मेरी प्यारी बीवी और चुदासी मकान मालकिन की चूत चुदाई

मैं उठ कर खड़ा हो गया और पम्मी का हाथ पकड़ कर बैडरूम में ले गया, पम्मी मुस्करा रही थी- लगता है आज तू सच में पटक कर चूत फाड़ चुदाई कर डालेगा।
‘चूत फाड़ क्यों मेरी जान… चूत खुश चुदाई करुँगा… पर एक बात बता… तू इतनी गर्म क्यों रहती है?’ मैंने उसकी स्कर्ट की जिप खोल कए निकालते हुए पूछा और पलंग पर बैठ कर उसको अपनी टांगों के बीच में खड़ा करके उसकी केले जैसी चिकनी जांघों को चूमने लगा।
एक हाथ से चूची और दूसरे से उसकी बाल रहित चूत सहलाने लगा।

पम्मी चुदास में जल उठी, सिसकार कर बोली- हाय… राजा… तेरे जैसा चोदू मर्द हो तो कौन सी औरत है जो गर्म न हो जाएगी। फिर मैं तो हमेशा ही सेक्स को बहुत पसंद करती हूँ। हमेशा उसके ही बारे में ही सोचती रहती हूँ। इसलिए मेरी चूत हर समय गीली रहती है और आग लगी रहती है, मन करता है कि हर समय चूत में मोटा सा कुछ घुसा लूँ। देख मेरी चूत कितनी गीली हो रही है।

उसने अपनी एक टांग उठा कर पलंग पर रख दी, फूली फूली चूत के मोटे होंट खुल गए और खड़ा दाना बाहर गर्दन उठा कर झांक रहा था।

मैंने झट से अपनी उंगली उसकी लपलपाती चूत में घुसा दी और अंगूठे से दाना रगड़ दिया। पम्मी को जोर का झटका लगा और उछल पड़ी- हाय साले हरामी चोदू सांड… स…ई…ई… मर…गई।
उसने मिसमिसा के मेरी लुंगी पकड़ कर खींच ली और मेरा 7 इंच का मोटा तगड़ा लंड अपने हाथ में पकड़ कर जोर से दबा दिया।

मैंने उसकी चूची मुँह में ले कर काट लिया और एक हाथ से रेशमी चूतड़ मसल दिया।
पम्मी चिल्ला पड़ी- हाय मार डाला जालिम चोदू ने… उफ़…स…ई…ई!
उसने मेरे बाल पकड़ कर सर अपनी चूची से चिपका लिया, मैंने एक हाथ उसकी कमर में लपेट कर अपने साथ पलंग पर लिटा लिया।

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इस समय पम्मी मेरे ऊपर थी पर मैंने एक पलटी मारी और उसके ऊपर आ गया। अब हम दोनो पूरी तरह नंगे पलंग पर गुत्थमगुत्था एक दूसरे की बाहों में थे। वो बार बार मुझे पलट कर ऊपर आने की कोशिश कर रही थी पर मैंने उसे अपने नीचे दबा रखा था और धीरे धीरे उसकी चूची… पेट… नाभि.. जांघों और चूत पर चूम रहा था।

पम्मी मस्ती और चुदास में मचल रही थी और बोल रही थी- हाय मेरे राजा, बहुत गर्म हो रही है चूत… अब और मत तड़फा… बस घुसा दे मेरी मचलती चूत में अपना यह मस्त मोटा तगड़ा घोड़े का लंड और निकाल दे इस चुदासी जवानी की आग!

वो मेरा लंड पकड़ कर अपनी रस छोड़ती चूत में घुसवाने की कोशिश कर रही थी पर मैं उसको उबालना चाहता था, इतना गर्म करना चाहता था कि वो अपनी चूत का रस छोड़ दे।

बस यही थी मेरी चुदाई की स्टाइल जिस की वजह से मेरी पत्नी गीता मुझसे इतना प्यार करती थी और मेरे प्यार की दीवानी थी।
मैं उसकी पतली सी लंबी फांकों वाली चूत को इतना चूसता कि वो झड़ने वाली हो जाती है, तब मैं एक झटके में अपना लंड अंदर घुसा कर जोरदार झटके मारता हूँ कि वो फ़ौरन झड़ जाती है।
यही काम मैं पम्मी के साथ करना चाहता था।

मैंने उसकी चूत पर अपने होंट चिपका दिए और जीभ अंदर कर रसीली चूत का रस चूसने लगा।
पम्मी मस्ती और चुदास से भर गई अपने चूतड़ उठा कर चिल्ला उठी- हाय… सी…सी.. ओह्ह मर गई… राजा निकल दे… निचोड़ डाल इस चुदासी चूत को… उफ़… हाई!
मेरा एक हाथ उसकी चूची को मसल रहा था दूसरा मलाईदार चूतड़!

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अभी 2-3 मिनट ही चूसा होगा कि पम्मी अकड़ने लगी, पम्मी मेरे बाल जोर से पकड़ कर अपने ऊपर खींच रही थी, मुझे लगा कि वो अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती, झड़ जायेगी, मैंने झट से उसकी टाँगें उठाकर पीछे मोड़ कर घुटने उसकी चूची से लगा टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया और अपना पत्थर जैसा कड़क लंड चूत के मोटे मोटे होटों के बीच में रगड़ने लगा।

पम्मी सिसकार उठी- हाय सी… आई… उई घुसा दे ना राजा… बहुत जालिम है तू… बहुत तड़फ़ाता है… घुसा दे ना अब!
‘अभी घुसाता हूँ साली चुदक्कड़, ऐसी जल्दी क्या है? अभी जरा लंड को तेरी इस मस्त चुदासी रसीली चूत की मलाई का स्वाद का मजा दे रहा हूँ।’ मैंने पम्मी की चुदास का मजा लेते हुए उसकी चूची को मसल लंड का टोपा गीली चूत में घुसा कर उसके ऊपर झुकते हुए कहा।

‘हाय रब्बा, साले चोदू सांड, यहाँ मेरी जान निकल रही है वहाँ तू लंड को मलाई का स्वाद दे रहा है। उफ़… सी…सी… हां… बस मार दे ना धक्का!’ पम्मी ने अपने गोल गोल चूतड़ उछाल कर झटका मारते हुए कहा।
मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा दिया। चूत मस्त गीली थी और लंड लोहे की तरह कड़क, चूत में अंदर तक घुस गया और चोट मार दी।

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