जवान नौकरानी और मलिक का बेटा

ही दोस्तों, मेरा नाम मंजू है, और ये मेरी सेक्स कहानी है. मैं बिहार की रहने वाली हू, और मुंबई में एक बड़े बिज़्नेसमॅन के घर पे नौकरानी का काम करती हू. आज मेरी उमर 24 साल है, और मैं पिछले 5 सालों से मेरे मलिक के घर की रांड़ हू.

चाहे घर में कोई शादी हो, या कोई पार्टी, मेरा काम होता है मेरे मलिक जिससे बोले उससे चूड़ना, और उसको खुश करना. ये कहानी तब शुरू होती है, जब मैं 19 साल की हुई थी, और बिहार से मुंबई काम ढूँढने के लिए आई थी.

मेरी एक दोस्त है मल्टी, मेरे ही गाओं की है, वो भी मुंबई के किसी बड़े घर में नौकरानी का काम करती थी. उसने ही मुझे ये काम दिलाया था. पगार भी काफ़ी अची थी, और साथ में रहने और खाने के लिए भी मिलने वाला था, तो मैने हा कर दी.

मुंबई आने के बाद मल्टी मुझे बांद्रा लेकर आई, और वहाँ एक बड़े से बंगलोव में ले गयी. उसने कहा उसने मेरे लिए काम देखा था. घर बहुत बड़ा था, और आलीशान था. मल्टी ने मुझे एक मेडम से मिलाया, और उन्होने मुझे मेरा सारा काम समझा दिया, और मेरा रूम भी दिखा दिया.

मल्टी के जाने के बाद ही मैं काम में लग गयी. मैं पुर मॅन से काम कर रही थी. जिसकी वजह से मेडम भी मुझसे खुश थी. मुझे काम को लगे 2 महीने हो गये थे. सब अछा चल रहा था.

अचानक एक दिन मेडम ने मुझसे कहा: मंजू आज मेरा बेटा आने वाला है, लंडन से. तो तुम सबसे पहले उसका कमरा सॉफ करो, और रेडी रखो.

फिर मैं सबसे पहले वही करने लगी. रूम में मेडम के लड़के की फोटो देख कर मैं इंप्रेस हो गयी. मेडम के लड़के का नाम रोहन था. मैं रूम की सफाई करने लगी. रात हो गयी थी, पर अभी तक मेडम का लड़का नही आया था.

दूसरे दिन मैं सुबा नहा कर वापस बंगलो में काम करने गयी. सारे रूम्स की सफाई करने के बाद आख़िर मैं रोहन के रूम में पहुँची. वहाँ कोई नही था, तो मैने बिना सोचे अपना काम शुरू कर दिया. ऐसे ही मैं पूरा रूम सॉफ करने के बाद बातरूम सॉफ करने जेया रही थी.

मैने जैसे ही दरवाज़ा धकेला, तो मेरी आँखें चौड़ी हो गयी. अंदर एक गबरू नौजवान 22 साल का लड़का था. वो एक-दूं हॅंडसम दिख रहा था, और उसके शरीर को देख कर मेरा मूह खुल गया. अचानक उसने मेरे उपर पानी उड़ाया, जिससे मैं होश में आई.

मैने दरवाज़ा बंद कर दिया, और बाहर आ गयी. मैं सीधे दूसरे कमरे में चली गयी सॉफ-सफाई करने. फिर उसके बाद दोपहर का खाना बना दिया, और मेडम के ऑर्डर का इंतेज़ार कर रही थी.

ठीक 2 बजे मेडम और उनका लड़का खाना खाने आ गये. मैने दोनो को खाना परोस दिया. लेकिन मैं रोहन से आँख भी नही मिला पाई.

तभी मेडम बोली: रोहन ये मंजू है, हमारी नयी मैड. तुम्हे कुछ भी काम हो या कुछ चाहिए हो, इसको बुला लेना.

रोहन सिर बोले: ठीक है मों, इसका नंबर मुझे मेसेज कर देना. मैं कॉल करूँगा इनको जब कुछ काम होगा तो.

