो तू अपना काम ढंग से कर, और मैं अपना.

शिखा: आअहह भैया प्लीज़ निकालो यार. दर्द हो रहा है. आप तो सच में रंडी ही बना दोगे ऐसे तो. एम्म्म फाड़ दी मेरी छ्होटी सी छूट.

मैने धीरे पे धक्के लगाने शुरू किए.

शिखा: आहह मा, भाई रूको तोड़ा प्लीज़. अभी लंड को अड्जस्ट होने दो यार छूट में. फिर पेल लेना. मैं रोकूंगी नही. मुझे भी तो चुदस लगी है. पर ऐसे दर्द देकर नही भाई, मज़ा देकर लो चूत.

मैं उसकी बात सुन कर रुक गया और उसने अपने हाथ से अपनी छूट में उपर से मेरे लंड पर प्रेशर दिया और अड्जस्ट किया.

विवेक: अब छोड़ू?

शिखा: हा, पर धीरे-धीरे, लंबे-लंबे शॉट्स के साथ. जैसे कल रात पेला था भैया, बहुत मज़ा आया था, लंड पूरा एंड तक लेने में.

मैने लंड को धीरे-धीरे उसकी छूट में उतरा, और फिर बाहर निकाला.

शिखा: आह हा ऐसे ही पेलो भैया. आपका लंड एम्म्म मेरी छूट को चीरता हुआ जब अंदर जाता है, तो साला जान निकाल देता है. पर मज़ा भी बहुत देता है भैया एस, छोड़ो.

विवेक: शिखा मेरी रांड़, तेरी छूट बहुत कमाल है यार. फुल टाइट. मेरे लंड को इतना आचे से जाकड़ लेती है. मुझे लंड अंदर-बाहर करने में बहुत मज़ा आता है. पर तू प्लीज़ धीरे-धीरे छोड़ने को मत बोल. मुझे मेरी रंडी की चीखें सुन्नी है. जब तू चिल्लती है की भैया प्लीज़ धीरे, मुझे बहुत मज़ा आता है मेरी रंडी. और मैं ज़ोर से छोड़ना चाहता हू तुझे.

शिखा: पर भैया मेरी छूट को अभी आदत नही है आपके मूसल की.

वो इतना बोल ही पाई थी की मैने फुल स्पीड में लंड छूट में उतार दिया.

शिखा: ऑश फक बहनचोड़ आराम से.

मैने स्पीड में धक्के देना शुरू किया.

शिखा: अया मा, भाई नही प्लीज़ यार आअहह. ओह गोद प्लीज़ भाई धीरे आअहह.

वो झटपटाने लगी, और करवट लेने को ट्राइ करने लगी. पर मैने उसे पलट कर पेट के बाल लिटा दिया, और खुद पीछे से उपर आ गया. अब वो पेट के बाल लेती थी, और मैं पीछे से उपर से धना-धन उसकी छूट पेले जेया रहा था.

विवेक: उफ़फ्फ़ शिखा तेरी छूट पागल कर देगी यार. कितनी गर्मी है तेरे अंदर शिखा, मेरी रंडी. मेरी जान एस फक, ले संभाल.

शिखा: उफ़फ्फ़ भैया, जान ले लोगे मेरी आप यार. आहह फक.

कमरे में मेरे धक्के लगने से उसकी गांद से टक्कर हो कर पट्ट-पट्ट की साउंड गूँज रही थी, और वो हर धक्के के साथ पिल्लो में मूह घुसा कर अपनी चीखों को दबा रही थी. मैने उसके बाल पकड़ कर उसके पैरों को मोड़ा, और उसके सर को उपर उठाया.

अब ऐसा लग रहा था की मैं किसी घोड़ी की सवारी कर रहा था, और अब उसकी चीखें सॉफ सुनाई दे रही थी.

शिखा: एस एस प्लीज़ फक मे भैया. फक मे हार्डार, भाई मेरा होने वाला है.

और वो अपने होंठ को दबा कर एम्म करके निढाल हो गयी. उसकी छूट से पानी निकालने लगा. मैने बाल छ्चोढे तो पूरी बॉडी बेड पर निढाल हो गयी. मैं उसके उपर लेट गया, और नीचे हाथ डाल कर पीछे से हग किया, और बूब्स पकड़ लिए.

उसकी साँसे महसूस हो रही थी. मैने उसकी बॅक पर किस किया, और कंधे को हल्के-हल्के बीते करते हुए किस करते हुए उसकी नेक पर किस किया. फिर उसे टाइम दिया रिकवरी के लिए.

शिखा: मज़ा आ गया भैया, थॅंक्स (वो स्माइल करते हुए बोली).

विवेक: थॅंक्स की ज़रूरत अभी नही है. अभी तो सिर्फ़ तेरा हुआ है, मेरा नही. अभी तो तुझे और छोड़ूँगा शिखा.

शिखा: पता है मुझे मेरे छोड़ू राजा, अभी चुदाई सिर्फ़ शुरू हुई है. पर शुरू में ही इतना मज़ा देने के लिए थॅंक्स. और आयेज के थॅंक्स आयेज की ठुकाई के बाद.

फिर हमने लिप्स लॉक किए, और बहुत पॅशनेट किस करने लगे. शिखा उम्म एमेम करके मेरे मूह में मोन कर रही थी, और मैं हल्के-हल्के उसके बूब्स दबा कर उसके होंठ चूस रहा था. करीब 5-7 मिनिट बाद हम दोनो की साँसे फूलने लगी. तब हमने किस तोड़ी. हम एक-दूसरे को हानफते देख हासणे लगे.

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