मैं मेडम को खाना परोसने के बाद रोहन सिर को खाना परोस रही थी. तभी रोहन सिर बस मुझे ही देख रहे थे. मैं शर्मा रही थी. तभी मेडम बोली-

मेडम: मंजू मैं कल से घर पर नही हू, 1 हफ्ते के लिए साहब के पास जेया रही हू. घर में कोई नही है, इसलिए आराम मत करती रहना. रोहन सिर का कमरा और बाकी तीनो कमरे सॉफ रखना, और रोहन सिर को जो चाहिए देती रहना.

मैने कहा: ठीक है मेडम, कोई ग़लती नही होगी.

उसके बाद मैं भी अपना खाना खाने घर आ गयी. तभी मैने देखा मेरे मोबाइल पर एक मेसेज आया था. मैं ज़्यादा पढ़ी लिखी नही हू, इसलिए मुझे फोन उसे करना नही आता था. वो बस मेडम ने दिया था अर्जेंट कॉल के लिए. मुझे बस उसमे कॉल लगाना और उठना इतना ही आता था.

मैने मेसेज पढ़ा तो उसमे लिखा था “तुम बहुत सुंदर दिखती हो मंजू. मुझे रोहन सिर नही रोहन ही बुलाया करो, जब मों ना हो तो”. मैं मेसेज पढ़ कर शर्मा गयी. मैं रिप्लाइ करना चाहती थी, पर मुझे नही आता था.

फिर मैं खाना खा कर वापस बंगलोव में चली गयी काम करने. वापस गयी तो देखा मेडम की कार जेया चुकी थी. तभी मुझे एक कॉल आया. मैने कॉल उठाया तो वो रोहन सिर का था.

रोहन सिर बोले: मंजू कहा हो तुम?

मैने कहा: हा बस आ रही हू सिर, गाते पर हू, 2 मिनिट.

तभी सिर बोले: मैने तुम्हे मेसेज किया था ना की तुम मुझे बस रोहन बुला सकती हो.

मैने कहा: नही सिर, आप मेरे मलिक है. मैं आपको नाम से कैसे बुला सकती हू? मेडम को पता चला तो मेरी नौकरी चली जाएगी.

मैने फोन रखा और मैं बंगलोव में आ गयी. जैसे ही में अंदर आई, रोहन सिर मेरे सामने खड़े थे. मैने अपनी आँखें नीचे की और बोली-

मैं: सिर बताइए क्या काम है?

तभी रोहन सिर बोले: काम तो बहुत है. पर सबसे पहले तुम ये सारी लो, और इसे पहन कर आओ.

मैने वो सारी देखी तो बहुत महँगी लग रही थी. फिर मैं शरमाते हुए बोली-

मैं: ठीक है सिर. मैं पहन कर आती हू.

फिर मैं मेरे रूम में आ गयी. सारी पहनते वक़्त मैं बहुत खुश थी. मुझे लगा था रोहन सिर मुझे बहुत पसंद करते थे. मैं अलग-अलग सपने देखने लगी थी. मैं सारी पहन कर निकली थी, तभी रोहन सिर घर के बाहर ही खड़े थे. उन्होने नये कपड़े पहने हुए थे. बहुत हॅंडसम लग रहे थे.

जैसे ही में उनके पास गयी, उन्होने मुझे अपने पास खींचा और करीब ले गये. मैं शर्मा रही थी. तभी उन्होने कार का डोर ओपन किया, और मुझे अंदर बैठने को कहा. मैं माना कर रही थी, पर उन्होने बिता दिया.

उसके बाद वो मुझे किसी होटेल में लेकर आए. होटेल में आते ही उन्होने मेरी कमर में अपना हाथ डाला, और अपनी बीवी की तरह मुझे होटेल में ले गये. हम एक बड़े से कमरे में आ गये जिसमे अंधेरा था.

उसके बाद क्या हुआ, वो अगले पार्ट में. यहाँ तक की सेक्स स्टोरी कैसी लगी, कॉमेंट करके बताए.

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